Ragi In Hindi

Ragi in Hindi रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग

Ragi in Hindi रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग : नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आशा है, ठीक होंगे The Hindi Guide Blog में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले हैं रागी के बारे में। हम अक्सर अपने जीवन में पता नहीं कितनी सारी चीजों का सेवन करते हैं बेसन, गेहूं और चावल का आटा, मैदा, मक्की का आटा, किनुआ और भी बहुत सारे अनाज होते हैं उनको अपने खाने में मिलाकर खाते हैं। उन्हीं में से एक चीज रागी होती है, मगर बहुत लोगों को यह नहीं पता होता है रागी क्या है? रागी खाने के फायदे क्या है और रागी का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है

इस को फिंगर मिलेट Finger Millet और नाचनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके छोटे छोटे दाने पोषण से भरपूर होते हैं जो हमारे काफी ज्यादा काम आते हैं, हमारी सेहत के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होते हैं।

आज कुछ लोग रागी के फायदे के बारे में तो जानते ही है मगर उनको सही तरीके से जानकारी भी नहीं है और ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। सिर्फ इतना पता है कि फायदा होता है, मगर क्या फायदे होते हैं और कैसे फायदे होते हैं, यह वह लोग नहीं जानते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं तो हमारे इस पोस्ट पर अंत तक बने रहिए आज हम आपको नाचने के बारे में यानी कि रागी के बारे में पूरी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। Uses of Ragi in Hindi

रागी क्या है कैसी दिखाई देती है –  What is Ragi in Hindi

यह आपको दो से तीन कलर में देखने को मिल जाता है और इसकी बनावट राई की जैसी होती है। यानी कि सरसों जिसको हम कहते हैं उसके जैसी होती है। अगर हम इसके रंग के बारे में बात करें तो इसका रंग फीका भूरा होता है, गहरा भूरा होता है और कुछ कुछ तो गहरे नारंगी कलर के भी दिखाई पड़ते हैं, मगर वह बहुत ज्यादा चॉकलेटी होते हैं, जिसकी वजह से वह नारंगी नहीं लगते और कुछ-कुछ तो इसमें सफेद दाने भी मौजूद होते हैं।

रागी में कौन से पोषक तत्व होते हैं – What Good impurities does Ragi contains

वैसे तो रागी बहुत सारे गुणों से भरा हुआ है रागी के अंदर कम से कम 10 से ज्यादा पोषक तत्व शामिल है। इसके अंदर सबसे ज्यादा फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम और प्रोटीन फाइबर पाया जाता है। उसके इलावा इसके अंदर और भी कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि जिंक, सोडियम, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, ईथर के अर्क, मिथोनाइन अमीनो एसिड, आयोडीन, आयरन, कैरोटीन भी पाया जाता है।

रागी का पौधा कैसा होता है और उसका उत्पादन कहां कहां होता है

यह पौधा शुष्क मौसम में उगाया जाता है और यह लगभग 1 मीटर की ऊंचाई तक होता है रागी का पौधा 4 किस्मों का होता है हर किसम का पौधा अपनी अलग अलग छवि बताता है आइए जान लेते हैं राखी के पौधे के बारे में और जानकारी और उसके प्रकार के बारे में। रागी के पौधे चार किस्म के होते हैं जिनका नाम आपको हम बता रहे हैं OUAT-2, OEB-10, GPU 45, VL149

रागी के पौधे के प्रकार – Types of Ragi Plants in Hindi

ragi benefits in hindi

झुलसन की बीमारी का तो आपको पता ही होगा और इस पौधे का उपयोग झुलसन की बीमारी को दूर करने के लिए भी किया जाता है। रागी की GPU – Wइस कसम के पौधे हरे होते हैं और उनकी डालियां झुकी हुई होती है यानी थोड़ी सी मुड़ी हुई होती है और यह जल्दी पककर तैयार भी हो जाते हैं। OEB -10 किसम के पौधे ऊंचे होते हैं इनकी पत्तियां चौड़ी होती है और यह हल्के हरे रंग के होते हैं।

रागी के VL149 किसम के पौधे में वालियां हल्के बैंगनी रंग की होती है और जडें रंगीन होती है। इस किस्म के रागी के पौधों का उत्पादन मैदानी और पठारी पर किया जाता है। रागी की किचन में एक और आने वाला पौधा है वह है। OUAT-2 इसको हिंदी में शोरबा भी कहा जाता है और इसकी लंबाई 1 मीटर वाले ऊंचाई के पौधे में 7 से 8 सेंटीमीटर तक की होती है। यानी कि इसकी जो फलियां होती है और 7 से 8 सेंटीमीटर की लंबाई में होती है।

रागी कहां कहां उत्पादित होती है – Ragi Production in India

असल में रागी एशिया और अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों में पाया जाता है और 4000 वर्षों पहले यह भारत में आया था। अगर हम भारत की बात करें तो भारत में भी काफी अच्छी गाती मात्रा में रागी का उत्पादन किया जाता है। इसलिए भारत भी राखी का सबसे बड़ा निर्यात करने वाले देशों में से एक है। रागी भारत के कर्नाटक राज्य में सबसे ज्यादा उत्पादित किया जाता है। उसी के साथ साथ कर्नाटक हमारे भारत का सबसे बड़ा रागी उत्पादक है।

