(छाछ के फायदे हिंदी में ) Benefits of Buttermilk in Hindi

Benefits of Buttermilk नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेंगे दही से बनने वाले लस्सी (Buttermilk), जिसको छाछ भल देते हैं. उसके कुछ लाभ के बारे में Health Benefits of Buttermilk और किस  को पीनी चाहिए ? कब पीनी चाहिए और इसे सही तरह से बनाने का ढंग क्या है, यह आज हम इस लेख में पूरी तरह कवर करेंगे.

 छाछ क्या है ? What is Buttermilk

देखिये लस्सी क्या है पहले इस चीज को समझना है, एक गिलास लस्सी लीजिये अपनी सामर्थ्य  के  हिसाब से (जितना आप पचा सकें), अब इसमें एक चौथाई (one fourth) साफ़ पीने वाला पानी डाल दें, याद रखें अगर वह एक कटोरी पूरी होगी तो ही आप उसमें से सही मात्रा में मक्खन निकल सकते है.

अब इसको आपने अच्छे से मथना है (grind) | दस मिनट तक मथने पर आप देखेंगे इसके ऊपर मक्खन (butter) आ गया है. इस मक्खन को आप बच्चों को दे सकतें हैं ये उनकी सेहत बनाने में काफी मदद करता है चाहे तो बड़े भी इसका उपयोग नाश्ते में कर सकते हैं और जो नीचे पानी जैसा बच गया है वो है मठ्ठा यानी छाछ (Buttermilk)| अब इस छाछ का उपयोग  आप कई तरह से कर सकते है | आगे के लेख में हम आपको छाछ के कई फायदे ( Benefits Of Buttermilk ) बताने जा रहे है

छाछ के स्वास्थ्य के लिए   अ दभुत  फायदे     ( Health Benefits Of Buttermilk ) 

पित्त रोग : देखें अगर तो पित्त रोग है, पित्त रोग का मतलब है शरीर में गर्मी पड़ी होना, लीवर में गर्मी पड़ी होना, पीलिया होना या ऐसा कुछ होना की नकसीर फट गयी ये सब पित्त रोग हैं तो पित्त रोग में इसमें शक्कर (गुड़) डाल कर लेना होता है तो गुड़ डाल कर इसको आप दोपहर के खाने के बाद ले सकते हैं सुबह भी ले सकते हैं

लेकिन दोपहर में पीने से ज्यादा फायेदा मिलेगा वह इस लिए क्यूंकि दोपहर में शरीर का तापमान ज्यादा गरम होता है इस लिए अगर इसे दोपहर के समय लें तो ज्यादा बेहतर होगा और शाम तक आपके शरीर में पूरी तरह से पच भी जायेगा।

खांसी रोग : अगर खांसी का रोग हो तो इस से बेहतर कोई और चीज नहीं है, तो खांसी से बचाव के लिए इसे कैसे लेना है चलिए शुरू करते हैं, छाछ में थोड़ा सेंधा नमक (Rock Salt) डाल लें, थोड़ी काली मिर्च (Black Paper) और थोड़ी सी सोंठ डाल दें जिसे अंग्रेजी में Dry Ginger बोलते हैं. और हाँ अगर हो सके तो थोड़ा सा पीपली (Pipli) पाउडर डाल दें और इसको भी दोपहर के समय लेंगे तो वो खांसी (Cough) रोग में काम करेगा यानी के फिर Cough नहीं बनेगा.

वात रोग : अगर ये वात रोगों में लेनी है जैसे दर्दें होतीं हैं शरीर में या कई लोगों को होता है की वायु है शरीर में भारीपन महसूस होता है तो उस स्थिति में क्या करें, इसमें साधारण सेंधा नमक, जीरा भुना हुआ और थोड़ी सी हींग मिला कर लें सकते हैं, कई लोग पूछते हैं हमें तो त्वचा का रोग है हमें दही मना की हुई है तो भी इस छाछ को ले सकते हैं पर याद रहे दही साधारण तरीके से मिटटी के बर्तन में जमाया हुआ हो और मीठा हो खाने में.

त्वचा के लिए फायदेमंद Benefits of Buttermilk for Skin

दोस्तों छाछ (Buttermilk) हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होती है, अब बात करें की किस तरह ? छाछ में अगर रूई डाल कर अगर उस से त्वचा को साफ़ करें तो बहुत फायदा मिलेगा और मान लें अगर आपने चेहरा पहले से ही पानी से धोया हुआ है तब भी आपको थोड़ी बहुत धुल मिल जाएगी. उसमें जो लस्सी की जो हलकी सी खट्टास होती है वो इन सब चीज़ों में बहुत फायदेमंद है आप किसी भी तरह का कोई face pack बना रहे हैं और आपकी त्वचा तैलीय है तो लस्सी एक गुणकारी नुस्खा है त्वचा में निखार लाने के लिए. लस्सी का सेवन करने से शरीर की अंदरूनी ताकत बढ़ती है कोशिकाये दोबारा बनती हैं (Re-Developed).

गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद Buttermilk During Pregnancy

Buttermilk During Pregnancy
Buttermilk Benefits During Pregnancy

लस्सी का तीसरा जो फायदा है वो है गर्भवती महिलाओं के लिए, दोस्तों लस्सी गर्भधारन में बहुत लाभकारी होती है. हम जानते हैं गर्भधारन के दौरान महिलाओं को बहुत परेशानी हो जाती है और कुछ खाने का मन नहीं करता है. समझ नहीं आता है की भूख लगी है या नहीं लगी, खाना खाना है या नहीं खाना है, ऐसे में लस्सी आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होती है. आप दोपहर के समय लस्सी किसी भी तरह ले सकते हैं आप मीठा बना कर ले सकते हैं, नमकीन बना कर ले सकते हैं आप चाहे तो कुछ भी मत मिलाइये उसमें ऐसे ही लस्सी पी सकते हैं. गर्भधारन में महिलाओं के लिए इस लिए लाभकारी है कयूंकी उनके पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी बहूत पौष्टिक साबित होती है.

पेट में बच्चे के जो अंग विकसित होते हैं विशेष रूप से जब आमाशय जब बनता है बच्चे का तो उसके लिए यह ज्यादा फायदेमंद है कयूंकि आमाशय को ताकतवर होना बहुत जरुरी होता है. बच्चा जब पेट से बहार आता है तो सिर्फ तरल भोजन नहीं और भी बहुत सारी चीज़ें खानी होती हैं.

यानी सम्पूर्ण भोजन दिया जाता है ६ महीने बाद तो बचपन से ही यानी माँ के पेट से ही बच्चे का आमाशय इतना सवस्थ है तो बाहर आकर उनको पेट की परेशनियां नहीं होती और ऐसा बोला जाता है की गर्भधारन के दौरान जिन जिन समस्याओं का समाधान माँ ढूंढ लेती है यानी अपने शरीर का पूरा ध्यान रखती है अपने को कोई रोग नहीं होने देती तो बच्चा भी उन सब रोगों से मुक्त रहता है. इसीलिए गर्भधारन में लस्सी बहुत लाभकारी है आपके लिए और आपके बच्चे के लिए.

ब्लड प्रेशर को सामान्य करे Blood Pressure Control

Blood Pressure Control
Blood Pressure Control with Buttermilk

लस्सी का चौथा जो फायदा है वो है BP रोगियों के लिए जिनको ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है. कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर (BP) उच्च रहता है और कुछ लोगों का कम रहता है.

