dalchini ke fayde in hindi

Dalchini Ke Fayde जानिए किन रोगों में लाभकारी है Cinnamon Powder

आज हम बात करेंगे Dalchini Ke Fayde यानि Cinnamon Benefits in Hindi के बारे में। अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं तो आपको इंटरनेट पर अनेकों लेख मिल जायेंगे। जिनमें बताया गया है की दालचीनी और शहद का प्रयोग करके वज़न कम किया जा सकता है।

इस बात में कितनी सच्चाई है और क्या इसके सेवन से कुछ नुक्सान भी हो सकते हैं। आज हम यह सारी जानकारी Dalchini Ke Fayde in Hindi में बताने जा रहे हैं।

Dalchini क्या है ?

Dalchini Ke Fayde जानने से पहले जान लेते हैं की आखिर Dalchini Hai Kya। किसी पेड़ की छाल सी दिखने वाली लकड़ियों के इन टुकड़ों को आपने अपने रसोईघर और बाज़ारों में ज़रूर देखा होगा।

लेकिन दालचीनी के नाम से मशहूर ये लकड़ी की छाल कितनी फायदेमंद है ये हम आज आपको विस्तार से बताएँगे।

आपको बताएँगे की दरसअल दालचीनी में कैसे कोलेस्ट्रॉल से लेकर ब्लड प्रेशर , डायिबटीज और कैंसर जैसी बिमारी से निपटने के लिए भी नुस्खे हैं।

दालचीनी असल में 4000 या 5000 वर्ष पहले खोजा गया एक बेहतरीन मसाला है।

यह इतना लोकप्रिय इसलिए है क्यूंकि मसालों और जड़ी बूटियों की अगर बात की जाए तो इसे पहला नम्बर यानि सर्वश्रेष्ठ दर्जा दिया गया है। इसके अंदर Concentrate Antioxidant बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

दालचीनी असल में एक उष्णकटिबंधीय पेड़ की छाल होती है यानि पेड़ के बाहरी सतह की परत होती है। अगर इसके गुणों के बारे में बात की जाए तो इसमें काफी गुण पाए जाते हैं और इसकी जो तासीर है वह काफी गरम होती है।

लगभग 26 जड़ी बूटियों और मसालों को लेकर एक शोध किया गया था जिसमे सेहत के लिए जो सबसे ज़्यादा लाभ देखने को मिले वह दालचीनी में थे।

दालचीनी पर सबसे बड़ा शोध (अध्यन)

हाल ही में भारत में NDOC और Fortis अस्पताल में दालचीनी को लेकर एक अध्यन किया गया।

जिसमें ये पाया गया की Metabolic Syndrome नामक बिमारियों को दालचीनी के सेवन से दूर किया जा सकता है।

इस लेख में हम आपको Metabolic Syndrome क्या होता है और इसके शुरूयाती लक्षणों के बारे में भी बताएँगे। लेकिन पहले बात करते हैं दालचीनी पर हुए अध्यन के बारे में।

NDOC और Fortis अस्पताल ने ये अध्यन 58 ऐसे मरीज़ों पर किया जो Metabolic Syndrome बीमारी से पीड़ित थे।

इन मरीज़ों को 2 समूहों में बांटा गया। 30 मरीज़ों वाले एक समूह को एक कैप्सूल के ज़रिये दालचीनी दी गयी।

जब की दूसरे समूह वाले मरीज़ों को साधारण दवा दी गयी। इन मरीज़ों पर यह अध्यन 4 महीने यानि 16 हफ़्तों तक किया गया। इस अध्यन के बाद मरीज़ों में काफी अच्छे बदलाव देखने को मिला।

दालचीनी के अच्छे संकेत

जब यह अध्यन पूरा हो गया तब Dalchini Ke Fayde और अच्छे संकेत देखने को मिलने लग गए। इन मरीज़ों की पेट की चर्बी कम हो जाने की वजह से वज़न कम हो गया और शरीर में काफी तंदरुस्ती देखने को मिली।

मरीज़ों का जो Bad Cholesterol स्तर था वो नीचे आ गया और जो Good Cholesterol का स्तर था वह ऊपर आ गया। ये Good Cholesterol हृदय की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी होता है। साथ ही साथ ब्लड प्रेशर और शुगर भी सामान्य हो गयी।

हालाँकि दालचीनी को लेकर सदियों से अध्यन किये जाते रहे हैं। दुनिया के अलग अलग देशों ने मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली दालचीनी पर कई अध्यन किये।

लेकिन इस बार भारत ने दालचीनी पर शोध किया वो वाकई Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ों के लिए किसी रामबाण इलाज़ से कम साबित नहीं हुई। और यही वजह रही की अध्यन में जो नतीजे सामने आये वो किसी चमत्कार से कम नहीं थे।

दालचीनी को लेकर किया गया अध्यन भारत की राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है क्यूंकि सिर्फ दिल्ली में ही 30 से 35 फीसदी लोग Metabolic Syndrome की बीमारी से ग्रस्त हैं।

यानि की वो बीमारी जो मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को संकेत देती है।

क्या है Metabolic Syndrome ?

Metabolic Syndrome एक साधारण व्यक्ति और डायबटीज़ के बीच की स्टेज को कहा जाता है।

इस बीमारी की शुरुयात में पहले व्यक्ति के पेट के इर्द गिर्द घेरा जमा होने लग जाता है चर्बी बढ़ने लग जाती है। उसका ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर ज़्यादा बढ़ने लग जाता है। शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है।

सीधे सीधे शब्दों में अगर कहें तो मरीज़ धीरे धीरे हृदय से सम्बंधित बिमारियों और डायबटीज़ की तरफ बढ़ने लगता है।

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दालचीनी कब और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करें ?

Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ दिन में किसी भी वक़्त दालचीनी का सेवन कर सकता है। आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चमच्च यानि 2 से 3 ग्राम दालचीनी डाल कर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। ।

अगर हो सके तो इसमें थोड़ा निम्बू का रस भी डाल लें। ऐसा आप नियमित करें आपको खुद फर्क दिखना शुरू हो जायेगा।

अब बात करते हैं की दालचीनी का कितना सेवन करना चाहिए ? और कब करना चाहिए ?

यूरोपियन फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी (European Food Safety Athority) के अनुसार 2.5 ग्राम दालचीनी का सेवन उस व्यक्ति के लिए सुरक्षित है जिसके शरीर का वज़न 75 किलो ग्राम या उसके आस पास है। 2.5 ग्राम यानि आधा चमच्च 75 किलो ग्राम वज़न के व्यक्ति के लिए सुरक्षित है।

जितने भी बाहर के मुल्क हैं उनका तापमान भारत के तापमान से अलग होता है तो इसकी जो तासीर है वह गरम होती है इसलिए हमें दालचीनी को 2.5 ग्राम से थोड़ा कम लेना चाहिए।

इसे लगतार इस्तेमाल करें लेकिन 2-3 महीने इसका सेवन करने के बाद थोड़ा अंतराल डाल लें।

इसका सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और नौजवान लड़के लड़किया सभी इसका सेवन कर सकते हैं। सभी अगर एक ओषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करें तो उन्हें इसका बहुत लाभ मिलेगा।

स्वस्थ शरीर वाले लोग भी दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। दलिया, प्रोटीन शेक और काफी में भी दालचीनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दालचीनी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए ?

क्यूंकि दालचीनी को लेकर अध्यन Metabolic Syndrome वाले मरीज़ों पर किया गया था। इसलिए डॉक्टर ये भी सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।

शोध से यह भी साबित हुआ है की मात्र दालचीनी को सूंघ लेने से दिमाग बहुत तेज़ी से सक्रिय हो जाता है। इतना ही नहीं ध्यान, स्मरण शक्ति और यादाश्त भी बढ़ती है। ये एकाग्रता को बढ़ाती है, रचनात्मकता को भी बढ़ाती है।

Dalchini Ke Prayog  And Recipes in Hindi

दालचीनी एक बहुत गुणकारी होने के साथ साथ हमारे खाने को बहुत स्वादिष्ट और सुघंधित भी बना देती है। इसका Dalchini Ka Proyog ज़्यादातर शाही खाना बनाने के लिए मसाले के तौर पर किया जाता है।

दालचीनी से बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जाते हैं जैसे :-

  • सिनेमॉन रोल्स (Cinnamon Rolls) 
  • एग्ग सिनेमॉन टोस्ट (Cinnamon Toast)
  • सिनेमॉन बटर केक (Cinnamon Butter Cake) इत्यादि।

ये सारी रेसिपीज़ बड़ी आसानी से घर पर बन जाती हैं। आप इन्हे घर पर बनाएं और घरवालों को दालचीनी से बने ये स्वादिष्ट खिलाएं। ये व्यंजन स्वाद के साथ आपके शरीर को अच्छी सेहत भी प्रदान करेंगे।

दालचीनी के जबरदस्त फायदे – Dalchini Ke Fayde in Hindi

Nimbu, Shhad Ke Sath Dalchini Ke Fayde aur Recipes in Hindi

अब बात करते हैं दालचीनी के 21 महत्वपूर्ण फायदों के बारे में। जी हाँ दोस्तों, दालचीनी के बहुत फायदे हैं, आज हम आपको ये भी बताएँगे की किस तरह से इसका उपयोग किया जाए ताकि हमें इसके अच्छे से फायदे मिल सकें।

दालचीनी का इस्तेमाल हम रसोईघर में करते हैं शाही खाना और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए। दालचीनी को एक ओषधि के तौर पर भी उपयोग में लाया जाता है जिससे हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।

अब एक एक करके जानते हैं इसके फायदे।

  • दालचीनी वज़न घटाने में मदद करे – Cinnamon Uses for Reduce Body Weight in Hindi  

दालचीनी को वज़न कम करने के लिए एक ओषधि के रूप में इस्तमाल किया जा सकता है। Jeera Dalchini Ke Fayde के बारे में आपने ज़रूर सुना या पढ़ा होगा। आज हम आपको ये बतायंगे की किस तरह इसका इस्तेमाल शरीर के वज़न को कम करने व् फिट रहने के लिए किया जा सकता है।

इसको बनाने के लिए सबसे पहले ज़रूरत है जीरे की। जैसा की आप सब जानते हैं की जीरा हमारे वज़न को घटाने में बहुत मदद करता है। और ये आसानी से हमारी रसोईघर में भी मिल जाता है।

आपको शायद पता होगा की जीरे में काफी अच्छी मात्रा में Antioxidants तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के Metabolism को बढ़ाते हैं और हमारी पाचन क्रिया को भी सुधारते हैं।

इस जीरे के साथ ही हम इस्तेमाल करेंगे दालचीनी का। दालचीनी को मिक्सी में अच्छे से ग्राइंड करके इसका पाउडर बना लें अब आपको जीरे को भी इसी तरह ग्राइंड करके पाउडर के तौर पर इस्तेमाल करना है।

अब एक गिलास गुनगुना पानी लें और इसमें एक चमच्च जीरा पाउडर और एक चमच्च दालचीनी पाउडर डाल कर इसे अच्छे से मिला लें। अब जब से अच्छे से मिक्स हो जाए तो इसे 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें। ताकि दालचीनी और जीरे के गुण पानी में अच्छी तरह से घुल जाएँ।

सुबह उठते ही खाली रोज़ाना इसका सेवन करें। या फिर आप इसे रात को सोने से पहले भी पी सकते हैं। जब आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर देंगे तो आपकी पाचन क्रिया अच्छे से काम करेगी और आप देखेंगे की धीरे धीरे आपके पेट की चर्बी भी कम हो रही है।

  • जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है – Cure Joint Problems With Cinnamon in Hindi

दालचीनी का उपयोग जोड़ों के दर्द और गठिया के दर्द को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए नारियल के तेल या सरसों के तेल को गर्म करके उसमें दालचीनी को मिलाया जाता है। इस तेल की नियमित मालिश करने से आपकी जकड़न, ऐंठन, घुटनों का जो दर्द और शरीर में जो लाल सोजिस आ जाती है उन सबसे आपको राहत मिलती है।

  • एंटी इंफ्लामेंटरी तत्वों से भरपूर ओषधि – Cinnamon Rich Anti Inflammatory in Hindi

ये एंटी इंफ्लामेंटरी की स्थिति में बहुत अच्छे से काम करता है। इस एंटी इंफ्लामेंटरी गुण के कारण ये हमारे शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने में बहुत मददगार होता है। साथ ही हमारे जो Tissue टूटते रहते हैं उनको रिपेयर करने और नए Tissue बनाने में मदद करता है।

और हाँ इस गुण का फायदा उन बॉडीबिल्डर को भी मिलता है जो कसरत करते हैं क्यूंकि जब कसरत करते वक़्त ज़्यादा भार उठाया जाता है तब भी बहुत Tissue टूट जाते हैं। तो अगर आप भी बॉडीबिल्डर या जिम्मर हैं तो दालचीनी का सेवन ज़रूर करें क्यूंकि ये आपके शरीरिक स्वास्थ्य और Tissue को सुधारने में बहुत ज़्यादा लाभकारी है।

  • दालचीनी सर्दी और खांसी के लिए मददगार – Cinnamon Benefits for Cough And Cold in Hindi

जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है अक्सर वह जल्दी बीमार पद जाते हैं। दलचीन का अगला फायदा सर्दी और खांसी के लिए है, इसके लिए थोड़ा सा अदरक और दालचीनी पाउडर को एक गिलास पानी में उबाल लें। फिर जब ये थोड़ा ठंडा हो जाए तो दिन में दो बार इसका सेवन करें।

इससे आपको सर्दी, जुकाम और खांसी में काफी राहत मिलेगी।

  • रूखे और फ़टे होठों पर लिपबाम की तरह उपयोग करें – Dalchini Ke Fayde for Soft Lips in Hindi

अगला फायदा दालचीनी का ये है की जब हमारे होंठ रूखे हो जाते हैं या फट जाते हैं तब हम कई तरह के रासायनिक युक्त चीज़ें यानि लिपबॉम वगेरा लगाते हैं। दोस्तों इन में कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं जो हमारे होंठों की त्वचा के लिए अनुकूल नहीं होते।

आप दालचीनी को लिपबाम की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक कांच की शीशी में जैतून का तेल डालना है और दालचीनी की कुछ डंडियां (Sticks) इस तेल में डुबो कर रख देनी है। इसको 7 दिन तक ऐसा ही पड़ा रहने दें। 7 दिन बाद ये तेल तैयार हो जाएगा आपके होठों पर लगाने के लिए।

लगातार लगाते रहेंगे तो आपके होंठ कोमल, गुलाबी हो जायेंगे और फटेंगे नहीं। इसके साथ ही होठों पर जो कालापन होता है वह भी दूर हो जायेगा। इस घोल को बनाकर आप काफी समय तक स्टोर करके रख सकते हैं।

यानि जितने दिनों तक दालचीनी जैतून के तेल में भीगी रहेगी उसका असर उतना ही बढ़ता रहेगा। तो आप 3-4 महीने तक इस घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं अपने होठों पर।

  • मासिक धर्म में आरामदायक – Cinnamon Amazing Advantage for Period Pain

रूखे होठों को स्वस्थ्य करने के साथ साथ Dalchini Ke Fayde मासिक धर्म में भी महिलायों को आराम देते हैं।

मासिक धर्म में महिलाओं और लड़कियों को दर्द होता है उससे निजात पाने के लिए भी दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है। जैसे की शरीर में ज़्यादा दर्द, सुस्ती पड़ना, चिड़चिड़ापन और ऐठन हो जाती है।

इस उपयोग को करने के लिये आप चाय में दालचीनी, निम्बू का रस और थोड़ा सा शहद मिला कर पिएं। ऐसा करने से आपको काफी फायदा होगा।

  • दस्त की बिमारी में आरामदायक – Cinnamon Best Option for Diarrhea Patient 

दस्त की बिमारी दालचीनी रामबाण का काम करता है। दस्त की बिमारी में हमारे पेट में ऐसे छोटे छोटे घाव बन जाते हैं की हम जब कुछ भी खाते हैं तो वह खाना तुरंत बाहर निकल जाता है। दालचीनी में Antibacterial और Antiseptic दोनों तत्व पाए जाते हैं।

अगर लगातार हम इसका सेवन करेंगे तभी इसका फायदा होगा। लेकिन दस्त के मरीज़ को खाना खाने की इच्छा नहीं होती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन करने के लिए एक काढ़ा बनाना पड़ेगा।

काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी लेना है और उसमें दालचीनी पाउडर, निम्बू का रस व् काला नमक मिलाना है। जब काढ़ा बन कर अच्छे से तैयार हो जाए तो यह दस्त के मरीज़ को पिलाएं। थोड़े ही दिनों में दस्त की बिमारी में आराम मिल जाएगा।

  •  हृदय में होने वाले घातक रोगों से बचाता है – Dalchini ke fayde for Heart Diseases

दालचीनी हृदय से सम्बंधित अनेकों रोगों से हमें बचाती है। Dalchini Ke Fayde से ये हमारे शरीर में LDL यानि Light Density Lipid जो कोलेस्ट्रॉल है उसकी मात्रा को कम करता है। और HDL यानि High Density Lipid के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है।

जैसे की हमने आपको पहले भी बताया की दालचीनी पर काफी अध्यन हुए हैं और उन अध्यनों में पाया गया है की अगर आप प्रतिदिन लगभग 120 मीलीग्राम दालचीनी का प्रयोग करते हैं तो आपको कोलेस्ट्रॉल होने के बहुत ही कम सम्भावना होती है।

  • एंटीऑक्सीडेंट्स का भरपूर खज़ाना दालचीनी – Antioxidants Properties Mein Dalchini Ke Fayde

दालचीनी में बहुत ही प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। हमारे शरीर Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होती हैं एंटीऑक्सीडेंट्स उन्हें ख़त्म करने का कार्य करता है। हमारे शरीर में जितनी ज़्यादा क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होंगी उतनी ही बीमारियां होने की सम्भावना ज़्यादा रहती है।

तो इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन करते करते हैं तो ये Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खत्म कर देता है जिससे हमारा शरीर बिमारियों से बचा रहता है।

  • सम्पूर्ण इंसुलिन प्रतिरोधक – Improve Insulin Sensitivity With Cinnamon in Hindi

ये आपके शरीर में जो इंसुलिन प्रतिरोध है उसको धीरे धीरे कम करना शुरू कर देता है। साथ ही ये हमें बचाता है Type 2 Diabetes से। अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो आप जो शुगर फ्री गोलियां खाते हैं तो उसकी जगह दालचीनी का पाउडर लेना शुरू कर दें। इसे आपके शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को कम करता है और आपके शुगर के स्तर को सामान्य कर देगा।

  • रक्त में शुगर स्तर को सामान्य करे – Maintain Blood Sugar Level With Cinnamon in Hindi

ये दालचीनी पाउडर आपके शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। एक अध्यन में ये भी पता चला है की इसमें डायबटीज को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं।

अगर आपका शुगर का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है तो आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर दें। ये आपके बढ़ते शुगर के स्तर को धीरे धीरे 10% से 30% तक कम कर देगा। दालचीनी पाउडर कितनी मात्रा लेना है ये आप 1 से 6 ग्राम मान लें या फिर आधा चमच्च मान लें ।

इसका सेवन आपको रोज़ाना करना है और धीरे धीरे आपको इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल जायेंगे।

  • दिमागी बिमारियों से रक्षा करे – Dalchini Ke Fayde Neurodegenerative in Hindi

दोस्तों इस बीमारी में हमारे दिमाग के जो Cells यानि कोशिकाएं होती हैं वो धीरे धीरे खत्म होनी शुरू हो जाती हैं। जिनके दो मुख्य टाइप्स आपके देखने को मिलते हैं एक Alzheimer और दूसरा Parkinson । इन दोनों ही बिमारियों में दिमाग की कार्यक्षमता बहुत कम होने लग जाती है।

इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन नियमित करेंगे तो आपके दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने से बच जाएँगी। दिमाग की कोशिकाएं ही नहीं और भी बहुत सारे दिमागी रोग दालचीनी के सेवन से खत्म हो जाते हैं।

तो अगर आपके घर में Alzheimer या Parkinson बीमारी से सम्बंधित मरीज़ हैं तो आप उन्हें दालचीनी का सेवन रोज़ाना करा सकते हैं। जिससे उनको बहुत ज़्यादा लाभ मिलेगा।

  • दालचीनी कैंसर विकार दूर करने में सक्षम – Prevents Cancer with Cinnamon Powder In Hindi

कैंसर के बारे में अगर सरल भाषा में बात करें तो कैंसर एक असाधारण तरीके से होने वाली कोशिकायों का विकास है। असाधारण कोशिकाएं हमारे शरीर के किसी भी भाग में हो सकती हैं। तो दालचीनी में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं जो असाधारण कोशिकायों के होने वाले विकास को रोक देते हैं। कैंसर होने की सम्भावना को कम कर देता है।

तो Dalchini Ke Fayde को देख कर लगता है की भविष्य में जो कैंसर के इलाज की दवाइयां बनेंगी उनमें में दालचीनी का उपयोग होगा, कैंसर की दवाई के तोर पर।

दालचीनी कितने प्रकार की होती है ? Types of Dalchini (Cinnamon) in Hindi

types of dalchini in hindi

भारत में दालचीनी दो प्रकार की पायी जाती है एक है Ceylon और दूसरी है Cassia

दालचीनी कितने प्रकार की होती है इसके ऊपर भी बहुत ज़्यादा बहस चल रही है की Ceylon ज़्यादा अच्छी है गुणों में या Cassia अच्छी है। Cassia का ज़्यादा उत्पादन भारत और चीन में किया जाता है जबकि Ceylon नामक दालचीनी का उत्पादन थाईलैंड और श्री लंका में होता है।

अगर अंतरराष्ट्रीय अध्यनों की बात की जाए तो उनका मानना है की Ceylon ही असली दालचीनी है। मतलब Ceylon ज़्यादा बेहतर है और जो थाईलैंड, केरल या साउथ में ज़्यादा पायी जाती है जिसका नाम है Cassia, वो बेहतर नहीं है।

सबसे पहले हम बात करेंगे की क्या कारण है की इसकी जो महत्त्ववता जो है वह थोड़ी सी कम हो जाती है (Cassia की)। असल में दालचीनी में एक ऐसा तत्व होता है जिसका नाम है Coumarin, ये हमारे लीवर के लिए अच्छा नहीं होता। ये तत्व Cassia में ज़्यादा मात्रा में होता है।

जैसे की Ceylon में Coumarin तत्व 0.17 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है और Cassia में Coumarin तत्व 0.31 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है। तो इसीलिए Ceylon की जो महत्त्ववता है वह बढ़ जाती है Cassia के मुकाबले।