सिर्फ इतना ही नहीं भारत में और भी जगह है। जहां पर रागी का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है और कुछ जगह पर कम भी होता है, मगर इन्हीं राज्यों में रागी का उत्पादन होता है। जैसे कि तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, सिक्किम और उत्तराखंड यहां पर रागी का उत्पादन किया जाता है। और यहीं से सभी राज्यों तक रागी पहुंचाई जाती है, यह सारे राज्य भी अच्छे खासे शुष्क इलाके में आ जाते हैं इसलिए यहां पर आगे का उत्पादन किया जाता है।

रागी का उपयोग – Uses of Ragi in Hindi

Uses of Ragi in Hindi : खाने की चीजों में रागी का उपयोग बहुत ही प्रकारों में किया जाता है। हम सब लोग जानते हैं कि हमारे घर में हमारी माता बहने बहुत सारी चीजें मिलावट करके बनाती है जिसकी अंदर रागी का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। तो आइए जानते हैं कि रागीसे हम क्या क्या बनी हुई चीजें खा लेते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि उसके अंदर रागी मौजूद है। रागी कस इस्तेमाल कहाँ होता है?

1. पापड़

हम अपनी रोजाना जिंदगी में पापड़ का सेवन तो करते ही हैं और क्या आप जानते हैं कि रागी से बने हुए पापड़ भी आपको मिल जाते हैं। हालांकि आपको सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा मगर यह बात बिल्कुल सही है। आप इसको किराना माल दुकान से भी ले सकते हैं और अगर आपको ऑनलाइन मंगवाना है तब आप इसको ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। यह पापड़ खाने में काफी ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं।

2. रोटी

कुछ लोग मिश्रण रोटी बनाते हैं उसकी अंदर नाचनी का भी इस्तेमाल करते हैं और यह नाचनी हमारे सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है, तो इसमें जरा भी यह पता नहीं चलता है कि नाचनी मिलाई हुई है। क्योंकि उसका स्वाद कड़वा नहीं होता है, अगर आपको जानना है कि रोटी में नाचनी मिलाई हुई है या नहीं मिलाई हुई। तब आपको सिर्फ एक बात का ध्यान रखना है अगर रोटी भूरे रंग की बन रही है, तब समझ लीजिए कि उसके अंदर रागी का इस्तेमाल किया गया है।

3. इडली डोसा, लड्डू

क्या आप जानते हैं रागी से लड्डू भी बनते हैं, पिनिया बनती है और इसका इस्तेमाल इडली डोसा बनाने के लिए भी किया जाता है। अगर आपको नहीं पता होगा तो आप गूगल में थोड़ा सा सर्च करके देख सकते हैं तब आपको अलग-अलग प्रकार की रेसिपीज देखने को मिलेंगे, जहां पर इसका प्रयोग किया जाता है। बूढ़े बच्चे और जवानों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। मददगार होता है और यह बहुत स्वादिष्ट बनते हैं। हालांकि आपको थोड़े महंगे पड़ेंगे मगर हां इनके फायदे बहुत हैं।

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4. बिस्किट, हलवा

हम लोग अनेक प्रकार की बिस्किट खाते हैं मगर हम बिस्किट में रागिनी मौजूद होता है। सिर्फ बिस्किट ही नहीं हम जो कुकीज़ भी खाते हैं कुकीज में भी रागी बहुत ज्यादा मौजूद होता है। हम अक्सर सोचते हैं कि बिस्किट भूरे भूरे रंग की क्यों होते हैं। वह तो पकने के बाद तो होते ही है उसी के साथ उसके अंदर रागी भी मौजूद होता है। तो रागी का रंग भूरा होता है इसलिए वह भी बुरे हो जाते हैं और रागी का हलवा भी बनाया जाता है जो भी बहुत स्वादिष्ट बनता है।

रागी को खाने के फायदे – Benefits of Ragi in Hindi

जैसे कि हमें रागी के उपयोग के बारे में जाना वैसे ही हम अभी रागी के खाने के फायदे के बारे में भी पूरी जानकारी जानने वाले हैं। इसके अंदर हम आपको बताएंगे कि रागी खाने के क्या फायदे हो सकते हैं और उस को विस्तार में बताएंगे कि किस-किस प्रकार से इसके फायदे हमें होते हैं। बहुत से लोगों को नहीं पता है कि रागी के फायदे किस प्रकार से होते हैं तो आइए जानते हैं विस्तार से benefits of ragi रागी के फायदे के बारे में।

1. पाचन तंत्र मजबूत बनाता है – Make Digestive System Strong With Ragi in Hindi

रागी एक तरीके का फाइबर तत्व है इसके अंदर काफी ज्यादा फाइबर पाया जाता है। क्योंकि इसके छिलके काफी मजबूत होते हैं जिसकी वजह से हमें काफी मात्रा में फायदा मिल जाता है। फाइबर खाने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम यानी कि पाचन तंत्र काफी ज्यादा मजबूत हो जाता है और हमें कब जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इससे हमें पेट से जुड़ी हुई बीमारियां नहीं होती है गैस होना, पाद आना और पेट दुखना पेट की सफाई ना होना।

2. रक्तचाप को दूर करने में फायदेमंद है

हम सब लोग जानते हैं कि हमारा खून पतला होता है। मगर हमारी गलतियों की वजह से हम ध्यान नहीं रख पाते हैं हमारी सेहत का, तो उसके अंदर खून के गड्ढे होने लग जाते हैं clots बनने लग जाती है। और उन clots को निकालना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है, यहां तक कि बाद ऑपरेशन तक भी पहुंच जाती है। कुछ लोग के पास इतने पैसे नहीं होते हैं तो वह दवाइयों से काम चलाते हैं। मगर दवाइयां भी उनके ज्यादा असर नहीं आती है अगर आपको यह बीमारी ना हो इसलिए, आप रागी खाने का प्रयोग करेंगे तब बहुत ज्यादा बेहतर होगा। क्योंकि यह आपको इस मुश्किल से जरूर बचाकर रखेगा।