ऐसे में बहुत उपयोगी है अगर आप लस्सी में नमक मिला कर पियें तो अगर आपका BP कम रहता आपको फायदा मिलेगा। और अगर आपका BP उच्च रहता है तो इसमें शक़्कर (गुड़) डाल कर पियें आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा।

दोनों ही अवस्थाओं में आपको ध्यान रखना है की नमकीन लस्सी आप पी रहें हैं आपका ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा और अगर उच्च रक्तचाप की समस्या है तो शक़्कर (गुड़) डाल लें. कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे आपको फायदे होंगे लेकिन ये आपको रोज़ाना पीना पड़ेगा।

आयुर्वेद में होमियोपेथी में हम जिन भी घरेलू नुस्खों की बात करते हैं शरीर के लिए वो लाभकारी होती हैं नुकसान कुछ नहीं होते परिणाम भी मिलता है लेकिन थोड़ा धैर्य के साथ हमको वो चीज़े रोजाना तरीके से सेवन करनी होती हैं और उनका इस्तेमाल करना होता है. दोस्तों ब्लड प्रेशर के साथ साथ ये हमारे कोलेस्ट्रॉल को भी सामान्य करता है.

वज़न घटाने में  छाछ की उपयोगिता  (Benefits of Buttermilk for weight loss) –

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वजन कम करने के लिए  कैलोरी  कम खानी होती  है, ऐसी परिस्थितियों में, छाछ (Buttermilk ) एक बेहतर विकल्प है। यह हल्का होता है, इसमें कम वसा और कम कैलोरी होती है। छाछ  में लस्सी की तुलना में 50 प्रतिशत कम कैलोरी और 75 प्रतिशत कम वसा होती है। यह Vitamin C  से भी समृद्ध है और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system)को मजबूत करने में मदद करता है। आपके चयापचय(Metabolism )को बढ़ावा देने के लिए आपके पास एक दिन में कई गिलास छाछ (Buttermilk) पी  सकते हैं। एसिड रिफ्लक्स ( acid reflux.) से पीड़ित लोगों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है।

निष्कर्ष : Conclusion

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको छाछ के फायदे की (Benefits of Buttermilk) ये जानकारी बहुत पसंद आयी होगी, मेरी आगे भी यही कोशिश रहेगी की में बढ़िया से बढ़िया लेख आपके लिए लेकर आता रहूं। अगर आपको ये लेख अच्छा लगे तो कृपया इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ साँझा करियेगा और मुझे प्रेरित करते रहिये ताकि अच्छी से अच्छी सेहत की जानकारी आपको देता रहूं।

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kiwi ke fayde

Kiwi Ke Fayde in Diabetes, Pregnancy And For Children’s

आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं Kiwi Ke Fayde के बारे में। हम सब लोग फ्रूट के बारे में जानते हैं की यह हमारे लिए कितने ज्यादा जरूरी होते हैं, और कितने ज्यादा लाभकारी होते हैं।

आज हम कुछ ऐसे ही फल यानि Khali Pet Kiwi Khane Ke Fayde की बात करने वाले हैं जिसके आपको बहुत ही ज्यादा फायदे देखने को मिलेंगे।

फलों का खाना हमारे जिंदगी और सेहत के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। अगर हम उनको खाना छोड़ दें तो हमें काफी सारे नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।

आज हम Kiwi Ke Fayde के बारे में जानेंगे और  Kiwi से जुड़े अनेक सवाल जैसे कि कीवी खाने के फायदे बुखार में, कीवी खाने के क्या फायदे हो सकते हैं, खाली पेट में कीवी खाने से क्या होता है और इसके क्या फायदे होते हैं ?

बच्चों के लिए कीवी के फायदे किस तरीके से हो सकते हैं। कीवी फ्रूट को आप किस तरीके से खा सकते हो और कीवी फ्रूट को प्रेगनेंसी में खाने के लिए कैसे इस्तेमाल किया जाता है ?

ऐसे अनेक सवालों के जवाब आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देने वाले हैं, तो इस पोस्ट को आप पूरे तरीके से पढ़िएगा।

Kiwi Ke Fayde In Hindi – कीवी खाने के लाभ

कीवी के फायदे बहुत सारे हैं इसीलिए इसे सुपर फ्रूट भी कहा जाता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके अंदर विटामिन सी पाया जाता है। आपने बाजार में बहुत सारे Kiwi देखे होंगे। ये दिखने में हरे रंग की होती है अंदर से हरा और बाहर से इसका रंग भूरा होता है।

अगर आप यह सोचते हैं कि नींबू, संतरा इसे ज्यादा बेहतर है तो आप गलत सोच रहे हैं।

क्योंकि इससे ज्यादा विटामिन सी आपको किसी भी Fruit में नहीं मिलेगा। जी हाँ आप बिलकुल सही सुन रहे हैं।

यह सिर्फ विटामिन सी से भरपूर नहीं है अगर आपको नींद भी नहीं आती है तब आप Kiwi खा कर अच्छी नींद ले सकते हो। उसी के साथ साथ इसके अंदर काफी अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है,

जो कि आपके पेट के लिये काफी ज्यादा लाभदायक होता है और मददगार होता है। अगर आप अपनी त्वचा को सुंदर बनाना चाहते हैं तब भी Kiwi का उपयोग करके आप लाभ पा सकते हैं।

1. Kiwi Benefits in Diabetes – मधुमेह में कीवी का योगदान

बहुत से लोगों का ऐसा मानना होता है कि आपको शुगर है तो आप मीठे फल नहीं खा सकते। मगर ऐसा नहीं होता है कुछ fruits ऐसे होते हैं जो आप शुगर रहते हुए भी खा सकते हो।

उसमें से एक फ्रूट है कीवी इसको आप खा सकते हो। यह ना केवल आपके शुगर लेवल को कम करेगा बल्कि आपकी डायबिटीज को कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

इसीलिए शुगर में कीवी खाने के फायदे बहुत सारे हैं। अगर आप इसको खाओगे तो आपकी शुगर में काफी ज्यादा मदद होगी और इस बीमारी से बचे रहेंगे।

2. Kiwi Ke Fayde Bukhar Me – तेज़ भुखार में कीवी के फायदे 

अगर किसी को बुखार हो जाए तो उसको Kiwi का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि ऐसा हो सकता है कि हमारे प्लेटलेट्स कम होने लग जाए और प्लेटलेट्स कम होने पर हमें काफी दिक्कत आने लग जाती है।

तो कीवी एक ऐसा स्रोत है जहां से प्लेटलेट्स (Platelets) को बढ़ाने में काफी ज्यादा मदद मिलती है और व्यक्ति की जान बच सकती है।

और तो और Kiwi Ke Fayde बुखार में आयी कमज़ोरी को सबसे जल्दी दूर करते हैं.

3. Khali Pet Kiwi Khane Ke Fayde – सुबह खाली पेट कीवी के सेवन की भूमिका

अगर आप सुबह खाली पेट Kiwi का सेवन करोगे तो आपके पेट से जुड़ी काफी बीमारियां दूर होने लग जाएंगी। कीवी भूख बढ़ाने के साथ साथ पाचन तंत्र को दरुस्त बना देता है।

जिससे की 80% पेट की बीमारियां वैसे ही खत्म हो जाती हैं। क्यूंकि अगर आपका पाचन तंत्र मज़बूत है तो कोई पेट की बीमारी आपको छू भी नहीं सकेगी।