पर आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है आप दोनों में से कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकि Coumarin के इलावा इन दोनो में और भी बहुत महत्वपूर्ण गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। तो हमारा विशवास है की Cassia भी उतनी है बेहतर है जितनी Ceylon।

सावधानियां  :- Precautions

गुणों की खान Dalchini Ke Fayde के साथ साथ कुछ नुक्सान भी हैं। जैसे की अगर कोई ज़्यादा मात्रा में दालचीनी का सेवन करता है तो लीवर क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अनिमियत सेवन से मुंह के छाले व् शरीर में गर्मी पड़ जाने से फुंसियां भी जाती है।

अगर आप दालचीनी का अच्छे से फायदा लेना चाहते हैं तो बाजार में पाउडर फॉर्म में मिलने वाली दालचीनी न खरीदें। क्यूंकि वह असली दालचीनी नहीं होती उसमें कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं।

तो हो सके तो जो दालचीनी की डंडियां (Sticks) आती हैं वह ही खरीदें और अपनी आवश्यकता अनुसार उसे मिस्की या ओखली से पीस लें।

इसलिए हम सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन हमेशा सही मात्रा में करें ताकि आपके शरीर में कोई रोग या परेशानी ना हो।

Dalchini Ke Fayde लेख का निष्कर्ष

तो आपने पढ़ा की कैसे हम दालचीनी का उपयोग करके इसके बेहतरीन लाभ ले सकते हैं। इसे ओषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी। पर ध्यान रहे इसका सेवन केवल सही मात्रा में ही करें ताकि आपको अच्छे से लाभ मिल सके। आपको इस लेख में दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें ज़रूर बताएं ईमेल के ज़रिये। आप हमें thehindiguide@gmail.com पर अपने सुझाव हमें भेज सकते हैं, धन्यवाद।

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Ragi In Hindi

Ragi in Hindi रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग

Ragi in Hindi रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग : नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आशा है, ठीक होंगे The Hindi Guide Blog में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने वाले हैं रागी के बारे में। हम अक्सर अपने जीवन में पता नहीं कितनी सारी चीजों का सेवन करते हैं बेसन, गेहूं और चावल का आटा, मैदा, मक्की का आटा, किनुआ और भी बहुत सारे अनाज होते हैं उनको अपने खाने में मिलाकर खाते हैं। उन्हीं में से एक चीज रागी होती है, मगर बहुत लोगों को यह नहीं पता होता है रागी क्या है? रागी खाने के फायदे क्या है और रागी का इस्तेमाल कहां कहां किया जाता है

इस को फिंगर मिलेट Finger Millet और नाचनी के नाम से भी जाना जाता है। इसके छोटे छोटे दाने पोषण से भरपूर होते हैं जो हमारे काफी ज्यादा काम आते हैं, हमारी सेहत के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होते हैं।

आज कुछ लोग रागी के फायदे के बारे में तो जानते ही है मगर उनको सही तरीके से जानकारी भी नहीं है और ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। सिर्फ इतना पता है कि फायदा होता है, मगर क्या फायदे होते हैं और कैसे फायदे होते हैं, यह वह लोग नहीं जानते हैं। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं तो हमारे इस पोस्ट पर अंत तक बने रहिए आज हम आपको नाचने के बारे में यानी कि रागी के बारे में पूरी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। Uses of Ragi in Hindi

रागी क्या है कैसी दिखाई देती है –  What is Ragi in Hindi

यह आपको दो से तीन कलर में देखने को मिल जाता है और इसकी बनावट राई की जैसी होती है। यानी कि सरसों जिसको हम कहते हैं उसके जैसी होती है। अगर हम इसके रंग के बारे में बात करें तो इसका रंग फीका भूरा होता है, गहरा भूरा होता है और कुछ कुछ तो गहरे नारंगी कलर के भी दिखाई पड़ते हैं, मगर वह बहुत ज्यादा चॉकलेटी होते हैं, जिसकी वजह से वह नारंगी नहीं लगते और कुछ-कुछ तो इसमें सफेद दाने भी मौजूद होते हैं।

रागी में कौन से पोषक तत्व होते हैं – What Good impurities does Ragi contains

वैसे तो रागी बहुत सारे गुणों से भरा हुआ है रागी के अंदर कम से कम 10 से ज्यादा पोषक तत्व शामिल है। इसके अंदर सबसे ज्यादा फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैल्शियम और प्रोटीन फाइबर पाया जाता है। उसके इलावा इसके अंदर और भी कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे कि जिंक, सोडियम, विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B3, ईथर के अर्क, मिथोनाइन अमीनो एसिड, आयोडीन, आयरन, कैरोटीन भी पाया जाता है।

रागी का पौधा कैसा होता है और उसका उत्पादन कहां कहां होता है

यह पौधा शुष्क मौसम में उगाया जाता है और यह लगभग 1 मीटर की ऊंचाई तक होता है रागी का पौधा 4 किस्मों का होता है हर किसम का पौधा अपनी अलग अलग छवि बताता है आइए जान लेते हैं राखी के पौधे के बारे में और जानकारी और उसके प्रकार के बारे में। रागी के पौधे चार किस्म के होते हैं जिनका नाम आपको हम बता रहे हैं OUAT-2, OEB-10, GPU 45, VL149

रागी के पौधे के प्रकार – Types of Ragi Plants in Hindi

ragi benefits in hindi

झुलसन की बीमारी का तो आपको पता ही होगा और इस पौधे का उपयोग झुलसन की बीमारी को दूर करने के लिए भी किया जाता है। रागी की GPU – Wइस कसम के पौधे हरे होते हैं और उनकी डालियां झुकी हुई होती है यानी थोड़ी सी मुड़ी हुई होती है और यह जल्दी पककर तैयार भी हो जाते हैं। OEB -10 किसम के पौधे ऊंचे होते हैं इनकी पत्तियां चौड़ी होती है और यह हल्के हरे रंग के होते हैं।

रागी के VL149 किसम के पौधे में वालियां हल्के बैंगनी रंग की होती है और जडें रंगीन होती है। इस किस्म के रागी के पौधों का उत्पादन मैदानी और पठारी पर किया जाता है। रागी की किचन में एक और आने वाला पौधा है वह है। OUAT-2 इसको हिंदी में शोरबा भी कहा जाता है और इसकी लंबाई 1 मीटर वाले ऊंचाई के पौधे में 7 से 8 सेंटीमीटर तक की होती है। यानी कि इसकी जो फलियां होती है और 7 से 8 सेंटीमीटर की लंबाई में होती है।

रागी कहां कहां उत्पादित होती है – Ragi Production in India

असल में रागी एशिया और अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों में पाया जाता है और 4000 वर्षों पहले यह भारत में आया था। अगर हम भारत की बात करें तो भारत में भी काफी अच्छी गाती मात्रा में रागी का उत्पादन किया जाता है। इसलिए भारत भी राखी का सबसे बड़ा निर्यात करने वाले देशों में से एक है। रागी भारत के कर्नाटक राज्य में सबसे ज्यादा उत्पादित किया जाता है। उसी के साथ साथ कर्नाटक हमारे भारत का सबसे बड़ा रागी उत्पादक है।

सिर्फ इतना ही नहीं भारत में और भी जगह है। जहां पर रागी का उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है और कुछ जगह पर कम भी होता है, मगर इन्हीं राज्यों में रागी का उत्पादन होता है। जैसे कि तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, सिक्किम और उत्तराखंड यहां पर रागी का उत्पादन किया जाता है। और यहीं से सभी राज्यों तक रागी पहुंचाई जाती है, यह सारे राज्य भी अच्छे खासे शुष्क इलाके में आ जाते हैं इसलिए यहां पर आगे का उत्पादन किया जाता है।

रागी का उपयोग – Uses of Ragi in Hindi

Uses of Ragi in Hindi : खाने की चीजों में रागी का उपयोग बहुत ही प्रकारों में किया जाता है। हम सब लोग जानते हैं कि हमारे घर में हमारी माता बहने बहुत सारी चीजें मिलावट करके बनाती है जिसकी अंदर रागी का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। तो आइए जानते हैं कि रागीसे हम क्या क्या बनी हुई चीजें खा लेते हैं और हमें पता भी नहीं चलता कि उसके अंदर रागी मौजूद है। रागी कस इस्तेमाल कहाँ होता है?

1. पापड़

हम अपनी रोजाना जिंदगी में पापड़ का सेवन तो करते ही हैं और क्या आप जानते हैं कि रागी से बने हुए पापड़ भी आपको मिल जाते हैं। हालांकि आपको सुनकर बड़ा अजीब लग रहा होगा मगर यह बात बिल्कुल सही है। आप इसको किराना माल दुकान से भी ले सकते हैं और अगर आपको ऑनलाइन मंगवाना है तब आप इसको ऑनलाइन भी आर्डर कर सकते हैं। यह पापड़ खाने में काफी ज्यादा स्वादिष्ट होते हैं।

2. रोटी

कुछ लोग मिश्रण रोटी बनाते हैं उसकी अंदर नाचनी का भी इस्तेमाल करते हैं और यह नाचनी हमारे सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है, तो इसमें जरा भी यह पता नहीं चलता है कि नाचनी मिलाई हुई है। क्योंकि उसका स्वाद कड़वा नहीं होता है, अगर आपको जानना है कि रोटी में नाचनी मिलाई हुई है या नहीं मिलाई हुई। तब आपको सिर्फ एक बात का ध्यान रखना है अगर रोटी भूरे रंग की बन रही है, तब समझ लीजिए कि उसके अंदर रागी का इस्तेमाल किया गया है।

3. इडली डोसा, लड्डू

क्या आप जानते हैं रागी से लड्डू भी बनते हैं, पिनिया बनती है और इसका इस्तेमाल इडली डोसा बनाने के लिए भी किया जाता है। अगर आपको नहीं पता होगा तो आप गूगल में थोड़ा सा सर्च करके देख सकते हैं तब आपको अलग-अलग प्रकार की रेसिपीज देखने को मिलेंगे, जहां पर इसका प्रयोग किया जाता है। बूढ़े बच्चे और जवानों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। मददगार होता है और यह बहुत स्वादिष्ट बनते हैं। हालांकि आपको थोड़े महंगे पड़ेंगे मगर हां इनके फायदे बहुत हैं।

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4. बिस्किट, हलवा

हम लोग अनेक प्रकार की बिस्किट खाते हैं मगर हम बिस्किट में रागिनी मौजूद होता है। सिर्फ बिस्किट ही नहीं हम जो कुकीज़ भी खाते हैं कुकीज में भी रागी बहुत ज्यादा मौजूद होता है। हम अक्सर सोचते हैं कि बिस्किट भूरे भूरे रंग की क्यों होते हैं। वह तो पकने के बाद तो होते ही है उसी के साथ उसके अंदर रागी भी मौजूद होता है। तो रागी का रंग भूरा होता है इसलिए वह भी बुरे हो जाते हैं और रागी का हलवा भी बनाया जाता है जो भी बहुत स्वादिष्ट बनता है।

रागी को खाने के फायदे – Benefits of Ragi in Hindi

जैसे कि हमें रागी के उपयोग के बारे में जाना वैसे ही हम अभी रागी के खाने के फायदे के बारे में भी पूरी जानकारी जानने वाले हैं। इसके अंदर हम आपको बताएंगे कि रागी खाने के क्या फायदे हो सकते हैं और उस को विस्तार में बताएंगे कि किस-किस प्रकार से इसके फायदे हमें होते हैं। बहुत से लोगों को नहीं पता है कि रागी के फायदे किस प्रकार से होते हैं तो आइए जानते हैं विस्तार से benefits of ragi रागी के फायदे के बारे में।

