aloe vera uses

Amazing Herb Aloe Vera Uses and Benefits In Hindi

Aloe Vera Uses and Benefits in Hindi : आज के ज़माने में अगर किसी एक दवा का सबसे ज्यादा प्रचार प्रसार हुआ है या फिर आपको Cosmetic की हर दवा में इसका नाम सुनने में जरूर मिल जायेगा और उसका नाम है एलोवेरा, घृतकुमारी या जिसे आम बोलचाल की भाषा में ग्वारपाठा भी कहा जाता है। अब इसका प्रचार प्रसार तो बहुत होता है और आप में से बहुत सारे लोग इसे सुबह इसका सेवन भी करते होंगे।

Aloe Vera uses for face, skin in Hindi

पर ये पीने पे शरीर में क्या क्या काम करता है, किन किन लोगों के लिए ये ज्यादा फायदेमंद है और कोन सी अवस्था में एलोवेरा का उपयोग कम करना चाहिए या उससे बचना चाहिए। ये जानकारी काम ही लोगों को होगी। इस लेख में आज हम एलोवेरा के ऊपर चर्चा करेंगे जिसमें हम एलोवेरा के क्या क्या आयुर्वेदिक गुण हैं वो जानेंगे। साथ ही साथ एलोवेरा के ऊपर क्या क्या शोध हुए हैं और इसके क्या क्या उपयोग आपको विशेष रूप से देखने को मिल सकते हैं। एलोवेरा को आयुर्वेद में कुमारी कहा जाता है अर्थार्त ये जो कुमारी, लड़कियों के रोग होते हैं खासकर की रजो दोष के जो रोग होते हैं उनमें विशेष रूप से उपयोगी है। इसके संस्कृत में २७ से ज्यादा नाम बताये गए हैं जिसमें की वीरा, तरुणी, रमा, कपिला, माता, मंडला इत्यादि।

एलो वेरा एक छोटा सा कटीला पौधा होता है जिसकी पत्तियों में बहुत ही गुणकारी तरल पदार्थ होता है। इसमें कई तरह के प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। इसीलिए ये हमारे शरीर और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एलो वेरा औषधीय गुणों से भरा होता जिसके नियमित इस्तेमाल से कई तरह के रोगो के उपचार किये जा सकते हैं। आज हम इस लेख में एलो वेरा से जुडी तमाम जानकरी आपके साथ साँझा करेंगे ताकि आप भी एलो वेरा का इस्तेमाल करके इसका फायेदा ले सकेंगे। इसका उपयोग करके आप तंदुरुस्त रह सकते हैं। तो आईये जानते हैं की एलो वेरा के क्या क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस किस तरह से किया जा सकता है।

Aloe Vera Uses for Skin | एलोवेरा (घृतकुमारी) के लाभ से त्वचा को निखारें

एलोवेरा (घृतकुमारी) में आवश्यक विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी इन्फ्लैमटॉरी प्रॉपर्टीज होती हैं। एलोवेरा त्वचा को गंभीरता से पोषण देता है। अगर आपको एलोवेरा नहीं मिलता तो आप इसका पौधा घर में भी लगा सकते हो या फिर बाजार में जो एलोवेरा जैल मिलता है उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो आईये जानते हैं एलोवेरा के त्वचा पर इस्तेमाल करने लायक पांच तरीके।

1. Cure Pigmentation Problems Aloe Vera

aloe vera uses for pigmentation
Aloe Vera Best for Pigmentation Treatment

पहली चीज है पिगमेंटेशन (pigmentation) जिसे हम हिंदी में झाइयां भी बोलते हैं, पिगमेंटेशन को हटाने में एलोवेरा बहुत मदद करता है। ये उपाए करने के लिए दो चमच एलो वेरा जैल में एक चमच गुलाब जल Rose Water मिला लें। ये मिश्रण अपने चेहरे पर लगा कर इसे १५ मिनट (15 मिनट मिनट) तक छोड़ दें। उसके बाद आप अपना चेहरा ठन्डे पानी से धो लीजिये और धीरे धीरे इसे एक कोमल तोलिये से पोंछ लीजिये। इस उपाए से आपकी Pigmentation की समस्या ख़तम हो जाएगी।

2. Aloe Vera uses for Glowing Skin

Aloe Vera Uses and Benefits In Hindi

ग्लोइंग त्वचा पाने के लिए भी आप एलो वेरा (Aloe Vera) का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए आपको चार चीजों की जरुरत होगी जो आसानी से आपको घर में मिल जाएँगी । २ चमच एलो वेरा जैल में चुटकी भर हल्दी (Turmeric), एक चमच गुलाब जल (Rose Water) और एक चमच शुद्ध शहद (Honey), ये मिला कर आपको एक मिश्रण बना लेना है, ये Face Pack अपने चेहरे पर लगा कर इसे २० मिनट तक छोड़ दें इसमें वो सारी सामग्री (Ingredients) है जो आपकी त्वचा को गोरा बनाने में आपकी मदद करेगी और आपकी त्वचा में निखार आ जायेगा । २० मिनट के बाद अपना चेहरा धो लीजिये इससे आपको ज़रूर फायदा मिलेगा।

3. Aloe Vera Benefits for Forehead Lines, Reduce Wrinkles on Face

Aloe Vera Benefits for Wrinkles

एलो वेरा का तीसरा फायदा है की ये चेहरे की झुर्रियों (Wrinkles) को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है, उम्र के बढ़ते बढ़ते हमारे चेहरे का नूर धीरे धीरे कम होने लगता है और हमारी त्वचा पर झुर्रियों पड़ने लग जाती हैं। इस उपाए को करने के लिए बेसन को एलो वेरा जैल को मिला कर इसका एक लेप बना लीजिये और ये लेप अपने चेहरे पर लगा कर १५ मिनट तक इसके सूखने का इंतज़ार कीजिये। बाद में अपने चेहरे को पानी से धो लीजिये इसके इस्तेमाल से Aging Signs यानी की झुर्रियां ख़तम हो जाएँगी।

4. Uses of Aloe Vera for Pimples Free Skin

कील-मुंहासे (Pimples) से छुटकारा पाने के लिए भी एलो वेरा बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आप एलो वेरा के पत्ते को बीच से काट कर इसे अपने चेहरे पर मसाज करें, इसको रोज़ाना करने से चेहरे से कील-मुंहासे (Pimples) चले जायेंगे और त्वचा में नमी बनी रहेगी।

5. Benefits of AloeVera for Hair

बालों के झड़ने के समस्या का या इलाज (Cure) करने का कोई भी अभी तक कोई फुल प्रूफ तरीका उपस्थित नहीं है। एलोवेरा, जैल के रूप में ज्यादातर मिलता है ये १००% शुद्ध या कुदरती तोर पर सीधे पौधे से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा जैल में Polysaccharides और Glycoproteins होते हैं जो आपकी सर के तल को ठंडक पहुंचा देते हैं।

इसमें Proteolytic Enzymes भी होते हैं जो तल के Dead Cells की मुरम्मत करते हैं। ये Dormant या Resting Hair Follicles को हेयर ग्रोथ को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। एलोवेरा Scalp को Moisture और Smoothness भी देता है। जिन लोगों ने केश प्रत्यारोपण (Hair Transplant) करवाया है ऐसे लोगों में एलोवेरा, ऑपरेशन के बाद होने वाली जो Redness रहती है या Scalp जो सूखा रहता है, रूसी,डैंड्रफ (Dandruff) हो जाता है और खुजली जो रहती है उसको कम करने में मदद करता है।

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एलोवेरा आपके Scalp के pH को समान्तरण करके उसकी सेहत को अच्छा रखता है। ये बालों को कुदरती तरीके से Conditioning देने का काम भी करता है जैसे की रूखे सूखे बालों को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज़ करके उनमें नयी चमक भी लाता है। एलोवेरा का उपयोग Hair Texture के लिए बहुत अच्छा कहा जा सकता है। वैसे तो बाजार में एलोवेरा जैल, शैम्पू आसानी से मिल जाते हैं पर अगर आप ताज़ा घर पे बनाया हुआ जैल इस्तेमाल करते हो तो उसके आपको बहुत सारे अच्छे अच्छे गुण भी मिलेंगे। अगर आपको गंजेपन की समस्या है या फिर आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं तो एलोवेरा आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।

Aloe Vera Juice Side Effects for Health | एलोवेरा के दुष्प्रभाव

अपने एलो वेरा जूस के बहुत सारे फायदे सुने होंगे, इसे त्वचा पर लगाने से लेकर इसके जूस को पीने से होने वाले फायदों से आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे, पर क्या आप जानते हैं की इससे होने वाले नुक्सान भी बहुत हैं। जी हाँ, हैरान न हों ये सच है की जिस तरह एलो वेरा को आप बहुत सारी परेशानियों का रामबाण मानते हैं ठीक उसी तरह इसके कुछ भयंकर नुक्सान भी होते हैं।

एलो वेरा में मौजूद Laxative के कारण आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आईये जानते हैं उन परेशाईनों के बारे में, बात करेंगे पहले दुष्प्रभाव की।
एलो वेरा बहुत सारे लोगों की त्वचा के लिए वरदान की तरह काम करता है पर है की इसका ज्यादा इस्तेमाल आप पर भारी पढ़ है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपकी त्वचा पर खुजली हो सकती है।

एलोवेरा (घृतकुमारी) के भयंकर दुष्प्रभाव :-

Blood Pressure Problems : बात करें एलो वेरा जूस की तो एलो वेरा जूस का रोज़ाना सेवन करने से रक्तचाप (Blood Pressure) बेहद कम हो जाता है, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से परेशान लोगों के लिए इसका सेवन अच्छा है लेकिन Low Blood Pressure के मरीज़ों के लिए ये परेशानी की वजह बन सकता है। बात करेंगे कमज़ोरी की , जिन लोगों को दिल से सम्बंधित कोई परेशानी हो उन्हें एलो वेरा के सेवन से बचना चाहिए। रोज़ाना इसके सेवन से अनियमित दिल की धड़कन और शारीरिक कमज़ोरी हो सकती है।

Irritable Bowel Syndrome : अगर आपको कब्ज़ की शिकायत है तो एलो वेरा जूस से दूर रहें क्यूंकि एलोवेरा जूस में laxative आपकी I.B.S की शिकायत को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। सेवन से Diarrhea और Loose Motion की शिकायत हो सकती है।

Aloe Vera in Pregnancy : जो महिलाएं गर्भवती हैं और जो महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं उन महिलाओं को एलोवेरा के सेवन से बचना चाहिए। एलोवेरा का जूस गर्भावस्था में आपके लिए परेशानी बन सकता है तो हो सके तो इसके इस्तेमाल से बचें। गर्भावस्था में अगर कोई महिला एलोवेरा का इस्तेमाल करती है तो गर्भपात (Miscarriage) हो सकता है या बच्चे में जन्मजात कोई दोष भी हो सकता है।

