Kamal Kakdi (Lotus Root) Benefits And Recipe in Hindi

Kamal Kakdi – Lotus Stem Vegetable for Back Pain, Asthma and Pregnancy

लोटस यानि कमल का फूल १०० प्रकार के होते हैं, भारत में ये काफी जगह पाया जाते हैं। ये खूबसूरत दिखने वाला फूल कीचड़ में पाया जाता है जिसके अनेक फायदे हैं।

आज हम Lotus Stem के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

भारत में तो हम इसकी (Kamal Kakdi) सब्ज़ी बनाते हैं लेकिन चीन में इस से वह अपनी ओषधियाँ भी तैयार की जाती हैं। भारत में ये हमें बढ़ी आसानी से मिल जाती है इसलिए हम इसे सब्ज़ी के रूप में उपयोग में लाते हैं।

कमल ककड़ी के स्वास्थ्यवर्धक गुण एवंम फ़ायदे | Kamal Kakdi Benefits

चलिये जानते हैं कमल ककड़ी के हमारे स्वस्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। वैसे तो कमल ककड़ी का सेवन बहुत ही कम किया जाता है और बहुत कम लोग इसे पसंद करते हैं। पर यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी मानी जाती है क्यूंकि इसके अंदर विटामिन्स, मिनरल, पोटाशियम, आयरन और जिंक।

यह सारे महत्वपूर्ण तत्व जो हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं वह कमल ककड़ी में भरपूर मात्रा में मिल जाते हैं। कमल ककड़ी का उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं जैसे की आप इसकी सब्जी बना सकते हैं, आचार भी बना सकते हैं। कमल ककड़ी से बहुत सारे व्यंजन बन सकते हैं अगर आप इसका सही ढंग से उपयोग करें तो।

कमर दर्द से छुटकारा :-

कमर दर्द से निजात पाने की लिए कमल ककड़ी का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको १०० ग्राम कमल ककड़ी का पाउडर लेना है यह पाउडर आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा या फिर आप इसे ऑनलाइन amazon site भी आर्डर कर सकते हैं। इस पाउडर को आपको उबाले हुए दूध में घोल लेना है और इसका सेवन करना है। २० से २५ दिन अगर आप इस दूध का सेवन करते हैं तो आपको कमर दर्द में काफी राहत मिलेगी।

अस्थमा (दमा) रोग को दूर करे : –

दमा या अस्थमा एक ऐसे बीमारी है जिसके बारे में कहते हैं की दमा दम निकलने के बाद ही जाता है। क्यूंकि ये उन बिमारियों में से है जिनके इलाज में लम्बा समय लगता है और मॉडर्न मेडिकल साइन्स यानी एलोपेथी में इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए अभी तक कोई असरदार दवाई नहीं बनी है।

असल में देखा जाए तो अस्थमा हमारे Respiratory System यानी श्वसन प्रणाली से जुड़ी बिमारी है। जिसे केवल आयुर्वेदिक तरीके से ही जड़ से ख़त्म किया जा सकता है। पूरी दुनिया में आज ३० कऱोड़ से भी ज्यादा लोग अस्थमा की बिमारी से गृस्त हैं और लगभग २,५००० लोगों की इस बिमारी की वजह से मृत्यु भी हो जाती है।

अगर आप Kamal Kakdi का नियमित सेवन करेंगे तो फेफड़ों यानी अस्थमा की समस्या हल हो जाएगी। इसके लिए आपको Lotus Stem का रस पी सकते हैं या फिर इसको कद्दू कस करके इसे खाना है।

कमल ककड़ी हड्डियों को मज़बूत करे | Makes Bone Stronger With Kamal Kakdi

इसे खाने से हड्डियां भी मजबूत होती है और इसमें काफी मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। फाइबर हमारे कोलेस्ट्रॉल लेवल को काम करने में काफी मदद करता है। कमल ककड़ी खनिजों भरपूर मात्रा में पाया जाता है और साथ ही साथ यह विटामिन C का बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।