आईये जानते हैं खाली पेट इसका सेवन करने से Kiwi Ke Fayde क्या है।

  • इससे सेवन से आपके पेट में जितने भी टॉक्सिन होते हैं सब बाहर निकल जाते हैं।
  • उसी के साथ आपकी इम्यून सिस्टम को काफी ज्यादा boost मिलेगा।
  • आपको भूख लगने भी शुरू हो जाएगी।
  • यह फल पाचन तंत्र ठीक करके कब्ज़ की समस्या को दूर कर देता हैं।
  • आपको पेट से जुड़े जितने भी रोग होंगे सब के सब खत्म हो जाएंगे।
  • Kiwi Ke Fayde लेकर कई तरह के संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
  • शरीर में गुड़ कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है।
  • Arthritis यानि गठिया की बिमारी को जड़ से ख़तम करता है।
  • शरीर के अंदरूनी घावों को भरने और सूजन कम करने में मदद करता है।
  • वज़न कम करने के लिए कीवी बहुत ही फायदेमंद है।
  • विटामिन सी, विटामिन के और फाइबर का अच्छा स्रोत है।
  • सर्दी, ज़ुकाम में कीवी का सेवन अति लाभदायक होता है।
  • अस्थमा के रोगियों के लिए सर्वश्रेष्ठ फल माना जाता है।
  • आँखों की कमज़ोर रौशनी को तेज़ करने और चश्मा हटाने में सहायक है कीवी।
  • इसकी सही मात्रा के सेवन से हृदय घात जैसी बीमारी को टाला जा सकता है।
  • कीवी के गुण Blood Clotting यानि नसों में खून को जमने से रोकते हैं।
  • कीवी में पोटाशियम की मात्रा अच्छी होती है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
  • Kiwi पर्याप्त नींद लाने में बहुत मदद करता है इसके सेवन से अनिद्रा दूर हो जाती है।

गर्भावस्था में कीवी के फायदे

कीवी फ्रूट में काफी ज्यादा फोलिक एसिड पाया जाता है जो कि प्रेग्नेंट लेडीज के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है। हम अक्सर देखते हैं कि जो भी लेडीस गर्भवती होती है वह हमेशा फोलिक एसिड की गोलियां खाती हैं।

और ये गोलियां काफी महंगी भी होती हैं। यह दिक्कत ना आए इसलिए पहले से ही आपको कीवी का सेवन करना चाहिए। तो आईये अब जानते हैं Kiwi Ke Fayde in Pregnancy पूरे विस्तार से।

  • अगर आप प्रेग्नेंट (गर्भवती) भी है तब भी आप की kiwi fruit खाकर अपनी सेहत बना सकते हैं।
  • मां के लिए और मां के बच्चे दोनों के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • इससे खून की कमी नहीं होती है।
  • विटामिंस मिनरल्स की वजह से पोषण मिलता है। जो बच्चे के लिए काफी ज्यादा लाभकारी होता है।
  • शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा को बढ़ाता है जो भ्रूण के लिए ज़रूरी होता है।
  • गर्भावस्था में महिलाओं के हार्मोन को संतुलित करता है।
  • कीवी परेबिओटिक्स का बहुत ही अच्छा स्रोत है।

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5. Bachho Ke Liye Kiwi Ke Fayde – बच्चों के आहार में कीवी शामिल करें 

Kiwi खाने में खट्टा मीठा होता है, जो की बच्चे खाना काफी पसंद करते हैं। इसलिए इसको बच्चों को खिलाना आसान होता है।

कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आता है, मगर बच्चों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। हम सब लोग जानते हैं कि बच्चों की हाइट कितनी ज्यादा महत्वपूर्ण रखती है, ये रहे Kiwi Ke Fayde बच्चों के लिए।

  • अगर आप Kiwi अपने बच्चों को खिलाओगे तो इससे बच्चों की हाइट ग्रोथ में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होगी
  • बच्चों को ज्यादा मात्रा में विटामिन और मिनरल मिलेंगे और उनको ताकत भी आएगी।
  • ये फ़ल डेंगू के इलाज में प्लेटलेट्स को बढ़ाने में काफी सहायक होता है।
  • 100 ग्राम कीवी के अंदर 312% मैग्नीशियम की मात्रा पायी जाती है।

6. Can Help Treat Asthma – अस्थमा रोग के इलाज में गुणकारी

सांस की बीमारियां दूर करने में भी Kiwi Ke Fayde बहुत हैं। कई लोगों को सांस की बीमारी होती है जिसे अस्थमा कहा जाता है। इसमें भारी मात्रा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो अस्थमा रोग को दूर करते हैं।

How to Eat Kiwi Fruit in Hindi – कीवी का सेवन कैसे करे ?

बहुत से लोगों को यह नहीं पता है कि Kiwi का फ्रूट कैसे खाते हैं। दरअसल कीवी फ्रूट खाने के लिए इसको ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं होती है।

आपको इसको काटना पड़ता है और काटने के बाद ही खाना होता है। इसका जो बाहर का हिस्सा होता है वह काफी सख्त होता है।

इसको आप खा नहीं सकते हैं इसलिए इसके अंदर का भाग आपको खाना पड़ता है।

तो दोस्तों यह थी पोस्ट  Kiwi Ke Fayde के बारे में। आशा है आपको हमारी आज की ये जानकारी पसंद आई होगी। अगर पसंद आई है तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें. ऐसा करने से हमें प्रेरणा मिलेगी।

आप हमारे पोस्ट पर आते रहिये  ताकि हम आपके लिए ऐसे ज्ञान से भरे पोस्ट को लिख सकें. आपको उनको पढ़कर फायदा मिल सके। यह पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद

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aloe vera uses

Amazing Herb Aloe Vera Uses and Benefits In Hindi

Aloe Vera Uses and Benefits in Hindi : आज के ज़माने में अगर किसी एक दवा का सबसे ज्यादा प्रचार प्रसार हुआ है या फिर आपको Cosmetic की हर दवा में इसका नाम सुनने में जरूर मिल जायेगा और उसका नाम है एलोवेरा, घृतकुमारी या जिसे आम बोलचाल की भाषा में ग्वारपाठा भी कहा जाता है। अब इसका प्रचार प्रसार तो बहुत होता है और आप में से बहुत सारे लोग इसे सुबह इसका सेवन भी करते होंगे।

Aloe Vera uses for face, skin in Hindi

पर ये पीने पे शरीर में क्या क्या काम करता है, किन किन लोगों के लिए ये ज्यादा फायदेमंद है और कोन सी अवस्था में एलोवेरा का उपयोग कम करना चाहिए या उससे बचना चाहिए। ये जानकारी काम ही लोगों को होगी। इस लेख में आज हम एलोवेरा के ऊपर चर्चा करेंगे जिसमें हम एलोवेरा के क्या क्या आयुर्वेदिक गुण हैं वो जानेंगे। साथ ही साथ एलोवेरा के ऊपर क्या क्या शोध हुए हैं और इसके क्या क्या उपयोग आपको विशेष रूप से देखने को मिल सकते हैं। एलोवेरा को आयुर्वेद में कुमारी कहा जाता है अर्थार्त ये जो कुमारी, लड़कियों के रोग होते हैं खासकर की रजो दोष के जो रोग होते हैं उनमें विशेष रूप से उपयोगी है। इसके संस्कृत में २७ से ज्यादा नाम बताये गए हैं जिसमें की वीरा, तरुणी, रमा, कपिला, माता, मंडला इत्यादि।

एलो वेरा एक छोटा सा कटीला पौधा होता है जिसकी पत्तियों में बहुत ही गुणकारी तरल पदार्थ होता है। इसमें कई तरह के प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। इसीलिए ये हमारे शरीर और त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। एलो वेरा औषधीय गुणों से भरा होता जिसके नियमित इस्तेमाल से कई तरह के रोगो के उपचार किये जा सकते हैं। आज हम इस लेख में एलो वेरा से जुडी तमाम जानकरी आपके साथ साँझा करेंगे ताकि आप भी एलो वेरा का इस्तेमाल करके इसका फायेदा ले सकेंगे। इसका उपयोग करके आप तंदुरुस्त रह सकते हैं। तो आईये जानते हैं की एलो वेरा के क्या क्या फायदे हैं और इसका उपयोग किस किस तरह से किया जा सकता है।