१२ साल से काम उम्र के बच्चों के लिए एलोवेरा का जूस सुरक्षित नहीं होता इसमें मौजूद लेक्सेटिव दवाओं के असर को रोकते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह की दवाईयों का सेवन कर रहा है तो साथ में एलोवेरा का अधिक इस्तेमाल करने से उन दवाईयों का असर काम होगा। मतलब की शरीर में दवाओं का लाभ काम मिलेगा।

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Jaitun Tel Ke Fayde क्या क्या हैं | Jaitun Tel के आयुर्वेदिक रहस्य जाने

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आशा है आप ठीक होंगे आज के इस पोस्ट में हम Jaitun Tel Ke Fayde यानि Olive Oil के बारे में बात करने वाले हैं। आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि Jaitun Tel क्या है।

उसी के साथ साथ Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हम सब लोगों को पता है कि जैतून का तेल हमारे शरीर के लिए बालों के लिए तथा हमारी त्वचा के लिए कितना ज्यादा फायदेमंद होता है।

अगर हम इसकी तुलना बाकी आम तेल के साथ करे तब बेकार होगा। क्योंकि यह तेल बहुत सारे गुणों से भरा हुआ है। जिसकी तुलना किसी भी तेल के साथ नहीं की जा सकती।

आइए जानते हैं Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में और इसे कैसे उपयोग किया जा सकता है।

Jaitun Tel Ke Fayde (Olive Oil Benefits in Hindi)

जैतून तेल के बहुत सारे फायदे हैं, आइए जानते हैं इसके फायदे और उपयोग विस्तार से।

जैतून का तेल किस किस विषय पर आपको फायदा पहुंचा सकता है। 

  • लिंग को लम्बा करने में सहायक है।
  • स्तनों के साइज को बढ़ाने में मदद करता है।
  • बालों को घाना और सूंदर बनाने में किया जा सकता है।
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
  • हृदय घात से बचाता है।
  • शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलने में मदद करता है।
  • डायिबटीज होने का खतरा कम कर देता है।
  • हड्डियों और जोड़ों को मज़बूत बनाता है।
  • मूड को ठीक करके तनाव होने से बचाता है।
  • पाचन क्रिया को दरुस्त कर उसमें सुधार लाता है।

1. Jaitun Ka Tel Ling Me Lagane Ke Fayde

क्या जैतून का तेल लगाने के फायदे लिंग पर हो सकते हैं?

जी हां..!! जैतून का तेल लिंग में लगाने से काफी ज्यादा फायदे है।

  • क्योंकि इससे लिंग मजबूत बना रहता है, तथा सुडौल होता है जो कि एक पुरुष के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • अगर लिंग दुबला, कमजोर और अधिक छोटा रहेगा तब इससे आपकी निजी जिंदगी में काफी ज्यादा नुकसान होगा।
  • इसीलिए जैतून का तेल लिंग पर मालिश करने से आपके लिंग की सेहत पर काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है।
  • जैतून का तेल Nightfall यानि स्वपनदोष की समस्या को भी दूर करता है।
  • अगर आप जैतून का तेल लिंग पर लगाएंगे और उसे मालिश करेंगे तो इस प्रॉब्लम से भी आपको छुटकारा मिलेगा।
  • साथ ही साथ में संभोग करते समय आप अपने पार्टनर को ज्यादा वक्त दे सकते हैं।
  • उसी के साथ लिंग की कमजोरियों का भी इसे जड़ से खात्मा होता है।

2. Jaitun Ka Tel Ke Fayde For Hair in Hindi

Jaitun ka tel बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि यह बालों की इतनी ज़्यादा ग्रोथ बढ़ा देता है जो आम तेल नहीं कर सकता।

इसके अंदर इतने अच्छे गुण होते हैं जो बालों की ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण और सहायक होते हैं। अगर आप अपने बालों की लंबाई को बढ़ाना चाहते हैं, तब आपको जैतून का तेल सिर में लगाकर 15 से 20 मिनट तक मसाज करना होगा।

उसके बाद आपको अपने किसी भी नॉर्मल शैंपू से इसको धो लेना है। ऐसा आप रेगुलर करोगे तब आपको जल्द ही Jaitun Tel Ke Fayde का पता चल जाएगा।

  • बालों को झड़ने से रोकता है और मज़बूत बनाता है।
  • बालों में नई चमक और बालों के विकास में मदद करता है।
  • रुसी को ख़तम कर सिर के तल को स्वास्थ्य बनाता है।

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3. Jaitun Ka Tel Aur Lahsun Ke Fayde

जैतून और लहसुन का तेल दोनों मिलाकर भी काफी अच्छे फायदे लिए जा सकते हैं। अक्सर लोग यह कहते हैं कि जो जैतून का तेल होता है, उसके अंदर हम किसी भी चीज को नहीं मिला सकते।

उसको अकेले ही लगाना पड़ता है मगर ऐसा नहीं होता है अगर जैतून के तेल के अंदर लहसुन मिलाया जाए तो काफी अच्छा फायदा मिलता है।

  • यह तेल आप अपने बालों के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने पर आपके बालों में से डैंड्रफ खत्म हो जाएगी।
  • उसी के साथ-साथ आप इसको अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपके चेहरे के जो पिंपल से वह भी दूर हो जाएंगे।

इसलिए जैतून का तेल और लहसुन के फायदे काफी ज्यादा है,

आप इसको हफ्ते में एक या दो बार करें और महीने में या 15 दिन में एक बार तरह तब भी चलेगा। मगर इसको रात में लगाकर नहीं सोना है।

जैतून के तेल के साथ लहसुन को उबाल लें और तभी इसको इस्तेमाल करें।

Jaitun Tel में Omega 3, Fatty Acid, Vitamin E और Antioxidants से भरपूर होते हैं।

4. Jaitun Ka Tel – Olive Oil Ke Fayde for Breast

बहुत सी स्त्रियां ऐसी होती है जिनका स्तन काफी ज्यादा छोटा होता है और वह काफी ज्यादा दवाइयां खाती हैं। आपको भी अगर ऐसी परेशानी है, तब आपको दवाइयां खाने की कोई भी जरूरत नहीं है।

क्योंकि जैतून का तेल यानी कि ऑलिव ऑयल के ब्रैस्ट के लिए काफी ज्यादा फायदे साबित हो रहे हैं।

  • इससे आप मसाज करेंगे तब आपका जो स्थान है, वह बराबर से रूप में आ जाएगा।
  • उसी के साथ साथ आपका जो ब्रैस्ट है उसकी टिशूज काफी ज्यादा मजबूत हो जाएंगे।
  • आपका स्तन ढीला नहीं पड़ेगा, साथ ही साथ में आपके स्तनों का shape भी बना रहेगा।
  • आपके स्तनों के विकास में आपकी मदद करता है।
  • स्तनों की कोशिकाओं को सही से काम करने में जैतून का तेल बिलकुल उचित विकल्प है।
  • ब्रेस्ट सैगिंग की समस्या दूर और अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएँगी।

5. Extra Virgin Olive Oil Ke Fayde

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल के बारे में तो आपने सुना ही होगा यह भी काफी ज्यादा महंगा होता है। मगर हां इसको खाने के लिए काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

न केवल इसका सिर्फ खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं बल्कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को लोग अपने बालों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। और स्किन पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।

  • कई लोग तो इसको बॉडी मसाज के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।
  • यह दर्द से भी काफी ज्यादा राहत देने में सहायक होता है।
  • अगर आप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को खरीदना चाहते हो तो सबसे पहले आप इसका इस्तेमाल खाने में कीजिए।
  • क्योंकि इसके अंदर कॉलेस्ट्रोल बिल्कुल भी नहीं होता है इससे दिल की बीमारी नहीं होती है।
  • यह आपके हार्ट के प्रॉब्लम को काफी ज्यादा सही करने में सहायक है।
  • आहार में शामिल भी शामिल करें इसके खाने में काफी ज्यादा फायदे हैं।
  • त्वचा को सूंदर व् जवान बनाये रखने में सहायक है।
  • विटामिन E का अच्छा स्रोत है इसलिए त्वचा से स्ट्रेच मार्क्स को हटाता है।
  • नाखूनों को सूंदर बनाता है और उनकी लम्बाई को बढ़ाता है।
  • कटे फ़टे होठों को ठीक करता है तथा रूखे होठों को कोमल बनाता है।
  • वर्जिन ऑलिव आयल को सब्ज़ियों को पकाने में किया जा सकता है।
  • Extra Virgin Olive Oil का Acidity स्तर बाकी ऑलिव आयल की तुलना में सबसे कम होता है।
  • इसमें पाए जाने वाले विटामिनस और मिनरल्स की मात्रा ज़्यादा होती है।
  • इसका इस्तेमाल सलाद की टॉपिंग और ब्रेड में किया जा सकता है।

6. Jaitun Ka Tel Aur Kalonji Ke Fayde

Jaitun Ka Tel अगर कलौंजी के साथ मिला लिया जाए तब बहुत ज्यादा अच्छे गुण आपको मिल सकते हैं। हालांकि कलौंजी भी एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की तरह काम करता है। अगर यह जैतून के तेल के साथ मिल जाए तो आपको इसके बहुत सारे फायदे हो सकते हैं।

  • जैतून का तेल कलौंजी के अंदर डालकर रखें कम से कम इसको 12 घंटो तक कड़ी धूप में रखें।
  • ऐसा आपको दो-तीन दिन करना है। दो-तीन दिन जब हो जाए तब आप इस तेल को छान लेना है।
  • छानने के बाद इसको अपने घुटनों के दर्द के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हो।

और बालों की लंबाई को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हो। इसको बालों के लिए हफ्ते में सिर्फ दो बार लगाएं और ऐसा 3 महीने तक करें आपको फर्क पता चल जायेगा।

Conclusion निष्कर्ष 

तो दोस्तों यह थी जानकारी Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में  आशा है आपको पसंद आई होगी। उसी के साथ साथ आज हमने आपको Jaitun tel के बारे में बहुत कुछ बताया है।

आप उनको एक बार इन नुस्खों को करके जरुर देखियेगा आपको जरूर अच्छा फायदा होगा। अगर आप अपने बालों के लिए इसको इस्तेमाल करना चाहते हैं। तब आपको कम से कम 3 या 6 महीने तक का इंतजार करना होगा। तभी आपको अच्छे खासे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

आप अगर इस लेख से सम्बंधित कोई भी सुझाव हमें देना चाहते हैं तो इस ईमेल thehindiguide@gmail.com पर हमें मैसेज भेज सकते हैं। हमारा ये लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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glycerin skin benefits

Glycerin Skin Benefits With Full Information in Hindi

ग्लिसरीन क्या है ? What is Glycerin ?

