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किनुआ क्या है जाने इसके फायदे Quinoa Health Benefits In Hindi

आज हम एक ऐसे सुपर फ़ूड के बारे में आपके साथ जानकारी साँझा करेंगे जो की अब सर्वप्रिय है क्यूंकि आज की इस दुनिया हर कोई स्वास्थ्य रहना चाहता है। तो अब हम ऐसे खाद्य पदार्थ के बारे में बातें करेंगे जो की हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं और quinoa उनमे से एक है। Quinoa Health Benefits in Hindi के बारे में यह पूरी जानकारी हिंदी में आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।

किनुआ बहुत ही पौष्टिक अनाज है जब हम किनुआ को पकाते हैं तो तो थोड़ा फूल जाता है। बाजार में दो तरह के क्विनोआ आसानी से पर्यापत हो जाते हैं एक है लाल रंग का और दूसरा सफ़ेद रंग का। दोनों का सेवन हमारी सेहत से के लिए उपयोगी है। हमारे यहाँ बहुत सारे लोगों को ये भी नहीं  है की क्विनोआ आखिर होता क्या है।

किनुआ क्या है और इसमें क्या क्या होता है ? What Is Quinoa In Hindi

सबसे पहले आपको बताते हैं की quinoa एक अनाज होता है जिसमें ग्लूटेन नहीं होता। Quinoa Gluten Free एक इलास्टिक प्रोटीन है जो की गेंहू में पाया जाता है। यह गेंहू में लचीलापन लाता है जैसे की आपने अक्सर देखा होगा की जब आटा गूंधते हैं तो आटे में इलास्टिक की तरह खिंचाव आ जाता है।

लेकिन अगर आप मक्की के आटे को गूंधने के बाद उसे खींचते हो तो उसमें वो लचीलापन नहीं आता। क्यूंकि मक्की के आटे में ग्लूटेन नहीं होता।

इसी तरह जो quinoa है उसके अंदर ग्लूटेन नहीं होता जिस कारन ये और भी ज्यादा पौष्टिक है और आपकी सेहत के लिए इसके बहुत सारे फायदे होते हैं।

quinoa को वज़न कम करने में कैसे उपयोग किया जाता है ये तो हम आपको आज इस लेख में बतायंगे ही लेकिन पहले हम आपको बतायंगे की quinoa में क्या क्या होता है in Hindi

Quinoa में 9 आवश्यक एमिनो ऐसिड होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं,

  • Histidine
  • Isoleucine
  • Leucine
  • Lysine
  • Methionine
  • Phenylalanine
  • Threonine
  • Tryptophan
  • Valine 

जो की हमारे शरीर में उत्पादित नहीं होते। यह एमिनो ऐसिड हमारे शरीर के समान्तरण कामकाज के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। ऐसे बहुत कम अनाज होते हैं जिनमें ऐसे 9 एमिनो ऐसिड होते हैं पूरी मात्रा में तो quinoa health benefits में उनमें से सबसे पहले नंबर पर है।

इसके इलावा इसमें फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और आयरन जो की सूक्ष्म पोषक कहलाते हैं वह आपकी सेहत में चार चाँद लगा सकते हैं।

हर कोई जवान और सेहतमंद दिखना चाहता है तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट का रोल अहम् होता है। तो इसलिए quinoa में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स बिलकुल सही मात्रा में होते हैं जो हमें अधिक समय तक जवान रहने में मदद करते हैं।

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किनुआ को कैसे पकाएं ? Cooking Quinoa in Hindi

जहाँ तक किनुआ को पकाने की बात करें तो इसे पकाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप किनुआ को साफ़ पानी में अच्छे से धो लें क्यूंकि इसके ऊपर एक परत होती है अगर इसे अच्छे से ना धोया जाए तो इसका स्वाद थोड़ा कड़वा लगता है। तो इसे पकाने से पहले एक बार सुनिश्चित कर लें की आपने इसे धोया है या नहीं।

इसे पकाते समय एक भाग किनुआ में दो भाग पानी डालें मतलब एक कप Quinoa में दो कप पानी मिलाएं जो काफी रहेगा। दूसरे अनाज से अगर किनुआ की तुलना करें तो Quinoa जल्दी अच्छे से पक जाता है।

अब इसे गैस चूल्हे पर तेज़ आंच में रखें और जब ये उबलने लगे तो आंच धीमी कर दीजिये तो 10 से 15 मिनट तक ठंडा होने दें। एक कप किनोआ को उबालने पर ये तीन कप Quinoa में तब्दील हो जाता है यानी की ये उबलने के बाद तिगुना हो जाता है।

Quinoa का उपयोग सलाद और सुप में किया जा सकता है। क्विनोआ का उपयोग आप अपने नाश्ते यानी Quinoa Breakfast में भी कर सकते हैं इसके लिए एक कटोरी दही में Quinoa मिलाएं, थोड़े से कटे हुए ताज़े फल, सूखे मेवे और थोड़ी दालचीनी डालें। एक बेहतरीन पौष्टिक नाश्ता तैयार हो जायेगा जो प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर होगा। तो ये सब कारण हैं की आपको किनुआ को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए।

Top Quinoa Health Benefits in Hindi जानें किनुआ के आश्चर्यजनक लाभ 

किनुआ वज़न कम करने में मदद करने में लाभदायक Quinoa Health Benefits in Hindi for Weight Loss and Thyroid

Quinoa benefits for thyroid in hindi

Quinoa health benefits in hindi

क्या किनोआ से वज़न कम होगा ? जी हाँ इसका जवाब है हाँ क्यूंकि इसमें बहुत सारा फाइबर और प्रोटीन होता है जो ज़ायदा समय तक पेट को भरा रखता है। एक कप किनुआ से 8 ग्राम उच्च स्तरीय का प्रोटीन और 5 ग्राम फाइबर होता है।

इसमें चावल से दोगुना और कूसकूस से तीन गुना प्रोटीन होता है इसमें आयरन और विटामिन B 12 भी बहुत है जो वज़न कम करने में सहायक होते हैं।

अगर आपको थाइरोड (thyroid) की बिमारी है तो यह आपके लिए एक बहुत अच्छा विकल्प है बहुत सारे थाइरोड (thyroid) और weight loss प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

हड्डियों को मज़बूत बनाये Quinoa Health Benefits For Osteoporoisis

किनुआ जो की मैग्नीशियम से भरपूर है और यह शरीर की हड्डियों के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।

हृदय को स्वास्थ्य रखे Quinoa Good For Heart

किनुआ खून से कोलेस्ट्रॉल निकालने के लिए आपके लीवर को उत्तेजित करता है अगर हम भोजन में किनोवा का इस्तेमाल करते हैं तो यह खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर करता है।

सावधानियां :-

अगर आप किसी गत्ते के डिब्बे वाली पैकिंग वाला किनुआ लेकर आये हैं तो ध्यान रखें इसके किसी सूखी और ठंडी जगह पर रखें। और वही किनुआ अगर आपने खुली पैकिंग में ख़रीदा है तो इसे एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें क्यूंकि Quinoa में फैटी एसिड (Fatty Acids) होते हैं।

अगर इसे अच्छे से बंद करके नहीं रखेंगे तो गर्मी के मौसम में ज़्यादा उच्च तापमान के कारण इसके फैटी एसिड में तबदीली आ सकती है और इसके स्वाद में भी फर्क पड़ जायेगा तो हो सके तो किनोआ को स्थान्तरित करने में थोड़ा ध्यान ज़रूर दें। Quinoa Health Benefits का यह Hindi लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा इसे अपने दैनिक आहार में ज़रूर शामिल करें और देखें इसके आश्चर्यजनक लाभ।

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How to Increase Immunity In Hindi

How to Increase Immunity In Hindi इम्यून सिस्टम को कैसे बढ़ाएं

How to Increase Immunity Article In Hindi Language With Proof

रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं – How to Increase Immunity से संभंधित ये लेख आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करेगा और साथ में ये भी बताएँगे की कमज़ोर Immune System के क्या क्या लक्षण हैं।

  • क्या आपको बहुत जल्दी सर्दी ज़ुकाम हो जाता है ?
  • क्या आप हमेशा थके थके से महसूस करते हैं ?
  • आपको त्वचा से संभंधित कोई रोग है ?

या फिर आपके बाल झड़ने शुरू हो गए हैं। ये सभी कमज़ोर इम्यून सिस्टम (Immune System) की निशानियां हैं।

लेकिन आप घबराईये मत, इस लेख में हम आपको बताएँगे 5 आसान से तरीके जिससे आप घर बैठे ही इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं ? How to Increase Immunity in Hindi with these simple tricks

Immune System हमें खतरनाक जीवाणुयों से बचने में मदद करता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) का होना मतलब कई बिमारियों को न्यौता देना।

कभी कभी तो रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कमज़ोर हो जाती है की वो हमारे शरीर के खिलाफ काम करने लग जाती है। Arthritis और Type One Diabetes भी इसी के उदहारण हैं।

तनाव (Stress), गलत खान पान और उम्र के साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। दोस्तों अगर इस वक़त आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है गलत खान पीन से भी आपको कोई फर्क नहीं पड़ता तो इसकी कोई गारंटी नहीं है की ये आगे भी ऐसा ही रहेगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट उप करना एक तरह का स्वस्थ्य बीमा ही है। तो दोस्तों शेयर आपके साथ ऐसे पांच तरीके जिनसे प्राकृतिक रूप से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ा सकते है।

1. अश्वगंधा से बढ़ाएं इम्यून सिस्टम Ashwagandha for Improve Immune System

अश्वगंधा भारत की एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी बूटी है जिसे Indian Ginseng कहा गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में अश्वगंधा का बड़ा नाम है।

एक गिलास गरम दूध में एक छोटा चमच्च अश्वगंधा चूरण को मिला लें और उसे सोने से पहले धीरे धीरे पी लें। अगर आपको दूध नहीं पचता तो अश्वगंधा को गर्म पानी में भी ले सकते है।

2. गिलोय एंटी ऑक्सीडेंट्स का भण्डार Tinospora Cordifolia

गिलोय एक अनोखी जड़ी बूटी है जिसे अमृता कहा जाता है। अमृता मतलब अमरता की जड़, सेहत की संजीवनी, गिलोय Anti Oxidants का एक शक्तिशाली भंडार है जो शरीर में बने Free Radicals से बखूबी लड़ता है।

गिलोय से Toxins बाहर निकलते हैं और खून साफ़ होता है और जीवाणु और कीटाणु मरते हैं। सिर्फ एक चमच्च गिलोय का पाउडर गुनगुने पानी में खाली पेट पियें।

3. मिंट ड्रिंक तरो ताज़ा करे Refreshing Mint Drink

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह एक बहुत हे स्वादिष्ट पेय (Drink) है। इसको बनाने के लिए एक पतीले में 500 मि.ली. पानी डाल दें और उसमें आधा छोटा चमच्च हल्दी पाउडर मिला लें।

दो मिनट उबाल लें और फिर इसमें 10 से 12 पत्तियां पुदीने की डाल दें अब इसे तब तक उबलने दें जब तक पानी आधा ना हो जाये।

अब बस इसे गिलास में दाल दें और थोड़ा ठंडा होने दें फिर इसमें एक चमच्च शहद का मिला लें। ये पेय (Drink) जितना स्वादिष्ट है, इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए उतना ही असरदार भी तो आप ज़रूर सेवन कर के देखें।

Note:- How to Increase Immunity In Hindi के साथ साथ और भी महत्वपूर्ण लेख हमारी वेबसाइट पर सम्पादित किये गए हैं। आप वह भी पढ़ कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।  

4. हल्दी कई गुणों की खान Best Immune Booster Turmeric Powder

हल्दी भारतीय खाने में इस्तेमाल होने वाला एक आम मसाला है लेकिन अपने एंटी ऑक्सीडेंट्स (Anti Oxidant), एंटीबैक्टीरियल  (Antibacterial), एंटीफंगल (Anti fungal), और एंटी वायरल (Anti Viral)  गुणों से Immunity को बहुत जल्दी बढ़ाता है।