1. पाचन तंत्र मजबूत बनाता है – Make Digestive System Strong With Ragi in Hindi

रागी एक तरीके का फाइबर तत्व है इसके अंदर काफी ज्यादा फाइबर पाया जाता है। क्योंकि इसके छिलके काफी मजबूत होते हैं जिसकी वजह से हमें काफी मात्रा में फायदा मिल जाता है। फाइबर खाने से हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम यानी कि पाचन तंत्र काफी ज्यादा मजबूत हो जाता है और हमें कब जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इससे हमें पेट से जुड़ी हुई बीमारियां नहीं होती है गैस होना, पाद आना और पेट दुखना पेट की सफाई ना होना।

2. रक्तचाप को दूर करने में फायदेमंद है

हम सब लोग जानते हैं कि हमारा खून पतला होता है। मगर हमारी गलतियों की वजह से हम ध्यान नहीं रख पाते हैं हमारी सेहत का, तो उसके अंदर खून के गड्ढे होने लग जाते हैं clots बनने लग जाती है। और उन clots को निकालना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है, यहां तक कि बाद ऑपरेशन तक भी पहुंच जाती है। कुछ लोग के पास इतने पैसे नहीं होते हैं तो वह दवाइयों से काम चलाते हैं। मगर दवाइयां भी उनके ज्यादा असर नहीं आती है अगर आपको यह बीमारी ना हो इसलिए, आप रागी खाने का प्रयोग करेंगे तब बहुत ज्यादा बेहतर होगा। क्योंकि यह आपको इस मुश्किल से जरूर बचाकर रखेगा।

3. दूध बढ़ाने में मददगार है

हम सब लोग जानते हैं जब बच्चा पैदा होता है तब उसको दूध पीना कितना ज्यादा जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर मांं के स्तन में दूध पीना हो तो बच्चा क्या पिएगा, उसको कहां से पोषण तत्व मिलेंगे। मां के दूध का पोषण बढ़ाने के लिए और दूध को बढ़ाने के लिये रागी खिलाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इसमें बहुत सारा कैल्शियम होता है और यह बहुत ज्यादा मदद करता है। मां के दूध में बढ़ावा करने के लिए प्रेगनेंसी में खाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। उसी के साथ साथ एनर्जी देता है और बच्चा पैदा होने के बाद जितना शरीर का नुकसान हुआ होता है, वह सारे नुकसान की भरपाई भी कर देता है।

4. कैल्शियम से भरपूर है –

जैसे कि हमने पहले आपको रागी के पोषक तत्व के बारे में जानकारी दी है उसमें हमने आपको बताया था कि राखी के अंदर कैल्शियम भी मौजूद है। रागी कैल्शियम से भरपूर है इससे हड्डियां भी काफी ज्यादा मजबूत होती हैं। इनको बच्चे बूढ़े जवान सबको दे सकते हो और इससे काफी ज्यादा फायदा हमारे शरीर को होता है। जिन लोगों के अंदर कैल्शियम की कमी होती है उनको रागी जरूर खाना चाहिए। क्योंकि दवाइयां लेने से अच्छा है, अगर आप रागी खाओगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि ना केवल सिर्फ आपको यहां कल शाम मिल रहा है। कैल्शियम के इलावा भी आपको बहुत सारे गुण मिल रहे हैं, अगर सिर्फ आप कैल्शियम की दवाई खाओगे तो सिर्फ कैल्शियम ही आपको मिलेगा बाकी तत्व नहीं मिलेंगे तो इसलिए आपको रागी खाना चाहिए।

5. मधुमेह की बीमारी से दूर रखता है

हम सब लोग जानते हैं कि डायबिटीज बहुत से लोगों को हो जाती है। कुछ लोगों को तो इसीलिए होती क्योंकि वह हमेशा टेंशन में रहते हैं और कुछ लोग तो इसीलिए डायबिटीज का शिकार बन जाते हैं क्योंकि वह लोग मीठा खाते हैं। अगर इन सब की अगर आप को कंट्रोल करना है तब रागी का खाना बहुत ज्यादा जरूरी है। यह आपको मधुमेह की बीमारी यानी कि डायबिटीज से बचा कर रखता है। हर किसी के अंदर इतनी क्षमता नहीं होती है कि वह डायबिटीज होने के बाद करेला खाए, और परहेज कर सके। अगर आप नहीं चाहते हो कि आपकी स्थिति ऐसी हो जाए तब आपको रागी का सेवन करना बहुत ज्यादा जरूरी है।

तो दोस्तों यह थी Ragi in Hindi : रागी को खाने के फायदे, रागी का उपयोग के बारे  में पूरी जानकारी। आशा है, आपको यह जानकारी पसंद भी आई होगी। उम्मीद करते हैं आप राखी के फायदे और उपयोग के बारे में जानकर जरूर इन हमारे बताए हुए टिप को अपनाएंगे। ताकि आपको भी इसका बहुत लाभ हो सके।

और अगर आपको हमारी आज की यह पोस्ट पसंद आई है तो इसको अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। आपका हमारी आज किया पोस्ट को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Methi Dana Ke Fayde | मेथी दाना के फायदे पूरी जानकारी

Methi Dana Ke Fayde | मेथी दाना खाने के फायदे पूरी जानकारी : नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आशा है आप ठीक होंगे The Hindi Guide ब्लॉग में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आज हम मेथी दाने के बारे में बात करेंगे, बहुत से लोगों को मेथी दाना के बारे में जानकारी बिल्कुल भी नहीं है। और उनको यह बिल्कुल भी नहीं पता है कि मेथी दाना खाने के क्या फायदे हो सकते हैं। इसका अधिक ज्यादा सेवन करने से क्या नुकसान हो सकता है, हालांकि बहुत से लोगों को यह पता है कि मेथी दाना खाने के फायदे जरूर होते हैं।

आजकल लोग अपनी निजी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हो चुके हैं उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखने का भी वक्त नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही गलत खान पान से उनकी Immunity भी कम हो रही है। आजकल पैसों की भी कमी महसूस होती है जिसकी वजह से सब लोग सिर्फ नौकरियां ही करना पसंद करते हैं। और कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ मौजूद है, फिर भी वह अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं। अगर आपकी इन दोनों में से कोई भी सीधी है तो हमारे इस पोस्ट तक बने रहिए। methi dana ke fayde for breast

क्योंकि आज हम मेथी दाने के बारे में पूरी जानकारी आपको देने वाले हैं जिसमें हम आपको methi dana for skin, methi dana for hair, methi dana in english के बारे में बताएंगे। methi dana ke fayde, methi dana images, methi dana in english.

मेथी दाना क्या है – What is Methi dana, Methi Dana in English

मेथी दाना एक तरीके का बीज होता है जिसका ज्यादातर उपयोग खाने पीने में किया जाता है। मेथी दाने का रंग गोल्डन ब्राउन कलर में होता है। इसको इंग्लिश में फेनुग्रीक सीड (Fenugreek Seed) के नाम से जाना जाता है। अकसर इसका इस्तेमाल खाने में होता है, जैसे कि अलग-अलग प्रकार के डिशेस बनाने हो, बटर चिकन बनाना हो या शाही पनीर हो और इसके अलावा अचार में भी इसका प्रयोग किया जाता है। जो रस्से वाली डिश बनाई जाती हैं उनमें भी इसका प्रयोग किया जाता है।

Benefis of Methi Dana (Fenugreek Seeds) – Methi Dana Ke Fayde

मेथी दाना सिर्फ खाने के काम नहीं आता है, इसके काफी सारे फायदे और यह काफी ज्यादा गुणों से भरपूर है। अगर हम इनके गुणों की बात करें तो यह हमारे शरीर के लिए, बालों के लिए और त्वचा के लिए काफी जगह लाभदायक होता है। तो आइए जान लेते हैं मेथी दाने के फायदे के बारे में विस्तार से, जिससे आपको पता चल सके कि मेथी दाने खाने के क्या फायदे हैं। Methi Dana Ke Fayde, मेथी दाना खाने के फायदे पूरी जानकारी (Benefits of Methi Dana)

Constipation – कब्ज

हम लोग न जाने रोज कितनी सारी चीजें खा लेते हैं जिसकी वजह से हमारे पेट में गड़बड़ होने लग जाती है। तथा हमारे पेट में सफाई अच्छे से नहीं होती, जिसका कारण यह कब्ज बन जाता है। अगर आपको कब से दूरी बनाए रखनी है तो मेथी दाने का सेवन जरूर करना चाहिए। यह पेट को साफ करने में काफी ज्यादा लाभदायक और मददगार साबित होता है।

Weight Loss – वजन घटाना

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बढ़ती उम्र के साथ लोग यह भी कोशिश कर रहे हैं कि उनकी चर्बी कैसे कम हो, उनका वजन कैसे कम हो। हालांकि बहुत से लोग इसके लिए काफी ज्यादा मेहनत करते हैं और उनको फिर भी इस सबसे फरक नहीं पड़ता है। अगर आप मेथी दाने का अपने जीवन में उपयोग करेंगे इसको रोज खाएंगे, तब आपको वजन घटाने में भी काफी ज्यादा मदद होगी।

Diabetes – शुगर की बीमारी

मेथी दाना डायबिटीज को हटाने के लिए बहुत ही ज्यादा बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह स्वाद में कड़वा होता है। हम अक्सर देखते हैं कि डायबिटीज वाले लोग करेला खाते हैं, तो आप मेथी दाने का प्रयोग भी कर सकते हो। मेथी दाने का बीज डायबिटीज को हटाने के लिए बहुत ज्यादा मददगार साबित होती है, इसलिए मेथी दाने को आप पानी में भिगो कर इसका पानी पी सकते हो।

Migraine – माइग्रेन जैसा सिरदर्द

सिर दर्द अलग-अलग प्रकार के होते हैं उसी के अंदर यह माइग्रेन का प्रकार भी आता है। इसको भी अगर आप हटाना चाहते हैं तो आपको मेथी दाने का सेवन करना होगा। आप चाहे तो इसको कच्चा भी खा सकते हैं, और पानी में भिगोकर भी खा सकते हैं।

Ear pain – कान का दर्द

कुछ लोगों को यह दिक्कत होती है कि उनका कान दर्द करने लग जाता है। कुछ कुछ लोगों का तो बिना वजह ही दर्द करने लग जाता है। तो ऐसी स्थिति में अगर आप मेथी दाने को पानी में भिगोकर उसके पानी का सेवन करेंगे तो आपको एक या 2 हफ्ते के अंदर अच्छे से आराम आ जाएगा।

Methi Dana Ke Fayde – Methi Dana for Skin

क्या आप जानते हैं कि Methi Dana Ke Fayde स्किन के लिए भी काफी ज्यादा हो सकते हैं। अगर आपको मेथी दाना से अपनी स्किन को अच्छा बनाना है तब आपको मेथी दाना रात को भिगोकर सुबह मिक्सर में पीस लेना है।

जब यह बन जाता इसको अपने चेहरे पर लगाना है। ऐसा करने से आपके चेहरे की झुर्रियां दूर हो जाएगी, आपका चेहरा चमकने लग जाएगा और नेचुरल ग्लो आने लगेगी। साथ ही साथ में इसके अंदर एंटीबायोटिक्स होते हैं और अच्छे गुण होते हैं,