Glycerin Skin Benefits in Hindi :- दोस्तों आज हम बात करेंगे Glycerin के बारे में ,Glycerin काफी पुराने समय से, कहें तो काफी समय से हमारे सौंदर्य का हिस्सा रही है। आज कल भी Cosmetics में बहुत ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है।

ग्लिसरीन का उपयोग ज्यादातर सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है, अर्थार्त हमारी त्वचा और चेहरे के लिए जो उत्पाद होते हैं उनमें काफी हद तक ग्लिसरीन का उपयोग किया जाता है। ग्लिसरीन एन्टीबैक्टिरीअल (Glycerin Antibacterial) और एंटीसेप्टिक (Antiseptic) भी माना जाता है।

ग्लिसरीन का उपयोग सौंदर्य उत्पाद जैसे की साबुन, बॉडी लोशन, डेओड्रेंट्स इत्यादि बनाए में होता है। ग्लिसरीन लगभग सभी कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है पर क्यों आईये जानते हैं :- ग्लिसरीन का उपयोग सौंदर्य उत्पादों में उसका Moisture कंटेंट को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि यह हमारी त्वचा में नमी बनाये रखे।

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और साथ ही साथ हमारी त्वचा को रूखा सूखा होने बचाये। ग्लिसरीन दिखने में पानी जैसा साफ़ होता है इसकी ना तो कोई गंध होती है ना ही कोई रंग होता है। अब बात करते हैं ग्लिसरीन कैसे और किन किन चीजों से तैयार किया जाता है। ये एनिमल प्रोडक्ट्स, प्लांट्स एंड पेट्रोलियम (plants and petroleum) , प्लांट्स ऑयल्स (plants oil), पाम आयल (palm oil) , सोया आयल (soya oil) , नारियल का तेल (coconut oil) से बनाया जाता है।

ऐसा कहा जाता है इसमें त्वचा की कोशिकायों को दोबारा विकसित करने की शक्ति होती है मतलब जो कोशिकाएं हमारी मृत हो चुकी हैं उनको भी दोबारा बनाने में ग्लिसरीन (Glycerin) बहुत लाभकारी माना जाता है। आज में इस लेख में ऐसे ही कुछ उपयोगों के बारे में चर्चा करूँगा, जिससे आपको काफी फायदा होगा।

त्वचा साफ़ करने के लिए ग्लिसरीन का इस्तेमाल कैसे करें ? | How to use Glycerin for Cleansing Skin

ग्लिसरीन में ऐसी बहुत सारी सामग्री होती हैं जो हमारी त्वचा से धुल, मिट्टी को निकलने में हमारी मदद करती है आईये जानते हैं कैसे इसका इस्तेमाल करना है। इसको बनाने के लिए हमें चाहिए, तीन चमच दूध (3 Spoon Milk) और उसमें एक चमच ग्लिसरीन (One Spoon Glycerin) , इसका अच्छे से घोल बना कर रूईं की मदद से इसको त्वचा पर धीरे धीरे लगाएं।

१० मिनट (10 Minutes) तक इसको चेहरे पर लगा रहने दें और बाद में चेहरे को साफ़ पानी से अच्छे से धो लें। हमारे चेहरे पर जो भी जमी हुई धुल या मेक उप होगा उसको ये हटाने में हमारे लिए बहुत मदद करता है। इस लिए त्वचा साफ़ करने के लिए ग्लिसरीन सबसे सुरक्षित और उपयोगी तरीका माना जाता है।

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त्वचा की नमी बनाये रखे | Glycerin Skin Benefits as Moisturizer

Glycerin का एक और उपयोग भी है वो है हमारी त्वचा में नमी बनाये रखने और साथ ही साथ ये हमारी त्वचा के pH को सामान्य करती है। इसको बनाने का तरीका बहुत ही सरल है , चलिए जानते हैं इसको कैसे बनाना है :-

एक ताज़ा निम्बू लीजिये अब इसका अच्छे से रस निकाल लीजिये और इसमें २५० मिली लीटर Glycerin डाल लें दोनों को अच्छे से मिला लें और जब ये मिश्रण आपस में अच्छे से मिल जाए तो एक कांच की बोतल में भर के रख दें। याद रखिये ये मिश्रण कभी खराब नहीं होगा और ना ही इसका आपकी त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव होगा।

जब भी इसको इस्तेमाल करना है अपने हाथ पहले पानी से धो लें और इस घोल को अपनी हथेली में डाल कर अपने चेहरे पर लगाएं। लगाने के करीबन १/२ आधा पौने घंटे बाद अपने चेहरे को धो लीजिये। इसके इस्तेमाल से त्वचा में नमी बनी रहेगी और निखार आएगा।

ग्लिसरीन से त्वचा को निखारें और चमकायें | Glycerin Benefits for Skin Lightning

आपने सुना होगा ग्लिसरीन (Glycerin) त्वचा को निखारने में बहुत बढ़िया उत्पाद है। उसके लिए कैसे इस्तेमाल करना है वो जानते हैं। ग्लिसरीन (Glycerin) और पेट्रोलियम जैल्ली (Petroleum Jelly) बराबर मात्रा में लें और उनका मिश्रण बना लें। जब वो एक जैल का रूप ले लें तो उस जैली को चेहरे पर लगाएं और धीरे धीरे मालिश करें।

मालिश कर के आधा घंटे तक इसको चेहरे पर लगा रहने दें ये काफी चिप चीपा होगा लेकिन हमारी त्वचा के लिए बहुत अच्छा काम करेगा। आधे घंटे बाद इसको साफ करने के लिए एक मुलायम सा गीला तौलिया लें और इस जैली को अपने चेहरे से पोंछ लीजिये। इसको नियमित लगाने से ये हमारे चेहरे से मुँहासे के निशान वगेरा सब हट जाएंगे।

झुर्रियां दूर करने में लाभदायक | Benefits of Glycerin as Anti Aging

Glycerin uses for Skin Anti Aging

उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे चेहरे पर झुर्रियां पढ़नी शुरू हो जाती हैं और त्वचा भी ढीली पढ़ जाती है। इस समस्या को दूर करने में भी ग्लिसरीन बहुत बढ़िया माना जाता है पर इसको उपयोग करने का एक तरीका है जो इस प्रकार है।

एक अंडा लें (one egg)और उसको एक कांच के बाउल में तोड़ लें अब इस में एक चमच शुद्ध शहद (honey) और एक चमच ग्लिसरीन (Glycerin) मिलाएं। इसको अच्छे से मिलाने के बाद इसको अपने चेहरे पर गले पर और जहाँ जहाँ झुर्रियां पढ़ी हैं वहां पर लगा लें। २० मिनट तक इसको लगा रहने दें और फिर इसे अपने चेहरे से धो लें।

इसको सप्ताह में सिर्फ तीन बार इस्तेमाल करना है और आपको इसके बढ़िया परिणाम देखने को मिलेंगे। ये एक बहुत ही अच्छा, आज़माया हुआ फेस पैक है, ध्यान रहे ये उपचार उन लोगों के लिए है जिनको झुर्रियां (Anti Aging) की समस्या है।

ग्लिसरीन के नुक्सान और दुष्प्रभाव | Precautions for Using Glycerin

अब हम चर्चा करेंगे की वो कोन कोन सी सावधानिया हैं जो हमें ग्लिसरीन के इस्तेमाल में करनी है। क्यूंकि ग्लिसरीन बहुत ज्यादा चिप चिप्पि होती है इसलिए कभी भी ग्लिसरीन को सीधा अपने चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए। हमें ग्लिसरीन को हमेशा किसी भी चीज के साथ मिला कर इस्तेमाल करना चाहिए।

इसको चाहे तो हम गुलाब जल के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, निम्बू के रस के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं या तो दूध के साथ मिला कर भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसे ज्यादा मात्रा में कभी भी अपने चेहरे पर मत लगाएं और जब भी हम इसे लगाएं तो २०-२५ मिनट बाद जो भी एक समय है उस दायरे में चेहरे को धो लें।

ग्लिसरीन को लगा कर कभी भी बाहर ना निकलें क्यूंकि ये बहुत ही चिप चिप्पी होती है तो ये बाहर की सारी धुल, मिटटी को अपनी तरफ आकर्षित करेगी तो फायदा होने की बजाये इसका नुक्सान ही होगा।

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Kamal Kakdi (Lotus Root) Benefits And Recipe in Hindi

Kamal Kakdi – Lotus Stem Vegetable for Back Pain, Asthma and Pregnancy

लोटस यानि कमल का फूल १०० प्रकार के होते हैं, भारत में ये काफी जगह पाया जाते हैं। ये खूबसूरत दिखने वाला फूल कीचड़ में पाया जाता है जिसके अनेक फायदे हैं।

आज हम Lotus Stem के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में तो हम इसकी (Kamal Kakdi) सब्ज़ी बनाते हैं लेकिन चीन में इस से वह अपनी ओषधियाँ भी तैयार की जाती हैं। भारत में ये हमें बढ़ी आसानी से मिल जाती है इसलिए हम इसे सब्ज़ी के रूप में उपयोग में लाते हैं।

कमल ककड़ी के स्वास्थ्यवर्धक गुण एवंम फ़ायदे | Kamal Kakdi Benefits

चलिये जानते हैं कमल ककड़ी के हमारे स्वस्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। वैसे तो कमल ककड़ी का सेवन बहुत ही कम किया जाता है और बहुत कम लोग इसे पसंद करते हैं। पर यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती है क्यूंकि इसके अंदर विटामिन्स, मिनरल, पोटाशियम, आयरन और जिंक।

यह सारे महत्वपूर्ण तत्व जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं वह कमल ककड़ी में भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं। कमल ककड़ी का उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं जैसे की आप इसकी सब्जी बना सकते हैं, आचार भी बना सकते हैं। कमल ककड़ी से बहुत सारे व्यंजन बन सकते हैं अगर आप इसका सही ढंग से उपयोग करें तो।

कमर दर्द से छुटकारा :-

कमर दर्द से निजात पाने की लिए कमल ककड़ी का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको १०० ग्राम कमल ककड़ी का पाउडर लेना है यह पाउडर आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा या फिर आप इसे ऑनलाइन amazon site भी आर्डर कर सकते हैं। इस पाउडर को आपको उबाले हुए दूध में घोल लेना है और इसका सेवन करना है। २० से २५ दिन अगर आप इस दूध का सेवन करते हैं तो आपको कमर दर्द में काफी राहत मिलेगी।

अस्थमा (दमा) रोग को दूर करे : –

दमा या अस्थमा एक ऐसे बीमारी है जिसके बारे में कहते हैं की दमा दम निकलने के बाद ही जाता है। क्यूंकि ये उन बिमारियों में से है जिनके इलाज में लम्बा समय लगता है और मॉडर्न मेडिकल साइन्स यानी एलोपेथी में इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए अभी तक कोई असरदार दवाई नहीं बनी है।

असल में देखा जाए तो अस्थमा हमारे Respiratory System यानी श्वसन प्रणाली से जुड़ी बिमारी है। जिसे केवल आयुर्वेदिक तरीके से ही जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। पूरी दुनिया में आज ३० कऱोड़ से भी ज्यादा लोग अस्थमा की बिमारी से गृस्त हैं और लगभग २,५००० लोगों की इस बिमारी की वजह से मृत्यु भी हो जाती है।

अगर आप Kamal Kakdi का नियमित सेवन करेंगे तो फेफड़ों यानी अस्थमा की समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए आपको Lotus Stem का रस पी सकते हैं या फिर इसको कद्दू कस करके इसे खाना है।