Aloe Vera Uses for Skin | एलोवेरा (घृतकुमारी) के लाभ से त्वचा को निखारें

एलोवेरा (घृतकुमारी) में आवश्यक विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी इन्फ्लैमटॉरी प्रॉपर्टीज होती हैं। एलोवेरा त्वचा को गंभीरता से पोषण देता है। अगर आपको एलोवेरा नहीं मिलता तो आप इसका पौधा घर में भी लगा सकते हो या फिर बाजार में जो एलोवेरा जैल मिलता है उसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो आईये जानते हैं एलोवेरा के त्वचा पर इस्तेमाल करने लायक पांच तरीके।

1. Cure Pigmentation Problems Aloe Vera

aloe vera uses for pigmentation
Aloe Vera Best for Pigmentation Treatment

पहली चीज है पिगमेंटेशन (pigmentation) जिसे हम हिंदी में झाइयां भी बोलते हैं, पिगमेंटेशन को हटाने में एलोवेरा बहुत मदद करता है। ये उपाए करने के लिए दो चमच एलो वेरा जैल में एक चमच गुलाब जल Rose Water मिला लें। ये मिश्रण अपने चेहरे पर लगा कर इसे १५ मिनट (15 मिनट मिनट) तक छोड़ दें। उसके बाद आप अपना चेहरा ठन्डे पानी से धो लीजिये और धीरे धीरे इसे एक कोमल तोलिये से पोंछ लीजिये। इस उपाए से आपकी Pigmentation की समस्या ख़तम हो जाएगी।

2. Aloe Vera uses for Glowing Skin

Aloe Vera Uses and Benefits In Hindi

ग्लोइंग त्वचा पाने के लिए भी आप एलो वेरा (Aloe Vera) का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए आपको चार चीजों की जरुरत होगी जो आसानी से आपको घर में मिल जाएँगी । २ चमच एलो वेरा जैल में चुटकी भर हल्दी (Turmeric), एक चमच गुलाब जल (Rose Water) और एक चमच शुद्ध शहद (Honey), ये मिला कर आपको एक मिश्रण बना लेना है, ये Face Pack अपने चेहरे पर लगा कर इसे २० मिनट तक छोड़ दें इसमें वो सारी सामग्री (Ingredients) है जो आपकी त्वचा को गोरा बनाने में आपकी मदद करेगी और आपकी त्वचा में निखार आ जायेगा । २० मिनट के बाद अपना चेहरा धो लीजिये इससे आपको ज़रूर फायदा मिलेगा।

3. Aloe Vera Benefits for Forehead Lines, Reduce Wrinkles on Face

Aloe Vera Benefits for Wrinkles

एलो वेरा का तीसरा फायदा है की ये चेहरे की झुर्रियों (Wrinkles) को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है, उम्र के बढ़ते बढ़ते हमारे चेहरे का नूर धीरे धीरे कम होने लगता है और हमारी त्वचा पर झुर्रियों पड़ने लग जाती हैं। इस उपाए को करने के लिए बेसन को एलो वेरा जैल को मिला कर इसका एक लेप बना लीजिये और ये लेप अपने चेहरे पर लगा कर १५ मिनट तक इसके सूखने का इंतज़ार कीजिये। बाद में अपने चेहरे को पानी से धो लीजिये इसके इस्तेमाल से Aging Signs यानी की झुर्रियां ख़तम हो जाएँगी।

4. Uses of Aloe Vera for Pimples Free Skin

कील-मुंहासे (Pimples) से छुटकारा पाने के लिए भी एलो वेरा बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए आप एलो वेरा के पत्ते को बीच से काट कर इसे अपने चेहरे पर मसाज करें, इसको रोज़ाना करने से चेहरे से कील-मुंहासे (Pimples) चले जायेंगे और त्वचा में नमी बनी रहेगी।

5. Benefits of AloeVera for Hair

बालों के झड़ने के समस्या का या इलाज (Cure) करने का कोई भी अभी तक कोई फुल प्रूफ तरीका उपस्थित नहीं है। एलोवेरा, जैल के रूप में ज्यादातर मिलता है ये १००% शुद्ध या कुदरती तोर पर सीधे पौधे से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा जैल में Polysaccharides और Glycoproteins होते हैं जो आपकी सर के तल को ठंडक पहुंचा देते हैं।

इसमें Proteolytic Enzymes भी होते हैं जो तल के Dead Cells की मुरम्मत करते हैं। ये Dormant या Resting Hair Follicles को हेयर ग्रोथ को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। एलोवेरा Scalp को Moisture और Smoothness भी देता है। जिन लोगों ने केश प्रत्यारोपण (Hair Transplant) करवाया है ऐसे लोगों में एलोवेरा, ऑपरेशन के बाद होने वाली जो Redness रहती है या Scalp जो सूखा रहता है, रूसी,डैंड्रफ (Dandruff) हो जाता है और खुजली जो रहती है उसको कम करने में मदद करता है।

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एलोवेरा आपके Scalp के pH को समान्तरण करके उसकी सेहत को अच्छा रखता है। ये बालों को कुदरती तरीके से Conditioning देने का काम भी करता है जैसे की रूखे सूखे बालों को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज़ करके उनमें नयी चमक भी लाता है। एलोवेरा का उपयोग Hair Texture के लिए बहुत अच्छा कहा जा सकता है। वैसे तो बाजार में एलोवेरा जैल, शैम्पू आसानी से मिल जाते हैं पर अगर आप ताज़ा घर पे बनाया हुआ जैल इस्तेमाल करते हो तो उसके आपको बहुत सारे अच्छे अच्छे गुण भी मिलेंगे। अगर आपको गंजेपन की समस्या है या फिर आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ते हैं तो एलोवेरा आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा।

Aloe Vera Juice Side Effects for Health | एलोवेरा के दुष्प्रभाव

अपने एलो वेरा जूस के बहुत सारे फायदे सुने होंगे, इसे त्वचा पर लगाने से लेकर इसके जूस को पीने से होने वाले फायदों से आप अच्छी तरह वाकिफ होंगे, पर क्या आप जानते हैं की इससे होने वाले नुक्सान भी बहुत हैं। जी हाँ, हैरान न हों ये सच है की जिस तरह एलो वेरा को आप बहुत सारी परेशानियों का रामबाण मानते हैं ठीक उसी तरह इसके कुछ भयंकर नुक्सान भी होते हैं।

एलो वेरा में मौजूद Laxative के कारण आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आईये जानते हैं उन परेशाईनों के बारे में, बात करेंगे पहले दुष्प्रभाव की।
एलो वेरा बहुत सारे लोगों की त्वचा के लिए वरदान की तरह काम करता है पर है की इसका ज्यादा इस्तेमाल आप पर भारी पढ़ है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से आपकी त्वचा पर खुजली हो सकती है।

एलोवेरा (घृतकुमारी) के भयंकर दुष्प्रभाव :-

Blood Pressure Problems : बात करें एलो वेरा जूस की तो एलो वेरा जूस का रोज़ाना सेवन करने से रक्तचाप (Blood Pressure) बेहद कम हो जाता है, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से परेशान लोगों के लिए इसका सेवन अच्छा है लेकिन Low Blood Pressure के मरीज़ों के लिए ये परेशानी की वजह बन सकता है। बात करेंगे कमज़ोरी की , जिन लोगों को दिल से सम्बंधित कोई परेशानी हो उन्हें एलो वेरा के सेवन से बचना चाहिए। रोज़ाना इसके सेवन से अनियमित दिल की धड़कन और शारीरिक कमज़ोरी हो सकती है।