जो आपकी स्किन को पौष्टिक रखने में काफी ज्यादा काम करता है। हफ्ते में एक या दो बार इस प्रयोग को करें और रिजल्ट देखें।

Methi dana for hair – Methi Dana Ke Fayde

मेथी दाना सिर्फ त्वचा के लिए ही लाभकारी नहीं होता है यह हमारे बालों के लिए भी काफी ज्यादा लाभकारी होता है।

खास करके तब जब हमारे सिर में बेवजह खुजली जलन और डैंड्रफ जैसी परेशानियां हो। अगर आप इन सब से दूर रहना चाहते हैं, तो आप दो प्रकार से मेथी दाना का इस्तेमाल कर सकते हो।

Method 1

For Example: पहला  प्रोसेस यह है कि आपको मेथी दाना को रात में भिगो लेना है और सुबह उसका पानी निकाल लेना है। इस पाने को आप बाल धोने के बाद अपने बाल में लगाकर रखें ऐसा करने से आपके बालों की डैंड्रफ दूर हो जाएगी।

इस प्रोसेस को आप रोज भी कर सकते हो और हफ्ते में दो बार भी कर सकते हो। जैसा आपको वक्त मिले आप उस तरीके से इस प्रक्रिया को आजमा सकते हो। अगर आपको ऐसा लगता है कि इससे गंदी और कड़वी बदबू आएगी तो आपका यह सोचना बिल्कुल गलत है। क्योंकि इससे बदबू बिल्कुल नहीं आती है।

Method 2

For Example: मेथी दाना इस्तेमाल करने का दूसरा प्रोसेस यह है कि आपको मेथीदाना भिगो लेना है और सुबह उसको मिक्सी में पीस लेना है। जब इसका एकदम मिश्रण बन जाए तब उसके अंदर थोड़ा सा एलोवेरा जेल डालकर यह मिश्रण अपने बालों में मसाज करना है और 1 घंटे तक छोड़ देना है। उसके बाद आपको किसी नॉर्मल शैंपू से धो देना है और कंडीशनर का प्रयोग नहीं करना है।

ऐसा करने से आपके बालों में चमक बढ़ेगी अपने बालों की ग्रोथ भी होगी और आपके बाल टूटने से बचे रहेंगे। साथ ही साथ इसके अंदर आपने एलोवेरा डाला है तो एलोवेरा भी आपके बालों के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होता है।

Methi Dana Ke Fayde for Breast | स्तनों को सही आकार दे

जी हां आपने अभी जो हैडिंग पढ़ी है वह बिल्कुल सही पढ़ी है, क्योंकि मेथी दाना से ब्रेस्ट का साइज भी बढ़ता है। इसका paste बनाने के लिए आपको एक चौथाई कप मेथी दाना लेना होगा और थोड़ा सा पानी डाल कर उसको पीस लेना है और उसका पेस्ट बनाकर स्तन पर रखना है और उसको सूखने देना है। फिर उसको नॉर्मल पानी से धो देना है।

ऐसा आपको हफ्ते में एक बार या 15 दिन में एक बार करना है। इसका आपको जरूर लाभ होगा, क्योंकि मेथी दाना ब्रेस्ट tissues को stimulate करती है और उनके breast-enlargement hormones को बढ़ा देती है। जिसकी वजह से स्तनों का आकार भी बढ़ जाता है।

तो दोस्तों यह थी जानकारी मेथी दाना खाने के फायदे के बारे में। आशा है आपको यह Methi Dana Ke Fayde | मेथी दाना खाने के फायदे पूरी जानकारी पसंद आई होगी और आपको बहुत सारे फायदों के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारी आज की यह पोस्ट पसंद आई है तो इसको शेयर जरूर करें और लोगों तक जरूर पहुंचाएं।

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Dragon Fruit Ke Fayde ड्रैगन फ्रूट के स्वास्थ्यवर्धक फायदे

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका thehindiguide ब्लॉग में, दोस्तों वैसे तो आपने बहुत से फलों का सेवन किया होगा। लेकिन आपने Dragon Fruit के बारे में सिर्फ सुना ही होगा खाया शायद ही होगा। तो आज हम आपको Dragon Fruit Ke Fayde के बारे में बताएँगे और इसके साथ जुड़ी तमाम रोचक जानकारी के बारे में भी चर्चा करेंगे।

Dragon Fruit को अगर सुपरफूड कहा जाए तो ये शायद गलत नहीं होगा। सबसे पहले हम बात करेंगे Dragon Fruit ऐसे कौन कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें शामिल हैं विटामिन C, विटामिन बी 2, विटामिन बी 3, कैल्शियम, आयरन और फॉस्फोरस। यह फ़ल Antioxidant, Polyunsaturated Acid, Carotene और प्रोटीन से भरपूर होता है।

चमकीले और गुलाबी रंग के इस फ़ल को ड्रैगन फ्रूट या पिताया के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर ये फ़ल अमरीका में पाया जाता है। कीवी जैसा रसीला ये फ़ल जितना स्वाद में अच्छा होता है उतना ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। Dragon Fruit हमारे स्वास्थ्य के साथ साथ हमारी त्वचा और बालों के लिए भी लाभदायक होता है। इस फ़ल की तीन किस्में होती हैं दो लाल और एक पीले रंग का।

ये फ़ल दिखने में थोड़ा थोड़ा अन्नानास जैसा होता है लेकिन इसके अंदर पाए जाने वाले छोटे छोटे काले बीज और स्वाद में ये कुछ हद तक कीवी के फ़ल से मेल खाता है।

Dragon Fruit क्या होता है ?

ड्रैगन फ्रूट के गुण और उपयोग जानने से पहले ज़रूरी होगा की Dragon Fruit क्या है आईये इसके बारे में थोड़ा जान लें। ड्रैगन फ्रूट को मोती फ़ल, केक्टस फ्रूट या पिताया भी कहा जाता है। यह एक ऊष्णकटिबंधीय स्वादिष्ट सुपर फ्रूट है। जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। इस फ़ल का पौधा एक प्रकार की वेल होती है, ये एक केक्टस की किस्म है। इसके तने गुद्देदार और रसीले होते हैं।

इस फ़ल की ख़ास बात ये है की इसके फूल बहुत ही सुगन्धित होते हैं। जो केवल रात में ही खिलते हैं और सुबह होने तक झड़ जाते हैं। इसके गुणों और फायदे को देखते हुए इसे पटाया, पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स में उगाया जाने लगा है। इस पौधे को दक्षिण और मध्य अमरीका के देशों का मूल निवासी माना जाता है। रेड ड्रैगन फ़ल का पौधा बहुत ही सुगन्धित और आश्चर्यजनक फ़ल के साथ साथ बहुत ही सूंदर दिखाई देता है। ये पौधा देखने में तो आकर्षक होता ही है साथ में खाने में भी बेहद स्वादिष्ट होता है।

ड्रैगन फ्रूट कितने प्रकार के होते हैं ?

Dragon Fruit Ke Fayde जानने से पहले आईये समझते हैं की ड्रैगन फ्रूट कितने प्रकार के होते हैं। आमतौर पर Dragon Fruit तीन प्रकार के होते हैं। पहला सफ़ेद रंग के गूदे वाला लाल रंग का फ़ल यानि इसकी बहरी सतह लाल रंग की होती है, दूसरा लाल रंग के गूदे वाला, इसकी बहरी साथ लाल रंग की ही होती है। और तीसरा प्रकार का जो ड्रैगन फ़ल है उसका गूदा सफ़ेद होता है और इसकी बहरी सतह पीले रंग की होती है। इन सब में में दूसरा यानि लाल रंग के गूदे वाला ज़्यादा लोकप्रिय है जिस कारण इसका बाजार भाव भी अधिक मिलता है।

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ड्रैगन फ्रूट के हैरान कर देने वाले फायदे Dragon Fruit Ke Fayde Aur Nuksaan in Hindi

DRAGON FRUIT KE FAYDE HINDI MEIN

Dragon Fruit Ke Fayde for Health Problems

Dragon Fruit Ke Fayde for Health Problems

दोस्तों ड्रैगन फ्रूट खाने में जितना स्वादिष्ट है उससे अधिक इसके उपयोग से होने वाले फायदे हैं। ड्रैगन फ्रूट में ऐसे ढेरों गुणकारी पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसका इस्तेमाल त्वचा, बाल और स्वास्थ्य से सम्बंधित कई जटिल समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट के उपयोग व् इससे होने वाले फायदों के बारे में आगे हम विस्तार से जानेंगे।

ड्रैगन फ्रूट के हमारे सेहत के लिए कई फायदे हैं। इसमें Carbohydrates और Thiamine भी होता है जो हमारे पाचन तंत्र में भोजन को पचाने में मदद करता है। आईये विस्तार से जानते हैं Dragon Fruit से सेहत को क्या क्या फायदे हो सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक – Dragon Fruit Ke Fayde Se Cholesterol Maintain Kre

खानपान और जीवनशैली में कुछ बदलावों से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। ऐसे फ़ल और सब्ज़ियों का सेवन किया जा सकता है जिससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखा जा सके। Dragon Fruit में Cholesterol कम मात्रा में होता है ये ना केवल आपको बल्कि आपके ह्रदय को भी स्वास्थ्य रखता है। Dragon Fruit Polyunsaturated वसा, Omega 3 और Omega 6 Fatty Acid से भरपूर होता है। जो Cholesterol को कम करने में मदद करता है। इसमें भरपूर मात्रा में Antioxidant के साथ LDL के स्तर से लड़ने की क्षमता भी होती है।

पेट की बिमारियों से निजात दिलाये – Dragon Fruit for Cure Stomach Infection in Hindi

ड्रैगन फ्रूट फाइबर का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। ये एक ऐसा फ़ल है जो आपके पेट से सम्बंधित तमाम बिमारियों को दूर करने में भी फायदेमंद होता है। Dragon Fruit कब्ज को ठीक करने में भी मदद करता है। फाइबर युक्त फ़ल होने के कारण इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है जिस कारण ये कब्ज के रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। ये भोजन को आसानी से पचने और मल्ल त्याग को बेहतर बनाने में मदद करता है। फाइबर की मात्रा अच्छी होने के कारण ये Irritable Bowel Syndrome के उपचार में भी मदद करता है। Irritable Bowel Syndrome यानि आँतों के रोग। इसमें पेट दर्द, बैचेनी, मल्ल त्याग में परेशानी होती है। इसे Ascending Colon, Irritable Colon जैसे नामों से भी जाना जाता है।

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शुगर के स्तर को नियंत्रित रखता है – Maintain Sugar Level With Dragon Fruit in Hindi

मधुमेह रोगियों के लिए कई फ़ल ऐसे होते हैं जो आपके शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। जिससे की आप भी अपनी ज़िन्दगी का आंनद ले सकते हैं। कई अध्यनों के अनुसार Dragon Fruit मधुमेह रोगियों में शुगर के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है। इसके इलावा ये फ़ल Carotenoids और Glucosinolates का अच्छा स्रोत है।

Maintain Sugar Level With Dragon Fruit

ह्रदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद – Make Heart Strong With Dragon Fruit In Hindi

ये फ़ल (ड्रैगन फ्रूट) ह्रदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ये कोलेस्ट्रॉल को कम करता है इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स रक्त परिसंचन को बनाये रखते हैं और धमनियों की कठोरता को कम करते हैं। जो दिल के दौरे को कम करने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त ये फ़ल शरीर में Monounsaturated Fat की सही मात्रा में समृद्ध है जो आपके ह्रदय (दिल) को स्वास्थ्य रखने के लिए ज़रूरी है।