कमल ककड़ी हड्डियों को मज़बूत करे | Makes Bone Stronger With Kamal Kakdi

इसे खाने से हड्डियां भी मजबूत होती है और इसमें काफी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। फाइबर हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को काम करने में काफी मदद करता है। कमल ककड़ी खनिजों भरपूर मात्रा में पाया जाता है और साथ ही साथ यह विटामिन C का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।

इसकी वजह से शरीर रोग प्रतिरोधक शक्ति मिलती है। हमको दिन भर में जितने भी विटामिन्स चाहिए होते हैं वह सारे विटामिन्स लगभग कमल ककड़ी में मिल जाते हैं। इसलिए अगर आप हमेशा कमल ककड़ी का सेवन करेंगे तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

गर्भावस्था में कमल ककड़ी अदभुत फायदे | Kamal Kakdi in Pregnancy

जो भी महिलाएं गर्भवती उन्हें कमल ककड़ी का सेवन जरूर करना चाहिए। ये गर्भ में पल रहे बच्चे की मासपेशियों को मजबूत बनता है और उसके मस्तिष को तेज करता है। जैसे की डॉक्टरों द्वारा बताया जाता है की गर्भवती महिला को सही मात्रा में विटामिन c, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम लेना चाहिए। तो ये सारे तत्व कमल ककड़ी के सेवन से प्राप्त किये जा सकते हैं।

तनाव कम और मस्तिष को तेज़ करे :-

reduce stress with kamal kakdi

इसमें विटामिन B 6 होता है जो हमारे दिमाग को तेज़ करता है जिन लोगों को भी तनाव रहता है, सिर भारी रहता है या कई लोगों लोगों की सिर की नसें में दर्द रहता है तो उनको इसे अपने आहार में Kamal Kakdi जरूर शामिल करना चाहिए। इससे उनका दिमाग़ शांत रहेगा और सर दर्द जैसी बीमारी से भी छुटकारा मिल जायेगा।

शरीर में खून की कमी दूर करे :-

जिन लोगों शरीर में खून की कमी है या एनिमिया की शिकायत है उनके लिए भी कमल ककड़ी बहुत लाभदायक है। इसमें काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हमारे शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने में कारगर है। महिलाओं को मासिक धर्म के तीन दिन तक इसका जूस ज़रूर पीना चाहिए ताकि पीरियड्स के दौरान हुई खून की कमी को पूरा किया जा सके।

शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाये | Boost Your Energy Level With Lotus Stem

कमल ककड़ी हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन यानि खून (रक्त संचार) के दौरे को बढ़ाती है। जिस से हमारे शरीर के सारे अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं। इससे हमारा एनर्जी लेवल बढ़ता है यानी ऊर्जा, शक्ति बढ़ती है।

कमल ककड़ी सब्ज़ी की रेसिपी | Delicious Lotus Stem Curry Recipe

सामग्री चाहिए :-

  • कमल ककड़ी – ५०० ग्राम /आधा किलो
  • टमाटर – २
  • प्याज – २
  • हरा धनिया – ५ ग्राम
  • अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट – २ चमच्च
  • सरसों का तेल – २ चमच्च
  • जीरा – १ चमच्च
  • धनिया पाउडर – १ बड़ा चमच्च
  • लाल मिर्च पाउडर – १ चमच्च
  • कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर – १ बड़ा चमच्च (कलर के लिए)
  • हल्दी पाउडर – १/२ चमच्च
  • गरम मसाला – १ छोटा चमच्च
  • नमक स्वादनुसार

कमल ककड़ी बनाने की विधि

सबसे पहले कमल ककड़ी के दोनों किनारों को काट कर अलग कर देंगे अब धीरे धीरे इसका छिलका उतारिये। अगर हम इसका छिलका नहीं उतारेंगे तो खाते समय इसके रेशे मुंह में आएंगे। अब छील कर इसे साफ पानी से अच्छी तरह धो लीजिये और छोटे छोटे चिप्स के आकार के टुकड़ों में काट लीजिये।

अब एक पतीले में पानी गरम कर लें और इसमें एक चमच्च नमक दाल लीजिये। जब पानी उबलना शुरू हो जाए तो इसमें कमल ककड़ी यानी लोटस स्टेम को डाल दें। अब इसे २ से ३ उबाल आने तक पकने दें। दोस्तों ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इसके छेदों में अगर गंदगी या मिट्टी होगी तो वह साफ़ हो जाएगी।

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अब इसे ठंडा होने दें और गैस के दूसरे साइड में कुकर रख दें। कुकर में २ चमच्च तेल डालिये जब तेल गरम हो जाए तो इसमें जीरा मिला दीजिये। जीरे का सुनेहरा रंग आने का यानि जब जीरा तड़कना शुरू हो जाए तो इसमें प्याज डाल देंगे। अब में अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट को डालकर अच्छे से हिलाएं।

इस मिश्रण को अब २ से ३ मिनट तक भुनंने दीजिये। इसके बाद अब बारी आती है टमाटर की तो अब इसे भी डाल दें और अच्छी तरह से मिला लें। अब धनिया पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च और नमक स्वादनुसार डाल देंगे।

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अच्छे से मिलाने के बाद चूल्हे की आंच को धीमा रखें ताकि मसाले जलें ना। अब कूकर को ढक्कन से ढक देंगे और ४ से ५ मिनट तक बुनने देंगे।

“कमल ककड़ी” को पानी से अलग कर दें। अब आप देखेंगे की मसाले अच्छी तरह से पक्क गए हैं और तेल भी छोड़ दिया है। अब कूकर में कमल ककड़ी को डाल देंगे और इसे मसालों के साथ अच्छे से मिला देंगे।

अब इसे ढक्कन से ढक्क कर दोबारा ३ से ४ मिनट तक भूनेंगे इसके बाद कूकर में १. ५ गिलास पानी डाल देंगे और सब्जी को अच्छे से मिलाएंगे। अब कूकर का ढक्कन बंद करके इसको ६ सीटियां आने तक पकाएंगे।

६ सीटियां आने के बाद अब चूल्हे की आंच को बंद कर दें और अपने आप ठंडा होने के लिए छोड़ देंगे। चूल्हा चला दें और थोड़े इंतज़ार के बाद ढक्कन खोल दें और बिना ढक्कन लगाए इसे ४ से ५ मिनट तक उबाला आने दें। अब सब्ज़ी में धनिया की पत्तियां और गरम मसाला डाल दीजिये। दोस्तों अब उबाल भी आ गया है और सब्ज़ी भी अच्छे से बनकर तैयार हो गयी है।

इसे अब गरमा गर्म परोसें और खाने का मज़ा लें।

Note :- सावधानियां – कमल ककड़ी को खरीदते समय ध्यान रखियेगा की वह देखने में सफ़ेद हो, साइज में थोड़ी मोटी हो और उसके दोनों किनारे अगर बंद हों तो और भी अच्छा है। दोनों और से बंद Kamal Kakdi का ये फायदा होगा की इससे कोई भी गंदगी, मिट्टी कमल ककड़ी के छेद में नहीं जाएगी। अगर यह ज़्यादा पतली होगी तो वह जल्दी पकेगी नहीं और उसका स्वाद भी अच्छा नहीं होता है।

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Star Family Health Optima क्या है ? स्टार हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ

Star Family Health Optima के बारे में आज हम आपको बताएँगे, की कैसे आप अपने बेहतर Future के लिए एक बढ़िया Health Insurance Plan ले सकते हैं। यह Insurance Plan हमारे परिवार के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं,

जैसे की अगर आपके परिवार में कोई बीमार हो जाए और आप आर्थिक तंगी से जूझ रहें तो Health Insurance एक सबसे बढ़िया विकल्प है। Star Family Health Optima Insurance Plan की पूरी जानकारी इस लेख में बताई जाएगी।

इसमें हम आपको बताएँगे की कौन कौन इस प्लान को ले सकता है। कितनी Age Limit होनी चाहिए ? कौन कौन फॅमिली में कवर हो सकता है ? कौन सी  बीमारियां इस प्लान में Cover होती हैं और कौन सी नहीं होती ।

तो इस तरह के सारे विषय इस लेख में हम प्रकाशित करेंगे।

What Is Star Family Health Optima ? – स्टार फॅमिली हेल्थ ऑप्टिमा क्या है ?

जैसे ही नाम से पता चलता है ये Insurance Plan आपके पूरे परिवार को कवर करता है। इसका मतलब आप अपने परिवार के लिए एक ही Medical Insurance ले सकते हैं।

यहाँ हम आपको इस Star family health optima insurance plan brochure की सारी जानकारी देंगे।

दोस्तों आपको पता होगा आज कल हमारा जो वातावरण है वह कितना गन्दा हो चूका है जो पानी हम पीते हैं उसमें काफी गंदगी होती है। जो हम सब्ज़ियां और मिठाईयां खाते हैं उसमें भी कई तरह की मिलावट की जाती है।

और जो हमारे आस पास गंदगी होती है उससे हमारे शरीर को कई प्रकार की बमारियां हो सकती हैं। इसका आपको अच्छे से अंदाजा होगा की डेंगू जैसे खतरनाक बीमारियां कितनी जल्दी फैलती हैं।

अगर आप एक बार अस्पताल में दाखिल हो जाते हो तो आपकी काफी सारे पैसे इलाज में लग जाते हैं। अगर आप एक छोटे से अस्पताल में भी दाखिल हो जाते हैं तो आप आपके काफी पैसा खर्च हो जाता है।

दुर्घटना (Accident) की बात करें तो दुर्घटना सड़क पे जाते हुए कभी भी हो सकती है। इस तरह की परिस्थिति हमारे जीवन में कभी भी आ सकती है।

तो Medical Insurance यानी Star Family Health Optima का काम यह होता है की अगर आपको किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ जाते है या कोई सर्जरी करनी पड़ जाती है

या आपका कोई Accident हो जाता है तो उस समय Star Family Health Optima आपके अस्पताल बिल का भुक्तान करने में आपकी मदद करेगा।

अगर में आपको सरल भाषा में समझायुं तो Medical Insurance का काम ये होता है यदि आपको कोई भी बिमारी होती है तो उस समय आपके चिकित्सा का जो भी खर्चा आता है उसमें Insurance कंपनी आपकी मदद करती है।

Eligibility for Buy Star Family Health Optima Insurance – योग्यता

Star Family Health Optima Insurance

आपको बताते हैं की कौन कौन इस Insurance Policy को ले सकते हैं। तो इसमें कोई भी व्यक्ति, औरत जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल तक की है वह व्यक्ति अपने परिवार के लिए इस Insurance Policy ले सकता है।

अब बताते हैं परिवार में कौन कौन इस प्लान में आ सकता है, परिवार में पति, पत्नी और उनके ज्यादा से ज्यादा 3 बच्चे इस Policy में कवर हो सकते हैं।

कहने का मतलब है,

1. पति और उसके बच्चे कवर हो सकते हैं।

2. पत्नी और उसके बच्चे कवर हो सकते हैं।

3. या फिर कह सकते हैं पति, पत्नी और उनके बच्चे कवर हो सकते हैं।

इसके बाद यहाँ बात आती है की बच्चे कितनी उम्र तक कवर हो सकते हैं ? तो बच्चों की अधिकतम उम्र 25 इस Policy में कवर होगी।