Irritable Bowel Syndrome : अगर आपको कब्ज़ की शिकायत है तो एलो वेरा जूस से दूर रहें क्यूंकि एलोवेरा जूस में laxative आपकी I.B.S की शिकायत को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। सेवन से Diarrhea और Loose Motion की शिकायत हो सकती है।

Aloe Vera in Pregnancy : जो महिलाएं गर्भवती हैं और जो महिलाएं अपने शिशु को स्तनपान करा रहीं हैं उन महिलाओं को एलोवेरा के सेवन से बचना चाहिए। एलोवेरा का जूस गर्भावस्था में आपके लिए परेशानी बन सकता है तो हो सके तो इसके इस्तेमाल से बचें। गर्भावस्था में अगर कोई महिला एलोवेरा का इस्तेमाल करती है तो गर्भपात (Miscarriage) हो सकता है या बच्चे में जन्मजात कोई दोष भी हो सकता है।

१२ साल से काम उम्र के बच्चों के लिए एलोवेरा का जूस सुरक्षित नहीं होता इसमें मौजूद लेक्सेटिव दवाओं के असर को रोकते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी तरह की दवाईयों का सेवन कर रहा है तो साथ में एलोवेरा का अधिक इस्तेमाल करने से उन दवाईयों का असर काम होगा। मतलब की शरीर में दवाओं का लाभ काम मिलेगा।

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Jaitun Tel Ke Fayde क्या क्या हैं | Jaitun Tel के आयुर्वेदिक रहस्य जाने

नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप आशा है आप ठीक होंगे आज के इस पोस्ट में हम Jaitun Tel Ke Fayde यानि Olive Oil के बारे में बात करने वाले हैं। आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि Jaitun Tel क्या है।

उसी के साथ साथ Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में पूरी जानकारी देंगे। हम सब लोगों को पता है कि जैतून का तेल हमारे शरीर के लिए बालों के लिए तथा हमारी त्वचा के लिए कितना ज्यादा फायदेमंद होता है।

अगर हम इसकी तुलना बाकी आम तेल के साथ करे तब बेकार होगा। क्योंकि यह तेल बहुत सारे गुणों से भरा हुआ है। जिसकी तुलना किसी भी तेल के साथ नहीं की जा सकती।

आइए जानते हैं Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में और इसे कैसे उपयोग किया जा सकता है।

Jaitun Tel Ke Fayde (Olive Oil Benefits in Hindi)

जैतून तेल के बहुत सारे फायदे हैं, आइए जानते हैं इसके फायदे और उपयोग विस्तार से।

जैतून का तेल किस किस विषय पर आपको फायदा पहुंचा सकता है। 

  • लिंग को लम्बा करने में सहायक है।
  • स्तनों के साइज को बढ़ाने में मदद करता है।
  • बालों को घाना और सूंदर बनाने में किया जा सकता है।
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
  • हृदय घात से बचाता है।
  • शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलने में मदद करता है।
  • डायिबटीज होने का खतरा कम कर देता है।
  • हड्डियों और जोड़ों को मज़बूत बनाता है।
  • मूड को ठीक करके तनाव होने से बचाता है।
  • पाचन क्रिया को दरुस्त कर उसमें सुधार लाता है।

1. Jaitun Ka Tel Ling Me Lagane Ke Fayde

क्या जैतून का तेल लगाने के फायदे लिंग पर हो सकते हैं?

जी हां..!! जैतून का तेल लिंग में लगाने से काफी ज्यादा फायदे है।

  • क्योंकि इससे लिंग मजबूत बना रहता है, तथा सुडौल होता है जो कि एक पुरुष के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • अगर लिंग दुबला, कमजोर और अधिक छोटा रहेगा तब इससे आपकी निजी जिंदगी में काफी ज्यादा नुकसान होगा।
  • इसीलिए जैतून का तेल लिंग पर मालिश करने से आपके लिंग की सेहत पर काफी ज्यादा अच्छा प्रभाव पड़ता है।
  • जैतून का तेल Nightfall यानि स्वपनदोष की समस्या को भी दूर करता है।
  • अगर आप जैतून का तेल लिंग पर लगाएंगे और उसे मालिश करेंगे तो इस प्रॉब्लम से भी आपको छुटकारा मिलेगा।
  • साथ ही साथ में संभोग करते समय आप अपने पार्टनर को ज्यादा वक्त दे सकते हैं।
  • उसी के साथ लिंग की कमजोरियों का भी इसे जड़ से खात्मा होता है।

2. Jaitun Ka Tel Ke Fayde For Hair in Hindi

Jaitun ka tel बालों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि यह बालों की इतनी ज़्यादा ग्रोथ बढ़ा देता है जो आम तेल नहीं कर सकता।

इसके अंदर इतने अच्छे गुण होते हैं जो बालों की ग्रोथ के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण और सहायक होते हैं। अगर आप अपने बालों की लंबाई को बढ़ाना चाहते हैं, तब आपको जैतून का तेल सिर में लगाकर 15 से 20 मिनट तक मसाज करना होगा।

उसके बाद आपको अपने किसी भी नॉर्मल शैंपू से इसको धो लेना है। ऐसा आप रेगुलर करोगे तब आपको जल्द ही Jaitun Tel Ke Fayde का पता चल जाएगा।

  • बालों को झड़ने से रोकता है और मज़बूत बनाता है।
  • बालों में नई चमक और बालों के विकास में मदद करता है।
  • रुसी को ख़तम कर सिर के तल को स्वास्थ्य बनाता है।

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3. Jaitun Ka Tel Aur Lahsun Ke Fayde

जैतून और लहसुन का तेल दोनों मिलाकर भी काफी अच्छे फायदे लिए जा सकते हैं। अक्सर लोग यह कहते हैं कि जो जैतून का तेल होता है, उसके अंदर हम किसी भी चीज को नहीं मिला सकते।

उसको अकेले ही लगाना पड़ता है मगर ऐसा नहीं होता है अगर जैतून के तेल के अंदर लहसुन मिलाया जाए तो काफी अच्छा फायदा मिलता है।

  • यह तेल आप अपने बालों के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने पर आपके बालों में से डैंड्रफ खत्म हो जाएगी।
  • उसी के साथ-साथ आप इसको अपने चेहरे पर भी लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपके चेहरे के जो पिंपल से वह भी दूर हो जाएंगे।

इसलिए जैतून का तेल और लहसुन के फायदे काफी ज्यादा है,

आप इसको हफ्ते में एक या दो बार करें और महीने में या 15 दिन में एक बार तरह तब भी चलेगा। मगर इसको रात में लगाकर नहीं सोना है।

जैतून के तेल के साथ लहसुन को उबाल लें और तभी इसको इस्तेमाल करें।

Jaitun Tel में Omega 3, Fatty Acid, Vitamin E और Antioxidants से भरपूर होते हैं।

4. Jaitun Ka Tel – Olive Oil Ke Fayde for Breast

बहुत सी स्त्रियां ऐसी होती है जिनका स्तन काफी ज्यादा छोटा होता है और वह काफी ज्यादा दवाइयां खाती हैं। आपको भी अगर ऐसी परेशानी है, तब आपको दवाइयां खाने की कोई भी जरूरत नहीं है।

क्योंकि जैतून का तेल यानी कि ऑलिव ऑयल के ब्रैस्ट के लिए काफी ज्यादा फायदे साबित हो रहे हैं।

  • इससे आप मसाज करेंगे तब आपका जो स्थान है, वह बराबर से रूप में आ जाएगा।
  • उसी के साथ साथ आपका जो ब्रैस्ट है उसकी टिशूज काफी ज्यादा मजबूत हो जाएंगे।
  • आपका स्तन ढीला नहीं पड़ेगा, साथ ही साथ में आपके स्तनों का shape भी बना रहेगा।
  • आपके स्तनों के विकास में आपकी मदद करता है।
  • स्तनों की कोशिकाओं को सही से काम करने में जैतून का तेल बिलकुल उचित विकल्प है।
  • ब्रेस्ट सैगिंग की समस्या दूर और अन्य समस्याएं भी दूर हो जाएँगी।