शरीर में रक्त की कमी को पूरा करे – Increase Blood Level With Dragon Fruit  in Hindi

हीमोग्लोबिन के स्तर में उतार चढ़ाव के स्तर के बारे में सतर्क रहना बहुत ज़रूरी होता है। हीमोग्लोबिन का कम स्तर गुर्दे की विफलता का कारण बन सकता है। ड्रैगन फ्रूट अनीमिया की सम्भावना को कम करता है। इसमें मौजूद लोह तत्व शरीर में आयरन की कमी को पूरा करते हैं। Dragon Fruit विटामिन C से भरपूर होता है। जो की एक ऐसा एजेंट है जो शरीर की अधिक आयरन को अवशोषित करके क्षमता को बढ़ाता है।

कैंसर रोग को कम करे – Reduce Cancer Possibility with Dragon Fruit in Hindi

अध्यनों के अनुसार Dragon Fruit में कैंसर कोशिकायों के गुणन को रोकने की क्षमता होती है। ये फ़ल विटामिन C, Carotene के इलावा Lycopene नाम के एन्जाइम से समृद्ध होता है, जिसे Anti carcinogenic गुण कहा जाता है। ड्रैगन फ्रूट के छिलके Polyphemus रसायन से भरपूर होते हैं जो कैंसर जैसी ला इलाज बीमारी से बचा सकते हैं।

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शरीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है – Increase Immunity with Dragon Fruit in Hindi

ये फ़ल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि Immunity को बढ़ाता है क्यूंकि ड्रैगन फ्रूट में विटामिन C की मात्रा सही स्तर में होती है। ये फ़ल एंटीऑक्सीडेंट्स की गतिविधि को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन्स और खनिज जैसे Niyacin, विटामिन B1, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन शरीर को बैक्टीरिया और रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

दांतो और हड्डियों को स्वास्थ्य व् मज़बूत करे – Dragon Fruit Makes Teeth, Bones Healthy & Strong  

कैल्शियम और फॉस्फोरस से भरपूर ये स्वास्थ्यवर्धक फ़ल आपकी हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाने में बहुत सही साबित होता है। कैल्शियम, फॉस्फोरस ये दोनों पोषक तत्व एक दूसरे पर निर्भर करते हैं यानि की केवल कैल्शियम युक्त आहार लेने से हड्डियां और दांतों की बिमारियों से नहीं लड़ा जा सकता। लेकिन Dragon Fruit में दोनों ही तत्व मौजूद होते हैं जिस कारण ये आपके दांतों को जड़ों से मज़बूत और हड्डियों को भी मज़बूत बनाने में मदद करता है।

डेंगू बुखार को ख़त्म करने में सहायकCure Dengue Fever with Dragon Fruit in Hindi

डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों की पलटेट्स में गिरावट गंभीर रूप से दिखाई देती है। जिसकी समय से रिकवरी और इलाज ना मिलने पर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। सामान्य तौर पर एक स्वास्थ्य व्यक्ति के रक्त के प्रत्येक Micro-litre के लिए 1,50,000 से 4,50,000 की पलटेट्स गिनती होती है। जबकि डेंगू के रोगियों में पलटेट्स 10,000 से भी कम हो जाती हैं। इन पलटेट्स का काम रक्त वहिकायों की चोटों को रोक कर रक्त रसाव को रोकना होता है। Dragon Fruit डेंगू के मरीज़ों में पलटेट्स की गिनती बढ़ाने में मदद करता है क्यूंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण मौजूद होते हैं।

कोशिकायों की मुरम्मत में फायदेमंदDragon Fruit Ke Fayde Dead Cells Ko Repair Karne Ke Liye

इस फ़ल (ड्रैगन फ्रूट) में विशेष रूप से प्रोटीन और एन्जाइम होते हैं जो कोशिकायों को पुनर जीवित और मुरम्मत करने में मदद करके हमारी शरीरिक स्वास्थ्य की मदद करते हैं। इस फ़ल (ड्रैगन फ्रूट) में मौजूद पोषक तत्वों के कारण ये चोटों के उपचार के दौरान काम आता है। इसके इलावा ये लीवर की वसा को कम करता है। इसके साथ ही ये हमारे Metabolism को बढ़ाता है और इसका असर लम्बे समय तक रहता है।

त्वचा के स्वास्थ्य को बनाये रखे – Get Softness Clear Skin With Dragon Fruit

त्वचा का स्वास्थ्य होना पर्याप्त नहीं है त्वचा को स्वास्थ्य बनाये रखना बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है। त्वचा ऐसी चीज़ है जो आपकी उम्र को दर्शाती है। ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सीडेंट्स बहुत ही अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए ये त्वचा को टाइट और जवान बनाये रखने में मदद करता है। यह त्वचा पर किसी भी प्रकार की झुर्रियों को आने से रोकता है। इस फ़ल में विटामिन C अच्छी मात्रा में होने के कारण ये मुंहासों की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।

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बालों (केश) को लम्बा करे व् झड़ने से बचाये – Make Hair Healthy and Strong With Dragon Fruit

बालों (केश) की समस्यांएं जैसे बालों का झड़ना, दो मुंहे बाल, रूखापन को दूर करने के लिए ड्रैगन फ्रूट का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। हम और आप अक्सर अपने बालों पर रासायनिक उत्पादों का उपयोग करते ही हैं। जो उन्हें नुक्सान पहुंचा सकता है इसलिए ड्रैगन फ्रूट का रस बालों के उपचार के लिए बहुत अच्छा विकल्प होता है। आप अपने बालों की समस्यओं को दूर करने के लिए ड्रैगन फल या इससे बने कंडीशनर का उपयोग कर सकते हैं। ये बालों के लिए ड्रैगन फलों के महत्वपूर्ण लाभों में से एक है।

DRAGON FRUIT KE SIDE EFFECTS HINDI MEIN

हालाँकि अभी तक ड्रैगन फ्रूट का कोई दुष्प्रभाव शरीर में देखने को नहीं मिला है। तो इसलिए इस फ़ल को खाने से कोई नुक्सान नहीं होते है। यदि इस फ़ल का ज़्यादा सेवन किया जाए तो आप डायरिया की बीमारी का शिकार हो सकते हैं। इसके शरीर में एक और लक्षण देखने को मिल सकता है वो ये है की इसका सेवन करने से कुछ लोगों के मूत्र का रंग लाल हो जाता है। अंत इस भाग में हम यही बताना चाहेंगे की इसका सेवन सही मात्रा में करें क्यूंकि अगर हर चीज़ का सेवन सही मात्रा में किया जाए तो वो चीज़ शरीर को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाती है।

ड्रैगन फ्रूट के फायदे की वीडियो Check Dragon Fruit Ke Fayde Video for More Detail

निष्कर्ष Conclusion

तो ये थे Dragon Fruit Ke Fayde जो आपने अच्छे से पढ़ लिए होंगे। आशा करता हूँ इस लेख से आपको ड्रैगन फ्रूट के बारे में काफी बढ़िया ज्ञान मिला होगा। इसे लेख को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ शेयर ज़रूर कीजिये ताकि वह भी इससे जुड़ी जानकारी और लाभ के बारे में जान सकें। अगर आपके कोई सुझाव या कोई प्रश्न है तो हमें इस ईमेल thehindiguide@gmail.com पर मैसेज कर के पूछ सकते हैं।

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Gud Ke Fayde हिंदी में Black Jaggery के चम्तकारिक प्रयोग जाने

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप The Hindi Guide ब्लॉग में आपका बहुत-बहुत स्वागत है। आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं गुड़ के फायदे (Gud Ke Fayde) बारे में और गुड़ के बारे में पूरी जानकारी आपको देने की कोशिश करेंगे। हम सब जानते हैं कि गुड़ खाने में इस्तेमाल किया जाता है और यह बहुत स्वादिष्ट होता है, इसका स्वाद मीठा होता है। मगर क्या आप जानते हैं सिर्फ खाने के लिए ही इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसके अलावा गुड़ के और भी हमें फायदे होते हैं जो शायद आपको कभी पता भी नहीं होंगे।

पुरातन काल से अभी के काल तक मिठाई या मीठा खाना एक तरीके से बहुत ही शुभ माना जाता है और इस मीठी श्रेणी के अंदर इस गुड़ का भी प्रयोग काफी ज्यादा होता है। केवल सिर्फ खाने के काम ही नहीं आता है बल्कि गुड़ से बहुत सारी ऐसी चीजें होती है जो शायद आपको पहले कभी ना पता हों। और गुड़ के खाने से जो फायदे मिलते हैं वह काफी ज्यादा आश्चर्यजनक होते हैं। क्योंकि गुड़ के अंदर बहुत सारे अच्छे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को पोष्टिक करने में सहायक होते हैं।

हैरान कर देने वाले गुड़ के फायदे – Jaggery, Gud Ke Fayde In Hindi

गुड़ खाने के बहुत सारे फायदे हमें मिले जाते हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसको रोजाना जिंदगी में खाने के तौर पर ज़्यादा मात्रा में इसको खाएं। हालांकि यह एक ऐसी चीज है जिसको हम थोड़ी थोड़ी मात्रा में खा सकते हैं आइए जानते हैं गुड़ के फायदे के बारे में।

1. खून की कमी को दूर करे – Increase Blood in Body

increase blood with jaggery (gud)

हम अपना रोजाना आहार पूरा नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से शरीर में खून की कमी (Anemia) हो जाती है। जब खून की कमी होती है तब हमारा वजन भी कम हो जाता है। वजन के साथ साथ खून का कम होना एक बहुत बड़ा संकेत होता है।

और इसकी वजह से हमारे शरीर में काफी ज्यादा बीमारियां लगने का भी खतरा हो सकता है। अगर आप गुड़ का सेवन करेंगे तब आपकी यह बीमारी दूर हो जाएगी। आपका रक्त संचालन अच्छी तरीके से काम करेगा और रक्त बढ़ने में भी काफी ज्यादा मदद मिलेगी।

2. सर्दी ज़ुकाम से बचाये – Gud Ke Fayde Best For Cough And Cold

सर्दी-जुकाम किस को नहीं होता है यह बहुत आम चीज है। और बहुत वायरल चीज होती है जो बच्चों को भी हो जाती है। और कुछ कुछ लोगों को तो यह 12-12 महीने तक टिकी रहती है कभी भी खत्म नहीं होती है। सर्दी जुकाम को दूर करने के लिए काफी ज्यादा दवाइयों का खर्चा भी करना पड़ता है।

तब भी इसका असर नहीं होता है। अगर हम गुड़ की बात करें तो गुड़ की तासीर गर्म गर्म होती है। अगर आप गुड़ का सेवन करेंगे तब उसकी गर्मी से सर्दी और जुकाम में काफी ज्यादा फर्क आएगा। इसीलिए आपको हफ्ते में एक-दो बार गुड़ का सेवन जरूर करना चाहिए।

3. हड्डियों को मज़बूत करे – Gud Ke Fayde For Bones

गुड़ के अंदर काफी अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में काफी ज्यादा सहायक होता है। और हड्डियां काफी इससे लचीली बनी रहती है, लचीलापन कम नहीं होता है। अक्सर हमने देखा होगा की हड्डियों का काफी दर्द रहता है वह जोड़ों का दर्द होता है, तो गुड़ खाने से यह भी नहीं होता है।