3. दूध बढ़ाने में मददगार है

हम सब लोग जानते हैं जब बच्चा पैदा होता है तब उसको दूध पीना कितना ज्यादा जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर मांं के स्तन में दूध पीना हो तो बच्चा क्या पिएगा, उसको कहां से पोषण तत्व मिलेंगे। मां के दूध का पोषण बढ़ाने के लिए और दूध को बढ़ाने के लिये रागी खिलाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इसमें बहुत सारा कैल्शियम होता है और यह बहुत ज्यादा मदद करता है। मां के दूध में बढ़ावा करने के लिए प्रेगनेंसी में खाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। उसी के साथ साथ एनर्जी देता है और बच्चा पैदा होने के बाद जितना शरीर का नुकसान हुआ होता है, वह सारे नुकसान की भरपाई भी कर देता है।

4. कैल्शियम से भरपूर है –

जैसे कि हमने पहले आपको रागी के पोषक तत्व के बारे में जानकारी दी है उसमें हमने आपको बताया था कि राखी के अंदर कैल्शियम भी मौजूद है। रागी कैल्शियम से भरपूर है इससे हड्डियां भी काफी ज्यादा मजबूत होती हैं। इनको बच्चे बूढ़े जवान सबको दे सकते हो और इससे काफी ज्यादा फायदा हमारे शरीर को होता है। जिन लोगों के अंदर कैल्शियम की कमी होती है उनको रागी जरूर खाना चाहिए। क्योंकि दवाइयां लेने से अच्छा है, अगर आप रागी खाओगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि ना केवल सिर्फ आपको यहां कल शाम मिल रहा है। कैल्शियम के इलावा भी आपको बहुत सारे गुण मिल रहे हैं, अगर सिर्फ आप कैल्शियम की दवाई खाओगे तो सिर्फ कैल्शियम ही आपको मिलेगा बाकी तत्व नहीं मिलेंगे तो इसलिए आपको रागी खाना चाहिए।

5. मधुमेह की बीमारी से दूर रखता है

हम सब लोग जानते हैं कि डायबिटीज बहुत से लोगों को हो जाती है। कुछ लोगों को तो इसीलिए होती क्योंकि वह हमेशा टेंशन में रहते हैं और कुछ लोग तो इसीलिए डायबिटीज का शिकार बन जाते हैं क्योंकि वह लोग मीठा खाते हैं। अगर इन सब की अगर आप को कंट्रोल करना है तब रागी का खाना बहुत ज्यादा जरूरी है। यह आपको मधुमेह की बीमारी यानी कि डायबिटीज से बचा कर रखता है। हर किसी के अंदर इतनी क्षमता नहीं होती है कि वह डायबिटीज होने के बाद करेला खाए, और परहेज कर सके। अगर आप नहीं चाहते हो कि आपकी स्थिति ऐसी हो जाए तब आपको रागी का सेवन करना बहुत ज्यादा जरूरी है।

तो दोस्तों यह थी Ragi in Hindi : रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग के बारे  में पूरी जानकारी। आशा है, आपको यह जानकारी पसंद भी आई होगी। उम्मीद करते हैं आप राखी के फायदे और उपयोग के बारे में जानकर जरूर इन हमारे बताए हुए टिप को अपनाएंगे। ताकि आपको भी इसका बहुत लाभ हो सके।

और अगर आपको हमारी आज की यह पोस्ट पसंद आई है तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। आपका हमारी आज किया पोस्ट को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Elon Musk’s space agency SpaceX and NASA have scheduled to send their high-tech full touch screen rocket Falcon 9 to the Space Station in the outer space with Astronauts.

This Is Going To Be Epic Moment When Two Humans Are Going To Outer Space With A Car.

This was first scheduled Two days ago but due to the weather conditions, it was Aborted and was Rescheduled Today i.e; Saturday’s Afternoon. The mission was canceled 17 minutes before the launch while President Trump had arrived and had to go back.

wet driving tips

Useful Wet Driving Tips You Should Know

Driving on the wet pavement can be dangerous if you don’t keep up with the safe driving practices. Here’re a few tips you need to know to reach your destination safely while driving on the wet roads.

When it rains, it means flowers, rainbows and that beautiful muddy fragrance. Honestly, there’s a lot more on the flip side that’s often overlooked. There are over 1.2 million traffic crashes every year just due to the wet pavement. Nobody wants to experience such things many of you aren’t very much serious about following the driving rules.

Keep in mind! Safety starts with you. You need to see and be seen. Replace the windshield wipers if the old one isn’t working properly. Also make sure that all the lights like headlights, taillights, brake lights and signal are functioning. Here’re a few useful wet driving tips that will help you be safe while driving on the wet pavements so let’s dive in;

Check Your Tires

Before hitting the road, make sure you check every single car tyre including the spare one. Here’re a few important routine maintenances you need to know;

  • The car tires should be inflated properly. You must know the correct air pressure for your car tires that are normally specified by the vehicle manufacturer. You can find it on the vehicle door edge, fuel door and the owner’s manual.
  • Be mindful! The number that you see on the sidewall of your tires isn’t the recommended one but the maximum air pressure for the tires. Check the tires’ pressure at least once every month.
  • Last but not least, Check the tire’s tread depth. Proper tread will help prevent skids & aquaplaning.