5. Extra Virgin Olive Oil Ke Fayde

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल के बारे में तो आपने सुना ही होगा यह भी काफी ज्यादा महंगा होता है। मगर हां इसको खाने के लिए काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

न केवल इसका सिर्फ खाने के लिए इस्तेमाल करते हैं बल्कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को लोग अपने बालों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। और स्किन पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।

  • कई लोग तो इसको बॉडी मसाज के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।
  • यह दर्द से भी काफी ज्यादा राहत देने में सहायक होता है।
  • अगर आप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल को खरीदना चाहते हो तो सबसे पहले आप इसका इस्तेमाल खाने में कीजिए।
  • क्योंकि इसके अंदर कॉलेस्ट्रोल बिल्कुल भी नहीं होता है इससे दिल की बीमारी नहीं होती है।
  • यह आपके हार्ट के प्रॉब्लम को काफी ज्यादा सही करने में सहायक है।
  • आहार में शामिल भी शामिल करें इसके खाने में काफी ज्यादा फायदे हैं।
  • त्वचा को सूंदर व् जवान बनाये रखने में सहायक है।
  • विटामिन E का अच्छा स्रोत है इसलिए त्वचा से स्ट्रेच मार्क्स को हटाता है।
  • नाखूनों को सूंदर बनाता है और उनकी लम्बाई को बढ़ाता है।
  • कटे फ़टे होठों को ठीक करता है तथा रूखे होठों को कोमल बनाता है।
  • वर्जिन ऑलिव आयल को सब्ज़ियों को पकाने में किया जा सकता है।
  • Extra Virgin Olive Oil का Acidity स्तर बाकी ऑलिव आयल की तुलना में सबसे कम होता है।
  • इसमें पाए जाने वाले विटामिनस और मिनरल्स की मात्रा ज़्यादा होती है।
  • इसका इस्तेमाल सलाद की टॉपिंग और ब्रेड में किया जा सकता है।

6. Jaitun Ka Tel Aur Kalonji Ke Fayde

Jaitun Ka Tel अगर कलौंजी के साथ मिला लिया जाए तब बहुत ज्यादा अच्छे गुण आपको मिल सकते हैं। हालांकि कलौंजी भी एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की तरह काम करता है। अगर यह जैतून के तेल के साथ मिल जाए तो आपको इसके बहुत सारे फायदे हो सकते हैं।

  • जैतून का तेल कलौंजी के अंदर डालकर रखें कम से कम इसको 12 घंटो तक कड़ी धूप में रखें।
  • ऐसा आपको दो-तीन दिन करना है। दो-तीन दिन जब हो जाए तब आप इस तेल को छान लेना है।
  • छानने के बाद इसको अपने घुटनों के दर्द के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हो।

और बालों की लंबाई को बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हो। इसको बालों के लिए हफ्ते में सिर्फ दो बार लगाएं और ऐसा 3 महीने तक करें आपको फर्क पता चल जायेगा।

Conclusion निष्कर्ष 

तो दोस्तों यह थी जानकारी Jaitun Tel Ke Fayde के बारे में  आशा है आपको पसंद आई होगी। उसी के साथ साथ आज हमने आपको Jaitun tel के बारे में बहुत कुछ बताया है।

आप उनको एक बार इन नुस्खों को करके जरुर देखियेगा आपको जरूर अच्छा फायदा होगा। अगर आप अपने बालों के लिए इसको इस्तेमाल करना चाहते हैं। तब आपको कम से कम 3 या 6 महीने तक का इंतजार करना होगा। तभी आपको अच्छे खासे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

आप अगर इस लेख से सम्बंधित कोई भी सुझाव हमें देना चाहते हैं तो इस ईमेल thehindiguide@gmail.com पर हमें मैसेज भेज सकते हैं। हमारा ये लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

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glycerin skin benefits

Glycerin Skin Benefits With Full Information in Hindi

ग्लिसरीन क्या है ? What is Glycerin ?

Glycerin Skin Benefits in Hindi :- दोस्तों आज हम बात करेंगे Glycerin के बारे में ,Glycerin काफी पुराने समय से, कहें तो काफी समय से हमारे सौंदर्य का हिस्सा रही है। आज कल भी Cosmetics में बहुत ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है।

ग्लिसरीन का उपयोग ज्यादातर सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है, अर्थार्त हमारी त्वचा और चेहरे के लिए जो उत्पाद होते हैं उनमें काफी हद तक ग्लिसरीन का उपयोग किया जाता है। ग्लिसरीन एन्टीबैक्टिरीअल (Glycerin Antibacterial) और एंटीसेप्टिक (Antiseptic) भी माना जाता है।

ग्लिसरीन का उपयोग सौंदर्य उत्पाद जैसे की साबुन, बॉडी लोशन, डेओड्रेंट्स इत्यादि बनाए में होता है। ग्लिसरीन लगभग सभी कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है पर क्यों आईये जानते हैं :- ग्लिसरीन का उपयोग सौंदर्य उत्पादों में उसका Moisture कंटेंट को बढ़ाने के लिए किया जाता है ताकि यह हमारी त्वचा में नमी बनाये रखे।

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और साथ ही साथ हमारी त्वचा को रूखा सूखा होने बचाये। ग्लिसरीन दिखने में पानी जैसा साफ़ होता है इसकी ना तो कोई गंध होती है ना ही कोई रंग होता है। अब बात करते हैं ग्लिसरीन कैसे और किन किन चीजों से तैयार किया जाता है। ये एनिमल प्रोडक्ट्स, प्लांट्स एंड पेट्रोलियम (plants and petroleum) , प्लांट्स ऑयल्स (plants oil), पाम आयल (palm oil) , सोया आयल (soya oil) , नारियल का तेल (coconut oil) से बनाया जाता है।

ऐसा कहा जाता है इसमें त्वचा की कोशिकायों को दोबारा विकसित करने की शक्ति होती है मतलब जो कोशिकाएं हमारी मृत हो चुकी हैं उनको भी दोबारा बनाने में ग्लिसरीन (Glycerin) बहुत लाभकारी माना जाता है। आज में इस लेख में ऐसे ही कुछ उपयोगों के बारे में चर्चा करूँगा, जिससे आपको काफी फायदा होगा।

त्वचा साफ़ करने के लिए ग्लिसरीन का इस्तेमाल कैसे करें ? | How to use Glycerin for Cleansing Skin

ग्लिसरीन में ऐसी बहुत सारी सामग्री होती हैं जो हमारी त्वचा से धुल, मिट्टी को निकलने में हमारी मदद करती है आईये जानते हैं कैसे इसका इस्तेमाल करना है। इसको बनाने के लिए हमें चाहिए, तीन चमच दूध (3 Spoon Milk) और उसमें एक चमच ग्लिसरीन (One Spoon Glycerin) , इसका अच्छे से घोल बना कर रूईं की मदद से इसको त्वचा पर धीरे धीरे लगाएं।

१० मिनट (10 Minutes) तक इसको चेहरे पर लगा रहने दें और बाद में चेहरे को साफ़ पानी से अच्छे से धो लें। हमारे चेहरे पर जो भी जमी हुई धुल या मेक उप होगा उसको ये हटाने में हमारे लिए बहुत मदद करता है। इस लिए त्वचा साफ़ करने के लिए ग्लिसरीन सबसे सुरक्षित और उपयोगी तरीका माना जाता है।

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त्वचा की नमी बनाये रखे | Glycerin Skin Benefits as Moisturizer