इसकी वजह से शरीर रोग प्रतिरोधक शक्ति मिलती है। हमको दिन भर में जितने भी विटामिन्स चाहिए होते हैं वह सारे विटामिन्स लगभग कमल ककड़ी में मिल जाते हैं। इसलिए अगर आप हमेशा कमल ककड़ी का सेवन करेंगे तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

गर्भावस्था में कमल ककड़ी अदभुत फायदे | Kamal Kakdi in Pregnancy

जो भी महिलाएं गर्भवती उन्हें कमल ककड़ी का सेवन जरूर करना चाहिए। ये गर्भ में पल रहे बच्चे की मासपेशियों को मजबूत बनता है और उसके मस्तिष को तेज करता है। जैसे की डॉक्टरों द्वारा बताया जाता है की गर्भवती महिला को सही मात्रा में विटामिन c, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम लेना चाहिए। तो ये सारे तत्व कमल ककड़ी के सेवन से प्राप्त किये जा सकते हैं।

तनाव कम और मस्तिष को तेज़ करे :-

reduce stress with kamal kakdi

इसमें विटामिन B 6 होता है जो हमारे दिमाग को तेज़ करता है जिन लोगों को भी तनाव रहता है, सिर भारी रहता है या कई लोगों लोगों की सिर की नसें में दर्द रहता है तो उनको इसे अपने आहार में Kamal Kakdi जरूर शामिल करना चाहिए। इससे उनका दिमाग़ शांत रहेगा और सर दर्द जैसी बीमारी से भी छुटकारा मिल जायेगा।

शरीर में खून की कमी दूर करे :-

जिन लोगों शरीर में खून की कमी है या एनिमिया की शिकायत है उनके लिए भी कमल ककड़ी बहुत लाभदायक है। इसमें काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है जो हमारे शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने में कारगर है। महिलाओं को मासिक धर्म के तीन दिन तक इसका जूस ज़रूर पीना चाहिए ताकि पीरियड्स के दौरान हुई खून की कमी को पूरा किया जा सके।

शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाये | Boost Your Energy Level With Lotus Stem

कमल ककड़ी हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन यानि खून (रक्त संचार) के दौरे को बढ़ाती है। जिस से हमारे शरीर के सारे अंग सुचारु रूप से कार्य करते हैं। इससे हमारा एनर्जी लेवल बढ़ता है यानी ऊर्जा, शक्ति बढ़ती है।

कमल ककड़ी सब्ज़ी की रेसिपी | Delicious Lotus Stem Curry Recipe

सामग्री चाहिए :-

  • कमल ककड़ी – ५०० ग्राम /आधा किलो
  • टमाटर – २
  • प्याज – २
  • हरा धनिया – ५ ग्राम
  • अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट – २ चमच्च
  • सरसों का तेल – २ चमच्च
  • जीरा – १ चमच्च
  • धनिया पाउडर – १ बड़ा चमच्च
  • लाल मिर्च पाउडर – १ चमच्च
  • कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर – १ बड़ा चमच्च (कलर के लिए)
  • हल्दी पाउडर – १/२ चमच्च
  • गरम मसाला – १ छोटा चमच्च
  • नमक स्वादनुसार

कमल ककड़ी बनाने की विधि

सबसे पहले कमल ककड़ी के दोनों किनारों को काट कर अलग कर देंगे अब धीरे धीरे इसका छिलका उतारिये। अगर हम इसका छिलका नहीं उतारेंगे तो खाते समय इसके रेशे मुंह में आएंगे। अब छील कर इसे साफ पानी से अच्छी तरह धो लीजिये और छोटे छोटे चिप्स के आकार के टुकड़ों में काट लीजिये।

अब एक पतीले में पानी गरम कर लें और इसमें एक चमच्च नमक दाल लीजिये। जब पानी उबलना शुरू हो जाए तो इसमें कमल ककड़ी यानी लोटस स्टेम को डाल दें। अब इसे २ से ३ उबाल आने तक पकने दें। दोस्तों ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इसके छेदों में अगर गंदगी या मिट्टी होगी तो वह साफ़ हो जाएगी।