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4. गर्भावस्था में गुड़ खाने के फायदे – Gud Khaane Ke Fayde in Pregnancy

Gud Khane Ke Fayde in Pregnancy : अगर कोई प्रेग्नेंट है तो क्या उसे गुड़ खाना चाहिए? जी हां उसे गुड़ खाना चाहिए। क्योंकि गुड़ में बहुत सारे अच्छे पौष्टिक तत्व होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए काफी ज्यादा सहायक होते हैं और जरूरी भी होते हैं। गुड़ माँ और बच्चे दोनो को ताकत देता है।

क्योंकि इससे खून की कमी नहीं होती है सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां नहीं होती है और इससे दिमाग की शक्ति काफी ज्यादा बढ़ जाती है। उसी के साथ साथ हड्डियों का मजबूत पर भी बढ़ने लग जाता है। इसीलिए प्रेगनेंसी में गुड़ खाने के फायदे बहुत सारे हैं।

5. खाली पेट गुड़ खाने के फायदे – Khali Pet Gud Khane Ke Fayde

अगर आप खाली पेट गुड़ खाना चाहते हो और यह जानना चाहते हो खाली पेट गुड़ खाने के फायदे क्या हो सकते हैं। पर यहां भी गुड़ आपके लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होगा। सुबह उठकर अगर आप खाली पेट गुड़ को खाओगे तब आपके पाचन तंत्र में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होगी।

पाचन तंत्र मजबूत हो जाएगा और पेट से जुड़ी बहुत सारी चीजें कंट्रोल हो जाएगी। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल हो जाएगा साथ ही साथ में आप का शरूर एक्टिव रहेगा। आलस आपको बिल्कुल भी नहीं आएगा। खाली पेट गुड़ खाने के फायदे और भी बहुत सारे हैं।

जब आप गुड को खाओगे तब आप खुद से जान जाओगे।

6. पुराने गुड़ के फायदे – Purane Gud Ke Fayde

बहुत सारे लोगों का यह कहना होता है कि पुराने गुड़ के फायदे से क्या फर्क पड़ता है नया गुड़ भी खाकर उसका काफी ज्यादा फायदा हम ले सकते हैं। मगर असली बात तो यह है कि जो नया नया गुड़ होता है वह अलग प्रकार का होता है और जो गुड़ पुराना गुण होता है कुछ ज्यादा ताकतवर होता है।

आपने अक्सर देखा होगा कि लोग हमेशा काला गुड़ खाना पसंद करते हैं। क्योंकि काले गुड में जितनी ज्यादा शक्ति और संभावना होती है शरीर को ताकत देने कि वह नए गुड़ में नहीं होती है इसीलिए पुराना गुड़ खाना बहुत ज्यादा सहायक है।

मान लीजिए अगर आप गुड़ लेकर आए हैं तब उसको एक-दो महीना रखें उसके बाद ही खाएं ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा।

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गुड़ कब खाना चाहिए – Gud Kab Khana Chahiye

Best Time to Eat Jaggery In Hindi – हमें गुड़ कब खाना चाहिए ये सवाल तो मन में आता ही है। वैसे तो गुड़ खाने का कोई भी मौसम नहीं होता है मगर हां इसका ज्ञान, कुछ आपको बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जब आपको गुड़ खाना है तब किस मौसम में खाना है? कब खाना है? और कैसे खाना है। यह सब जब तक आप को पता नहीं होता तब तक आप गुड़ का सेवन ना करें,

क्योंकि गुड एक गर्म पदार्थ होता है और अगर आप इसका रोजाना सेवन गर्मियों में करेंगे तब आपके शरीर में हीट की प्रॉब्लम आने लगेगी। हालांकि यह आपको सर्दियों के मौसम में और बारिश के मौसम में काफी ज्यादा राहत देगा। मगर आपको हफ्ते में एक या दो बार से ज्यादा इसका सेवन नहीं करना है।

गुड़ को ख़राब होने से कैसे बचा सकते हैं ?

अब बात करते हैं की गुड़ को खराब होने से कैसे बचाया जा सकता है यानि अगर हम गुड़ को ऐसे ही बिना स्टोर किये रख देते हैं तो ये खराब हो जाता है। गर्मियों के दिनों में अगर गुड़ को संभाल कर न रखा जाए तो ये पूरी तरह से पिघल जाता है और इसमें फंगस यानि उल्ली भी लग जाती है। हम आपको एक ऐसा उपाय बताएँगे जिससे आपका गुड़ एक साल ख़राब नहीं होगा।

इसके लिए आपको चाहिए टिशू पेपर, प्लास्टिक का ज़िप लोग बैग (लिफाफा) और एक एयर टाइट कंटेनर (डिब्बा)। सबसे पहले गुड़ को टिशू पेपर में अच्छे से रैप कर लें और प्लास्टिक के ज़िप लोग बैग में डाल कर ज़िप को अच्छे से बन कर दें। अब इसको एक एक एयर टाइट कंटेनर (डिब्बे) में बंद करके अपने फ्रिज में रख दें। ऐसा करने से आपका गुड़ सुरक्षित रहेगा अब ना ही ये पिघलेगा और ना ही इसमें किसी प्रकार की फंगस यानि उल्ली लगेगी। कम से कम एक साल तक ये गुड़ वैसा का वैसा ही रहेगा जैसे आपने इसे डिब्बे में रखा था।

कैसे करें नकली और असली (शुद्ध) गुड़ की पहचान ?

gud ke fayde aur nuksaan

Gud Ke Fayde Aur Nuksaan

दोस्तों आपको पता होगा बाजार में कई प्रकार के गुड़ आते हैं जैसे एक हल्का सफेद गुड़, एक भूरे रंग का गुड़ और एक हलके काले रंग का गुड़।

गुड़ का सेवन हमारे शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है। मगर उस गुड़ में अगर रसायन मिलाये गए हों तो वह गुड़ ज़हर की तरह बन जाता है। और शरीर को लाभ पहुंचाने की बजाए हानि पहुंचा देता है। आपको शायद पता होगा आज 40-50 साल पहले लोग गुड़ की ही चाय पीना पसंद करते थे। जिस कारण उनकी सेहत भी अच्छी रहती थी। क्यूंकि वह बिलकुल शुद्ध गुड़ होता था। पर आज कल बाज़ार में कई तरह के मिलावटी गुड़ आने लगे हैं जिनके सेवन से हमें बचना चाहिए। तो चलिए जानते हैं शुद्ध गुड़ और रासायनिक गुड़ की पहचान कैसे करे।

पीला गुड़ यानि मिलावटी गुड़ :

गुड़ की शुद्धता को चेक करने के लिए आप गुड़ की चाय बनाये और अगर चाय बनाते बनाते दूध फट्ट जाता है तो वह 100% मिलावटी गुड़ होगा। और दूसरी स्थिति में अगर दूध नहीं फटता और चाय गाड़े रंग की बन जाती है तो वे शुद्ध गुड़ होगा। ये एक साधारण सा तरीका है असली गुड़ की पहचान करने का।

एक और बात का ध्यान दें जो मिलावटी गुड़ होता है उसमें रसायन डालने से उसका रंग पीला पड़ जाता है। जो रसायन गुड़ में डाला जाता है उसे फॉस्फेट कहते हैं। ये रसायन युक्त गुड़ हमारी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। तो अगर आप बाज़ार में गुड़ की खरीदारी करने जाएँ तो ध्यान दें गुड़ ज़्यादा पीला न हो।

काला गुड़ यानि शुद्ध गुड़ : 

जो 100% शुद्ध गुड़ होता है वह काले रंग का होता है आपने अपने घर के बज़ुर्गो से सुना होगा की वह काले गुड़ को प्राथमिकता देते थे। क्यूंकि इस गुड़ में किसी भी तरह की मिलावट नहीं होती है इसलिए ये रंग में काला होता है। तो जब भी आप गुड़ खरीदें तो जांच परख कर ही लें और रंग ज़रुर देखें की काला ही हो।

गुड़ के नुक्सान – Jaggery (Gud) Side Effects in Hindi

गुड़ को काफी लोग अपनी रोज़ाना आहार में शामिल करते हैं। गुड़ को खाने के फायदे ये तो हम सभी जानते ही हैं। लेकिन दोस्तों क्या आप जानते हैं की गुड़ को खाने का भी एक सही समय और तरीका होता है। यदि आप गुड़ को रोज़ाना अनियमित मात्रा में खाएंगे तो इसके कुछ नुक्सान (Gud Ke Side Effects) भी हो सकते हैं।

अब हम बताएँगे की अगर आप गुड़ का सेवन करते हैं तो आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे की आपकी सेहत को कोई नुक्सान ना पहुंचे। गुड़ काफी सारे भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है और भी कई ऐसे कई तरह के व्यंजन हैं भारतीय के इलावा जिनमे गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है।

गुड़ यानि चीनी जी हाँ दोस्तों गुड़ एक तरह से चीनी का विकल्प है और इसे काफी लोग चीनी की जगह इस्तेमाल भी करते हैं। इसको बिमारी के उपचार में भी इस्तेमाल किया है। तो इसलिए गुड़ के खाने के काफी फायदे होते हैं और नुक्सान भी।

अब बात करते हैं की इसके सेवन से क्या क्या नुक्सान हो सकते हैं।

पहला नुक्सान – First Side Effect of Jaggery in Hindi

1 . क्यूंकि गुड़ एक चीनी का विकल्प है इसलिए ऐसे व्यक्ति जिन्हे डायबटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी है। वह लोग कृपया गुड़ के सेवन को कम कर दें और हो सके तो पूरी तरह से इसका सेवन बंद कर दें। नहीं तो इससे आपके डायबटीज़ यानि मधुमेह की बीमारी ज़्यादा घातक रूप ले सकती है।

दूसरा नुक्सान – Second Side Effect of Jaggery in Hindi

2 . यदि आप गुड़ का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो इससे आपके शरीर का वज़न बहुत तेज़ी से बढ़ने लगेगा और एक समय पर आप मोटापे जैसी बीमारी से ग्रसित हो जाएंगे। ऐसे लोग जो दुबले पतले होते हैं और अपना वज़न बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें भी गुड़ का सेवन एक नियमित मात्रा में ही करना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो वज़न बढ़ाने के साथ साथ आओ मोटापे के शिकार ना हो जाएँ। इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है।

तीसरा नुक्सान – Third Side Effect of Jaggery in Hindi

3 . यदि आप गुड़ का सेवन एक लम्बे समय तक करते यानि बिना कोई अंतराल डाले तो इससे आपकी आँतों में कीड़े पैदा हो जायेंगे और ये धीरे धीरे पूरे शरीर में भी फ़ैल सकते हैं। लेकिन ये आँतों के कीड़े मुख्य रूप से आपकी आंतो पर ही ज़्यादा बुरा प्रभाव डालते हैं, जिससे आपके पेट में दर्द होने लगता है। और ऐसा होने से अनीमिया और गैस जैसी बीमारिया आपके शरीर को लग जाती हैं।

गुड़ का इस्तेमाल करते वक़्त क्या क्या सावधानिया बरतनी चाहिए ?