अगर 25 की उम्र से ज्यादा का है तो वह इस Family Health Insurance के लाभ नहीं ले पायेगा। 25 साल की उम्र से ज्यादा वाले बच्चे को अलग से Individual पालिसी लेनी पड़ेगी।

यहाँ ये पालिसी सिर्फ और सिर्फ Self, Spouse और अधिकतम तीन बच्चों के लिए दी गयी है। इसमें बच्चे की उम्र 25 साल से काम होनी चाहिए।

TERM OF THIS HEALTH INSURANCE – अवधि

Star Family Health Optima Insurance Term

ज़्यदातर Insurance Policy एक साल के लिए ली जाती हैं उसके बाद एक साल जब आपका पूरा हो जाता है तो इस पालिसी को आपको नवीकरण (Renew) करना पड़ता है।

जैसे आप अपनी मोटरसाइकल या कार का Insurance Renew करवाते हैं उसी तरह आपको इस पालिसी को नवीकरण करना होगा Premium अदा करके । उसके बाद बात आती है Sum Assured की, Sum Assured का मतलब होता है, आपका जो बीमा है वह कितने रूपये का है।

उधारण के तोर पर अगर आपने 10 लाख तक की Sum Assured पालिसी ली है तो अस्पताल आपका 10 लाख तक के अस्पताल के खर्चे को इस Insurance में कवर करेगा ।

अगर आपका 12 लाख का खर्चा होता है अस्पताल में तो ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रूपये कवर किये जायेंगे। और अगर आपने 15 लाख रूपये का Insurance ले रखा है तो 15 लाख तक के खर्चे इस पालिसी में कवर किये जायेंगे।

नोट :- इस पर भी ध्यान दें।

इस पालिसी में जो Sum Assured दिया गया है वह कम से कम 3 लाख रूपये, 4 लाख रूपये, 5 लाख रूपये तक का ले सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा 10 लाख, 15 लाख, 20 लाख और 25 लाख रूपये तक का ले सकते हैं।

5 लाख या इससे ऊपर के Sum Assured पर आपको इस पालिसी में काफी अच्छे लाभ मिल जाते हैं।

कुछ लोग का सवाल है की अगर हम इस Insurance को खरीदते हैं तो क्या पहले कोई Medical Test करवाने होंगे या नहीं करवाने होंगे ? तो उन लोगों को हम बताना चाहेंगे अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा की है तो ही आपको Medical Test करवाने की जरूरत पढ़ेगी।

अन्यथा आपको कोई भी तरह का Medical Test यहाँ पर नहीं करवाना होगा।

उसके साथ साथ जो भी यहाँ पर Medical Test के जो खर्चे होते हैं वह आपको भुक्तान नहीं करने होते, जिस भी कंपनी से आप Insurance लेते हैं वह कंपनी खुद यह खर्चे भुक्तान करती है।

यह टेस्ट आपको कंपनी द्वारा दिए गए केंद्र में ही करना होगा ऐसा नहीं की आप किसी भी डॉक्टर से ये टेस्ट करा कर कंपनी को दे दें।

जिस भी केंद्र पर कंपनी की तरफ से आपको कहा जायेगा वहां पर जाकर उस समय पर ही आपको वह मेडिकल टेस्ट करने होंगे।

लेकिन याद राखियेगा की यह टेस्ट सिर्फ तभी के तभी कराने हैं जब आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा की हो चुकी हो और आपको कौन कौन से मेडिकल टेस्ट कराने है वो भी कंपनी से ही पता चलता है और कहाँ कराने हैं,

वह सारी जानकारी आपको तब मिलेगी जब आप अपना फॉर्म भर के कंपनी को दे देते हैं Insurance Policy के लिए।

Advantage Of Star Family Health Optima Plan – स्टार हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ

Star Family Health Optima

BENEFIT NO.1 – सबसे पहला फायदा

अब बात करते हैं इस Insurance Policy के क्या क्या लाभ हम ले सक्ते हैं।

इसमें आपको कमरे का किराया, बोर्डिंग का खर्चा, नर्सिंग का खर्चा आदि मिल जाता है। अगर आप अस्पताल में भर्ती  होते हैं तो आपको अस्पताल में कमरा लेना होता है तो कमरे का जितना भी किराया वो इसमें कवर हो जायेगा।

साथ ही साथ बोर्डिंग और नर्सिंग के खर्चे भी आप इसमें Claim कर सकते हैं। अगर आप 5 से लेकर 25 लाख रूपये तक की Policy लेते हैं तो उसमे आप कोई भी एक Single Stranded Ac Room में भर्ती हो सकते हैं।

उसके लिए यहाँ कोई भी Room Rent लिमिट नहीं है। लेकिन अगर आप 3 से 4 लाख रूपये तक की पालिसी लेंगे तो उसमें 5 हज़ार रूपये Per Day की रूम लिमिट है।

उससे अधिक Room Rent होगा तो वो आपको अपने पास से भुक्तान करना होगा।

जैसे  हमने आपको पहले भी बताया है की अगर आप इस Insurance Policy को ले रहे हैं तो जरूर 5 लाख रूपये या उससे ज्यादा का यह Insurance Policy लें।

BENEFIT NO.2 – दूसरा फायदा

इसके साथ साथ यहाँ Surgeon की फीस, Consultant की फीस या जो स्पेशल डॉक्टर्स होते हैं उनकी फीस यहाँ पे कवर हो जाएगी और उनकी फीस आप यहाँ से Claim कर सकते हैं।

और अस्पताल में अगर आप खून की या आक्सीज़न जरुरत पड़ती है या फिर आपका कोई ओप्रशन होता है तो ऑपरेशन थिएटर का खर्चा, आपकी दवाईओं का खर्चा, X -Ray के खर्चे वगेरा यहाँ पर कवर हैं। इन सभी का claim आप यहाँ पे ले सकते हैं।

साथ साथ आपको यहाँ एम्बुलेंस की सुविधा मिल जाती है। अगर आप किसी कारण से घर पर हैं और कोई वहां नहीं है तो आप एम्बुलेंस से अस्पताल जाकर दाखिल हो सकते हैं।

यहाँ पर आपको एमर्जेन्सी एम्बुलेंस की सुविधा मिल जाती है साथ ही Air Ambulance की भी सुविधा मिल जाती है। एमर्जेन्सी एम्बुलेंस का खर्चा कितना कवर होता है वह आप इस चित्र में देख सकते हैं।

Air Ambulance की इस लिए ज़रूरत पड़ती है क्यूंकि कई बार ऐसा होता है आपको इलाज कराने के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है तो Air Ambulance की मदद से इलाज कराने के लिए बाहर जा सकते हैं।

उस केस में अगर आपने 10 लाख रूपये की पालिसी ली है तो उसका 10% यहाँ पर अधिकतम से अधिकतम Air Ambulance के केस में कवर किया जायेगा।

नोट :- लेकिन एयर एम्बुलेंस का फायदा 5 लाख रूपये से ज्यादा की पालिसी पर ही मान्य है।

Pre-Hospitalization :-
उसके इलावा यहाँ पर आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले 60 दिन पहले तक के खर्चे जो आपकी बीमारी पर लगे हैं वह Claim में ले सकते हैं।

क्यूंकि ज़्यादातर ऐसा होता है की अगर में कोई परेशानी होती है तो पहले हम मेडिकल स्टोर से दवाईयां लेकर देखते हैं, अगर सही नहीं होते तो अस्पताल में भर्ती होते हैं।

तो अस्पताल में भर्ती होने से 60 दिन पहले के जो खर्च हमने अपनी बीमारी पर किया है वह हम यहाँ Claim में ले सकते हैं। और ऐसा भी नहीं होता है की हम अस्पताल से निकले और एकदम से सही होकर निकलें।

उसके बाद भी हमारा इलाज कुछ न कुछ चलता रहता है, जैसे X-Ray का हो गया या हमारी दवाईओं का खर्चा हो गया तो वो सब चलता रहता है जब हम अस्पताल से Discharge हो कर आ जाते हैं तो भी।

Post-Hospitalization :-
तो अस्पताल से Discharge होने के 90 दिन बाद तक के खर्चे आप यहाँ पर Claim कर सकते हैं। 60 दिन दाखिल होने से पहले और 90 दिन Discharge होने के बाद के खर्चे यहाँ पर जो आपकी बीमारी लगे हैं वो कवर कर सकते हैं।

BENEFIT NO.3 – तीसरा फायदा

इसका तीसरा फायदा यह है की इसमें आपको स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा भी मिल जाती है। अगर आपने Policy Term के दौरान, कोई भी Claim नहीं लिया है तो आप अपना स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) करा सकते हैं की भी Network अस्पताल में।

ये  स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) की सुविधा तभी मिलती है अगर आपने पूरे साल में कोई भी Insurance का Claim ना लिया हो।

और अगर आपने यहाँ 10 लाख रूपये का Sum Insured लिया है तो आप 2 हज़ार रूपये तक का एक साल में  स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) किसी भी Network अस्पताल में करा सकते हैं।

BENEFIT NO.4 – चौथा फायदा

अब बात करते हैं चौथे फायदे की, अगर कोई नवजात शिशु है तो जब वह 15 दिन का हो जायेगा तो 16वें दिन से उस बच्चे को भी इस पालिसी में कवर कर लिया जायेगा।

लेकिन उसके इलाज के लिए यहाँ पर 10% आपके Sum Insured का या 50 हज़ार, जो भी कम राशि होगी, उतना ही अधिकतम कवर मिलेगा।

लेकिन इसमें शर्त ये है की बच्चे की माँ 12 महीने तक इस पालिसी में कवर होनी चाहिए और जानकारी कंपनी को देनी होगी जब भी आपका नवजात शिशु होता है।

यहाँ एक बात और नोट करने की है की यहाँ हम ये नहीं कह रहे की Baby Delivery या Pregnancy का खर्चा कवर होगा। हम यहाँ सिर्फ नवजात शिशु के इलाज की बात कर रहे हैं।

अगर नवजात बच्चा पैदा होता है और उसके साथ कोई भी मेडिकल इलाज की जरुरत हुई तो उसके खर्चे यहाँ पर कवर किये जायेंगे।

BENEFIT NO.5 – पांचवा फायदा

एक सुविधा और आपको मिल जाती है Automatic Restoration की, इसमें आपको Three Times Restoration का लाभ मिल जाता है।

इसका मतलब ये है की अगर आपके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हुआ और उस पर आपके बीमे का जो कवर है वो लिमिट पूरी हो जाती है। तो उसके बाद भी हम आपके परिवार के दुसरे या तीसरे सदस्य के लिए कवर प्रदान करेंगे।

वह भी पूरी रकम का जितना आपने कवर लिया है। उदहारण के तोर पर अगर, कोई पति, कोई पत्नी है और उनके साथ 2 बच्चे हैं और उन्होंने 10 लाख रूपये की पालिसी ले रखी है।

तो मान लेते हैं है पति के साथ कोई दुर्घटना हुई और उनके अस्पताल से जो खर्चे आये हैं वो आये हैं 12 लाख रूपये, इसके साथ साथ अगर पत्नी के साथ कोई दुर्घटना होती है और उनके खर्चे आते हैं 13 लाख रूपये।