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अब इसे ठंडा होने दें और गैस के दूसरे साइड में कुकर रख दें। कुकर में २ चमच्च तेल डालिये जब तेल गरम हो जाए तो इसमें जीरा मिला दीजिये। जीरे का सुनेहरा रंग आने का यानि जब जीरा तड़कना शुरू हो जाए तो इसमें प्याज डाल देंगे। अब में अदरक, हरी मिर्च , लहसुन का पेस्ट को डालकर अच्छे से हिलाएं।

इस मिश्रण को अब २ से ३ मिनट तक भुनंने दीजिये। इसके बाद अब बारी आती है टमाटर की तो अब इसे भी डाल दें और अच्छी तरह से मिला लें। अब धनिया पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च और नमक स्वादनुसार डाल देंगे।

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अच्छे से मिलाने के बाद चूल्हे की आंच को धीमा रखें ताकि मसाले जलें ना। अब कूकर को ढक्कन से ढक देंगे और ४ से ५ मिनट तक बुनने देंगे।

“कमल ककड़ी” को पानी से अलग कर दें। अब आप देखेंगे की मसाले अच्छी तरह से पक्क गए हैं और तेल भी छोड़ दिया है। अब कूकर में कमल ककड़ी को डाल देंगे और इसे मसालों के साथ अच्छे से मिला देंगे।

अब इसे ढक्कन से ढक्क कर दोबारा ३ से ४ मिनट तक भूनेंगे इसके बाद कूकर में १. ५ गिलास पानी डाल देंगे और सब्जी को अच्छे से मिलाएंगे। अब कूकर का ढक्कन बंद करके इसको ६ सीटियां आने तक पकाएंगे।

६ सीटियां आने के बाद अब चूल्हे की आंच को बंद कर दें और अपने आप ठंडा होने के लिए छोड़ देंगे। चूल्हा चला दें और थोड़े इंतज़ार के बाद ढक्कन खोल दें और बिना ढक्कन लगाए इसे ४ से ५ मिनट तक उबाला आने दें। अब सब्ज़ी में धनिया की पत्तियां और गरम मसाला डाल दीजिये। दोस्तों अब उबाल भी आ गया है और सब्ज़ी भी अच्छे से बनकर तैयार हो गयी है।

इसे अब गरमा गर्म परोसें और खाने का मज़ा लें।

Note :- सावधानियां – कमल ककड़ी को खरीदते समय ध्यान रखियेगा की वह देखने में सफ़ेद हो, साइज में थोड़ी मोटी हो और उसके दोनों किनारे अगर बंद हों तो और भी अच्छा है। दोनों और से बंद Kamal Kakdi का ये फायदा होगा की इससे कोई भी गंदगी, मिट्टी कमल ककड़ी के छेद में नहीं जाएगी। अगर यह ज़्यादा पतली होगी तो वह जल्दी पकेगी नहीं और उसका स्वाद भी अच्छा नहीं होता है।

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Star Family Health Optima क्या है ? स्टार हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ

Star Family Health Optima के बारे में आज हम आपको बताएँगे, की कैसे आप अपने बेहतर Future के लिए एक बढ़िया Health Insurance Plan ले सकते हैं। यह Insurance Plan हमारे परिवार के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं,

जैसे की अगर आपके परिवार में कोई बीमार हो जाए और आप आर्थिक तंगी से जूझ रहें तो Health Insurance एक सबसे बढ़िया विकल्प है। Star Family Health Optima Insurance Plan की पूरी जानकारी इस लेख में बताई जाएगी।

इसमें हम आपको बताएँगे की कौन कौन इस प्लान को ले सकता है। कितनी Age Limit होनी चाहिए ? कौन कौन फॅमिली में कवर हो सकता है ? कौन सी  बीमारियां इस प्लान में Cover होती हैं और कौन सी नहीं होती ।

तो इस तरह के सारे विषय इस लेख में हम प्रकाशित करेंगे।

What Is Star Family Health Optima ? – स्टार फॅमिली हेल्थ ऑप्टिमा क्या है ?