हल्दी में एक और तत्व होता है करक्यूमिन (Curcumin), शोध के अनुसार करक्यूमिन एक बहुत प्रभावशाली तत्व है। यह कैंसर के विकास को, उसके आगे बढ़ने को रोकता है।

Curcumin Benefits

यह Anti Inflammatory का स्रोत भी है Inflammation से हमारे शरीर में बहुत तरह के रोग हो जाते हैं जैसे :-

  1. जोड़ों के दर्द – Arthritis
  2. स्वप्रतिरक्षित रोग – Autoimmune Disease
  3. त्वचा के रोग – Skin Disease
  4. दमा  – Aasthma
  5. दर्दें  – Pain

रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में आधा चमच्च हल्दी पाउडर मिला कर पिएं। हल्दी वाले दूध में यदि एक चुटकी काली मिर्च मिला दी जाए तो ये और भी ज़्यादा असरदार हो जाता है।

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5. आँवला विटामिन C का स्रोत Indian Gooseberry

दोस्तों रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने क लिए विटामिन C की बहुत बड़ी भूमिका होती है। और आँवला में विटामिन C भरपूर मात्रा पाया जाता है है इतना की जितना बीस संतरों में विटामिन C होता है उतना तो एक आँवले में ही मिल जायेगा।

दिन में अगर एक आँवला खाने की आदत डाल लें तो आप इन्फेक्शन से दूर रह सकते हैं। वैसे आप आँवला को जूस, आचार, या मुरब्बे के रूप में भी खा सकते हैं।

दोस्तों ये तो ज़ाहिर ह की आप इन सारी चीज़ों को एक साथ शुरू नहीं कर पाएंगे इसलिए इनमें से जो आपको अच्छी लगे वो शुरू कर दें और दो महीने तक इनका सेवन चालु रखें, फिर बंद कर दें आपको असर तो 10 -1 5 दिनों में ही दिख जायेगा।

6. अदरक

सर्वप्रथम अदरक एंटीबैक्टीरियल खाद्य पदार्थ है जिसके कई फायदे हैं। यह आपकी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ यह एक नेचुरल ब्लड थिनर है जो आपके रक्त को पतला करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

gingerol in ginger

Ginger यानी अदरक के अंदर एक Anti Inflammatory यौजिक पाया जाता है जिसका नाम है जिन्जेरॉल (Gingerol), यह आपकी नसों को आराम देता है और आपके शरीर में रोग पैदा करने वाले Inflammation का नाश करता है।

7. लहसुन Garlic

अगला खाद्य पदार्थ है लहसुन यानी Garlic, इसके अंदर इम्यून सिस्टम के तत्व कूट कूट कर भरे होते हैं। लहसुन के अंदर एक सल्फरस कंपाउंड होता है जिसका नाम है एल्लीसिन (Allicin), यही वो Immune Boosting कंपाउंड है जो लहसुन में मौजूद होता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ाता है।

लहसुन हमारे रक्तचाप को भी कम करता है। लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स Anti Oxidant होते हैं जो हमारे शरीर में मौजूद Free Radicals का नाश करते हैं। यही Free Radicals आगे चल कर कैंसर जैसी भयानक बिमारियों को जन्म देते हैं।

कुछ ख़ास बातें :-

  • जितना हो सके घर का खाना खाएं।
  • मौसमी फ़ल रोज़ खाएं।
  • 15 से 20 मिनट तक सूर्य की रौशनी में ज़रूर बैठें।
  • रोज़ाना व्याम करें।
  • जिन चीज़ों से मधुमेह का खतरा हो वह कम खाएं।
  • पानी ज़रूर पिएं ताकि शरीर कुदरती तरीके से डीटॉक्स करता रहे।
  • सिगरेट व् शराब से जितना हो सके दूर रहें।

निष्कर्ष – Conclusion

इम्यून सिस्टम बढ़ती उम्र के साथ कमज़ोर होता ही है हालाँकि अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो ये पक्का है की आपका इम्यून सिस्टम जितना आपने सोचा था उससे कहीं ज़्यादा मजबूत हो जायेगा।

आपने इंटरनेट पर How to Increase Immunity in Hindi जैसे कई लेख देखे व पढ़ें होंगे, पर इस लेख में हमने अपनी पूरी कोशिश की आपको इम्यून सिस्टम के संबंधित विस्तृत जानकारी मिले।

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Skin Care Tips In Hindi

Amazing Skin Care Tips In Hindi खिलखिलाती और चमकदार त्वचा के लिए उपाए

Skin Care Tips in Hindi to Get Clear And Glowing Skin With in Week

त्वचा मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है इसीलिए इसकी खास देखभाल भी करनी पड़ती है। लेकिन ज़्यादातर लोग जाने अनजाने ऐसे काम करते हैं जिसकी वजह से उनकी त्वचा खराब होने लगती है।

10 Most Common Skin Care Tips in Hindi from Worst to Best

ऐसे में मुंह पर मुंहासे (Pimples), लाल चकत्ते (Rashes), खुजली (Itching), काले धब्बे (Dark Spots) आम हो जाते हैं।

आज हम Skin Care Tips In Hindi के लेख में आपको बताएँगे की क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए ताकि आप पा सकें खिलखिलाती हुई चमकती त्वचा।

इस लेख में हमने 10 साधारण सी आदतों को सम्पादित किया है जिनको दो श्रेणियों में बांटा गया है। 1. खराब आदतें 2. अच्छी आदतें

पहले बात करते हैं खराब आदतों के बारे में :- Worst Skin Care Habits in Hindi

5 worst skin care habits in hindi

Skin Care Tips In Hindi

चेहरे को बेवजह छूते रहना – Constantly Touching The Face

1. आप अपनी त्वचा को बार बार छूते रहते हैं और मुंहांसो (Pimples) को छीलते रहते हैं। मुंहांसो को छीलना एक सामान्य गलती है लोग अक्सर यह करते हैं। ऐसे करने से न ही सिर्फ पस्स बहार आता है बल्कि त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया को भी अंदर धकेलता है।

जिससे सूजन बढ़ती है और ज़्यादा मुंहासे (Pimples) निकलने लगते हैं। कुछ लोगों की तो आदत होती है की वह लगातार अपने चेहरे को छूते रहते हैं। फ़ोन इस्तेमाल करते वक्त, लैपटॉप चलाते समय, जूते पहनते हुए, दरवाज़े के हैंडल या रिमोट का इस्तेमाल करते हुए हमारे हाथों पे करोड़ों रोगाणु लग जाते हैं।

फिर यही छोटे छोटे बैक्टीरिया, वायरस हाथों के ज़रिये चेहरे पर आ जाते हैं जिससे त्वचा से संभंधित रोग लग जाते हैं। इसलिए अगर आप इस आदत को बदल सकें तो आप ज़रूर फर्क देखेंगे।

2. असीमित मात्रा में चहरे को धोना – Overwashing Face

किसी भी चीज़ की अधिकता बुरी होती है ये चेहरा धोने के लिए भी सच है। हम अपने चेहरे को अक्सर ही धोने लगते हैं तो इससे हमारी त्वचा शुष्क होने लगती है और इस कारण हमारी त्वचा की ग्रंथियां और भी ज़्यादा तेल को उत्पन्न करने लग जाते हैं।

इससे स्थिति ठीक होने की बजाये और खराब हो जाती है। सही तरीका यही है की आप अपना चेहरा दिन में सिर्फ दो बार ही धोएं।

एक सुबह उठने के बाद और दूसरा रात को सोने से पहले। बहुत सारे लोग रात को चेहरा धोना भूल जाते हैं ऐसा न करें।

रात को सोने से पहले चेहरे को धोना (Face Wash)mबहुत ज़रूरी है, इससे मेकअप के इलावा दिन भर की इकट्ठी हुई धुल, गंदगी और बैक्टीरिया भी धूल जाते हैं।

3. रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करना – Too Many Chemicals

क्या आपने कभी अपने चेहरे पर इस्तेमाल करने वाले उत्पादों में जो सामग्री डाली गयी है उसे पढ़ा है। ये बढ़े दुःख की बात है की आज भारतीय बाज़ारों में ज़्यादातर त्वचा के उत्पादों में बहुत ही विषैले रासायनिक डाले जा रहे हैं।

जो कैंसर तक कर सकते हैं। ऐसे उत्पादों को रोज़ रोज़ लगाने से त्वचा पूरी तरह क्षतिग्रस्त भी हो सकती है।

इसलिए हमेशा कुदरती, सुरक्षित और त्वचा के अनुकूल उत्पाद ही खरीदें। हो सके तो बहुत ज़्यादा उत्पाद भी अपनी त्वचा पर ना इस्तेमाल करें। यह आपकी त्वचा को सही करने की बजाये और भी खराब कर सकते हैं।

4. तनाव – Stress

तनाव, क्रोध और चिंता से हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा ही बन चुके हैं। हमें शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं की किस तरह से ये हमारे शरीर को अंदर से खोखला करते हैं।

तनाव (Stress) पैदा होने से शरीर में ऐसे रासायनिक प्रतिकिर्याएँ होती हैं जिससे की हमारी त्वचा संवेदनशील होने लगती है।

क्या आपने कभी नोटिस किया है की जब आप बहुत तनाव में होते हैं तो आपको ज़्यादा मुंहासे होते हैं। ऐसा इसीलिए होता है क्यूंकि मानसिक तनाव में हार्मोन इस तरह से बदलने लगते हैं जैसे की हमारी त्वचा ज़्यादा तेल उत्पन्न करने लगती है।

कुदरत के साथ वक्त गुज़ारना, ध्यान करना, रोज़ाना कसरत करना कुछ बहुत ही प्रभावशाली तरीके हैं जो बढ़ी आसानी से नकारत्मक सोच हटाकर आपके शरीर को अंदर से ख़ुशी देते हैं।

5. नमकीन चीज़ों को दूध के साथ खाना – Consume Milk Products With Salt

ये आपको शायद अजीब लग सकता है पर आयुर्वेद की माने तो दूध (Milk) और नमक (Salt) मिलकर धीमा ज़हर बनाते हैं। जिससे त्वचा के रोग होने लगते हैं।

यहाँ तक कहा जाता है की चाहे कितनी दवाईयां ले लें त्वचा को चमकदार बनाने की लेकिन यह एक गलती (नमकीन चीज़ों को दूध के साथ खाना) आपका सारा काम बिगाड़ सकती है।

नमक और दूध आपस में विरुद्ध आहार हैं, इनको मिलाकर खाने से शरीर में ऐसी प्रतिकिर्याएँ होती हैं जिनके दुष्परिणाम त्वचा पर देखे जा सकते हैं।

जैसे परांठे के साथ दूध (Milk) या चाय (Tea), आचार (Pickles) के साथ दूध या नमकीन के साथ चाय बिलकुल भी ना खाएं। अगर आपको खाना ही है तो कम से कम 30 मिनट का अंतराल ज़रूर रखें।

दोस्तों ये थी कुछ बुरी आदतें जो आपकी त्वचा के रोगों की वजह बनती हैं। अब बात करते हैं 5 ऐसी अच्छी आदतों की जो आपकी त्वचा को पहले से भी सूंदर, चमकदार और मुलायम बनाएंगी।

अब बात करते हैं अच्छी आदतें के बारे में:- Best Skin Care Tips in Hindi

5 Best Skin Care Habits In Hindi

Skin Care Tips In Hindi

1. आहार – Healthy Food

किसी ने ठीक ही कहा है की स्वस्थ्य त्वचा भीतर से आती है, आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे की हम कितना कुछ कर सकते हैं जिसे की हमारी त्वचा सेहतमंद हो जाए।