तो हम बात करें हमारी पालिसी थी 10 लाख रूपये लेकिन यहाँ पर Automatic Restoration का लाभ है।  तो यहाँ लाभ ये होगा की 10 लाख रूपये थे उसका पति को Claim मिल जायेगा साथ ही साथ जो पत्नी थी उनको 10 लाख रूपये का Claim यहाँ पर मिल जायेगा।

इसके साथ साथ मन लेते हैं उनका बच्चा था और वो भी यहाँ अस्पताल में भर्ती हुआ था किसी कारण से और 8 लाख रूपये उनके बच्चे पर लग गए तो यहाँ 8 लाख रूपये का लाभ भी बच्चे को मिल जायेगा।

इस तरीके से आप यहाँ पर तीन बार इसको Claim ले सकते हैं अगर पूरी लिमिट आपके Sum Insured की वह एक ही व्यक्ति इस्तेमाल कर लेता है।

अगर कोई व्यक्ति इस लिमिट को इस्तेमाल नहीं करता है तो आप इस Automatic Restoration का लाभ नहीं ले पाएंगे। और ये लाभ सिर्फ और सिर्फ उपलब्ध है अगर 3 लाख रूपये से ज़्यादा का Sum Insured लेते हैं।

BENEFIT NO.6 – छठा फायदा

इसमें आपको एक Recharge Benefit भी मिल जाता है। अगर आप अपनी पालिसी की कवरेज को पूरा कवर कर लेते हैं तो उसके बाद जो लिमिट है जो आप इस Screen Shot में देख पा रहे हैं, उतने Amount तक की लिमिट में आपकी कवरेज को बढ़ा दिया जाता है। इसके लिए आपको कोई अधिक भुक्तान नहीं करना होता है।

आईये आपको एक उदहारण के तोर पर समझते है।
Example :-

मान लेते हैं आपने 10 लाख रूपये की Insurance Policy ली है और जो आपका अस्पताल का खर्चा है वह आया है 11 लाख रूपये का। तो यहाँ पर Recharge Benefit मिलता है।

Recharge Benefit आपको यहाँ 1.5 लाख रूपये का मिलने वाला है। तो यहाँ पर 10 लाख रूपये की पालिसी थी, 1.5 लाख रूपये इसका आपको Recharge Benefit मिलता है।

अब यहाँ पर जो भी 11 लाख रूपये का खर्चा है आपका, वो पूरा कंपनी की तरफ से दे दिया जायेगा, यहाँ पर आपको 1 लाख रूपये जो अधिक है वह अपने पास से भुक्तान नहीं करने होंगे। उम्मीद करता हु अब आप Recharge Benefit का मतलब अच्छे से समझ गए होंगे।

BENEFIT NO.7 – सातवां फायदा

एक और फायदा आपको मिल जाता है जो है No Claim Bonus, अगर आप किसी 1 साल पालिसी पर कोई Claim नहीं लेते हैं तो उसके अगले साल आपको यहाँ पर एक बोनस मिल जाता है।

मान लेते हैं पहले साल आपने पालिसी ली और आपने कोई भी Claim Insurance कंपनी से नहीं लिया तो उसके अगले साल आपको यहाँ 25% का बोनस मिल जायेगा।

आपके Sum Insured का 25%, इसका मतलब ये है की आप सिर्फ और सिर्फ 10 लाख रूपये का Star family health optima insurance plan ले रहे हैं तो आपको प्रीमियम सिर्फ 10 लाख रूपये भुक्तान करना होगा।

लेकिन आपका जो इन्शुरन्स कवर होगा, वो कवर होगा 12 लाख 50 हज़ार रूपये का और उसके अगले साल भी अगर आप Claim नहीं लेते हैं तो यहाँ पे आपका अगले साल बोनस मिलता रहेगा।

जो बाकी के 25 सालों में है वो 10-10% का बोनस आपको मिलता रहेगा। और यह बोनस अधिकतम से अधिकतम 100% तक भरता रहेगा।

BENEFIT NO.8 – आठवां फायदा

अब बात आती है वेटिंग पीरियड (Waiting Period) की तो यहाँ पर पालिसी लेने के बाद 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है। मतलब की पालिसी लेने के 30 दिन बाद आपको Claim मिलेगा।

अगर पालिसी लेने के 30 दिन के अंदर अंदर आपको कोई बीमारी होती है तो उसका कवर आपको नहीं मिलेगा।

लेकिन दुर्घटना के केस में यहाँ पर कोई भी Waiting Period नहीं है। Accident Cover यहाँ पर पहले दिन से ही कवर हो जाता है।

और अगर आप आंतरिक रोगी उपचार (Inpatient Treatment) करा रहें है तो अस्पताल के खर्चे तभी कवर होंगे अगर रोगी कम से कम 24 घंटे अस्पताल में दाखिल रहता है।

अगर 24 घंटे से कम समय में अस्पताल में रहते हैं तो खर्चे यहाँ पर कवर नहीं होंगे। लेकिन अगर दुर्घटना के कारण कुछ होता है चाहे वह सड़क दुर्घटना हो,

या फिसल के गिरे हों या किसी से लड़ाई हो गयी हो तो उस केस में 24 घंटे अस्पताल में रहने की शर्त मान्य नहीं होगी और ना ही वेटिंग पीरियड (Waiting Period) यहाँ पर उपयुक्त होगा।

तो हम एक बार फिर आपको दोहरा देते हैं की अगर आप अगर आप यहाँ पे अस्पताल में कोई इलाज करा रहे करा रहे हैं तो यहाँ पर ज़रूरी है की 24 घंटे के लिए आप अस्पताल में दाखिल रहें।

लेकिन दुर्घटना की वजह से कुछ होता है तो 24 घंटे अस्पताल में रहना ज़रूरी नहीं है। क्यूंकि दुर्घटना के केस में कई बार ऐसा होता है की आप 2-3 घंटे में ही कुछ उपचार करा कर घर वापिस आ जाते हैं।

इसके साथ साथ कुछ डे-केयर ट्रीटमेंट होते हैं जैसे की पथरी का ऑपरेशन (Stones Operation) तो कुछ ऑपरेशन ऐसे भी होते हैं जिनको 4 से 5 घंटे में पूरा कर लिया जाता है। तो उस केस में 24 घंटे अस्पताल  दाखिल रहने की शर्त मान्य नहीं होगी।

Star Family Health Optima Last And Best Benefit

इसके साथ आपको इनकम टैक्स (Income Tax) के लाभ भी मिल जाते हैं। जो लोग भी इनकम टैक्स का भुक्तान करते हैं वह इनकम टैक्स के 80-D सेक्शन में जो भी प्रीमियम यहाँ पर भुक्तान करते हैं उसकी कटौती (Deduction) यहाँ ले सकते हैं।

और इस पालिसी में आपको कैशलेस की सुविधा भी मिल जाती है आप किसी भी नेटवर्क अस्पताल में अपना कैशलेस इलाज करा सकते हैं।

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यहाँ पे आपको कोई भी नकद भुक्तान करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, नेटवर्क अस्पताल में आप सिर्फ और सिर्फ जाकर अपना इलाज कराईये और वापिस अपने घर पर आ सकते हैं।

Disadvantage OF Star FAMILY HEALTH OPTIMA POLICY – स्टार फेमिली हेल्थ ऑप्टिमा के कुछ नुकसान

हमने आपको इस पालिसी के सभी लाभों के बारे में बताया है लेकिन इसके कुछ नुक्सान भी हैं आईये जानते है कौन कौन सी चीज़ें हैं जो इसमें कवर होंगी। मतलब की ऐसे कौन कौन सी बीमारियां हैं जो इसमें कवर नहीं होंगी।

तो जैसे की कॉस्मेटिक सर्जरी होती है या प्लास्टिक सर्जरी होती है और डेंटल ट्रीटमेंट होते हैं इस तरह की कोई बीमारी यहाँ पर कवर नहीं की जाएगी।

उसके बाद यहाँ पर कुछ चुंनिंदा बीमारियां है जो आपकी पालिसी शुरू होने के 2 साल बाद कवर होती हैं।

तो वह आप अपने पालिसी के दस्तावेज़ में देख सकते हैं की कौन कौन सी ऐसी जो बीमारियां हैं जो की 2 साल बाद कवर होती हैं।

और अगर पालिसी लेने के बाद आपको लगता है की जैसी पालिसी आपको चाहिए थी वैसे नहीं है तो इसमें आपको 15 दिन का Grace Period भी मिल जाता है।

पालिसी दस्तावेज़ आपको मिलने के बाद 15 दिन के अंदर अंदर आप अपनी पालिसी को रद्द करा सकते हैं और आप अपना दिया हुआ पैसा (Refund) वापिस ले सकते हैं।

यहाँ पर आपको 15 दिन की अवधि दी जाती है जब भी पालिसी के दस्तावेज़ आपके पास आते हैं आप उन दस्तावेज़ों को अच्छी तरह से पढ़िए।

जब आप पढ़ लेते हैं और संतुष्ट हो जाते हैं तो आप अपनी पालिसी को रख सकते हैं। अगर आप संतुष्ट नहीं होते है तो आप अपनी पालिसी को रद्द करा सकते हैं।

अगर आपको इस पालिसी को लेकर कोई भी दुविधा है या कोई प्रशन है तो आप नीचे कमेन्ट में पूछ सकते हैं।

अगर आपको कमेंट में उत्तर नहीं मिलता तो आप Star FAMILY HEALTH OPTIMA के Customer Care – 1800-120-5698 पर भी काल कर सकते हैं।

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jackfruit benefits in hindi

जाने कटहल के गज़ब के फायदे Jackfruit Benefits In Hindi

Jackfruit Benefits In Hindi – आज हम आपको इस लेख में बताएँगे कटहल यानी जैकफ्रूट क्या होता है ? ये किस प्रान्त में पाया जाता है और कैसे इसको अपने भोजन में शामिल करके इसके लाभ ले सकते हैं।

जैकफ्रूट की सब्ज़ी का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है और साथ ही ये दुनिया का सबसे बड़ा फ़ल है।

इसका प्रयोग सब्ज़ी में ही नहीं आचार पकोड़े और कोफ्ते बनाने में भी किया जाता है। कटहल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

कटहल की विस्तार से जानकारी इस लेख में दी गयी है जिसमें इसके फायदे और नुक्सान की पूर्ण रूप से चर्चा की गयी है। आईये जानते हैं कटहल क्या है।

कटहल (जैकफ्रूट) क्या होता है ? What is Kathal (Jackfruit) ?