Avoid Cruise Control

Cruise control is the feature that’s really common in modern cars. Although it works really great in the dry condition, you can take any chances by using it in the wet weather condition as it increases the risk of losing control. To keep up with enough traction, you’ll need to reduce the car’s speed by lifting off the accelerator. And, you can’t do this when the cruise control is active.

For sure, it’s important to focus on every aspect of the driving while you’re on the wet pavement. So by avoiding the cruise control, you have more options to choose from in order to respond to the potential loss of traction thereby maximizing the safety.

Avoid Aquaplaning

Aquaplaning is when the layer of water comes in between and road pavement and tire point of contact. Due to which, the vehicle loses traction. In that case, our car can be completely out of contact with the road, and the driver is in danger of skidding or perhaps drifting out of the lane/road. To avoid the aquaplaning, it’s important to your tires properly inflated, slow down when roads are wet and don’t drive from puddles.

In case you find your car aquaplaning, don’t apply the brake or turn immediately as it can throw your car into a skid. Just pull your foot off the accelerator and let the car slows so that you get the traction back. When you start gaining the traction & control, gently apply the brake. If your car has Anti-Lock Braking System, then brake normally.

Summary

Do you want to learn more about some wet driving tips? Just check out the article now

Geoffrey Evatt

Geoffrey Evatt Put His Report Infront Of The World

Geoffrey Evatt, A wanderer in find of something impossible had put a report on 29th April that had shocked every Scientist.

Geoffrey stated that when he went to Antarctica for Snowmobiling he found a Black Stone and he said it was clear in White and can easily be said that It Was From Another Planet ‘Meteorites’.

Geoffrey is great Mathematicians, when he and his team worked, they found that if anyone wants to find these meteorites, he had to go up to the equator. Because every year 17,000 meteorites get down the Earth with inversally size reduction and fire too. their size gets reduced that it looks like a Small Regular Size Stone on the Earth’s Surface.

Best Free Android Games 2018: Best apps for your phone

Looking to find your best free Android games? Our round-up includes more than 25 titles for you to play without having to pay the percent. And what’s more we keep updating this guide with the latest and greatest, therefore, your phones only have the top apps, so bookmark the page to keep up to date! Continue reading

dalchini ke fayde in hindi

Dalchini Ke Fayde जानिए किन रोगों में लाभकारी है Cinnamon Powder

आज हम बात करेंगे Dalchini Ke Fayde यानि Cinnamon Benefits in Hindi के बारे में। अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं तो आपको इंटरनेट पर अनेकों लेख मिल जायेंगे। जिनमें बताया गया है की दालचीनी और शहद का प्रयोग करके वज़न कम किया जा सकता है।

इस बात में कितनी सच्चाई है और क्या इसके सेवन से कुछ नुक्सान भी हो सकते हैं। आज हम यह सारी जानकारी Dalchini Ke Fayde in Hindi में बताने जा रहे हैं।

Dalchini क्या है ?

Dalchini Ke Fayde जानने से पहले जान लेते हैं की आखिर Dalchini Hai Kya। किसी पेड़ की छाल सी दिखने वाली लकड़ियों के इन टुकड़ों को आपने अपने रसोईघर और बाज़ारों में ज़रूर देखा होगा।

लेकिन दालचीनी के नाम से मशहूर ये लकड़ी की छाल कितनी फायदेमंद है ये हम आज आपको विस्तार से बताएँगे।

आपको बताएँगे की दरसअल दालचीनी में कैसे कोलेस्ट्रॉल से लेकर ब्लड प्रेशर , डायिबटीज और कैंसर जैसी बिमारी से निपटने के लिए भी नुस्खे हैं।

दालचीनी असल में 4000 या 5000 वर्ष पहले खोजा गया एक बेहतरीन मसाला है।

यह इतना लोकप्रिय इसलिए है क्यूंकि मसालों और जड़ी बूटियों की अगर बात की जाए तो इसे पहला नम्बर यानि सर्वश्रेष्ठ दर्जा दिया गया है। इसके अंदर Concentrate Antioxidant बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

दालचीनी असल में एक उष्णकटिबंधीय पेड़ की छाल होती है यानि पेड़ के बाहरी सतह की परत होती है। अगर इसके गुणों के बारे में बात की जाए तो इसमें काफी गुण पाए जाते हैं और इसकी जो तासीर है वह काफी गरम होती है।

लगभग 26 जड़ी बूटियों और मसालों को लेकर एक शोध किया गया था जिसमे सेहत के लिए जो सबसे ज़्यादा लाभ देखने को मिले वह दालचीनी में थे।

दालचीनी पर सबसे बड़ा शोध (अध्यन)

हाल ही में भारत में NDOC और Fortis अस्पताल में दालचीनी को लेकर एक अध्यन किया गया।

जिसमें ये पाया गया की Metabolic Syndrome नामक बिमारियों को दालचीनी के सेवन से दूर किया जा सकता है।

इस लेख में हम आपको Metabolic Syndrome क्या होता है और इसके शुरूयाती लक्षणों के बारे में भी बताएँगे। लेकिन पहले बात करते हैं दालचीनी पर हुए अध्यन के बारे में।

NDOC और Fortis अस्पताल ने ये अध्यन 58 ऐसे मरीज़ों पर किया जो Metabolic Syndrome बीमारी से पीड़ित थे।