  1. पहला तो ज़्यादा तीखा खाना हमारे शरीर में बदहज़मी (Acidity) करता है। और जिस शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है वहां त्वचा के रोग होते ही हैं। इसलिए अगर आपको त्वचा के रोग हैं लाल मिर्च, गर्म मसाला आदि कुछ दिनों के लिए तो छोड़ ही दें।

  2. दूसरा फाइबर से भरपूर आहार लें डाइट्री फाइबर (Dietary Fiber) शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है जिससे की त्वचा में निखार आता है। चोकरयुक्त गेहूं (Whole Wheat), ओट्स (Oats), ब्राउन राइज (Brown Rice), फलियां, दालें और सब्ज़ियों के सलाद को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें।

  3. तीसरा अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो कुछ सब्ज़ियों से तो दूर ही रहें। जैसे की बैंगन, भिंडी, अरबी और कटहल जो की चिपचिपी होती हैं। अगर आपको ज़्यादा मुंहासे होते हैं तो ड्राई फ्रूट्स यानि सूखे मेवों को भिगो कर, छिलका उतार कर ही खाएं। बिना छिलका उतारे खाने से शरीर में गर्मी बढ़ने का खतरा रहता है फिर अगर आपको त्वचा के रोग अक्सर ही होते हैं चीनी और नमक को भी कम कर दें। ये दोनों ही किडनी से टॉक्सिन्स को बाहर फेंकने से रोकते हैं। टॉक्सिन्स रक्त में बढ़ जाए तो खुजली होने लगती है बाकी आपको पता ही होगा की पैकेट वाले आहार से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे परिरक्षक से बना हुआ बासी खाना हमारी त्वचा को बहुत नुक्सान पहुंचता है। जितना हो सके घर में बना हुआ ताज़ा खाना खाएं ताकि आपकी त्वचा अंदर से खिल उठे।

2. व्यायाम – Exercise

रोज़ाना व्यायाम शरीर के सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है और हम ये जानते हैं की त्वचा शरीर का सबसे बड़ा अंग है। इसलिए ज़्यादा ब्लड फ्लो मतलब त्वचा को ज़्यादा नुट्रिएंट्स (Nutrients) और आक्सीज़न (Oxygen)।

व्यायाम से हमारे शरीर में पसीना निकलता है जिससे हमारे त्वचा के छिद्र खुल जाते हैं और अंदर जमी गंदगी बाहर आ जाती है। इसलिए ज़्यादा शरीरिक गतिविधि मतलब सेहतमंद त्वचा।

3. अपने कपड़ों को रोज़ाना धोना – Wash Fabrics

जो कपड़ा हमारी त्वचा के संपर्क में आता है जैसे की हमारे कपड़े, तोलिये, तकिये के गिलाफ, चादर आदि। इन्हे हफ्ते में कम से कम एक बार अच्छे से ज़रूर धोना चाहिए। ताकि जो धुल, मिट्टी, बैक्टीरिया इन पर आ जाता है वह ख़त्म हो सके।

अगर आपकी संवेदनशील त्वचा है तो हम आपको ये सुझाव देंगे की आप सिंथेटिक कपड़ों को छोड़ कर कॉटन के कपड़ों का इस्तेमाल करें।

4. पानी अच्छे से पिएं – Hydrated

आपने सुना होगा खूबसूरत लोगों को कहते हुए की उनकी चमकती त्वचा का राज़ है अच्छे से पानी पीना। किसी भी अन्य सैल्स की तरह हमारी त्वचा के सैल्स भी पानी से बने होते हैं। बिना भरपूर पानी के ये ठीक से काम नहीं कर सकते।

शरीर को सही से तरल देने से त्वचा सेहतमंद और बच्चों के जैसी मुलायम हो सकती है। पानी को आप सूप्स, शेक्स, जूस, चाय, फ़ल और कुछ सब्ज़ियों के द्वारा त्वचा के सैल्स में पहुंचा सकते हैं।

5. त्वचा देखभाल की आदत बनाएं – Skin Care Routine

सेहतमंद त्वचा की आदत के लिए हम आपको बताएँगे एक बड़ा ही सरल सा उपाए, जिससे आपको घर बैठे ही मिल सकती है साफ़ और निखरी त्वचा।
एक बड़ा चम्मच बेसन लीजिये, इसमें एक छोटा चम्मच शहद (One Spoon Honey), एक छोटा चम्मच दहीं (One Small Spoon Curd) और कुछ बूँदें निम्बू के रस की मिलाएं।

बस इस मिश्रण को अपने पूरे चेहरे पर लगा कर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठन्डे पानी से धो लें। ये हाथों हाथ आपके शरीर की मृत त्वचा को बाहर कर देगा और चेहरा बिलकुल साफ़ दिखेगा।

इस उपाए को हफ्ते में एक से दो बार ज़रूर करें, आपको महंगी क्रीमों की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।

Note :- तो दोस्तों ये थी 5 खराब आदतें और 5 अच्छी आदतें, ये सारी टिप्स का लेख जिसका शीर्षक Skin Care Tips In Hindi है, इसको अगर आप अच्छे से पालन करते हैं तो हम गारंटी के साथ कह सकते हैं की त्वचा से जुडी किसी भी बीमारी से आपको नहीं जूझना पड़ेगा।

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gulab jal ke fayde

Gulab Jal Ke Fayde – गुलाब जल से चेहरे को गोरा बनाएं

आज हम इस लेख में आपको बताने वाले हैं Gulab Jal Ke Fayde और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण ब्यूटी टिप्स। Gulab Jal यानि Rose Water को ज़्यादातर त्वचा की देखभाल के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस लेख में आपको कुछ ऐसे नुस्खे बताये जायेंगे की कैसे आप इसका उपयोग करके इसका फायदा उठा सकते हैं। इसके गुणों से लेकर इसके नुस्खे और किस तरह से गुलाब जल आपके बालों को आपकी त्वचा को और आपके दिमाग को कैसे तरोताज़ा करता है। ये सभी जानकारी आपको यहाँ दी जाएगी तो कृपया इस लेख को ध्यान से पढ़ें।

चलिए बात शुरू करते हैं इसके लाजवाब गुणों के बारे में।

Gulab Jal में तीन जो गुण पाए जाते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला है Anti Inflammatory यानि अगर आपकी त्वचा में किसी तरह की जलन होती है तो उसको ये कम करेगा। दूसरा है Antibacterial, इसका फायदा ये है की अगर आपकी त्वचा में कोई घाव के निशान हैं या कोई दाग हैं तो उसे स्वस्थ्य करने में मदद करेगा। और तीसरा गुण है वो है Antioxidant, मतलब ये शरीर में नए Cells और उन्हें Regenerate करने में काफी लाभकारी माना जाता है।

Gulab Jal Ke Fayde की बात करें तो इसके अनेक फायदे हैं, चर्चा करेंगे तो बहुत लम्बी सूची तैयार हो जाएगी। त्वचा के लिए इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं और जिन्हे जान कर आप हैरान हो जायेंगे।

 त्वचा के लिए गुलाब जल के फायदे Gulab Jal Ke Fayde Skin Ke Liye

दोस्तों गुलाब का नाम सुनते ही हमें हमारे आस पास से सुगंधित वातावरण का एहसास होने लगता है। Gulab Jal ताज़े ताज़े फूलों की पत्तियां यानि पंखुड़ियों से निकला हुआ प्राकर्तिक रस होता है। गुलाब जल हमारे शरीर को अत्यंत शीलता प्रदान करने वाला एक प्राकर्तिक उपाए है।

खूबसूरत और स्वस्थ्य त्वचा पाने का सपना हर किसी का होता है और वहीं चेहरे की सुंदरता हमारे व्यक्तित्व का अहम् हिस्सा भी है। चेहरे पर मौजूद छोटा सा दाग हमारी ख़ूबसूरती को कम कर देता है। ऐसे में गुलाब सा निखार पाने के लिए अपनी त्वचा का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। चेहरे की ख़ूबसूरती बढ़ाने में गुलाब जल सबसे बेहतर है।

गुलाब जल हर तरह की त्वचा पे आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है। इसका उपयोग केवल लड़कियां ही नहीं बल्कि लड़के भी कर सकते हैं। तो चलिए बात करते हैं की क्या हैं त्वचा पर gulab jal lagane ke fayde

1). झुर्रियां करता है कम – Gulab Jal Ke Fayde for Wrinkles

ये एक प्राकर्तिक सौंदर्य प्रसाधन है इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर त्वचा सम्बंधित सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। बढ़ती उम्र या या शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी के कारण चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। चेहरे पर आयी झुर्रियों को कम करने में ये बहुत असरदार है। गुलाब जल की मदद से हम एक बहुत ही उपयोगी Face Pack भी बना सकते हैं।

इसे बनाने की विधि कुछ इस प्रकार है। इसे बनाने के लिए चाहिए 2 चमच्च ताज़े निम्बू का रस, 4 चमच्च चन्दन पाउडर अगर चन्दन पाउडर नहीं है तो आप मुल्तानी मिट्टी भी ले सकते हैं और 2 से 3 चमच्च गुलाब जल (Rose Water)।

अब इन सभी चीज़ों को एक साफ़ कटोरे में डालकर अच्छी तरह मिला लें। आपकी त्वचा को चार चाँद लगाने वाला Gulab Jal Face Pack बन कर तैयार हो गया है। अब इस Face Pack को धीरे धीरे अपने चेहरे पर लगाएं और लगाने के 15 मिनट बाद अपना चेहरा साफ पानी से धो लें।

अगर आप इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करेंगे तो आप देखेंगे आपके चेहरे का निखार बढ़ने लग गया है।

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2). धुप से जाली त्वचा (सनबर्न) को ठीक करता है

दोस्तों धुप से जाली त्वचा (सनबर्न) की समस्या का सामना गर्मियों में हर बाहर जाने वाले इंसान को करना पड़ता है। Skin Tan को सनबर्न भी कहा जाता है। इससे (Skin Tan) से बचने के लिए गुलाब जल का उपयोग सही तरीके किया जाए तो इस समस्या से निजात मिल सकती है। गुलाब जल को इस्तेमाल में लाने से सनबर्न यानी Skin Tan की समस्या दूर होती ही है साथ ही धुल मिट्टी के कण भी त्वचा के अंदर नहीं जा पाते। यदि आप तेज़ धुप में बाहर जाने से पहले अपने शरीर पर थोड़ा सा गुलाब जल लगाते हैं तो इससे ठंडक का एहसास होने लगता है। तथा तेज़ धुप का आपके शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।

3). रंग गोरा करके चेहरे को निखारता है

गोरा रंग पाने का सपना हर लड़की या लड़के का होता है पर इस प्रदूषण वाली लाइफ में ऐसा गोरा रंग पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता। पर इस समस्या का समाधान हम आपके लिए लाये हैं। इसके लिए आपको चाहिए गुलाब जल, जी हाँ गुलाब जल हमारे त्वचा के रोम छिद्रों को निखारने के लिए बहुत बेहतरीन जल है।

गुलाब जल के साथ और क्या सामग्री चाहिए होगी वो भी हम बताएँगे। पहले तो आपको ये समझना है की गुलाब जल आपको किस मात्रा में लेना है। आपको 2 चम्मच गुलाब जल लेना है इसके साथ जो दूसरी सामग्री इस्तेमाल करनी है वो है ताज़ा रसदार निम्बू। निम्बू इसलिए लेना है क्यूंकि इसमें विटामिन सी और सिट्रिक एसिड होता है जो की हमारी त्वचा के निखार के लिए काफी लाभदायक होता है।

तो आपको करना क्या है, इस निम्बू को आधा काट लेना है और जिस कटोरी में गुलाब जल डाला है उसी में निचोड़ लेना है अच्छे से। अब इसे अच्छे से मिला लें। अब बात करते हैं इसे कैसे चेहरे और त्वचा पर लगाना है। सबसे पहले एक साफ रुई का टुकड़ा लें और इसे इस घोल में डुबो कर अपनी त्वचा पर लगा धीरे धीरे मसाज करें। करीबन 10 मिनट तक ऐसा करें अब इसे 10 मिनट मसाज करने के बाद साफ़ पानी से त्वचा को अच्छे से धो लें। ऐसा आपको हफ्ते में एक दिन छोड़कर करना है। आपके चेहरे पर निखार आना शुरू हो जायेगा।