आईये बात करते हैं जैकफ्रूट की जिसे Hindi Meaning Mein Kathal कह के (Artocarpus heterophyllus) भी संभोधित किया जाता है। जैकफ्रूट का वृक्ष काफी फैलावदार होता है और उसमें बहुत सी शाखाएं निकलती है जिस कारण ये बाद में काफी बड़ा पेड़ बन जाता है। Jackfruit Benefits in Hindi के साथ साथ हम जानेंगे आखिर ये है क्या और क्यों इतना लोकप्रिय है।

इसकी छाया में और भी फसल लगायी जा सकती है जैसे काली मिर्च, अदरक या इलाइची इत्यादि। इसका फल काफी पौष्टिक होता है, जब ये कच्चा होता है तब इसकी सब्ज़ी बनायीं जाती है।

ये वृक्ष लगभग हर प्रकार की मिटटी में उग जाता है इस की एक किस्म खजवा नाम की होती है। कटहल की खेती बीज से की जा सकती है और बाद में ग्राफ्टिंग की जाती है। फरवरी माह से मार्च और अक्टूबर, नवम्बर में हम इसकी ग्राफ्टिंग कर सकते हैं।

ये पेड़ 15 मीटर तक फ़ैल जाता है इसकी कुछ किस्में ऐसी होती हैं जिनके पौधे जो हैं वो छोटे रहते हैं लेकिन उनमें फल आना शुरू हो जाता है।

ज़्यादा शाखाएं पाने के लिए आप जुलाई महीने में इसमें गोबर की खाद अथवा एन पी के (NPK) से इसका उपजाउपन बढ़ा सकते हैं। जैसे जैसे पेड़ बड़ा होता जाएगा आप उसमें खाद की मात्रा बढ़ाये जा सकते हैं।

जब इसके फल कच्चे होते हैं तब इसको सब्ज़ी के रूप में तोड़ लिया जाता है लेकिन जब वह पक्क जाते हैं तो इनका रंग पीला हो जाता है। साथ ही साथ इनके जो कांटे होते हैं उनका नुकीलापन भी कम हो जाता है।

अगर हम कटहल यानी जैकफ्रूट को बीज से उगाते हैं तो ये पांच साल के बाद फ़ल देना शुरू करता है और अगर आप इसे ग्राफ्टिंग यानी कलम की मदद से उगाते हैं तो ये तीन से चार साल में आपको फ़ल देना शुरू कर देता है।

कटहल (जैकफ्रूट) के पौष्टिक गुण Jackfruit Nutrition Value

कटहल बहुत ही गुणकारी होता है इसके अंदर विटामिन A, विटामिन C, विटामिन B1, विटामिन B2, प्रोटीन, लोह की मात्रा, बहुत से मिनरल्स, फाइबर, कैल्शियम वगेरा इसमें अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं।

जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं और हमारे शरीर की आवश्यकतायों को पूरा करने में मदद करते हैं। हम तरह तरह के जो कैप्सूल खाते है उनसे अच्छा है की हफ्ते में दो बार कटहल की सब्ज़ी का इस्तेमाल ज़रूर करें।

इस लेख में हम Jackfruit Benefits In Hindi में आपके लिए विस्तार से बता रहे हैं तो इन्हे गौर से पढ़िए।

सबसे अच्छी बात इसमें कैलोरी न के बराबर होती है जिन लोगों को हृदय से सम्भदित कोई रोग होता है उनके लिए कटहल बहुत फायदेमंद है।

आप नीचे दिए गए चार्ट में विस्तार से इसके अंदर पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों को देख सकते हैं और ये भी देख सकते हैं की कितनी कितनी मात्रा में मौजूद हैं।

[su_box title=”प्रति 100 ग्राम मात्रा में”]

कैलोरी95
टोटल फैट0.6 gm
सैचुरेटेड फैट0.2 gm
पोलीअन सैचुरेटेड फैट0.1 gm
मोनो सैचुरेटेड फैट0.2 gm
ट्रांस फैट0 gm
कोलेस्ट्रॉल0 mg
सोडियम2 mg
पोटाशियम448 mg
टोटल कार्बोहायड्रेट23 gm
डाइटरी फाइबर1.5 gm
शुगर19 gm
प्रोटीन1.7 gm
विटामिन A2%
विटामिन C22%
कैल्शियम2%
आयरन1%
मैग्नीशियम7%
विटामिन B615%

[/su_box]

कटहल (जैकफ्रूट) के सबसे बेहतरीन फायदे Amazing Jackfruit Benefits

Kathal Jackfruit Benefits in hindi full info

कटहल में बहुत सारे पोषक तत्व काफी सही मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम, पोटाशियम और आयरन इत्यादि। तो आपको भी कटहल खाना बहुत पसंद है तो आज इसके फायदे के बारे में भी ज़रूर जानना चाहिए। तो आईये शुरू करते हैं कटहल के फायदे और गुण की सम्पूर्ण चर्चा।

पाचन संबधी बीमारियां दूर करने में सहायक

इसका सबसे पहला फायदा है की यह पाचन संबधी बीमारियां दूर करने के लिए कटहल बहुत कारगर माना जाता है। इसके लिए आपको कटहल कैसे लेना यह भी बताते है। सबसे पहले कटहल का गूदा लें और इसे कद्दूकस करके उबाल लेना है।

इस उबाले हुए कटहल के गूदे को अच्छे से जूस बना कर पी लेना है। इस जूस का सेवन अगर आप रोज़ाना करेंगे तो धीरे धीरे अपच जैसी समस्याओं से आपको छुटकारा मिल जायेगा।

यह एक बहुत ही अच्छा उपाय है पाचन संबधी बीमारियों को दूर करने के लिए। इस उपाए को ज़रूर करें आपको तीन चार दिन में ही इसका असर देखने को मिल जायेगा।

आँखों की तंदरुस्ती लिए लाभदायक 

कटहल में विटामिन A बहुत अच्छी मात्रा में होता है, इसकी मदद से हमारी आँखों की जितनी भी परेशानियां होंगी उन्हें दूर करने में कटहल हमारी मदद करता है।

साथ ही साथ अगर आपको नाईट ब्लाइंडनेस यानि अंधराता की शिकायत है तो यह इस परेशानी को दूर करने में भी मदद करता है। इसलिए जितना आप कटहल की सब्ज़ी या कटहल का सेवन कर सकते हैं रोज़ाना अपनी ज़िन्दगी में करना चाहिए।

हड्डियों को मज़बूत बनाये

इसका तीसरा फायदा यह है की यह हड्डियों को मज़बूत बनाता है क्यूंकि इसके अंदर कैल्शियम बहुत सही मात्रा में मिल जाता है। जो की हमारी हड्डियों के विकास और मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है।

तो अगर आप चाहते हैं की आपकी हड्डियों का विकास सही से हो तो जैकफ्रूट को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें।

मधुमेह रोगियों के लिए वरदान

मधुमेह रोगियों के लिए कटहल बहुत फायदेमंद होता है कटहल में बहुत कम Glycemic Index होता है खासकर कच्चे कटहल में। यही वजह है की इसे खाने से मधुमेह के मरीज़ों को ब्लड शुगर का स्तर समान्य रखने में मदद मिलती है। इसके इलावा इसमें घुलनशील फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जो आपके मधुमेह (Diabetes) होने के खतरे को कम करती है।

कैंसर से बचाने में सहायक

कई खोजें इसका दवा करती हैं की कटहल यानि जैकफ्रूट  कैंसर की कोशिकायों को नष्ट करने में मददगार साबित हुआ है। Jackfruit में आइसोफ्लेवोन, सैपोनिन जैसे फाइटोनुट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें एंटी कैंसर, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटी अल्सर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीएजिंग गुण होते हैं।

मुंह के छाले ठीक कर आराम देता है

मुंह में बार बार छालों की शिकायत रहती है तो कटहल सबसे उत्तम ओषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको कटहल की कच्ची पत्तियों मुंह में चबा कर थूक दें। ऐसा करने से मुंह के छालों से निजात मिल जाती है और दर्द में आराम मिलता है।

थाईरायड की समस्या को दूर करे

थाईरायड की समस्या को दूर करने में भी कटहल सबसे बढ़िया स्रोत माना गया है। इसमें मौजूद छोटे छोटे खनिज, कॉपर, थाईरायड की बीमारी को दूर करते हैं। क्यूंकि इसमें विटामिन B भी शामिल होता है जो स्वास्थ्य थाईरायड कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है और इसके लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

कटहल के बीज एवं फायदे Kathal Jackfruit Seed Benefits

कटहल के साथ साथ इसके बीज भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं, इस भाग में Jackfruit Benefits के साथ साथ इसके बीजों के बारे में चर्चा कर रहे हैं, इसके बीजों में काफी सारा पोषण छुपा हुआ रहता है। इसके पोषक तत्वों की बात करें कार्बोहायड्रेट (Carbohydrates), विटामिन A, विटामिन C, और विटामिन B भी पाया जाता है कटहल का प्रयोग हम ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी कर सकते हैं।

  • जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल काफी तेज़ हो वह इसके बीज रोज़ खाएं साथ जिन्हें कब्ज़ की शिकायत हो उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए। जो लोग मोटापे के शिकार हैं वह भी इसका सेवन कर सकते हैं क्यूंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है।
  • कटहल के बीज का चूरन बना कर इसमें शहद मिलाइये फिर उसे चेहरे पर लगाएं इससे चेहरे पर पड़े हुए दाग धब्बे मिटेंगे और आपका चेहरा साफ़ हो जायेगा।

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[su_heading margin=”0″] जैकफ्रूट से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य Amazing Facts of Jackfruit[/su_heading]

इस लेख इस के इस भाग में बात करेंगे जैकफ्रूट यानी कटहल से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

जैकफ्रूट भारत के दक्षिण भागों, दक्षिण पूर्वी एशिया, वेस्ट इंडीज और फिलीपींस के अन्य हिस्सों में फ़ैल गया हुआ है।

जैकफ्रूट का पेड़ उष्ण कटिबंधीय निचले इलाकों में अच्छी तरह से उपलभ्द है और इसका फ़ल सबसे बड़ा पेड़ से पैदा हुआ फ़ल है। वज़न में 35 किलो ग्राम या 80 पाऊंड,90 सेंटीमीटर या 35 इंच लम्बाई में और 50 सेंटीमीटर या 20 इंच व्यास में ये मिल जाता है।

एक पके हुए कटहल को फ़ल के रूप में खाया जाता है लेकिन एक सब्ज़ी के रूप में बिना पके हुए का इस्तेमाल किया जाता है।

कटहल 80 प्रतिशत पानी का बना हुआ होता है।

इसे अक्सर मध्य और पूर्वी अफ्रीका में लगाया जाता है और यह ब्राज़ील में भी काफी लोकप्रिय है।

कटहल का पेड़ सलाना लगभग 100 से 200 फ़ल पैदा कर सकता है।

जैकफ्रूट का गूदा बहुत ही मीठा और सगंधित होता है। जिसे आम, केले, खरबूजे पपीते के स्वाद संयोजन के रूप में वर्णित किया गया है।

ये बहुत लम्बे समय तक जीवित रहने वाला पेड़ है और आम तौर पर 60 से 70 साल की उम्र के साथ।

जैकफ्रूट एक से अधिक फ़ल है जो सैंकड़ों से हज़ारों व्यक्तिगत फूलों से बना होता है।