इन मरीज़ों को 2 समूहों में बांटा गया। 30 मरीज़ों वाले एक समूह को एक कैप्सूल के ज़रिये दालचीनी दी गयी।

जब की दूसरे समूह वाले मरीज़ों को साधारण दवा दी गयी। इन मरीज़ों पर यह अध्यन 4 महीने यानि 16 हफ़्तों तक किया गया। इस अध्यन के बाद मरीज़ों में काफी अच्छे बदलाव देखने को मिला।

दालचीनी के अच्छे संकेत

जब यह अध्यन पूरा हो गया तब Dalchini Ke Fayde और अच्छे संकेत देखने को मिलने लग गए। इन मरीज़ों की पेट की चर्बी कम हो जाने की वजह से वज़न कम हो गया और शरीर में काफी तंदरुस्ती देखने को मिली।

मरीज़ों का जो Bad Cholesterol स्तर था वो नीचे आ गया और जो Good Cholesterol का स्तर था वह ऊपर आ गया। ये Good Cholesterol हृदय की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी होता है। साथ ही साथ ब्लड प्रेशर और शुगर भी सामान्य हो गयी।

हालाँकि दालचीनी को लेकर सदियों से अध्यन किये जाते रहे हैं। दुनिया के अलग अलग देशों ने मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली दालचीनी पर कई अध्यन किये।

लेकिन इस बार भारत ने दालचीनी पर शोध किया वो वाकई Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ों के लिए किसी रामबाण इलाज़ से कम साबित नहीं हुई। और यही वजह रही की अध्यन में जो नतीजे सामने आये वो किसी चमत्कार से कम नहीं थे।

दालचीनी को लेकर किया गया अध्यन भारत की राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है क्यूंकि सिर्फ दिल्ली में ही 30 से 35 फीसदी लोग Metabolic Syndrome की बीमारी से ग्रस्त हैं।

यानि की वो बीमारी जो मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को संकेत देती है।

क्या है Metabolic Syndrome ?

Metabolic Syndrome एक साधारण व्यक्ति और डायबटीज़ के बीच की स्टेज को कहा जाता है।

इस बीमारी की शुरुयात में पहले व्यक्ति के पेट के इर्द गिर्द घेरा जमा होने लग जाता है चर्बी बढ़ने लग जाती है। उसका ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर ज़्यादा बढ़ने लग जाता है। शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है।

सीधे सीधे शब्दों में अगर कहें तो मरीज़ धीरे धीरे हृदय से सम्बंधित बिमारियों और डायबटीज़ की तरफ बढ़ने लगता है।

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दालचीनी कब और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करें ?

Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ दिन में किसी भी वक़्त दालचीनी का सेवन कर सकता है। आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चमच्च यानि 2 से 3 ग्राम दालचीनी डाल कर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। ।

अगर हो सके तो इसमें थोड़ा निम्बू का रस भी डाल लें। ऐसा आप नियमित करें आपको खुद फर्क दिखना शुरू हो जायेगा।

अब बात करते हैं की दालचीनी का कितना सेवन करना चाहिए ? और कब करना चाहिए ?

यूरोपियन फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी (European Food Safety Athority) के अनुसार 2.5 ग्राम दालचीनी का सेवन उस व्यक्ति के लिए सुरक्षित है जिसके शरीर का वज़न 75 किलो ग्राम या उसके आस पास है। 2.5 ग्राम यानि आधा चमच्च 75 किलो ग्राम वज़न के व्यक्ति के लिए सुरक्षित है।

जितने भी बाहर के मुल्क हैं उनका तापमान भारत के तापमान से अलग होता है तो इसकी जो तासीर है वह गरम होती है इसलिए हमें दालचीनी को 2.5 ग्राम से थोड़ा कम लेना चाहिए।

इसे लगतार इस्तेमाल करें लेकिन 2-3 महीने इसका सेवन करने के बाद थोड़ा अंतराल डाल लें।

इसका सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और नौजवान लड़के लड़किया सभी इसका सेवन कर सकते हैं। सभी अगर एक ओषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करें तो उन्हें इसका बहुत लाभ मिलेगा।

स्वस्थ शरीर वाले लोग भी दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। दलिया, प्रोटीन शेक और काफी में भी दालचीनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दालचीनी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए ?

क्यूंकि दालचीनी को लेकर अध्यन Metabolic Syndrome वाले मरीज़ों पर किया गया था। इसलिए डॉक्टर ये भी सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।

शोध से यह भी साबित हुआ है की मात्र दालचीनी को सूंघ लेने से दिमाग बहुत तेज़ी से सक्रिय हो जाता है। इतना ही नहीं ध्यान, स्मरण शक्ति और यादाश्त भी बढ़ती है। ये एकाग्रता को बढ़ाती है, रचनात्मकता को भी बढ़ाती है।

Dalchini Ke Prayog  And Recipes in Hindi

दालचीनी एक बहुत गुणकारी होने के साथ साथ हमारे खाने को बहुत स्वादिष्ट और सुघंधित भी बना देती है। इसका Dalchini Ka Proyog ज़्यादातर शाही खाना बनाने के लिए मसाले के तौर पर किया जाता है।

दालचीनी से बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जाते हैं जैसे :-

  • सिनेमॉन रोल्स (Cinnamon Rolls) 
  • एग्ग सिनेमॉन टोस्ट (Cinnamon Toast)
  • सिनेमॉन बटर केक (Cinnamon Butter Cake) इत्यादि।