आँखों के लिए गुणकारी गुलाब जल Gulab jal ke fayde for eyes

1). डार्क सर्कल्स (आँखों के नीचे काले धब्बे) कम करे 

अगर आप रात को देर से सोते हैं या ज़्यादा टीवी, कंप्यूटर का उपयोग देखते हैं। तो आपकी आँखों के नीचे आये डार्क सर्कल्स (आँखों के नीचे काले धब्बे) हटाने के लिए गुलाब जल बहुत ही प्रभावशाली है। तो इसका उपयोग कैसे करना है चलिए जानते हैं। एक साफ़ कटोरा (बाउल) लें अब इसमें 3 चमच्च गुलाब जल के डालें। अब इसे फ्रिज में रख दें ताकि ये ठंडा हो जाए। दो रुई के टुकड़े लें और इन्हे गुलाब जल में भिगो कर अपनी बंद आँखों पर 15 से 20 मिनट के लिए रख दें। इससे आपकी आँखों पर ताज़गी आएगी और जो डार्क सर्कल्स (आँखों के नीचे काले धब्बे) हैं वह पूरी तरह से ख़तम हो जायेंगे।

तेज़ धुप के कारण होने वाले सिर दर्द से राहत दिलाता है Best for Headache Pain

यदि आपको तेज़ धुप में बाहर आने जाने से सिर दर्द रहता है तो इसके लिए भी एक उपाए है। इसके लिए आपको कुछ ख़ास नहीं करना बस एक साफ़ कपड़ा लें और इसे ठन्डे गुलाब जल में भीगो दें। अब इस कपड़े को हल्का सा निचोड़ कर अपने सिर के ऊपर 15 मिनट तक रखें। आपको इससे सिर दर्द दूर करने में राहत मिलेगी और एक शीतलता का एहसास भी होगा।

क्षतिग्रस्त बालों के लिए गुलाब जल Gulab Jal Ke Fayde Baalon Ke Liye

प्रयोग करने का पहला तरीका

Rose Water यानि गुलाब जल इसलिए बहुत मशहूर है क्यूंकि ये हर तरह की त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गुलाब जल के अंदर बहुत ही ज़्यादा मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं। यहाँ पर हम चर्चा करेंगे की कैसे हम गुलाब जल को क्षतिग्रस्त बालों को ठीक करने के लिए उपयोग में ला। इसके लिए हमें कुछ सामग्री चाहिए होगी जैसे मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल

एक कटोरी मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल में मिलाएं। गुलाब जल मिलाने के बाद जब मुल्तानी मिट्टी का घोल तैयार हो जाए तो आपको इसे बालों पर लगाना है जैसे की आप हेयर कलर लगाते हैं। और लगाने के साथ साथ आप एक चीज़ ध्यान में ज़रूर रखें की आपको ये बालों की जड़ों में भी लगाना है। इसके बाद आप इसे थोड़ी देर के लिए सूखने के लिए छोड़ दें।

कुछ देर लगाने के बाद अब आप अपने बालों को अच्छे धो लें। अब आप देखेंगे की आपके बाल पहले से ज़्यादा रेशमी और मुलायम हो गए हैं और आपके बालों में एक अलग ही चमक आ गयी है। तो ये था पहला तरीका गुलाब जल को बालों में प्रयोग करने का।

प्रयोग करने का दूसरा तरीका

दूसरे तरीके में हम गुलाब जल को इस्तेमाल कर रहे हैं Hair Conditioner के तौर पर। इसके लिए आपको करना ये है की बाल धो कर आये तो गुलाब जल लेना है और इसे अपने गीले बालों पर छिड़काव (स्प्रे) करना है। अब बालों में लगे गुलाब जल को कुछ देर सूखने दीजिये, गुलाब जल आपके बालों के लिए बहुत ही अच्छा Conditioner का काम करता है। ये आपके बालों को चमक देता है और आपके उलझे हुए बालों को बहुत ही कम वक़्त में सुलझा देता है।

प्रयोग करने का तीसरा तरीका

गुलाब जल धुप में क्षतिग्रस्त हुए बालों को मुरम्मत करने में भी बहुत उपयोगी माना जाता है। अगर आपके बाल धुप में क्षतिग्रस्त हो गए हैं और झड़ते रहते हैं तो उसके लिए गुलाब जल बहुत अच्छी चीज़ है। इसके लिए आपको दो चम्मच गुलाब जल लेना है और इसमें एक चमच्च शुद्ध शहद लेना है। इन दोनों चीज़ों को मिला कर अपने बालों में धीरे धीरे मसाज कर लीजिये।

अब मसाज करने के आधे घंटे बाद अपने बालों को धो लीजिये। ऐसा नियमित करने से आपके क्षतिग्रस्त हुए बालों की मुरम्मत हो जाएगी और आपके बाल बहुत ही रेशमी और घने हो जायेगे। तो ये थे तीन आसान तरीके जिनकी मदद से आप गुलाब जल को इस्तेमाल कर सकते हैं और अपने बालों को और भी ज़्यादा खूबसूरत बना सकते हैं।

गुलाब जल कैसे बनाये ? How to Make Rose Water at Home?

How to Make Rose Water at Home

यूँ तो बाजार में गुलाब जल बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं परन्तु ये Gulab Jal आप प्राकर्तिक तरीके से बड़ी आसानी से अपने घर पर भी बना सकते हैं।

गुलाब जल बनाने के लिए 10 से 15 ताज़े गुलाब की पंखुड़ियों को 15 से 20 मिनट तक गरम पानी में उबालें। उसके बाद इसे यूँ ही 5 से 6 घंटे तक ठंडा होने के लिए छोड़ दें।

जब ये ठंडा हो जाए तो इसे किसी छन्नी की मदद से अच्छी तरह छान लीजिये। जब ये अच्छी तरह छन जाए तो इसे एक बोतल में भर कर फ्रिज में भी रख सकते हैं। और इसका उपयोग काफी लम्बे समय तक किया जा सकता है। तो इस तरह आप गुलाब जल को घर पर ही बड़ी आसानी से तैयार कर सकते है।

गुलाब जल के फायदे से जुड़ी कुछ अफवाहें Some Myth About Gulab Jal (Rose Water)

बड़े बड़े मेकअप आर्टिस्ट का कहना है की गुलाब जल को सर्दियों में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए या फिर गुलाब जल उन्हें इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिनकी रूखी त्वचा होती है।

आपको आम तौर पर कुछ लोग मिल जायेंगे जो बोलते हैं की गुलाब जल साधारण या सिर्फ तेलिये त्वचा के लिए सही होता है। और अगर आप इसे सर्दियों में अपनी त्वचा पर लगाएंगे तो आपकी त्वचा रूखी हो जाएगी।

सबसे पहले तो हम आपको ये बता दें की गुलाब जल को सर्दियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है ये बिलकुल सुरक्षित है। ये किसी भी तरह की त्वचा पर इस्तेमाल किया जा सकता है क्यूंकि ये हमारी त्वचा के PH लेवल को बैलेंस करता है।

गुलाब जल की मॉइस्चराइजिंग की क्षमता बहुत उच्च होती है। तो इसीलिए रूखी त्वचा वालों को डरने के कोई ज़रूरत नहीं है की अगर उन्होंने गुलाब जल का इस्तेमाल किया है तो आपको त्वचा की कोई समस्या होगी।

Gulab Jal Ke Fayde और इसे कैसे इस्तेमाल करना है ये सब कुछ जो इस लेख में बताया है उम्मीद है आपको ये पसंद आया होगा। अगर आपकी इस लेख से सम्बंधित कोई टिप्पणी या विचार है तो हमें ज़रूर बताएं।

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khajur ke fayde

Khajur Ke Fayde और दुष्प्रभाव जानें | खजूर कब और कैसे खाएं ?

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको Khajur Ke Fayde के बारे में बताएँगे और ये भी बताएँगे की इसे कब और कैसे खाना है। खजूर की बात करें तो ये अरब देशों में पैदा होने वाला स्वादिष्ट पौष्टिक मेवा है। जिसको Dry Dates भी कहा जाता है और बहुत से लोग इसे पिंड खजूर भी कहते हैं।

बहुत से लोगों ने हमको ये बोला की आप thehindiguide वेबसाइट के माध्यम से Khajur Ke Fayde Bataye इसीलिए ये लेख बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला इसे ध्यान से पूरा पढ़ें।

हम सब जानते हैं की खजूर हमारे शरीर को बहुत शक्ति देता है और इसको खाने से हमारे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। जो सेहत की दृष्टि से बहुत गुणकारी है।

खजूर में 60% से 70% तक शक़्कर पायी जाती है। इसमें आयरन, कैल्शियम, मिनरल्स, अमीनो एसिड, पोटाशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और कॉपर जैसे पोषक तत्व काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

Khajur हमारी त्वचा (Skin) के लिए संजीवनी बूटी की तरह काम करते हैं। जिस तरह Jackfruit यानि कटहल हमें कई बिमारियों से बचाता है वैसे ही खजूर में भी बहुत सारे गुण पाए जाते हैं।

Glucose और Fructose का खज़ाना खजूर, शरीर को बलवर्धक बनाने में सहायक होने के साथ ही Immune Power को भी बढ़ाता है।

इसमें Cholesterol नहीं होता और एक खजूर से 23 कैलोरी मिलती है। इसका सेवन करने से हमारा शरीर कई तरह की बिमारियों से भी बचा रहता है।

Dates Khajur Ke Fayde In Hindi सूखे और नरम खजूर खाने के फायदे

अब बात करते हैं की खजूर खाने से हमारे शरीर के कौन कौन से अंगों में अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं।

1. हृदय (दिल) को स्वस्थ्य रखे | Makes Heart Stronger

खजूर हमारे हृदय (दिल) के लिए बहुत ही अच्छा है, हम कह सकते हैं की खजूर के अंदर जो मैग्नीशियम और पोटाशियम है ये दो ऐसे तत्व हैं जो हमारे दिल को ताकत देते हैं।

ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं जिसके कारण हमारा Blood Pressure कंट्रोल में रहता है।

इन्ही गुणों के कारण हमारा दिल अच्छे से काम कर पाता है। इसके साथ ही खजूर में पोटाशियम की मात्रा होने के कारण ये हमें दिल का दौरा यानि हार्ट अटैक होने से भी बचाता है।

तो हमने जाना की किस तरह से खजूर हमारे हृदय (दिल) को स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।

2. पाचन तंत्र दरुस्त बनाये | Improve Digestive System with Khajur (Dates)

खजूर हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत गुणकारी है। ये हमारे पाचन तंत्र की क्रिया को मजबूत बनाता है। खजूर के अंदर फाइबर बहुत ज़्यादा होता है जिस कारण ये हमारी आँतों की मज़बूती देता है और हम जो भी खाना खाते हैं उसे पचाने में मदद मिलती है।

फाइबर की मात्रा ज़्यादा होने के कारण ये हमें कब्ज़ (Constipation) दूर करने में भी राहत देता है यानि अगर आप कब्ज़ से परेशान रहते हैं। और कहीं न कहीं आपको लगता है की आपका पाचन तंत्र अच्छे से काम नहीं कर रहा है तो आपको खजूर का सेवन ज़रूर करना चाहिए।

फाइबर के और भी बहुत फायदे हैं जैसे की आपको पेट में खालीपन लगता है। आपका वज़न काफी तेज़ी से बढ़ रहा है और आप मोटापे का शिकार हो रहे हैं तो आपको खजूर को अपने आहार में ज़रूर शामिल करना चाहिए।