जैसे ही नाम से पता चलता है ये Insurance Plan आपके पूरे परिवार को कवर करता है। इसका मतलब आप अपने परिवार के लिए एक ही Medical Insurance ले सकते हैं।

यहाँ हम आपको इस Star family health optima insurance plan brochure की सारी जानकारी देंगे।

दोस्तों आपको पता होगा आज कल हमारा जो वातावरण है वह कितना गन्दा हो चूका है जो पानी हम पीते हैं उसमें काफी गंदगी होती है। जो हम सब्ज़ियां और मिठाईयां खाते हैं उसमें भी कई तरह की मिलावट की जाती है।

और जो हमारे आस पास गंदगी होती है उससे हमारे शरीर को कई प्रकार की बमारियां हो सकती हैं। इसका आपको अच्छे से अंदाजा होगा की डेंगू जैसे खतरनाक बीमारियां कितनी जल्दी फैलती हैं।

अगर आप एक बार अस्पताल में दाखिल हो जाते हो तो आपकी काफी सारे पैसे इलाज में लग जाते हैं। अगर आप एक छोटे से अस्पताल में भी दाखिल हो जाते हैं तो आप आपके काफी पैसा खर्च हो जाता है।

दुर्घटना (Accident) की बात करें तो दुर्घटना सड़क पे जाते हुए कभी भी हो सकती है। इस तरह की परिस्थिति हमारे जीवन में कभी भी आ सकती है।

तो Medical Insurance यानी Star Family Health Optima का काम यह होता है की अगर आपको किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ जाते है या कोई सर्जरी करनी पड़ जाती है

या आपका कोई Accident हो जाता है तो उस समय Star Family Health Optima आपके अस्पताल बिल का भुक्तान करने में आपकी मदद करेगा।

अगर में आपको सरल भाषा में समझायुं तो Medical Insurance का काम ये होता है यदि आपको कोई भी बिमारी होती है तो उस समय आपके चिकित्सा का जो भी खर्चा आता है उसमें Insurance कंपनी आपकी मदद करती है।

Eligibility for Buy Star Family Health Optima Insurance – योग्यता

Star Family Health Optima Insurance

आपको बताते हैं की कौन कौन इस Insurance Policy को ले सकते हैं। तो इसमें कोई भी व्यक्ति, औरत जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल तक की है वह व्यक्ति अपने परिवार के लिए इस Insurance Policy ले सकता है।

अब बताते हैं परिवार में कौन कौन इस प्लान में आ सकता है, परिवार में पति, पत्नी और उनके ज्यादा से ज्यादा 3 बच्चे इस Policy में कवर हो सकते हैं।

कहने का मतलब है,

1. पति और उसके बच्चे कवर हो सकते हैं।

2. पत्नी और उसके बच्चे कवर हो सकते हैं।

3. या फिर कह सकते हैं पति, पत्नी और उनके बच्चे कवर हो सकते हैं।

इसके बाद यहाँ बात आती है की बच्चे कितनी उम्र तक कवर हो सकते हैं ? तो बच्चों की अधिकतम उम्र 25 इस Policy में कवर होगी।

अगर 25 की उम्र से ज्यादा का है तो वह इस Family Health Insurance के लाभ नहीं ले पायेगा। 25 साल की उम्र से ज्यादा वाले बच्चे को अलग से Individual पालिसी लेनी पड़ेगी।

यहाँ ये पालिसी सिर्फ और सिर्फ Self, Spouse और अधिकतम तीन बच्चों के लिए दी गयी है। इसमें बच्चे की उम्र 25 साल से काम होनी चाहिए।

TERM OF THIS HEALTH INSURANCE – अवधि

Star Family Health Optima Insurance Term

ज़्यदातर Insurance Policy एक साल के लिए ली जाती हैं उसके बाद एक साल जब आपका पूरा हो जाता है तो इस पालिसी को आपको नवीकरण (Renew) करना पड़ता है।

जैसे आप अपनी मोटरसाइकल या कार का Insurance Renew करवाते हैं उसी तरह आपको इस पालिसी को नवीकरण करना होगा Premium अदा करके । उसके बाद बात आती है Sum Assured की, Sum Assured का मतलब होता है, आपका जो बीमा है वह कितने रूपये का है।

उधारण के तोर पर अगर आपने 10 लाख तक की Sum Assured पालिसी ली है तो अस्पताल आपका 10 लाख तक के अस्पताल के खर्चे को इस Insurance में कवर करेगा ।