Glycerin का एक और उपयोग भी है वो है हमारी त्वचा में नमी बनाये रखने और साथ ही साथ ये हमारी त्वचा के pH को सामान्य करती है। इसको बनाने का तरीका बहुत ही सरल है , चलिए जानते हैं इसको कैसे बनाना है :-

एक ताज़ा निम्बू लीजिये अब इसका अच्छे से रस निकाल लीजिये और इसमें २५० मिली लीटर Glycerin डाल लें दोनों को अच्छे से मिला लें और जब ये मिश्रण आपस में अच्छे से मिल जाए तो एक कांच की बोतल में भर के रख दें। याद रखिये ये मिश्रण कभी खराब नहीं होगा और ना ही इसका आपकी त्वचा पर कोई दुष्प्रभाव होगा।

जब भी इसको इस्तेमाल करना है अपने हाथ पहले पानी से धो लें और इस घोल को अपनी हथेली में डाल कर अपने चेहरे पर लगाएं। लगाने के करीबन १/२ आधा पौने घंटे बाद अपने चेहरे को धो लीजिये। इसके इस्तेमाल से त्वचा में नमी बनी रहेगी और निखार आएगा।

ग्लिसरीन से त्वचा को निखारें और चमकायें | Glycerin Benefits for Skin Lightning

आपने सुना होगा ग्लिसरीन (Glycerin) त्वचा को निखारने में बहुत बढ़िया उत्पाद है। उसके लिए कैसे इस्तेमाल करना है वो जानते हैं। ग्लिसरीन (Glycerin) और पेट्रोलियम जैल्ली (Petroleum Jelly) बराबर मात्रा में लें और उनका मिश्रण बना लें। जब वो एक जैल का रूप ले लें तो उस जैली को चेहरे पर लगाएं और धीरे धीरे मालिश करें।

मालिश कर के आधा घंटे तक इसको चेहरे पर लगा रहने दें ये काफी चिप चीपा होगा लेकिन हमारी त्वचा के लिए बहुत अच्छा काम करेगा। आधे घंटे बाद इसको साफ करने के लिए एक मुलायम सा गीला तौलिया लें और इस जैली को अपने चेहरे से पोंछ लीजिये। इसको नियमित लगाने से ये हमारे चेहरे से मुँहासे के निशान वगेरा सब हट जाएंगे।

झुर्रियां दूर करने में लाभदायक | Benefits of Glycerin as Anti Aging

Glycerin uses for Skin Anti Aging

उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे चेहरे पर झुर्रियां पढ़नी शुरू हो जाती हैं और त्वचा भी ढीली पढ़ जाती है। इस समस्या को दूर करने में भी ग्लिसरीन बहुत बढ़िया माना जाता है पर इसको उपयोग करने का एक तरीका है जो इस प्रकार है।

एक अंडा लें (one egg)और उसको एक कांच के बाउल में तोड़ लें अब इस में एक चमच शुद्ध शहद (honey) और एक चमच ग्लिसरीन (Glycerin) मिलाएं। इसको अच्छे से मिलाने के बाद इसको अपने चेहरे पर गले पर और जहाँ जहाँ झुर्रियां पढ़ी हैं वहां पर लगा लें। २० मिनट तक इसको लगा रहने दें और फिर इसे अपने चेहरे से धो लें।

इसको सप्ताह में सिर्फ तीन बार इस्तेमाल करना है और आपको इसके बढ़िया परिणाम देखने को मिलेंगे। ये एक बहुत ही अच्छा, आज़माया हुआ फेस पैक है, ध्यान रहे ये उपचार उन लोगों के लिए है जिनको झुर्रियां (Anti Aging) की समस्या है।

ग्लिसरीन के नुक्सान और दुष्प्रभाव | Precautions for Using Glycerin

अब हम चर्चा करेंगे की वो कोन कोन सी सावधानिया हैं जो हमें ग्लिसरीन के इस्तेमाल में करनी है। क्यूंकि ग्लिसरीन बहुत ज्यादा चिप चिप्पि होती है इसलिए कभी भी ग्लिसरीन को सीधा अपने चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए। हमें ग्लिसरीन को हमेशा किसी भी चीज के साथ मिला कर इस्तेमाल करना चाहिए।

इसको चाहे तो हम गुलाब जल के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं, निम्बू के रस के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं या तो दूध के साथ मिला कर भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसे ज्यादा मात्रा में कभी भी अपने चेहरे पर मत लगाएं और जब भी हम इसे लगाएं तो २०-२५ मिनट बाद जो भी एक समय है उस दायरे में चेहरे को धो लें।

ग्लिसरीन को लगा कर कभी भी बाहर ना निकलें क्यूंकि ये बहुत ही चिप चिप्पी होती है तो ये बाहर की सारी धुल, मिटटी को अपनी तरफ आकर्षित करेगी तो फायदा होने की बजाये इसका नुक्सान ही होगा।

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Kamal Kakdi (Lotus Root) Benefits And Recipe in Hindi

Kamal Kakdi – Lotus Stem Vegetable for Back Pain, Asthma and Pregnancy

लोटस यानि कमल का फूल १०० प्रकार के होते हैं, भारत में ये काफी जगह पाया जाते हैं। ये खूबसूरत दिखने वाला फूल कीचड़ में पाया जाता है जिसके अनेक फायदे हैं।

आज हम Lotus Stem के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में तो हम इसकी (Kamal Kakdi) सब्ज़ी बनाते हैं लेकिन चीन में इस से वह अपनी ओषधियाँ भी तैयार की जाती हैं। भारत में ये हमें बढ़ी आसानी से मिल जाती है इसलिए हम इसे सब्ज़ी के रूप में उपयोग में लाते हैं।

कमल ककड़ी के स्वास्थ्यवर्धक गुण एवंम फ़ायदे | Kamal Kakdi Benefits

चलिये जानते हैं कमल ककड़ी के हमारे स्वस्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। वैसे तो कमल ककड़ी का सेवन बहुत ही कम किया जाता है और बहुत कम लोग इसे पसंद करते हैं। पर यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती है क्यूंकि इसके अंदर विटामिन्स, मिनरल, पोटाशियम, आयरन और जिंक।

यह सारे महत्वपूर्ण तत्व जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं वह कमल ककड़ी में भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं। कमल ककड़ी का उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं जैसे की आप इसकी सब्जी बना सकते हैं, आचार भी बना सकते हैं। कमल ककड़ी से बहुत सारे व्यंजन बन सकते हैं अगर आप इसका सही ढंग से उपयोग करें तो।

कमर दर्द से छुटकारा :-

कमर दर्द से निजात पाने की लिए कमल ककड़ी का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको १०० ग्राम कमल ककड़ी का पाउडर लेना है यह पाउडर आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा या फिर आप इसे ऑनलाइन amazon site भी आर्डर कर सकते हैं। इस पाउडर को आपको उबाले हुए दूध में घोल लेना है और इसका सेवन करना है। २० से २५ दिन अगर आप इस दूध का सेवन करते हैं तो आपको कमर दर्द में काफी राहत मिलेगी।

अस्थमा (दमा) रोग को दूर करे : –

दमा या अस्थमा एक ऐसे बीमारी है जिसके बारे में कहते हैं की दमा दम निकलने के बाद ही जाता है। क्यूंकि ये उन बिमारियों में से है जिनके इलाज में लम्बा समय लगता है और मॉडर्न मेडिकल साइन्स यानी एलोपेथी में इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए अभी तक कोई असरदार दवाई नहीं बनी है।