3. खून की कमी को पूरा करे | Increase Blood In Cells

खजूर के अंदर विटामिन C और आयरन भी पाया जाता है। इसलिए अगर कोई अनीमिया जैसी बीमारी का शिकार है और शरीर में रक्त की बहुत कमी हो गयी है। या फिर खून की कमी के कारण शरीर थका थका सा रहता है तो खजूर का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ा देता है। जिस कारण अनीमिया जैसी बीमारी से बचा जा सकता है।

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4. दिमाग को चुस्त रखे और स्मरण शक्ति बढ़ाये | Improve Brain Power With Dates

इसी के साथ एक और फायदा ये है की खजूर हमारे दिमाग को ताकत देता है। यानि की जो लोग खजूर का सेवन करते हैं उनकी स्मरण शक्ति बहुत अच्छे बढ़ती है। उनको दिमाग में कोई थकावट महसूस नहीं होती और इस वजह से नींद भी अच्छी आती है।

5. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए Khajur Khane Ke Fayde | Make Immune System Healthy

खजूर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मज़बूती देता है। जैसे की जो लोग बार बार बीमार पड़ जाते हैं खासकर की वो लोग जिनको सर्दियों में ज़ुकाम, खांसी बार बार हो जाता है। तो उन्हें खजूर ज़रूर खाना चाहिए क्यूंकि ये हमारे Immune System को मज़बूत करता है। जिससे हम बार बार बीमार होने से बचे रहते हैं।

6. हड्डियां को मज़बूत बनाये | Bone Makes Stronger and Healthier

इसी तरह से खजूर में मैग्नीशियम, सेलिनियम और कॉपर होने के कारण ये हमारी हड्डियों को मज़बूती देता है। अगर आपको हड्डियों में कहीं कहीं दर्द होता है या फिर जिन लोगों को गठिया है या फिर जोड़ों में दर्द रहता है। तो उन लोगों को इस दर्द से छुटकारा पाने में खजूर अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

7. दांतो को स्वस्थ और मज़बूत बनाये | Khajur Ke Fayde To Cure Teeth Problems Naturally

इसमें कैल्शियम होने के कारण ये हड्डियों को तो मज़बूत बनाता ही है। इसके साथ ही उन लोगों को भी खजूर ज़रूर खाना चाहिए जिनके दांत कमज़ोर हैं और जो छोटे बच्चे जिनके दांत अच्छे से नहीं आते। इसमें कैल्शियम की मात्रा काफी अच्छी पायी जाती है जिससे ये दांतों को भी मज़बूत बनाता है और उनके अच्छे से विकास करने में मदद करता है।

8. आंखों की रोशनी बढ़ाये | Benefits of Dates in Hindi For Eyesight

दोस्तों, खजूर विटामिन A का भी बहुत अच्छा स्रोत है। अगर आप इसका सेवन नियमित करते हैं तो आपकी आँखों की रौशनी अच्छी बनी रहेगी। और वह लोग जिनको अंधराता की बीमारी है उनके लिए भी खजूर बहुत अच्छा फ़ल है।

9. गर्भावस्था में लाभकारी | Khajur Ke Fayde in Pregnancy

गर्भवती महिलाओं को भी खजूर को अपने आहार में शामिल करना चाहिए क्यूंकि ये उनको शारीरिक शक्ति देने में मदद करेगा। इसके साथ ही गर्भावस्था में अक्सर जब खून की कमी होती है तो उसे पूरा करने में भी खजूर मदद करता है।

ये गर्भाशय को भी मज़बूती देता है। गर्भवती महिला के शरीर के अंदर ऊर्जा बनाये रखता है। और जो महिलायें अपने शिशु को स्तनपान कराती हैं उनके लिए भी खजूर बहुत अच्छा फ़ल है क्यूंकि ये दूध के उत्पादन को बढ़ा देता है।

नोट :- इसके साथ ही हम आपको ये भी कहना चाहेंगे की अगर गर्भवती महिलाओं को खजूर का सेवन करना है तो कृपया पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो।

10. खजूर से चमकती दमकती त्वचा पाएं | Khajur Ke Fayde Skin Ke Liye

Dates यानि खजूर विटामिन D और विटामिन C से भरपूर है इसीलिए ये हमारी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। ये हमारी त्वचा में निखार लाता है। जो लोग खजूर का सेवन करते हैं उनकी त्वचा हमेशा कोमल बनी रहती है और झुर्रियां भी धीरे धीरे कम हो जाती हैं।

11. बालों को घना और रेशमी बनाये रखे | Dates (Khajoor) Benefits for Hair

आयरन और विटामिन B5 होने के कारण ये हमारे केश यानि बालों के लिए बहुत बढ़िया है। जिन लोगों के बाल बहुत ज़्यादा झड़ते हैं, दो मुँहे बाल हैं या फिर बालों में रूखापन है उनको खजूर ज़रूर खाते रहना चाहिए। क्यूंकि ये बालों को स्वास्थ्य बनाता है जिस कारण बाल झड़ने कम हो जाते हैं और उनमे एक नयी चमक आ जाती है।

12. यौन शक्ति बढ़ाये | Increase Sex Drive With Khajur (Dates) in Hindi

जैसे की हमने बात की खजूर प्रोटीन से भरपूर है और इसमें कई तरह के Amino Acids पाए जाते हैं। जिस कारण पुरुष या महिला जो भी हैं उनके अंदर यौन शक्ति और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है।

तो वह लोग जिनको अपने वैवाहिक जीवन के अंदर या युवा अवस्था में अपने शरीर के अंदर यौन शक्ति की कमी महसूस होती है। चाहे वह पुरुष हो या महिला है उनको खजूर ज़रूर खाना चाहिए।

इसी तरह से वो लोग जिनको लगता है की उनके अंदर शुक्राणुओं की कमी और वीर्य अच्छे से नहीं बन रहा है। उनको भी हम खजूर खाने की सलाह देंगे क्यूंकि खजूर पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसके सेवन से आप देखंगे की आपके अंदर वीर्य अच्छे से बनना शुरू हो गया है और शुक्राणुओं की कमी भी अब दूर होने लग गयी है।

13. मूत्र मार्ग में संक्रमण से बचाये | Cure Urine Infection

दोस्तों वह लोग जो वृद्ध अवस्था में आ गए हैं और उनको लगता की उनकी शारीरिक शक्ति या यौन शक्ति कम हो गयी है। इसके साथ में उनको लगता है की उनको Prostate या मूत्र मार्ग में संक्रमण की शिकायत हो गयी है। जिसके कारण उनको खासकर रात में बार बार पेशाब करने के लिए उठना पड़ता है।

उन्हें खजूर ज़रूर खाना चाहिए। क्यूंकि खजूर आपके मूत्राशय (Urinary System) को स्वास्थ्य रखता है और उसे मज़बूत बनाता है।

अगर आपका मूत्राशय यानि (Urinary System) सही से काम करेगा तो आपकी यौन शक्ति भी वापिस आ जाएगी। और कहीं न कहीं आपकी जो Prostate की शिकायत है उसको भी दूर करने में खजूर आपकी मदद करेगा।

14. बच्चों के रोग में खजूर का उपयोग | Khajur ke fayde for Children’s in hindi

जो छोटे बच्चे रात को पेशाब से बिस्तर गीला कर देते हैं उनके लिए भी खजूर बहुत गुणकारी है। इसके प्रयोग करने की विधि इस प्रकार है। इसके लिए लिए 2 से 3 खजूर को दूध में अच्छे से उबाल लें। जब दूध गाढ़ा हो जाए तो इसे थोड़ा ठंडा करके बच्चे को पिलाएं। इससे उनकी बिस्तर में पेशाब करने की आदत दूर हो जाएगी।

आप लड्डू के रूप में भी खजूर का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए खजूर को कूटकर, काले तिल को भून कर लड्डू बना लें और बच्चों को इसका नियमित सेवन कराएं। ये उपयोग करने से भी बच्चों की रात को बिस्तर गीला करने की समस्या दूर हो जाएगी।

विशेष नोट : खजूर बहुत ही मीठा होता है जिस कारण से यह शरीर में खून की शुगर के स्तर को एक दम से बढ़ा देता है। अत : मधुमेह के रोगियों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।

Frequently Asked Questions – खजूर के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न

  • खजूर कितने प्रकार के होते हैं ? Types Of Khajur (Dates) In Hindi

Khajur Benfits and their types in hindi

Different Types Of Khajur (Dates) in Hindi

आम तौर पर आसानी से मिलने वाले खजूर दो प्रकार के होते हैं। एक होता है सूखा खजूर जिसे हम आम भाषा में छुवारा भी बोलते हैं। कुछ लोग इसे पिंड खजूर कह कर भी बुलाते हैं, Pind Khajur Khane Ke Fayde आप इस लेख में आसानी से पता कर सकते हैं।

ये खजूर (छुवारा) हमें पंसारी की दूकान पर आम मिल जाता है। वास्तव में दोनों होते खजूर ही हैं बस जब खजूर को सूखा लिया जाता है तो छुवारा बोल देते हैं। इसे कई तरह की दवाईंया, घर के खाने के व्यंजन आदि में इस्तेमाल किया जाता है।

दूसरा जो खजूर का प्रकार है वह थोड़ा गीला, चिपचिपा होता है। ये कई तरह की गुणवत्ता में बाजार में मिल जाता है। अगर आपको Imported खजूर यानी बाहर के देशों से लाया गया खजूर चाहिए तो वह भी बड़ी बड़ी Grocery की दुकानों में आराम से मिल जाता है। बस इसका दाम थोड़ा ज़्यादा होता है। पर इसकी गुणवत्ता बहुत उच्च होती है ये बिना किसी मिलावट के बना होता है।

और बाकी देशों में मिलने वाले खजूर के बारे में बात करें तो ये लगभग 10 प्रकार के मिल जाते हैं। आइए जानते हैं खजूर की और कौन कौन सी किस्में होती हैं।

  1. अज्वा खजूर – Ajwa Dates

    ये खाने में बहुत मीठे और कोमल होते हैं। इसका ज़्यादातर काला होता है। ऐसा माना जाता है की अगर कोई रोज़ सुबह 7 अज्वा खजूर का सेवन करे तो उस पर किसी भी तरह के विष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। सबसे श्रेष्ठ और लोकप्रिय होने के कारण इसका दाम काफी ज़्यादा होता है।

  2. अम्बर खजूर – Amber Dates

    अज्वा खजूर की तरह अम्बर खजूर भी काफी महंगा मिलता है। यह बाकी खजूरों की तुलना में आकार में बढ़ा होता है और इसमें जो बीज होता है वह भी काफी छोटा होता है। यह देखने में भूरे रंग का होता है और इसमें काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।

  3. सफावी खजूर – Safawi Dates

    इसका रंग भी काला होता है और इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। अगर इसे सुबह खाली पेट खाया जाए तो ये पेट के कीड़ों यानी Stomach Worms को ख़त्म कर देता है। इसके इन्ही गुणों के कारण इसे सबसे बढ़िया खजूर कहा जाता है।

  4. बरही खजूर – Barhi Dates बरही एक अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब है गरम हवाएं। ये जाने जाते हैं अपने पीले रंग की वजह से। जब से फ़ल पक कर पूरी तरह से तैयार हो जाता है तो इसका स्वाद ब्राउन शुगर या कैरेमल की तरह आता है। इन्हे कच्चे खजूर भी कहा जाता है। जिन्हे ज़्यादा मीठे खजूर पसंद नहीं होते वह इन पीले बरही खजूर को खाना पसंद करते हैं।
  5. सगाई खजूर – Sagai Dates

    सगाई खजूर खाने में बहुत बढ़िया होता है, यह काफी कुरमुरा होता है। ये हलके पीले रंग का होता है और इसकी मिठास हलकी मीठी होती है।