अगर आपका 12 लाख का खर्चा होता है अस्पताल में तो ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रूपये कवर किये जायेंगे। और अगर आपने 15 लाख रूपये का Insurance ले रखा है तो 15 लाख तक के खर्चे इस पालिसी में कवर किये जायेंगे।

नोट :- इस पर भी ध्यान दें।

इस पालिसी में जो Sum Assured दिया गया है वह कम से कम 3 लाख रूपये, 4 लाख रूपये, 5 लाख रूपये तक का ले सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा 10 लाख, 15 लाख, 20 लाख और 25 लाख रूपये तक का ले सकते हैं।

5 लाख या इससे ऊपर के Sum Assured पर आपको इस पालिसी में काफी अच्छे लाभ मिल जाते हैं।

कुछ लोग का सवाल है की अगर हम इस Insurance को खरीदते हैं तो क्या पहले कोई Medical Test करवाने होंगे या नहीं करवाने होंगे ? तो उन लोगों को हम बताना चाहेंगे अगर आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा की है तो ही आपको Medical Test करवाने की जरूरत पढ़ेगी।

अन्यथा आपको कोई भी तरह का Medical Test यहाँ पर नहीं करवाना होगा।

उसके साथ साथ जो भी यहाँ पर Medical Test के जो खर्चे होते हैं वह आपको भुक्तान नहीं करने होते, जिस भी कंपनी से आप Insurance लेते हैं वह कंपनी खुद यह खर्चे भुक्तान करती है।

यह टेस्ट आपको कंपनी द्वारा दिए गए केंद्र में ही करना होगा ऐसा नहीं की आप किसी भी डॉक्टर से ये टेस्ट करा कर कंपनी को दे दें।

जिस भी केंद्र पर कंपनी की तरफ से आपको कहा जायेगा वहां पर जाकर उस समय पर ही आपको वह मेडिकल टेस्ट करने होंगे।

लेकिन याद राखियेगा की यह टेस्ट सिर्फ तभी के तभी कराने हैं जब आपकी उम्र 50 साल से ज्यादा की हो चुकी हो और आपको कौन कौन से मेडिकल टेस्ट कराने है वो भी कंपनी से ही पता चलता है और कहाँ कराने हैं,

वह सारी जानकारी आपको तब मिलेगी जब आप अपना फॉर्म भर के कंपनी को दे देते हैं Insurance Policy के लिए।

Advantage Of Star Family Health Optima Plan – स्टार हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ

Star Family Health Optima

BENEFIT NO.1 – सबसे पहला फायदा

अब बात करते हैं इस Insurance Policy के क्या क्या लाभ हम ले सक्ते हैं।

इसमें आपको कमरे का किराया, बोर्डिंग का खर्चा, नर्सिंग का खर्चा आदि मिल जाता है। अगर आप अस्पताल में भर्ती  होते हैं तो आपको अस्पताल में कमरा लेना होता है तो कमरे का जितना भी किराया वो इसमें कवर हो जायेगा।

साथ ही साथ बोर्डिंग और नर्सिंग के खर्चे भी आप इसमें Claim कर सकते हैं। अगर आप 5 से लेकर 25 लाख रूपये तक की Policy लेते हैं तो उसमे आप कोई भी एक Single Stranded Ac Room में भर्ती हो सकते हैं।

उसके लिए यहाँ कोई भी Room Rent लिमिट नहीं है। लेकिन अगर आप 3 से 4 लाख रूपये तक की पालिसी लेंगे तो उसमें 5 हज़ार रूपये Per Day की रूम लिमिट है।

उससे अधिक Room Rent होगा तो वो आपको अपने पास से भुक्तान करना होगा।

जैसे  हमने आपको पहले भी बताया है की अगर आप इस Insurance Policy को ले रहे हैं तो जरूर 5 लाख रूपये या उससे ज्यादा का यह Insurance Policy लें।

BENEFIT NO.2 – दूसरा फायदा

इसके साथ साथ यहाँ Surgeon की फीस, Consultant की फीस या जो स्पेशल डॉक्टर्स होते हैं उनकी फीस यहाँ पे कवर हो जाएगी और उनकी फीस आप यहाँ से Claim कर सकते हैं।