ये सारी रेसिपीज़ बड़ी आसानी से घर पर बन जाती हैं। आप इन्हे घर पर बनाएं और घरवालों को दालचीनी से बने ये स्वादिष्ट खिलाएं। ये व्यंजन स्वाद के साथ आपके शरीर को अच्छी सेहत भी प्रदान करेंगे।

दालचीनी के जबरदस्त फायदे – Dalchini Ke Fayde in Hindi

Nimbu, Shhad Ke Sath Dalchini Ke Fayde aur Recipes in Hindi

अब बात करते हैं दालचीनी के 21 महत्वपूर्ण फायदों के बारे में। जी हाँ दोस्तों, दालचीनी के बहुत फायदे हैं, आज हम आपको ये भी बताएँगे की किस तरह से इसका उपयोग किया जाए ताकि हमें इसके अच्छे से फायदे मिल सकें।

दालचीनी का इस्तेमाल हम रसोईघर में करते हैं शाही खाना और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए। दालचीनी को एक ओषधि के तौर पर भी उपयोग में लाया जाता है जिससे हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।

अब एक एक करके जानते हैं इसके फायदे।

  • दालचीनी वज़न घटाने में मदद करे – Cinnamon Uses for Reduce Body Weight in Hindi  

दालचीनी को वज़न कम करने के लिए एक ओषधि के रूप में इस्तमाल किया जा सकता है। Jeera Dalchini Ke Fayde के बारे में आपने ज़रूर सुना या पढ़ा होगा। आज हम आपको ये बतायंगे की किस तरह इसका इस्तेमाल शरीर के वज़न को कम करने व् फिट रहने के लिए किया जा सकता है।

इसको बनाने के लिए सबसे पहले ज़रूरत है जीरे की। जैसा की आप सब जानते हैं की जीरा हमारे वज़न को घटाने में बहुत मदद करता है। और ये आसानी से हमारी रसोईघर में भी मिल जाता है।

आपको शायद पता होगा की जीरे में काफी अच्छी मात्रा में Antioxidants तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के Metabolism को बढ़ाते हैं और हमारी पाचन क्रिया को भी सुधारते हैं।

इस जीरे के साथ ही हम इस्तेमाल करेंगे दालचीनी का। दालचीनी को मिक्सी में अच्छे से ग्राइंड करके इसका पाउडर बना लें अब आपको जीरे को भी इसी तरह ग्राइंड करके पाउडर के तौर पर इस्तेमाल करना है।

अब एक गिलास गुनगुना पानी लें और इसमें एक चमच्च जीरा पाउडर और एक चमच्च दालचीनी पाउडर डाल कर इसे अच्छे से मिला लें। अब जब से अच्छे से मिक्स हो जाए तो इसे 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें। ताकि दालचीनी और जीरे के गुण पानी में अच्छी तरह से घुल जाएँ।

सुबह उठते ही खाली रोज़ाना इसका सेवन करें। या फिर आप इसे रात को सोने से पहले भी पी सकते हैं। जब आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर देंगे तो आपकी पाचन क्रिया अच्छे से काम करेगी और आप देखेंगे की धीरे धीरे आपके पेट की चर्बी भी कम हो रही है।

  • जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है – Cure Joint Problems With Cinnamon in Hindi

दालचीनी का उपयोग जोड़ों के दर्द और गठिया के दर्द को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए नारियल के तेल या सरसों के तेल को गर्म करके उसमें दालचीनी को मिलाया जाता है। इस तेल की नियमित मालिश करने से आपकी जकड़न, ऐंठन, घुटनों का जो दर्द और शरीर में जो लाल सोजिस आ जाती है उन सबसे आपको राहत मिलती है।

  • एंटी इंफ्लामेंटरी तत्वों से भरपूर ओषधि – Cinnamon Rich Anti Inflammatory in Hindi

ये एंटी इंफ्लामेंटरी की स्थिति में बहुत अच्छे से काम करता है। इस एंटी इंफ्लामेंटरी गुण के कारण ये हमारे शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने में बहुत मददगार होता है। साथ ही हमारे जो Tissue टूटते रहते हैं उनको रिपेयर करने और नए Tissue बनाने में मदद करता है।

और हाँ इस गुण का फायदा उन बॉडीबिल्डर को भी मिलता है जो कसरत करते हैं क्यूंकि जब कसरत करते वक़्त ज़्यादा भार उठाया जाता है तब भी बहुत Tissue टूट जाते हैं। तो अगर आप भी बॉडीबिल्डर या जिम्मर हैं तो दालचीनी का सेवन ज़रूर करें क्यूंकि ये आपके शरीरिक स्वास्थ्य और Tissue को सुधारने में बहुत ज़्यादा लाभकारी है।

  • दालचीनी सर्दी और खांसी के लिए मददगार – Cinnamon Benefits for Cough And Cold in Hindi

जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है अक्सर वह जल्दी बीमार पद जाते हैं। दलचीन का अगला फायदा सर्दी और खांसी के लिए है, इसके लिए थोड़ा सा अदरक और दालचीनी पाउडर को एक गिलास पानी में उबाल लें। फिर जब ये थोड़ा ठंडा हो जाए तो दिन में दो बार इसका सेवन करें।

इससे आपको सर्दी, जुकाम और खांसी में काफी राहत मिलेगी।

  • रूखे और फ़टे होठों पर लिपबाम की तरह उपयोग करें – Dalchini Ke Fayde for Soft Lips in Hindi