  6. खुदरी खजूर – Khudri Dates

    ये गाढ़े भूरे रंग का होता है और ये बिलकुल सूखा होता है। इसकी मिठास काफी अधिक होती है। खजूर की ये किस्म मधुमेह रोगियों को नहीं देनी चाहिए। इस खजूर में काफी मात्रा में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटाशियम पाया जाता है। इसका दाम काफी वाजिब होता है जिस कारण काफी लोग इसे पसंद करते हैं।

  7. सुक्कारी खजूर – Sukkari Dates

    सुक्कारी भी अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब है सुकुर यानि की शुगर। जैसा की इसका नाम है वैसे ही यह खाने में काफी मीठा और कुरमुरा होता है। सुक्कारी खजूर दांतों की बिमारियों में काफी लाभकारी होता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। साउथ एशिया में सुक्कारी खजूर का सेवन काफी ज़्यादा किया जाता है।

  8. ज़ाहिदी खजूर – Zahidi Dates

    यह खजूर जाने जाते हैं अपने सुनहरे रंग और अंडाकार आकार की वजह से। ये काफी कोमल होता है और इसमें काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसमें Low Sugar Content होता है मतलब शुगर की मात्रा कम होती है।

  9. मेडजूल खजूर Medjool Dates

    इसे खजूरों की रानी कहा जाता है क्यूंकि इसका आकार काफी बढ़ा होता है और ये खाने में काफी रसीला होता है। ये खजूर अमरीका में काफी लोकप्रिय है और इसका उपयोग ज़्यादातर शेक्स बनाने में किया जाता है। खजूर की यह किस्म साल के 12 महीने बाज़ार में उपलब्ध रहती है। इसमें कैल्शियम काफी होता है और यह शरीर की रोज़ की 20% फाइबर की कमी को पूरा कर देता है। यह खजूर भी काफी महंगा होता है दाम में।

  10. खोलास खजूर – Kholas Dates

    यह भी एक सबसे श्रेष्ठ किस्म में आता है और इसका उत्पादन सऊदी अरब देश में किया जाता है। खोलास का स्वाद कैरेमल की तरह होता है। इसे यहाँ के लोग अरबिक काफी यानी खावा के साथ खाना पसंद करते हैं।

  • खजूर को कैसे खाएं ? How to Eat Dates in Hindi

ये विधि जो हम आपको बताने जा रहे हैं वह आपको सर्दियों में करनी है। आपको रात में एक गिलास दूध लेना है और इसे अच्छे से उबाल लेना ताकि अच्छे से गरम हो जाए। अब इसमें 3 खजूर डाल दें। अब रात भर इसे ढक कर रख दें। सुबह उठने के बाद आप इस पूरे गिलास दूध को नाश्ते के बाद पी लें। और जो 3 खजूर इसमें डाले थे उन्हें भी अच्छे से चबा कर खा लें। ध्यान रहे खजूर खाने से पहले उसकी गुठली निकाल कर फेंक दें, गुठली निगले नहीं।

आप इसका सेवन बस 2 से 3 महीने तक नियमित कर लें। जब यह प्रकिर्या आप शुरू कर देंगे तो पहले हफ्ते से ही आपको अपने शरीर में चुस्ती, स्फूर्ति देखने को मिल जायेगी। आपके शरीर में जो परिवर्तन होने लगेगा वह आपको अच्छे से समझ में आने लग जायेगा।

  • खजूर की तासीर ठंडी है या गर्म ? 

दोस्तों Khajur Ke Fayde जानने से पहले आपको इसके बारे में पूरा ज्ञान होना भी ज़रूरी है। ताकि अगर आपसे कोई खजूर के बारे में कोई सवाल पूछे तो आप उसे आसानी से इसका उत्तर दे सकें।

आयुर्वेद कहता है खजूरी का फलं शीतम, खजूर का फ़ल ठंडा होता है यानि खजूर की जो तासीर होती है वह ठंडी होती है। बहुत से लोगों को ऐसा लगता है की खजूर गरम होते हैं। खजूर खाने से फोड़े, फुंसी आती है और शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।

लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है खजूर का फ़ल को आयुर्वेद में ठंडा बताया गया है।

तो फिर कुछ लोगों ने हमसे ये प्रश्न किया की खजूर खाने से शरीर में फोड़े, फुंसी क्यों हो जाते हैं ?
इसका उत्तर ये है की जब शरीर में फोड़े, फुंसी आ जाती है तो संस्कृत भाषा में आयुर्वेद में ऐसे बताया गया है, कफ़ मारूद रक्त जा। मतलब शरीर में कफ और हवा बिगड़ेगी या फिर खून साफ़ नहीं होगा तो फोड़े, फुंसियां होती हैं।

दोस्तों, खजूर खाने में बहुत मीठा होता है इसलिए हो सकता है ज़्यादा कफ बढ़ने के कारण या जिनका पाचन कमज़ोर है ऐसे लोगों को फोड़े, फुंसियां आती हों।

आपको शायद पता होगा की खजूर ऐसे इलाकों में पाया जाता है जहाँ भीषण गर्मी पड़ती है। खजूर गरम इलाके में उगता है इसलिए इसकी तासीर ठंडी होती है।

  • कफ की बीमारी में Khajur ke Fayde क्या हैं ?

जिनको कफ की बिमारी है, बलगम की शिकायत रहती है, वे 15-20 खजूर का बीज निकाल लें और उसको (खजूर) दूध में पकाएं। जब दूध गाढ़ा हो जाए तब उसका सेवन कर लें। ऐसा करने से कफ सम्बंधित सब बीमारियां दूर हो जाएंगी।

  • खजूर की पत्तियों के क्या लाभ होते हैं ?

खजूर की पत्तियां अत्यंद मूतर्ल हैं। जिन लोगों को पेशाब से सम्बंधित परेशानी है, जिसमें पेशाब कम आता हो या पेशाब करने में जलन महसूस होती हो वह खजूर की पत्तियों को पीस कर इसका शरबत बना कर पीएं।

ये नुस्खा पेशाब से सम्बंधित बिमारियों को दूर करने में अत्यंत लाभकारी माना गया है। यदि आप मधुमेह के रोगी नहीं हैं तो इसमें मिश्री मिला कर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

  • क्या गुर्दे (किडनी) के रोगी को खजूर का सेवन करना चाहिए ?

गुर्दे (किडनी) के रोगियों को खाने में कई तरह की हिदायतें दी जाती हैं। क्यूंकि खराब खान पान गुर्दे (किडनी) की परेशानी को बढ़ा सकता है। इसीलिए किडनी के मरीजों को खजूर यानि Dates को खाने के लिए मना किया जाता है। इसके कई कारण हैं जो हम आपको अभी बताएँगे।

1. गुर्दे (किडनी) संक्रमण की सम्भावना बढ़ाना :-
कुछ रोगियों को खजूर के सेवन करने से गुर्दे (किडनी) में संक्रमण होने की समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए उनके आहार में खजूर को शामिल नहीं किया जाता।

2. वज़न तेज़ी से बढ़ाता है :-
ज़्यादा खजूर खाने से आपके वज़न में अनियमित बढ़ोतरी होने लगती है। क्यूंकि खजूर के 100 ग्राम मात्रा 127 कैलोरी होती है और साथ ही इसमें फैट काफी मात्रा में होता है जो की गुर्दे (किडनी) पर दुष्प्रभाव डालता है।

इसका सही मात्रा में सेवन किया जाए तो ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। लेकिन अगर किडनी के रोगी इसका सेवन सही मात्रा में न करें तो ये हड्डयों को कमज़ोर कर देता है। ऐसा इसलिए क्यूंकि इसमें भारी मात्रा Phosphorus पाया जाता है।

3 . शुगर की बिमारी :-
खजूर रक्त में ग्लूकोस के स्तर बढ़ाता है जिससे शरीर में शुगर की समस्या उत्पन्न हो जाती है। शरीर में ग्लूकोस का स्तर न सिर्फ गुर्दे (किडनी) की बिमारी का कारण बनता बल्कि और भी कई बीमारियां इसके साथ शुरू हो जाती है।

Khajur Nutrition Value Chart in Hindi

पोषण गुणवत्ता प्रति एक कप (147 ग्राम) :-

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कैलोरी414
टोटल फैट0.6 ग्राम
सोडियम2.9 मि. ग्राम
पोटाशियम964.3 मि. ग्राम
कार्बोहाइड्रेट्स110 ग्राम
डाइटरी फाइबर12 ग्राम
शुगर93 ग्राम
प्रोटीन3.6 ग्राम
कैल्शियम5%
विटामिन C1%
आयरन8%
विटामिन B-610%
मैग्नीशियम15%

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खजूर खाने के नुक्सान – Khajur (Dates) Ke Side Effects in Hindi

दोस्तों खजूर के जितने फायदे हैं उतने इसके नुक्सान नहीं है, इसके उकसान ना मात्र ही हैं। तो चलिए बात करते हैं इसके कुछ चुनिंदा नुकसानों के बारे में।

इसका पहला नुक्सान यह है की इसका बहुत ज़्यादा मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। क्यूंकि इसमें पायी जाने वाली चीनी आपके शरीर में रक्त शुगर के स्तर को बढ़ा देगी। इसलिए मधुमेह के मरीज़ों को इसे नहीं खाना चाहिए। अगर वह इसे ज़्यादा खाते हैं तो उनमे मधुमेह का खतरा ज़्यादा हो जाता है।

दूसरा नुक्सान यह है की इसका ज़्यादा सेवन पेट में लूज मोशन की समस्या को भी उत्पन्न कर देता है। कभी कभी इसके सेवन से पेट में गैस की भी परेशानी भी जाती है।

निष्कर्ष – Conclusion On Khajur Ke Fayde Article

अंत में हम यही कहना चाहेंगे की आप खजूर को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें। इसके सेवन के शुरू के दिनों में ही आपको इसके महत्वपूर्ण लाभ देखने को मिल जाएंगे। इसके सेवन से आप पेट, हृदय, हड्डियों से सम्बंधित अनेकों रोगों से अपने शरीर को बचा सकते हैं। आपको सम्बंधित Khajur ke fayde पर ये पूरा लेख (आर्टिकल) कैसा लगा, अपने विचार हमसे ज़रूर सांझा करें।

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dalchini ke fayde in hindi

Dalchini Ke Fayde जानिए किन रोगों में लाभकारी है Cinnamon Powder

आज हम बात करेंगे Dalchini Ke Fayde यानि Cinnamon Benefits in Hindi के बारे में। अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं तो आपको इंटरनेट पर अनेकों लेख मिल जायेंगे। जिनमें बताया गया है की दालचीनी और शहद का प्रयोग करके वज़न कम किया जा सकता है।

इस बात में कितनी सच्चाई है और क्या इसके सेवन से कुछ नुक्सान भी हो सकते हैं। आज हम यह सारी जानकारी Dalchini Ke Fayde in Hindi में बताने जा रहे हैं।

Dalchini क्या है ?