और अस्पताल में अगर आप खून की या आक्सीज़न जरुरत पड़ती है या फिर आपका कोई ओप्रशन होता है तो ऑपरेशन थिएटर का खर्चा, आपकी दवाईओं का खर्चा, X -Ray के खर्चे वगेरा यहाँ पर कवर हैं। इन सभी का claim आप यहाँ पे ले सकते हैं।

साथ साथ आपको यहाँ एम्बुलेंस की सुविधा मिल जाती है। अगर आप किसी कारण से घर पर हैं और कोई वहां नहीं है तो आप एम्बुलेंस से अस्पताल जाकर दाखिल हो सकते हैं।

यहाँ पर आपको एमर्जेन्सी एम्बुलेंस की सुविधा मिल जाती है साथ ही Air Ambulance की भी सुविधा मिल जाती है। एमर्जेन्सी एम्बुलेंस का खर्चा कितना कवर होता है वह आप इस चित्र में देख सकते हैं।

Air Ambulance की इस लिए ज़रूरत पड़ती है क्यूंकि कई बार ऐसा होता है आपको इलाज कराने के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता है तो Air Ambulance की मदद से इलाज कराने के लिए बाहर जा सकते हैं।

उस केस में अगर आपने 10 लाख रूपये की पालिसी ली है तो उसका 10% यहाँ पर अधिकतम से अधिकतम Air Ambulance के केस में कवर किया जायेगा।

नोट :- लेकिन एयर एम्बुलेंस का फायदा 5 लाख रूपये से ज्यादा की पालिसी पर ही मान्य है।

Pre-Hospitalization :-
उसके इलावा यहाँ पर आपको अस्पताल में भर्ती होने से पहले 60 दिन पहले तक के खर्चे जो आपकी बीमारी पर लगे हैं वह Claim में ले सकते हैं।

क्यूंकि ज़्यादातर ऐसा होता है की अगर में कोई परेशानी होती है तो पहले हम मेडिकल स्टोर से दवाईयां लेकर देखते हैं, अगर सही नहीं होते तो अस्पताल में भर्ती होते हैं।

तो अस्पताल में भर्ती होने से 60 दिन पहले के जो खर्च हमने अपनी बीमारी पर किया है वह हम यहाँ Claim में ले सकते हैं। और ऐसा भी नहीं होता है की हम अस्पताल से निकले और एकदम से सही होकर निकलें।

उसके बाद भी हमारा इलाज कुछ न कुछ चलता रहता है, जैसे X-Ray का हो गया या हमारी दवाईओं का खर्चा हो गया तो वो सब चलता रहता है जब हम अस्पताल से Discharge हो कर आ जाते हैं तो भी।

Post-Hospitalization :-
तो अस्पताल से Discharge होने के 90 दिन बाद तक के खर्चे आप यहाँ पर Claim कर सकते हैं। 60 दिन दाखिल होने से पहले और 90 दिन Discharge होने के बाद के खर्चे यहाँ पर जो आपकी बीमारी लगे हैं वो कवर कर सकते हैं।

BENEFIT NO.3 – तीसरा फायदा

इसका तीसरा फायदा यह है की इसमें आपको स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा भी मिल जाती है। अगर आपने Policy Term के दौरान, कोई भी Claim नहीं लिया है तो आप अपना स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) करा सकते हैं की भी Network अस्पताल में।

ये  स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) की सुविधा तभी मिलती है अगर आपने पूरे साल में कोई भी Insurance का Claim ना लिया हो।

और अगर आपने यहाँ 10 लाख रूपये का Sum Insured लिया है तो आप 2 हज़ार रूपये तक का एक साल में  स्वास्थ्य परीक्षण (Health Checkup) किसी भी Network अस्पताल में करा सकते हैं।

BENEFIT NO.4 – चौथा फायदा

अब बात करते हैं चौथे फायदे की, अगर कोई नवजात शिशु है तो जब वह 15 दिन का हो जायेगा तो 16वें दिन से उस बच्चे को भी इस पालिसी में कवर कर लिया जायेगा।