अगला फायदा दालचीनी का ये है की जब हमारे होंठ रूखे हो जाते हैं या फट जाते हैं तब हम कई तरह के रासायनिक युक्त चीज़ें यानि लिपबॉम वगेरा लगाते हैं। दोस्तों इन में कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं जो हमारे होंठों की त्वचा के लिए अनुकूल नहीं होते।

आप दालचीनी को लिपबाम की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक कांच की शीशी में जैतून का तेल डालना है और दालचीनी की कुछ डंडियां (Sticks) इस तेल में डुबो कर रख देनी है। इसको 7 दिन तक ऐसा ही पड़ा रहने दें। 7 दिन बाद ये तेल तैयार हो जाएगा आपके होठों पर लगाने के लिए।

लगातार लगाते रहेंगे तो आपके होंठ कोमल, गुलाबी हो जायेंगे और फटेंगे नहीं। इसके साथ ही होठों पर जो कालापन होता है वह भी दूर हो जायेगा। इस घोल को बनाकर आप काफी समय तक स्टोर करके रख सकते हैं।

यानि जितने दिनों तक दालचीनी जैतून के तेल में भीगी रहेगी उसका असर उतना ही बढ़ता रहेगा। तो आप 3-4 महीने तक इस घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं अपने होठों पर।

  • मासिक धर्म में आरामदायक – Cinnamon Amazing Advantage for Period Pain

रूखे होठों को स्वस्थ्य करने के साथ साथ Dalchini Ke Fayde मासिक धर्म में भी महिलायों को आराम देते हैं।

मासिक धर्म में महिलाओं और लड़कियों को दर्द होता है उससे निजात पाने के लिए भी दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है। जैसे की शरीर में ज़्यादा दर्द, सुस्ती पड़ना, चिड़चिड़ापन और ऐठन हो जाती है।

इस उपयोग को करने के लिये आप चाय में दालचीनी, निम्बू का रस और थोड़ा सा शहद मिला कर पिएं। ऐसा करने से आपको काफी फायदा होगा।

  • दस्त की बिमारी में आरामदायक – Cinnamon Best Option for Diarrhea Patient 

दस्त की बिमारी दालचीनी रामबाण का काम करता है। दस्त की बिमारी में हमारे पेट में ऐसे छोटे छोटे घाव बन जाते हैं की हम जब कुछ भी खाते हैं तो वह खाना तुरंत बाहर निकल जाता है। दालचीनी में Antibacterial और Antiseptic दोनों तत्व पाए जाते हैं।

अगर लगातार हम इसका सेवन करेंगे तभी इसका फायदा होगा। लेकिन दस्त के मरीज़ को खाना खाने की इच्छा नहीं होती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन करने के लिए एक काढ़ा बनाना पड़ेगा।

काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी लेना है और उसमें दालचीनी पाउडर, निम्बू का रस व् काला नमक मिलाना है। जब काढ़ा बन कर अच्छे से तैयार हो जाए तो यह दस्त के मरीज़ को पिलाएं। थोड़े ही दिनों में दस्त की बिमारी में आराम मिल जाएगा।

  •  हृदय में होने वाले घातक रोगों से बचाता है – Dalchini ke fayde for Heart Diseases

दालचीनी हृदय से सम्बंधित अनेकों रोगों से हमें बचाती है। Dalchini Ke Fayde से ये हमारे शरीर में LDL यानि Light Density Lipid जो कोलेस्ट्रॉल है उसकी मात्रा को कम करता है। और HDL यानि High Density Lipid के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है।

जैसे की हमने आपको पहले भी बताया की दालचीनी पर काफी अध्यन हुए हैं और उन अध्यनों में पाया गया है की अगर आप प्रतिदिन लगभग 120 मीलीग्राम दालचीनी का प्रयोग करते हैं तो आपको कोलेस्ट्रॉल होने के बहुत ही कम सम्भावना होती है।

  • एंटीऑक्सीडेंट्स का भरपूर खज़ाना दालचीनी – Antioxidants Properties Mein Dalchini Ke Fayde

दालचीनी में बहुत ही प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। हमारे शरीर Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होती हैं एंटीऑक्सीडेंट्स उन्हें ख़त्म करने का कार्य करता है। हमारे शरीर में जितनी ज़्यादा क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होंगी उतनी ही बीमारियां होने की सम्भावना ज़्यादा रहती है।

तो इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन करते करते हैं तो ये Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खत्म कर देता है जिससे हमारा शरीर बिमारियों से बचा रहता है।

  • सम्पूर्ण इंसुलिन प्रतिरोधक – Improve Insulin Sensitivity With Cinnamon in Hindi

ये आपके शरीर में जो इंसुलिन प्रतिरोध है उसको धीरे धीरे कम करना शुरू कर देता है। साथ ही ये हमें बचाता है Type 2 Diabetes से। अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो आप जो शुगर फ्री गोलियां खाते हैं तो उसकी जगह दालचीनी का पाउडर लेना शुरू कर दें। इसे आपके शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को कम करता है और आपके शुगर के स्तर को सामान्य कर देगा।

  • रक्त में शुगर स्तर को सामान्य करे – Maintain Blood Sugar Level With Cinnamon in Hindi

ये दालचीनी पाउडर आपके शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। एक अध्यन में ये भी पता चला है की इसमें डायबटीज को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं।

अगर आपका शुगर का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है तो आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर दें। ये आपके बढ़ते शुगर के स्तर को धीरे धीरे 10% से 30% तक कम कर देगा। दालचीनी पाउडर कितनी मात्रा लेना है ये आप 1 से 6 ग्राम मान लें या फिर आधा चमच्च मान लें ।