Dalchini Ke Fayde जानने से पहले जान लेते हैं की आखिर Dalchini Hai Kya। किसी पेड़ की छाल सी दिखने वाली लकड़ियों के इन टुकड़ों को आपने अपने रसोईघर और बाज़ारों में ज़रूर देखा होगा।

लेकिन दालचीनी के नाम से मशहूर ये लकड़ी की छाल कितनी फायदेमंद है ये हम आज आपको विस्तार से बताएँगे।

आपको बताएँगे की दरसअल दालचीनी में कैसे कोलेस्ट्रॉल से लेकर ब्लड प्रेशर , डायिबटीज और कैंसर जैसी बिमारी से निपटने के लिए भी नुस्खे हैं।

दालचीनी असल में 4000 या 5000 वर्ष पहले खोजा गया एक बेहतरीन मसाला है।

यह इतना लोकप्रिय इसलिए है क्यूंकि मसालों और जड़ी बूटियों की अगर बात की जाए तो इसे पहला नम्बर यानि सर्वश्रेष्ठ दर्जा दिया गया है। इसके अंदर Concentrate Antioxidant बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।

दालचीनी असल में एक उष्णकटिबंधीय पेड़ की छाल होती है यानि पेड़ के बाहरी सतह की परत होती है। अगर इसके गुणों के बारे में बात की जाए तो इसमें काफी गुण पाए जाते हैं और इसकी जो तासीर है वह काफी गरम होती है।

लगभग 26 जड़ी बूटियों और मसालों को लेकर एक शोध किया गया था जिसमे सेहत के लिए जो सबसे ज़्यादा लाभ देखने को मिले वह दालचीनी में थे।

दालचीनी पर सबसे बड़ा शोध (अध्यन)

हाल ही में भारत में NDOC और Fortis अस्पताल में दालचीनी को लेकर एक अध्यन किया गया।

जिसमें ये पाया गया की Metabolic Syndrome नामक बिमारियों को दालचीनी के सेवन से दूर किया जा सकता है।

इस लेख में हम आपको Metabolic Syndrome क्या होता है और इसके शुरूयाती लक्षणों के बारे में भी बताएँगे। लेकिन पहले बात करते हैं दालचीनी पर हुए अध्यन के बारे में।

NDOC और Fortis अस्पताल ने ये अध्यन 58 ऐसे मरीज़ों पर किया जो Metabolic Syndrome बीमारी से पीड़ित थे।

इन मरीज़ों को 2 समूहों में बांटा गया। 30 मरीज़ों वाले एक समूह को एक कैप्सूल के ज़रिये दालचीनी दी गयी।

जब की दूसरे समूह वाले मरीज़ों को साधारण दवा दी गयी। इन मरीज़ों पर यह अध्यन 4 महीने यानि 16 हफ़्तों तक किया गया। इस अध्यन के बाद मरीज़ों में काफी अच्छे बदलाव देखने को मिला।

दालचीनी के अच्छे संकेत

जब यह अध्यन पूरा हो गया तब Dalchini Ke Fayde और अच्छे संकेत देखने को मिलने लग गए। इन मरीज़ों की पेट की चर्बी कम हो जाने की वजह से वज़न कम हो गया और शरीर में काफी तंदरुस्ती देखने को मिली।

मरीज़ों का जो Bad Cholesterol स्तर था वो नीचे आ गया और जो Good Cholesterol का स्तर था वह ऊपर आ गया। ये Good Cholesterol हृदय की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी होता है। साथ ही साथ ब्लड प्रेशर और शुगर भी सामान्य हो गयी।

हालाँकि दालचीनी को लेकर सदियों से अध्यन किये जाते रहे हैं। दुनिया के अलग अलग देशों ने मसाले के तौर पर इस्तेमाल होने वाली दालचीनी पर कई अध्यन किये।

लेकिन इस बार भारत ने दालचीनी पर शोध किया वो वाकई Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ों के लिए किसी रामबाण इलाज़ से कम साबित नहीं हुई। और यही वजह रही की अध्यन में जो नतीजे सामने आये वो किसी चमत्कार से कम नहीं थे।

दालचीनी को लेकर किया गया अध्यन भारत की राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए बहुत ज़रूरी है क्यूंकि सिर्फ दिल्ली में ही 30 से 35 फीसदी लोग Metabolic Syndrome की बीमारी से ग्रस्त हैं।

यानि की वो बीमारी जो मधुमेह (शुगर), ब्लड प्रेशर और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को संकेत देती है।

क्या है Metabolic Syndrome ?

Metabolic Syndrome एक साधारण व्यक्ति और डायबटीज़ के बीच की स्टेज को कहा जाता है।

इस बीमारी की शुरुयात में पहले व्यक्ति के पेट के इर्द गिर्द घेरा जमा होने लग जाता है चर्बी बढ़ने लग जाती है। उसका ब्लड प्रेशर और शुगर के स्तर ज़्यादा बढ़ने लग जाता है। शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होने लगती है।

सीधे सीधे शब्दों में अगर कहें तो मरीज़ धीरे धीरे हृदय से सम्बंधित बिमारियों और डायबटीज़ की तरफ बढ़ने लगता है।

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दालचीनी कब और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करें ?

Metabolic Syndrome से पीड़ित मरीज़ दिन में किसी भी वक़्त दालचीनी का सेवन कर सकता है। आधा गिलास गुनगुने पानी में आधा चमच्च यानि 2 से 3 ग्राम दालचीनी डाल कर सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। ।

अगर हो सके तो इसमें थोड़ा निम्बू का रस भी डाल लें। ऐसा आप नियमित करें आपको खुद फर्क दिखना शुरू हो जायेगा।

अब बात करते हैं की दालचीनी का कितना सेवन करना चाहिए ? और कब करना चाहिए ?

यूरोपियन फ़ूड सेफ्टी अथॉरिटी (European Food Safety Athority) के अनुसार 2.5 ग्राम दालचीनी का सेवन उस व्यक्ति के लिए सुरक्षित है जिसके शरीर का वज़न 75 किलो ग्राम या उसके आस पास है। 2.5 ग्राम यानि आधा चमच्च 75 किलो ग्राम वज़न के व्यक्ति के लिए सुरक्षित है।

जितने भी बाहर के मुल्क हैं उनका तापमान भारत के तापमान से अलग होता है तो इसकी जो तासीर है वह गरम होती है इसलिए हमें दालचीनी को 2.5 ग्राम से थोड़ा कम लेना चाहिए।

इसे लगतार इस्तेमाल करें लेकिन 2-3 महीने इसका सेवन करने के बाद थोड़ा अंतराल डाल लें।

इसका सेवन आप नियमित रूप से कर सकते हैं। बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और नौजवान लड़के लड़किया सभी इसका सेवन कर सकते हैं। सभी अगर एक ओषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करें तो उन्हें इसका बहुत लाभ मिलेगा।

स्वस्थ शरीर वाले लोग भी दालचीनी का सेवन कर सकते हैं। दलिया, प्रोटीन शेक और काफी में भी दालचीनी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

दालचीनी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए ?

क्यूंकि दालचीनी को लेकर अध्यन Metabolic Syndrome वाले मरीज़ों पर किया गया था। इसलिए डॉक्टर ये भी सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।

शोध से यह भी साबित हुआ है की मात्र दालचीनी को सूंघ लेने से दिमाग बहुत तेज़ी से सक्रिय हो जाता है। इतना ही नहीं ध्यान, स्मरण शक्ति और यादाश्त भी बढ़ती है। ये एकाग्रता को बढ़ाती है, रचनात्मकता को भी बढ़ाती है।

Dalchini Ke Prayog  And Recipes in Hindi

दालचीनी एक बहुत गुणकारी होने के साथ साथ हमारे खाने को बहुत स्वादिष्ट और सुघंधित भी बना देती है। इसका Dalchini Ka Proyog ज़्यादातर शाही खाना बनाने के लिए मसाले के तौर पर किया जाता है।

दालचीनी से बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जाते हैं जैसे :-

  • सिनेमॉन रोल्स (Cinnamon Rolls) 
  • एग्ग सिनेमॉन टोस्ट (Cinnamon Toast)
  • सिनेमॉन बटर केक (Cinnamon Butter Cake) इत्यादि।

ये सारी रेसिपीज़ बड़ी आसानी से घर पर बन जाती हैं। आप इन्हे घर पर बनाएं और घरवालों को दालचीनी से बने ये स्वादिष्ट खिलाएं। ये व्यंजन स्वाद के साथ आपके शरीर को अच्छी सेहत भी प्रदान करेंगे।

दालचीनी के जबरदस्त फायदे – Dalchini Ke Fayde in Hindi

Nimbu, Shhad Ke Sath Dalchini Ke Fayde aur Recipes in Hindi

अब बात करते हैं दालचीनी के 21 महत्वपूर्ण फायदों के बारे में। जी हाँ दोस्तों, दालचीनी के बहुत फायदे हैं, आज हम आपको ये भी बताएँगे की किस तरह से इसका उपयोग किया जाए ताकि हमें इसके अच्छे से फायदे मिल सकें।

दालचीनी का इस्तेमाल हम रसोईघर में करते हैं शाही खाना और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए। दालचीनी को एक ओषधि के तौर पर भी उपयोग में लाया जाता है जिससे हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है।

अब एक एक करके जानते हैं इसके फायदे।

  • दालचीनी वज़न घटाने में मदद करे – Cinnamon Uses for Reduce Body Weight in Hindi  

दालचीनी को वज़न कम करने के लिए एक ओषधि के रूप में इस्तमाल किया जा सकता है। Jeera Dalchini Ke Fayde के बारे में आपने ज़रूर सुना या पढ़ा होगा। आज हम आपको ये बतायंगे की किस तरह इसका इस्तेमाल शरीर के वज़न को कम करने व् फिट रहने के लिए किया जा सकता है।

इसको बनाने के लिए सबसे पहले ज़रूरत है जीरे की। जैसा की आप सब जानते हैं की जीरा हमारे वज़न को घटाने में बहुत मदद करता है। और ये आसानी से हमारी रसोईघर में भी मिल जाता है।

आपको शायद पता होगा की जीरे में काफी अच्छी मात्रा में Antioxidants तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के Metabolism को बढ़ाते हैं और हमारी पाचन क्रिया को भी सुधारते हैं।

इस जीरे के साथ ही हम इस्तेमाल करेंगे दालचीनी का। दालचीनी को मिक्सी में अच्छे से ग्राइंड करके इसका पाउडर बना लें अब आपको जीरे को भी इसी तरह ग्राइंड करके पाउडर के तौर पर इस्तेमाल करना है।

अब एक गिलास गुनगुना पानी लें और इसमें एक चमच्च जीरा पाउडर और एक चमच्च दालचीनी पाउडर डाल कर इसे अच्छे से मिला लें। अब जब से अच्छे से मिक्स हो जाए तो इसे 10 मिनट के लिए ढक कर रख दें। ताकि दालचीनी और जीरे के गुण पानी में अच्छी तरह से घुल जाएँ।

सुबह उठते ही खाली रोज़ाना इसका सेवन करें। या फिर आप इसे रात को सोने से पहले भी पी सकते हैं। जब आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर देंगे तो आपकी पाचन क्रिया अच्छे से काम करेगी और आप देखेंगे की धीरे धीरे आपके पेट की चर्बी भी कम हो रही है।

  • जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है – Cure Joint Problems With Cinnamon in Hindi

दालचीनी का उपयोग जोड़ों के दर्द और गठिया के दर्द को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए नारियल के तेल या सरसों के तेल को गर्म करके उसमें दालचीनी को मिलाया जाता है। इस तेल की नियमित मालिश करने से आपकी जकड़न, ऐंठन, घुटनों का जो दर्द और शरीर में जो लाल सोजिस आ जाती है उन सबसे आपको राहत मिलती है।

  • एंटी इंफ्लामेंटरी तत्वों से भरपूर ओषधि – Cinnamon Rich Anti Inflammatory in Hindi

ये एंटी इंफ्लामेंटरी की स्थिति में बहुत अच्छे से काम करता है। इस एंटी इंफ्लामेंटरी गुण के कारण ये हमारे शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने में बहुत मददगार होता है। साथ ही हमारे जो Tissue टूटते रहते हैं उनको रिपेयर करने और नए Tissue बनाने में मदद करता है।

और हाँ इस गुण का फायदा उन बॉडीबिल्डर को भी मिलता है जो कसरत करते हैं क्यूंकि जब कसरत करते वक़्त ज़्यादा भार उठाया जाता है तब भी बहुत Tissue टूट जाते हैं। तो अगर आप भी बॉडीबिल्डर या जिम्मर हैं तो दालचीनी का सेवन ज़रूर करें क्यूंकि ये आपके शरीरिक स्वास्थ्य और Tissue को सुधारने में बहुत ज़्यादा लाभकारी है।

  • दालचीनी सर्दी और खांसी के लिए मददगार – Cinnamon Benefits for Cough And Cold in Hindi

जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है अक्सर वह जल्दी बीमार पद जाते हैं। दलचीन का अगला फायदा सर्दी और खांसी के लिए है, इसके लिए थोड़ा सा अदरक और दालचीनी पाउडर को एक गिलास पानी में उबाल लें। फिर जब ये थोड़ा ठंडा हो जाए तो दिन में दो बार इसका सेवन करें।

इससे आपको सर्दी, जुकाम और खांसी में काफी राहत मिलेगी।

  • रूखे और फ़टे होठों पर लिपबाम की तरह उपयोग करें – Dalchini Ke Fayde for Soft Lips in Hindi

अगला फायदा दालचीनी का ये है की जब हमारे होंठ रूखे हो जाते हैं या फट जाते हैं तब हम कई तरह के रासायनिक युक्त चीज़ें यानि लिपबॉम वगेरा लगाते हैं। दोस्तों इन में कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं जो हमारे होंठों की त्वचा के लिए अनुकूल नहीं होते।

आप दालचीनी को लिपबाम की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक कांच की शीशी में जैतून का तेल डालना है और दालचीनी की कुछ डंडियां (Sticks) इस तेल में डुबो कर रख देनी है। इसको 7 दिन तक ऐसा ही पड़ा रहने दें। 7 दिन बाद ये तेल तैयार हो जाएगा आपके होठों पर लगाने के लिए।

लगातार लगाते रहेंगे तो आपके होंठ कोमल, गुलाबी हो जायेंगे और फटेंगे नहीं। इसके साथ ही होठों पर जो कालापन होता है वह भी दूर हो जायेगा। इस घोल को बनाकर आप काफी समय तक स्टोर करके रख सकते हैं।

यानि जितने दिनों तक दालचीनी जैतून के तेल में भीगी रहेगी उसका असर उतना ही बढ़ता रहेगा। तो आप 3-4 महीने तक इस घोल का इस्तेमाल कर सकते हैं अपने होठों पर।

  • मासिक धर्म में आरामदायक – Cinnamon Amazing Advantage for Period Pain

रूखे होठों को स्वस्थ्य करने के साथ साथ Dalchini Ke Fayde मासिक धर्म में भी महिलायों को आराम देते हैं।

मासिक धर्म में महिलाओं और लड़कियों को दर्द होता है उससे निजात पाने के लिए भी दालचीनी का उपयोग किया जा सकता है। जैसे की शरीर में ज़्यादा दर्द, सुस्ती पड़ना, चिड़चिड़ापन और ऐठन हो जाती है।

इस उपयोग को करने के लिये आप चाय में दालचीनी, निम्बू का रस और थोड़ा सा शहद मिला कर पिएं। ऐसा करने से आपको काफी फायदा होगा।

  • दस्त की बिमारी में आरामदायक – Cinnamon Best Option for Diarrhea Patient 

दस्त की बिमारी दालचीनी रामबाण का काम करता है। दस्त की बिमारी में हमारे पेट में ऐसे छोटे छोटे घाव बन जाते हैं की हम जब कुछ भी खाते हैं तो वह खाना तुरंत बाहर निकल जाता है। दालचीनी में Antibacterial और Antiseptic दोनों तत्व पाए जाते हैं।

अगर लगातार हम इसका सेवन करेंगे तभी इसका फायदा होगा। लेकिन दस्त के मरीज़ को खाना खाने की इच्छा नहीं होती है तो ऐसे में आपको इसका सेवन करने के लिए एक काढ़ा बनाना पड़ेगा।

काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी लेना है और उसमें दालचीनी पाउडर, निम्बू का रस व् काला नमक मिलाना है। जब काढ़ा बन कर अच्छे से तैयार हो जाए तो यह दस्त के मरीज़ को पिलाएं। थोड़े ही दिनों में दस्त की बिमारी में आराम मिल जाएगा।

  •  हृदय में होने वाले घातक रोगों से बचाता है – Dalchini ke fayde for Heart Diseases

दालचीनी हृदय से सम्बंधित अनेकों रोगों से हमें बचाती है। Dalchini Ke Fayde से ये हमारे शरीर में LDL यानि Light Density Lipid जो कोलेस्ट्रॉल है उसकी मात्रा को कम करता है। और HDL यानि High Density Lipid के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है।

जैसे की हमने आपको पहले भी बताया की दालचीनी पर काफी अध्यन हुए हैं और उन अध्यनों में पाया गया है की अगर आप प्रतिदिन लगभग 120 मीलीग्राम दालचीनी का प्रयोग करते हैं तो आपको कोलेस्ट्रॉल होने के बहुत ही कम सम्भावना होती है।

  • एंटीऑक्सीडेंट्स का भरपूर खज़ाना दालचीनी – Antioxidants Properties Mein Dalchini Ke Fayde

दालचीनी में बहुत ही प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। हमारे शरीर Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होती हैं एंटीऑक्सीडेंट्स उन्हें ख़त्म करने का कार्य करता है। हमारे शरीर में जितनी ज़्यादा क्षतिग्रस्त कोशिकाएं होंगी उतनी ही बीमारियां होने की सम्भावना ज़्यादा रहती है।

तो इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन करते करते हैं तो ये Free Radical यानि जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को खत्म कर देता है जिससे हमारा शरीर बिमारियों से बचा रहता है।

  • सम्पूर्ण इंसुलिन प्रतिरोधक – Improve Insulin Sensitivity With Cinnamon in Hindi

ये आपके शरीर में जो इंसुलिन प्रतिरोध है उसको धीरे धीरे कम करना शुरू कर देता है। साथ ही ये हमें बचाता है Type 2 Diabetes से। अगर आप मधुमेह के रोगी हैं तो आप जो शुगर फ्री गोलियां खाते हैं तो उसकी जगह दालचीनी का पाउडर लेना शुरू कर दें। इसे आपके शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को कम करता है और आपके शुगर के स्तर को सामान्य कर देगा।

  • रक्त में शुगर स्तर को सामान्य करे – Maintain Blood Sugar Level With Cinnamon in Hindi

ये दालचीनी पाउडर आपके शरीर के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। एक अध्यन में ये भी पता चला है की इसमें डायबटीज को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं।

अगर आपका शुगर का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है तो आप इसका नियमित सेवन करना शुरू कर दें। ये आपके बढ़ते शुगर के स्तर को धीरे धीरे 10% से 30% तक कम कर देगा। दालचीनी पाउडर कितनी मात्रा लेना है ये आप 1 से 6 ग्राम मान लें या फिर आधा चमच्च मान लें ।

इसका सेवन आपको रोज़ाना करना है और धीरे धीरे आपको इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल जायेंगे।

  • दिमागी बिमारियों से रक्षा करे – Dalchini Ke Fayde Neurodegenerative in Hindi

दोस्तों इस बीमारी में हमारे दिमाग के जो Cells यानि कोशिकाएं होती हैं वो धीरे धीरे खत्म होनी शुरू हो जाती हैं। जिनके दो मुख्य टाइप्स आपके देखने को मिलते हैं एक Alzheimer और दूसरा Parkinson । इन दोनों ही बिमारियों में दिमाग की कार्यक्षमता बहुत कम होने लग जाती है।

इसलिए अगर आप दालचीनी का सेवन नियमित करेंगे तो आपके दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने से बच जाएँगी। दिमाग की कोशिकाएं ही नहीं और भी बहुत सारे दिमागी रोग दालचीनी के सेवन से खत्म हो जाते हैं।

तो अगर आपके घर में Alzheimer या Parkinson बीमारी से सम्बंधित मरीज़ हैं तो आप उन्हें दालचीनी का सेवन रोज़ाना करा सकते हैं। जिससे उनको बहुत ज़्यादा लाभ मिलेगा।

  • दालचीनी कैंसर विकार दूर करने में सक्षम – Prevents Cancer with Cinnamon Powder In Hindi

कैंसर के बारे में अगर सरल भाषा में बात करें तो कैंसर एक असाधारण तरीके से होने वाली कोशिकायों का विकास है। असाधारण कोशिकाएं हमारे शरीर के किसी भी भाग में हो सकती हैं। तो दालचीनी में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं जो असाधारण कोशिकायों के होने वाले विकास को रोक देते हैं। कैंसर होने की सम्भावना को कम कर देता है।

तो Dalchini Ke Fayde को देख कर लगता है की भविष्य में जो कैंसर के इलाज की दवाइयां बनेंगी उनमें में दालचीनी का उपयोग होगा, कैंसर की दवाई के तोर पर।

दालचीनी कितने प्रकार की होती है ? Types of Dalchini (Cinnamon) in Hindi

types of dalchini in hindi

भारत में दालचीनी दो प्रकार की पायी जाती है एक है Ceylon और दूसरी है Cassia

दालचीनी कितने प्रकार की होती है इसके ऊपर भी बहुत ज़्यादा बहस चल रही है की Ceylon ज़्यादा अच्छी है गुणों में या Cassia अच्छी है। Cassia का ज़्यादा उत्पादन भारत और चीन में किया जाता है जबकि Ceylon नामक दालचीनी का उत्पादन थाईलैंड और श्री लंका में होता है।

अगर अंतरराष्ट्रीय अध्यनों की बात की जाए तो उनका मानना है की Ceylon ही असली दालचीनी है। मतलब Ceylon ज़्यादा बेहतर है और जो थाईलैंड, केरल या साउथ में ज़्यादा पायी जाती है जिसका नाम है Cassia, वो बेहतर नहीं है।

सबसे पहले हम बात करेंगे की क्या कारण है की इसकी जो महत्त्ववता जो है वह थोड़ी सी कम हो जाती है (Cassia की)। असल में दालचीनी में एक ऐसा तत्व होता है जिसका नाम है Coumarin, ये हमारे लीवर के लिए अच्छा नहीं होता। ये तत्व Cassia में ज़्यादा मात्रा में होता है।

जैसे की Ceylon में Coumarin तत्व 0.17 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है और Cassia में Coumarin तत्व 0.31 ग्राम (प्रति किलोग्राम) होता है। तो इसीलिए Ceylon की जो महत्त्ववता है वह बढ़ जाती है Cassia के मुकाबले।

पर आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है आप दोनों में से कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकि Coumarin के इलावा इन दोनो में और भी बहुत महत्वपूर्ण गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। तो हमारा विशवास है की Cassia भी उतनी है बेहतर है जितनी Ceylon।

सावधानियां  :- Precautions

गुणों की खान Dalchini Ke Fayde के साथ साथ कुछ नुक्सान भी हैं। जैसे की अगर कोई ज़्यादा मात्रा में दालचीनी का सेवन करता है तो लीवर क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अनिमियत सेवन से मुंह के छाले व् शरीर में गर्मी पड़ जाने से फुंसियां भी जाती है।

अगर आप दालचीनी का अच्छे से फायदा लेना चाहते हैं तो बाजार में पाउडर फॉर्म में मिलने वाली दालचीनी न खरीदें। क्यूंकि वह असली दालचीनी नहीं होती उसमें कई तरह के रसायन मिलाये जाते हैं।

तो हो सके तो जो दालचीनी की डंडियां (Sticks) आती हैं वह ही खरीदें और अपनी आवश्यकता अनुसार उसे मिस्की या ओखली से पीस लें।

इसलिए हम सलाह देते हैं की दालचीनी का सेवन हमेशा सही मात्रा में करें ताकि आपके शरीर में कोई रोग या परेशानी ना हो।

Dalchini Ke Fayde लेख का निष्कर्ष

तो आपने पढ़ा की कैसे हम दालचीनी का उपयोग करके इसके बेहतरीन लाभ ले सकते हैं। इसे ओषधि के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी। पर ध्यान रहे इसका सेवन केवल सही मात्रा में ही करें ताकि आपको अच्छे से लाभ मिल सके। आपको इस लेख में दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें ज़रूर बताएं ईमेल के ज़रिये। आप हमें thehindiguide@gmail.com पर अपने सुझाव हमें भेज सकते हैं, धन्यवाद।

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