लेकिन उसके इलाज के लिए यहाँ पर 10% आपके Sum Insured का या 50 हज़ार, जो भी कम राशि होगी, उतना ही अधिकतम कवर मिलेगा।

लेकिन इसमें शर्त ये है की बच्चे की माँ 12 महीने तक इस पालिसी में कवर होनी चाहिए और जानकारी कंपनी को देनी होगी जब भी आपका नवजात शिशु होता है।

यहाँ एक बात और नोट करने की है की यहाँ हम ये नहीं कह रहे की Baby Delivery या Pregnancy का खर्चा कवर होगा। हम यहाँ सिर्फ नवजात शिशु के इलाज की बात कर रहे हैं।

अगर नवजात बच्चा पैदा होता है और उसके साथ कोई भी मेडिकल इलाज की जरुरत हुई तो उसके खर्चे यहाँ पर कवर किये जायेंगे।

BENEFIT NO.5 – पांचवा फायदा

एक सुविधा और आपको मिल जाती है Automatic Restoration की, इसमें आपको Three Times Restoration का लाभ मिल जाता है।

इसका मतलब ये है की अगर आपके परिवार का कोई भी सदस्य बीमार हुआ और उस पर आपके बीमे का जो कवर है वो लिमिट पूरी हो जाती है। तो उसके बाद भी हम आपके परिवार के दुसरे या तीसरे सदस्य के लिए कवर प्रदान करेंगे।

वह भी पूरी रकम का जितना आपने कवर लिया है। उदहारण के तोर पर अगर, कोई पति, कोई पत्नी है और उनके साथ 2 बच्चे हैं और उन्होंने 10 लाख रूपये की पालिसी ले रखी है।

तो मान लेते हैं है पति के साथ कोई दुर्घटना हुई और उनके अस्पताल से जो खर्चे आये हैं वो आये हैं 12 लाख रूपये, इसके साथ साथ अगर पत्नी के साथ कोई दुर्घटना होती है और उनके खर्चे आते हैं 13 लाख रूपये।

तो हम बात करें हमारी पालिसी थी 10 लाख रूपये लेकिन यहाँ पर Automatic Restoration का लाभ है।  तो यहाँ लाभ ये होगा की 10 लाख रूपये थे उसका पति को Claim मिल जायेगा साथ ही साथ जो पत्नी थी उनको 10 लाख रूपये का Claim यहाँ पर मिल जायेगा।

इसके साथ साथ मन लेते हैं उनका बच्चा था और वो भी यहाँ अस्पताल में भर्ती हुआ था किसी कारण से और 8 लाख रूपये उनके बच्चे पर लग गए तो यहाँ 8 लाख रूपये का लाभ भी बच्चे को मिल जायेगा।

इस तरीके से आप यहाँ पर तीन बार इसको Claim ले सकते हैं अगर पूरी लिमिट आपके Sum Insured की वह एक ही व्यक्ति इस्तेमाल कर लेता है।

अगर कोई व्यक्ति इस लिमिट को इस्तेमाल नहीं करता है तो आप इस Automatic Restoration का लाभ नहीं ले पाएंगे। और ये लाभ सिर्फ और सिर्फ उपलब्ध है अगर 3 लाख रूपये से ज़्यादा का Sum Insured लेते हैं।

BENEFIT NO.6 – छठा फायदा

इसमें आपको एक Recharge Benefit भी मिल जाता है। अगर आप अपनी पालिसी की कवरेज को पूरा कवर कर लेते हैं तो उसके बाद जो लिमिट है जो आप इस Screen Shot में देख पा रहे हैं, उतने Amount तक की लिमिट में आपकी कवरेज को बढ़ा दिया जाता है। इसके लिए आपको कोई अधिक भुक्तान नहीं करना होता है।

आईये आपको एक उदहारण के तोर पर समझते है।
Example :-

मान लेते हैं आपने 10 लाख रूपये की Insurance Policy ली है और जो आपका अस्पताल का खर्चा है वह आया है 11 लाख रूपये का। तो यहाँ पर Recharge Benefit मिलता है।