इसका सेवन आपको रोज़ाना करना है और धीरे धीरे आपको इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल जायेंगे।

  • दिमागी बिमारियों से रक्षा करे – Dalchini Ke Fayde Neurodegenerative in Hindi

दोस्तों इस बीमारी में हमारे दिमाग के जो Cells यानि कोशिकाएं होती हैं वो धीरे धीरे खत्म होनी शुरू हो जाती हैं। जिनके दो मुख्य टाइप्स आपके देखने को मिलते हैं एक Alzheimer और दूसरा Parkinson । इन दोनों ही बिमारियों में दिमाग की कार्यक्षमता बहुत कम होने लग जाती है।

इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन नियमित करेंगे तो आपके दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने से बच जाएँगी। दिमाग की कोशिकाएं ही नहीं और भी बहुत सारे दिमागी रोग दालचीनी के सेवन से खत्म हो जाते हैं।

तो अगर आपके घर में Alzheimer या Parkinson बीमारी से सम्बंधित मरीज़ हैं तो आप उन्हें दालचीनी का सेवन रोज़ाना करा सकते हैं। जिससे उनको बहुत ज़्यादा लाभ मिलेगा।

  • दालचीनी कैंसर विकार दूर करने में सक्षम – Prevents Cancer with Cinnamon Powder In Hindi

कैंसर के बारे में अगर सरल भाषा में बात करें तो कैंसर एक असाधारण तरीके से होने वाली कोशिकायों का विकास है। असाधारण कोशिकाएं हमारे शरीर के किसी भी भाग में हो सकती हैं। तो दालचीनी में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं जो असाधारण कोशिकायों के होने वाले विकास को रोक देते हैं। कैंसर होने की सम्भावना को कम कर देता है।

तो Dalchini Ke Fayde को देख कर लगता है की भविष्य में जो कैंसर के इलाज की दवाइयां बनेंगी उनमें में दालचीनी का उपयोग होगा, कैंसर की दवाई के तोर पर।

दालचीनी कितने प्रकार की होती है ? Types of Dalchini (Cinnamon) in Hindi

types of dalchini in hindi

भारत में दालचीनी दो प्रकार की पायी जाती है एक है Ceylon और दूसरी है Cassia

दालचीनी कितने प्रकार की होती है इसके ऊपर भी बहुत ज़्यादा बहस चल रही है की Ceylon ज़्यादा अच्छी है गुणों में या Cassia अच्छी है। Cassia का ज़्यादा उत्पादन भारत और चीन में किया जाता है जबकि Ceylon नामक दालचीनी का उत्पादन थाईलैंड और श्री लंका में होता है।

अगर अंतरराष्ट्रीय अध्यनों की बात की जाए तो उनका मानना है की Ceylon ही असली दालचीनी है। मतलब Ceylon ज़्यादा बेहतर है और जो थाईलैंड, केरल या साउथ में ज़्यादा पायी जाती है जिसका नाम है Cassia, वो बेहतर नहीं है।

सबसे पहले हम बात करेंगे की क्या कारण है की इसकी जो महत्त्ववता जो है वह थोड़ी सी कम हो जाती है (Cassia की)। असल में दालचीनी में एक ऐसा तत्व होता है जिसका नाम है Coumarin, ये हमारे लीवर के लिए अच्छा नहीं होता। ये तत्व Cassia में ज़्यादा मात्रा में होता है।

जैसे की Ceylon में Coumarin तत्व 0.17 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है और Cassia में Coumarin तत्व 0.31 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है। तो इसीलिए Ceylon की जो महत्त्ववता है वह बढ़ जाती है Cassia के मुकाबले।

पर आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है आप दोनों में से कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकि Coumarin के इलावा इन दोनो में और भी बहुत महत्वपूर्ण गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। तो हमारा विशवास है की Cassia भी उतनी है बेहतर है जितनी Ceylon।

सावधानियां  :- Precautions

गुणों की खान Dalchini Ke Fayde के साथ साथ कुछ नुक्सान भी हैं। जैसे की अगर कोई ज़्यादा मात्रा में दालचीनी का सेवन करता है तो लीवर क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अनिमियत सेवन से मुंह के छाले व् शरीर में गर्मी पड़ जाने से फुंसियां भी जाती है।

अगर आप दालचीनी का अच्छे से फायदा लेना चाहते हैं तो बाजार में पाउडर फॉर्म में मिलने वाली दालचीनी न खरीदें। क्यूंकि वह असली दालचीनी नहीं होती उसमें कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं।

तो हो सके तो जो दालचीनी की डंडियां (Sticks) आती हैं वह ही खरीदें और अपनी आवश्यकता अनुसार उसे मिस्की या ओखली से पीस लें।

इसलिए हम सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन हमेशा सही मात्रा में करें ताकि आपके शरीर में कोई रोग या परेशानी ना हो।

Dalchini Ke Fayde लेख का निष्कर्ष

तो आपने पढ़ा की कैसे हम दालचीनी का उपयोग करके इसके बेहतरीन लाभ ले सकते हैं। इसे ओषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी। पर ध्यान रहे इसका सेवन केवल सही मात्रा में ही करें ताकि आपको अच्छे से लाभ मिल सके। आपको इस लेख में दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें ज़रूर बताएं ईमेल के ज़रिये। आप हमें thehindiguide@gmail.com पर अपने सुझाव हमें भेज सकते हैं, धन्यवाद।