Jackfruit Calories के मामले में सबसे अच्छा माना जाता है, खाद्य कटहल के गूदे के 100 ग्राम 95 कैलोरी प्रदान करते हैं, फ़ल, फ्रुक्टोज़ और सुक्रोज़ जैसे साधारण षरतरा से बने आसानी से पचाने योग्य गूदे से बना होता है।

एक कटहल के फ़ल में 100 या 500 से अधिक बीज हो सकते हैं।

आपको शायद नहीं पता होगा की कटहल बांग्लादेश का राष्ट्रीय फ़ल है।

भारत के पुरातात्विक निरकाशों से पता चलता है की 3000 हज़ार से 6000 हज़ार वर्ष पहले भारत में कटहल की खेती की गयी थी।

जैकफ्रूट अफ्रीका के कई देशों जैसे खाद्य सुरक्षा के साथ समस्याओं का सामना करने वाले देशों के लिए एक संभावित समाधान प्रदान करता है।

एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है जो शरीर को संक्रामक एजेंटो और हानिकारक मुक्तकरणो के खिलाफ प्रतिरोध विकसित करने में मदद करता है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण, कोशिका के D N A को नुक्सान पहुंचाते हैं और कैंसर कोशिका के उत्पादन की शुरुआत करते हैं।

पढ़ें अन्य तथ्य और Jackfruit Benefits in Hindi Wording

कटहल को फिलिपिनो में लंग्का और सिब्वानो में नागका कह के सम्भोधित किया जाता है। बिना पका फ़ल आमतौर पर नारियल के दूध में पकाया जाता है और चावल के साथ खाया जाता है।

श्रीलंका में जैकफ्रूट की लकड़ी महत्वपूर्ण है और इसे यूरोप में निर्यात किया जाता है। ये लकड़ी दीमक प्रतिरोधी होती है और फर्नीचर बनाने के लिए बेहतर है।

कटहल करा और तमिलनाडु के भारतीय राज्यों का राज्य फ़ल है और ये आम और केले साथ तमिलनाडु के तीन शुभ फलों में से एक है।

श्रीलंका और वियतनाम में जैकफ्रूट उध्योग स्थापित किये गए हैं जहाँ ये फ़ल आटा, नूडल्स, पापड़ और आइसक्रीम जैसे अन्य उत्पादों में संसाधित होता है।

गर्भावस्था के दौरान कटहल खाना चाहिए या नहीं ? Is Jackfruit (kathal) Safe During Pregnancy ?

[su_dropcap]1[/su_dropcap] [su_box title=”पहला तथ्य है.”]हाँ खाना चाहिए। जानिए क्यों ? [/su_box]

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी चीज़ें खाने का मन करता है और बहुत सारी चीज़ें ऐसे होती हैं की उन्हें बिलकुल खाने का मन नहीं करता। लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हे हमें अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

इसके लिए आपको डॉक्टर भी सलाह देते हैं साथ ही साथ आपके घर की जो महिलाएं होती हैं, बड़े बुज़ुर्ग होते हैं वह भी सलाह देते हैं। दोस्तों गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती हैं ताकि आपके गर्भ में जो शिशु है उसको सही पोषण मिल सके।

कई सब्ज़ियों में पौष्टिकता और गर्भावस्था में उनके सेवन को लेकर भी दुविधा बनी रहती है ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है की गर्भावस्था में कटहल खाना चाहिए के नहीं।

ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है की गर्भावस्था में कटहल खाना चाहिए या फिर नहीं ?

तो इस सवाल का जवाब है हाँ।

कटहल से कुछ ही महिलाओं को समस्या होने की सम्भावना हो सकती है लेकिन पोषण के मामले में कटहल बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। कटहल में सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कटहल कई तरह के विटामिन तत्वों से बना होता है जिनमें विटामिन A और C मुख्य हैं।

कटहल का फ़ल रेशेदार होता है इसलिए पेट से जुडी समस्याओं से ग्रसित लोगों के लिए ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस वजह से गर्भवती महिला को कटहल खाने का सुझाव दिया जाता है।

जैकफ्रूट विटामिन C का बढ़िया स्रोत है इसे खाने से मामूली इन्फेक्शन जो बाद में स्थिति को खराब कर सकते हैं उससे बचा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या आम है ऐसे में कटहल का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। क्यूंकि यह मूड स्विंग को ठीक करने में कारगर माना गया है।

गर्भावस्था में कटहल यानी जैकफ्रूट खाने से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है हार्मोन्स की गड़बड़ी आपके लिए भारी पड़ सकती है। गर्भवती महिला को हफ्ते में 500 ग्राम कटहल का सेवन ज़रूर करना चाहिए।

इसके चिप्स, पका हुआ फ़ल, गूदा और ग्रेवी वाली सब्ज़ियां इसका सबसे अच्छा विकल्प हैं। इसके इलावा गर्भ में विकसित हो रहे भ्रूण की सव्स्थ्य वृद्धि के लिए कटहल काफी फायदेमंद माना जाता है। ये बच्चे की आँखों की रौशनी के लिए भी अच्छा माना जाता है।

कटहल में जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं जो की जच्चा और बच्चा दोनों के लिए लाभदायक माने जाते हैं। कटहल एक रेशेदार फ़ल है जो महिलाओं में कब्ज़ और पाचन से सम्भंदित परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। ये पेट में होने वाले संक्रमण से भी बचाता है।

[su_dropcap]2[/su_dropcap] [su_box title=”दूसरा तथ्य है.”]नहीं खाना चाहिए। जानिए क्यों ? [/su_box]

अब चर्चा करते हैं कटहल खाने से क्या क्या नुक्सान हो सकते हैं तो देखिये कटहल खाने से कोई खाने से कोई ख़ास नुक्सान नहीं होता। बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता है की कटहल यानी जैकफ्रूट खाने से गर्भपात हो सकता है क्यूंकि कटहल की तासीर गर्म होती है। तो इसके लिए आपको यह करना चाहिए की आप पहले महीने से लेकर तीसरे महीने तक कटहल का सेवन ना करें।

वैसे दोस्तों अभी तक कटहल खाने से गर्भपात भी हो सकता है लेकिन इस बात का अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक शोध प्रकाश में नहीं आया है।

इसलिए आप चाहें तो कटहल का सेवन कर सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कोशिश करें की एक से लेकर तीन महीने तक ना खाएं। पर तीसरे महीने के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं।

बाकी अगर आप ज़यादा मात्रा में इसका सेवन करेंगे तो इससे आपको जो नुकसान हो सकता है वह यह है की कटहल में अन्य फलों की तरह चीनी की मात्रा अधिक होती है जिसके परिणाम सवरूप शुगर यानी मधुमेह के स्तर में वृद्धि हो सकती है। जो की गर्भावस्था के दौरान अच्छा संकेत नहीं है। खास कर तब जब गर्भवती महिला को गर्भ अवधि मधुमेह हो।

इसके इलावा अगर आप ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन करेंगे तो आपको दस्त हो सकते हैं इसके इलावा आपको पेट से सम्बंधित और भी कुछ परेशानी हो सकती है। बहुत सारी महिलाओं को कटहल से एलेर्जी हो जाती है।

सावधानियां – गर्भावस्था में कटहल कैसे खाएं ?

अब बात करते हैं की गर्भावस्था के दौरान यदि आप जैकफ्रूट खाते हैं तो आपको क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले आप पूरी तरह पका हुआ कटहल ही चुने, आपको ताज़ी, भारी और गहरे रंग की जो कटहल होती है उसका ही खाने में लेना चाहिए क्यूंकि वह बिलकुल सही होता है और आपको Jackfruit Benefits देने में सहायक रहता है। ।

अगर आप तुरंत खाना चाहते हैं तो नरम काटों वाले पके हुए कटहल को चुने। आमतौर पर बाजार में कटी हुई कटहल ही मिलती है जिससे की आपको बचना चाहिए। क्यूंकि आमतौर पर कटहल बहुत बड़ा फ़ल होता है इसलिए हो सके तो छोटा फ़ल लें।

बाकी दोस्तों अगर आप कटहल यानी जैकफ्रूट को सिमित और सही मात्रा में खाते हैं तो आपकी सेहत को कोई नुक्सान नहीं होगा। बाकी सबसे अच्छा यही रहेगा की आप एक बार डॉक्टर से पूछ लें।

साधारण सी बात है की वह आपको मना नहीं करेंगे अगर मना करेंगे तो मत खाइएगा। और अगर मना नहीं करते तो बेशक आप आराम से कटहल खाये इससे आपको बहुत सारे पोषक तत्व मिलेंगे और आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

कटहल (जैकफ्रूट) का सेवन कैसे करें ? How to Eat Jackfruit ?

जैकफ्रूट का कई तरीकों से सेवन किया जा सकता है जिसमें कच्चा फ़ल या पका हुआ फ़ल शामिल हैं। कटहल की सब्ज़ी बनाकर भी खायी जा सकती है, कटहल का गूदा काफी स्वादिष्ट होता है। इसलिए इसे उबाल कर इसमें सिर्फ नमक डालकर भी इसे खाया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान Jackfruit Benefits लेने के लिए के चिप्स बना कर भी इसे खाया जा सकता है। लेकिन चिप्स तले हुए होने की वजह से ज़यादा नहीं खाये जा सकते, इन्हे सिमित मात्रा में ही खाना चाहिए।

कटहल के स्लाइस के ऊपर कस्सा हुआ नारियल डालकर केले और शहद के साथ स्वादिष्ट व्यंजन के तौर पर भी खा सकते हैं। इसे सब्ज़ी बना कर खा सकते हैं, साधारण पका हुआ कटहल खा सकते हैं तो कटहल कैसे भी खाइये जैसे आपको अच्छा लगे।

कटहल से होने वाले नुक्सान Jackfruit Side Effects

वैसे तो Jackfruit Benefits की सूचि बहुत लम्बी है पर इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं ! यह कटहल विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स से भरपूर हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन कई लोगों को इसका सेवन नुक्सान पहुंचा सकता है। आईये विस्तार से जानते हैं किन लोगों को कटहल से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

  • फाइबर से भरपूर कटहल वैसे तो आँतों की गंदगी को साफ़ करने में मदद करता है लेकिन जिन लोगों को पाचन सम्भंदित परेशानी हो उन्हें कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से उनके पाचन पर उल्टा असर पड़ सकता है।
  • इसके इलावा कटहल का अधिक सेवन करना मधुमेह रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर देता है। इसलिए डायबटीस से पीड़ित व्यक्तियों को कटहल के सेवन से परहेज़ करना चाहिए। जबकि दोस्तों आमतौर पर यह फ़ल मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन इसमें गुलुकोस की मात्रा अधिक होने के कारण ये फ़ल शरीर में गुलुकोस के स्तर को बड़ा सकता है। इसीलिए मधुमेह रोगियों को सिमित मात्रा में कटहल खाना चाहिए।

कटहल का निष्कर्ष – Conclusion On Jackfruit Benefits

दोस्तों कटहल के बारे में दी गयी यह सारी जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। आप एक बार ज़रूर इसे इस्तेमाल में लाएं इससे काफी भयानक रोगों से बचा जा सकता है। कटहल आपके शरीर को सही मात्रा में पोषक प्रदान करता है जो हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं।

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