असल में देखा जाए तो अस्थमा हमारे Respiratory System यानी श्वसन प्रणाली से जुड़ी बिमारी है। जिसे केवल आयुर्वेदिक तरीके से ही जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। पूरी दुनिया में आज ३० कऱोड़ से भी ज्यादा लोग अस्थमा की बिमारी से गृस्त हैं और लगभग २,५००० लोगों की इस बिमारी की वजह से मृत्यु भी हो जाती है।

अगर आप Kamal Kakdi का नियमित सेवन करेंगे तो फेफड़ों यानी अस्थमा की समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए आपको Lotus Stem का रस पी सकते हैं या फिर इसको कद्दू कस करके इसे खाना है।

कमल ककड़ी हड्डियों को मज़बूत करे | Makes Bone Stronger With Kamal Kakdi

इसे खाने से हड्डियां भी मजबूत होती है और इसमें काफी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। फाइबर हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को काम करने में काफी मदद करता है। कमल ककड़ी खनिजों भरपूर मात्रा में पाया जाता है और साथ ही साथ यह विटामिन C का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।

इसकी वजह से शरीर रोग प्रतिरोधक शक्ति मिलती है। हमको दिन भर में जितने भी विटामिन्स चाहिए होते हैं वह सारे विटामिन्स लगभग कमल ककड़ी में मिल जाते हैं। इसलिए अगर आप हमेशा कमल ककड़ी का सेवन करेंगे तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

गर्भावस्था में कमल ककड़ी अदभुत फायदे | Kamal Kakdi in Pregnancy

जो भी महिलाएं गर्भवती उन्हें कमल ककड़ी का सेवन जरूर करना चाहिए। ये गर्भ में पल रहे बच्चे की मासपेशियों को मजबूत बनता है और उसके मस्तिष को तेज करता है। जैसे की डॉक्टरों द्वारा बताया जाता है की गर्भवती महिला को सही मात्रा में विटामिन c, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम लेना चाहिए। तो ये सारे तत्व कमल ककड़ी के सेवन से प्राप्त किये जा सकते हैं।

तनाव कम और मस्तिष को तेज़ करे :-

reduce stress with kamal kakdi

इसमें विटामिन B 6 होता है जो हमारे दिमाग को तेज़ करता है जिन लोगों को भी तनाव रहता है, सिर भारी रहता है या कई लोगों लोगों की सिर की नसें में दर्द रहता है तो उनको इसे अपने आहार में Kamal Kakdi जरूर शामिल करना चाहिए। इससे उनका दिमाग़ शांत रहेगा और सर दर्द जैसी बीमारी से भी छुटकारा मिल जायेगा।

शरीर में खून की कमी दूर करे :-

जिन लोगों शरीर में खून की कमी है या एनिमिया की शिकायत है उनके लिए भी कमल ककड़ी बहुत लाभदायक है। इसमें काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हमारे शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने में कारगर है। महिलाओं को मासिक धर्म के तीन दिन तक इसका जूस ज़रूर पीना चाहिए ताकि पीरियड्स के दौरान हुई खून की कमी को पूरा किया जा सके।

शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाये | Boost Your Energy Level With Lotus Stem

कमल ककड़ी हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन यानि खून (रक्त संचार) के दौरे को बढ़ाती है। जिस से हमारे शरीर के सारे अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं। इससे हमारा एनर्जी लेवल बढ़ता है यानी ऊर्जा, शक्ति बढ़ती है।

कमल ककड़ी सब्ज़ी की रेसिपी | Delicious Lotus Stem Curry Recipe

सामग्री चाहिए :-

  • कमल ककड़ी – ५०० ग्राम /आधा किलो
  • टमाटर – २
  • प्याज – २
  • हरा धनिया – ५ ग्राम
  • अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट – २ चमच्च
  • सरसों का तेल – २ चमच्च
  • जीरा – १ चमच्च
  • धनिया पाउडर – १ बड़ा चमच्च
  • लाल मिर्च पाउडर – १ चमच्च
  • कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर – १ बड़ा चमच्च (कलर के लिए)
  • हल्दी पाउडर – १/२ चमच्च
  • गरम मसाला – १ छोटा चमच्च
  • नमक स्वादनुसार

कमल ककड़ी बनाने की विधि

सबसे पहले कमल ककड़ी के दोनों किनारों को काट कर अलग कर देंगे अब धीरे धीरे इसका छिलका उतारिये। अगर हम इसका छिलका नहीं उतारेंगे तो खाते समय इसके रेशे मुंह में आएंगे। अब छील कर इसे साफ पानी से अच्छी तरह धो लीजिये और छोटे छोटे चिप्स के आकार के टुकड़ों में काट लीजिये।

अब एक पतीले में पानी गरम कर लें और इसमें एक चमच्च नमक दाल लीजिये। जब पानी उबलना शुरू हो जाए तो इसमें कमल ककड़ी यानी लोटस स्टेम को डाल दें। अब इसे २ से ३ उबाल आने तक पकने दें। दोस्तों ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इसके छेदों में अगर गंदगी या मिट्टी होगी तो वह साफ़ हो जाएगी।

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अब इसे ठंडा होने दें और गैस के दूसरे साइड में कुकर रख दें। कुकर में २ चमच्च तेल डालिये जब तेल गरम हो जाए तो इसमें जीरा मिला दीजिये। जीरे का सुनेहरा रंग आने का यानि जब जीरा तड़कना शुरू हो जाए तो इसमें प्याज डाल देंगे। अब में अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट को डालकर अच्छे से हिलाएं।

इस मिश्रण को अब २ से ३ मिनट तक भुनंने दीजिये। इसके बाद अब बारी आती है टमाटर की तो अब इसे भी डाल दें और अच्छी तरह से मिला लें। अब धनिया पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च और नमक स्वादनुसार डाल देंगे।

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अच्छे से मिलाने के बाद चूल्हे की आंच को धीमा रखें ताकि मसाले जलें ना। अब कूकर को ढक्कन से ढक देंगे और ४ से ५ मिनट तक बुनने देंगे।

“कमल ककड़ी” को पानी से अलग कर दें। अब आप देखेंगे की मसाले अच्छी तरह से पक्क गए हैं और तेल भी छोड़ दिया है। अब कूकर में कमल ककड़ी को डाल देंगे और इसे मसालों के साथ अच्छे से मिला देंगे।

अब इसे ढक्कन से ढक्क कर दोबारा ३ से ४ मिनट तक भूनेंगे इसके बाद कूकर में १. ५ गिलास पानी डाल देंगे और सब्जी को अच्छे से मिलाएंगे। अब कूकर का ढक्कन बंद करके इसको ६ सीटियां आने तक पकाएंगे।

६ सीटियां आने के बाद अब चूल्हे की आंच को बंद कर दें और अपने आप ठंडा होने के लिए छोड़ देंगे। चूल्हा चला दें और थोड़े इंतज़ार के बाद ढक्कन खोल दें और बिना ढक्कन लगाए इसे ४ से ५ मिनट तक उबाला आने दें। अब सब्ज़ी में धनिया की पत्तियां और गरम मसाला डाल दीजिये। दोस्तों अब उबाल भी आ गया है और सब्ज़ी भी अच्छे से बनकर तैयार हो गयी है।

इसे अब गरमा गर्म परोसें और खाने का मज़ा लें।

Note :- सावधानियां – कमल ककड़ी को खरीदते समय ध्यान रखियेगा की वह देखने में सफ़ेद हो, साइज में थोड़ी मोटी हो और उसके दोनों किनारे अगर बंद हों तो और भी अच्छा है। दोनों और से बंद Kamal Kakdi का ये फायदा होगा की इससे कोई भी गंदगी, मिट्टी कमल ककड़ी के छेद में नहीं जाएगी। अगर यह ज़्यादा पतली होगी तो वह जल्दी पकेगी नहीं और उसका स्वाद भी अच्छा नहीं होता है।

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