इसलिए दोस्तों गुड़ खाने के लिए कुछ सावधानिया बरतनी चाहिए जो की आगे हम बताएँगे।

  • आपको एक दिन में 10 ग्राम गुड़ का ही सेवन करना चाहिए। याद रखें अगर आप इससे ज़्यादा मात्रा में गुड़ का सेवन करते हैं तो आपको इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • यदि आप Ulcerative Colitis बीमारी से पीड़ित हैं तो आपको गुड़ का सेवन पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए। नहीं तो ये आपकी दिक्कत को और बढ़ा सकता है।
  • ऐसे लोग जो मच्छी को आहार में लेते हैं या फिर जो लोग रोज़ाना मच्छी खाते हैं उन लोगों को भी गुड़ के सेवन से बचना चाहिए। या फिर हो सके तो इन दोनों चीज़ों (मच्छी और गुड़ ) को साथ में ना खाएं।
  • यदि आपको सूजन है, इंफ्लेमेटरी डिजीज (Inflammation Disorder) है तो इस स्थिति में भी आपको गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • दोस्तों आजकल गुड़ बनाने के लिए बहुत सारे रसायनों (Chemicals) का इस्तेमाल किया जाने लगा है तो इसलिए आपको गुड़ की गुणवत्ता को ज़रूर जांचना चाहिए। आपको ये ज़रूर पता लगाना चाहिए की यह सही गुड़ है या नहीं। क्यूंकि अब पहले की तरह प्रकृतिक शुद्ध गुड़ आना कम हो गए हैं। और इनमें बहुत सारे आर्टिफिशल फ्लेवर्स का इस्तेमाल किया जाने लगा है।

Last Words

तो दोस्तों यह थी पोस्ट Gud Ke Fayde के बारे में और आज हमने आपको गुड़ के बारे में पूरी जानकारी आपको देने की कोशिश की है । आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी होगी। ऐसे ही heath tips related post के notifications को पाने के लिए हमारे वेबसाइट पर आते रहिये। आपका हमारी आज की यह पोस्ट को पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्।

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(छाछ के फायदे हिंदी में ) Benefits of Buttermilk in Hindi

Benefits of Buttermilk नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे दही से बनने वाले लस्सी (Buttermilk), जिसको छाछ भल देते हैं. उसके कुछ लाभ के बारे में Health Benefits of Buttermilk और किस  को पीनी चाहिए ? कब पीनी चाहिए और इसे सही तरह से बनाने का ढंग क्या है, यह आज हम इस लेख में पूरी तरह कवर करेंगे.

 छाछ क्या है ? What is Buttermilk

देखिये लस्सी क्या है पहले इस चीज को समझना है, एक गिलास लस्सी लीजिये अपनी सामर्थ्य  के  हिसाब से (जितना आप पचा सकें), अब इसमें एक चौथाई (one fourth) साफ़ पीने वाला पानी डाल दें, याद रखें अगर वह एक कटोरी पूरी होगी तो ही आप उसमें से सही मात्रा में मक्खन निकल सकते है.

अब इसको आपने अच्छे से मथना है (grind) | दस मिनट तक मथने पर आप देखेंगे इसके ऊपर मक्खन (butter) आ गया है. इस मक्खन को आप बच्चों को दे सकतें हैं ये उनकी सेहत बनाने में काफी मदद करता है चाहे तो बड़े भी इसका उपयोग नाश्ते में कर सकते हैं और जो नीचे पानी जैसा बच गया है वो है मठ्ठा यानी छाछ (Buttermilk)| अब इस छाछ का उपयोग  आप कई तरह से कर सकते है | आगे के लेख में हम आपको छाछ के कई फायदे ( Benefits Of Buttermilk ) बताने जा रहे है

छाछ के स्वास्थ्य के लिए   अ दभुत  फायदे     ( Health Benefits Of Buttermilk ) 

पित्त रोग : देखें अगर तो पित्त रोग है, पित्त रोग का मतलब है शरीर में गर्मी पड़ी होना, लीवर में गर्मी पड़ी होना, पीलिया होना या ऐसा कुछ होना की नकसीर फट गयी ये सब पित्त रोग हैं तो पित्त रोग में इसमें शक्कर (गुड़) डाल कर लेना होता है तो गुड़ डाल कर इसको आप दोपहर के खाने के बाद ले सकते हैं सुबह भी ले सकते हैं

लेकिन दोपहर में पीने से ज्यादा फायेदा मिलेगा वह इस लिए क्यूंकि दोपहर में शरीर का तापमान ज्यादा गरम होता है इस लिए अगर इसे दोपहर के समय लें तो ज्यादा बेहतर होगा और शाम तक आपके शरीर में पूरी तरह से पच भी जायेगा।

खांसी रोग : अगर खांसी का रोग हो तो इस से बेहतर कोई और चीज नहीं है, तो खांसी से बचाव के लिए इसे कैसे लेना है चलिए शुरू करते हैं, छाछ में थोड़ा सेंधा नमक (Rock Salt) डाल लें, थोड़ी काली मिर्च (Black Paper) और थोड़ी सी सोंठ डाल दें जिसे अंग्रेजी में Dry Ginger बोलते हैं. और हाँ अगर हो सके तो थोड़ा सा पीपली (Pipli) पाउडर डाल दें और इसको भी दोपहर के समय लेंगे तो वो खांसी (Cough) रोग में काम करेगा यानी के फिर Cough नहीं बनेगा.

वात रोग : अगर ये वात रोगों में लेनी है जैसे दर्दें होतीं हैं शरीर में या कई लोगों को होता है की वायु है शरीर में भारीपन महसूस होता है तो उस स्थिति में क्या करें, इसमें साधारण सेंधा नमक, जीरा भुना हुआ और थोड़ी सी हींग मिला कर लें सकते हैं, कई लोग पूछते हैं हमें तो त्वचा का रोग है हमें दही मना की हुई है तो भी इस छाछ को ले सकते हैं पर याद रहे दही साधारण तरीके से मिटटी के बर्तन में जमाया हुआ हो और मीठा हो खाने में.

त्वचा के लिए फायदेमंद Benefits of Buttermilk for Skin

दोस्तों छाछ (Buttermilk) हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है, अब बात करें की किस तरह ? छाछ में अगर रूई डाल कर अगर उस से त्वचा को साफ़ करें तो बहुत फायदा मिलेगा और मान लें अगर आपने चेहरा पहले से ही पानी से धोया हुआ है तब भी आपको थोड़ी बहुत धुल मिल जाएगी. उसमें जो लस्सी की जो हलकी सी खट्टास होती है वो इन सब चीज़ों में बहुत फायदेमंद है आप किसी भी तरह का कोई face pack बना रहे हैं और आपकी त्वचा तैलीय है तो लस्सी एक गुणकारी नुस्खा है त्वचा में निखार लाने के लिए. लस्सी का सेवन करने से शरीर की अंदरूनी ताकत बढ़ती है कोशिकाये दोबारा बनती हैं (Re-Developed).

गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद Buttermilk During Pregnancy

Buttermilk During Pregnancy
Buttermilk Benefits During Pregnancy

लस्सी का तीसरा जो फायदा है वो है गर्भवती महिलाओं के लिए, दोस्तों लस्सी गर्भधारन में बहुत लाभकारी होती है. हम जानते हैं गर्भधारन के दौरान महिलाओं को बहुत परेशानी हो जाती है और कुछ खाने का मन नहीं करता है. समझ नहीं आता है की भूख लगी है या नहीं लगी, खाना खाना है या नहीं खाना है, ऐसे में लस्सी आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होती है. आप दोपहर के समय लस्सी किसी भी तरह ले सकते हैं आप मीठा बना कर ले सकते हैं, नमकीन बना कर ले सकते हैं आप चाहे तो कुछ भी मत मिलाइये उसमें ऐसे ही लस्सी पी सकते हैं. गर्भधारन में महिलाओं के लिए इस लिए लाभकारी है कयूंकी उनके पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी बहूत पौष्टिक साबित होती है.

पेट में बच्चे के जो अंग विकसित होते हैं विशेष रूप से जब आमाशय जब बनता है बच्चे का तो उसके लिए यह ज्यादा फायदेमंद है कयूंकि आमाशय को ताकतवर होना बहुत जरुरी होता है. बच्चा जब पेट से बहार आता है तो सिर्फ तरल भोजन नहीं और भी बहुत सारी चीज़ें खानी होती हैं.

यानी सम्पूर्ण भोजन दिया जाता है ६ महीने बाद तो बचपन से ही यानी माँ के पेट से ही बच्चे का आमाशय इतना सवस्थ है तो बाहर आकर उनको पेट की परेशनियां नहीं होती और ऐसा बोला जाता है की गर्भधारन के दौरान जिन जिन समस्याओं का समाधान माँ ढूंढ लेती है यानी अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती है अपने को कोई रोग नहीं होने देती तो बच्चा भी उन सब रोगों से मुक्त रहता है. इसीलिए गर्भधारन में लस्सी बहुत लाभकारी है आपके लिए और आपके बच्चे के लिए.

ब्लड प्रेशर को सामान्य करे Blood Pressure Control

Blood Pressure Control
Blood Pressure Control with Buttermilk

लस्सी का चौथा जो फायदा है वो है BP रोगियों के लिए जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है. कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर (BP) उच्च रहता है और कुछ लोगों का कम रहता है.

ऐसे में बहुत उपयोगी है अगर आप लस्सी में नमक मिला कर पियें तो अगर आपका BP कम रहता आपको फायदा मिलेगा। और अगर आपका BP उच्च रहता है तो इसमें शक़्कर (गुड़) डाल कर पियें आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा।

दोनों ही अवस्थाओं में आपको ध्यान रखना है की नमकीन लस्सी आप पी रहें हैं आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा और अगर उच्च रक्तचाप की समस्या है तो शक़्कर (गुड़) डाल लें. कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे आपको फायदे होंगे लेकिन ये आपको रोज़ाना पीना पड़ेगा।

आयुर्वेद में होमियोपेथी में हम जिन भी घरेलू नुस्खों की बात करते हैं शरीर के लिए वो लाभकारी होती हैं नुकसान कुछ नहीं होते परिणाम भी मिलता है लेकिन थोड़ा धैर्य के साथ हमको वो चीज़े रोजाना तरीके से सेवन करनी होती हैं और उनका इस्तेमाल करना होता है. दोस्तों ब्लड प्रेशर के साथ साथ ये हमारे कोलेस्ट्रॉल को भी सामान्य करता है.

वज़न घटाने में  छाछ की उपयोगिता  (Benefits of Buttermilk for weight loss) –

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वजन कम करने के लिए  कैलोरी  कम खानी होती  है, ऐसी परिस्थितियों में, छाछ (Buttermilk ) एक बेहतर विकल्प है। यह हल्का होता है, इसमें कम वसा और कम कैलोरी होती है। छाछ  में लस्सी की तुलना में 50 प्रतिशत कम कैलोरी और 75 प्रतिशत कम वसा होती है। यह Vitamin C  से भी समृद्ध है और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system)को मजबूत करने में मदद करता है। आपके चयापचय(Metabolism )को बढ़ावा देने के लिए आपके पास एक दिन में कई गिलास छाछ (Buttermilk) पी  सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स ( acid reflux.) से पीड़ित लोगों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है।

निष्कर्ष : Conclusion

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको छाछ के फायदे की (Benefits of Buttermilk) ये जानकारी बहुत पसंद आयी होगी, मेरी आगे भी यही कोशिश रहेगी की में बढ़िया से बढ़िया लेख आपके लिए लेकर आता रहूं। अगर आपको ये लेख अच्छा लगे तो कृपया इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ साँझा करियेगा और मुझे प्रेरित करते रहिये ताकि अच्छी से अच्छी सेहत की जानकारी आपको देता रहूं।

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