Recharge Benefit आपको यहाँ 1.5 लाख रूपये का मिलने वाला है। तो यहाँ पर 10 लाख रूपये की पालिसी थी, 1.5 लाख रूपये इसका आपको Recharge Benefit मिलता है।

अब यहाँ पर जो भी 11 लाख रूपये का खर्चा है आपका, वो पूरा कंपनी की तरफ से दे दिया जायेगा, यहाँ पर आपको 1 लाख रूपये जो अधिक है वह अपने पास से भुक्तान नहीं करने होंगे। उम्मीद करता हु अब आप Recharge Benefit का मतलब अच्छे से समझ गए होंगे।

BENEFIT NO.7 – सातवां फायदा

एक और फायदा आपको मिल जाता है जो है No Claim Bonus, अगर आप किसी 1 साल पालिसी पर कोई Claim नहीं लेते हैं तो उसके अगले साल आपको यहाँ पर एक बोनस मिल जाता है।

मान लेते हैं पहले साल आपने पालिसी ली और आपने कोई भी Claim Insurance कंपनी से नहीं लिया तो उसके अगले साल आपको यहाँ 25% का बोनस मिल जायेगा।

आपके Sum Insured का 25%, इसका मतलब ये है की आप सिर्फ और सिर्फ 10 लाख रूपये का Star family health optima insurance plan ले रहे हैं तो आपको प्रीमियम सिर्फ 10 लाख रूपये भुक्तान करना होगा।

लेकिन आपका जो इन्शुरन्स कवर होगा, वो कवर होगा 12 लाख 50 हज़ार रूपये का और उसके अगले साल भी अगर आप Claim नहीं लेते हैं तो यहाँ पे आपका अगले साल बोनस मिलता रहेगा।

जो बाकी के 25 सालों में है वो 10-10% का बोनस आपको मिलता रहेगा। और यह बोनस अधिकतम से अधिकतम 100% तक भरता रहेगा।

BENEFIT NO.8 – आठवां फायदा

अब बात आती है वेटिंग पीरियड (Waiting Period) की तो यहाँ पर पालिसी लेने के बाद 30 दिन का वेटिंग पीरियड होता है। मतलब की पालिसी लेने के 30 दिन बाद आपको Claim मिलेगा।

अगर पालिसी लेने के 30 दिन के अंदर अंदर आपको कोई बीमारी होती है तो उसका कवर आपको नहीं मिलेगा।

लेकिन दुर्घटना के केस में यहाँ पर कोई भी Waiting Period नहीं है। Accident Cover यहाँ पर पहले दिन से ही कवर हो जाता है।

और अगर आप आंतरिक रोगी उपचार (Inpatient Treatment) करा रहें है तो अस्पताल के खर्चे तभी कवर होंगे अगर रोगी कम से कम 24 घंटे अस्पताल में दाखिल रहता है।

अगर 24 घंटे से कम समय में अस्पताल में रहते हैं तो खर्चे यहाँ पर कवर नहीं होंगे। लेकिन अगर दुर्घटना के कारण कुछ होता है चाहे वह सड़क दुर्घटना हो,

या फिसल के गिरे हों या किसी से लड़ाई हो गयी हो तो उस केस में 24 घंटे अस्पताल में रहने की शर्त मान्य नहीं होगी और ना ही वेटिंग पीरियड (Waiting Period) यहाँ पर उपयुक्त होगा।

तो हम एक बार फिर आपको दोहरा देते हैं की अगर आप अगर आप यहाँ पे अस्पताल में कोई इलाज करा रहे करा रहे हैं तो यहाँ पर ज़रूरी है की 24 घंटे के लिए आप अस्पताल में दाखिल रहें।

लेकिन दुर्घटना की वजह से कुछ होता है तो 24 घंटे अस्पताल में रहना ज़रूरी नहीं है। क्यूंकि दुर्घटना के केस में कई बार ऐसा होता है की आप 2-3 घंटे में ही कुछ उपचार करा कर घर वापिस आ जाते हैं।

इसके साथ साथ कुछ डे-केयर ट्रीटमेंट होते हैं जैसे की पथरी का ऑपरेशन (Stones Operation) तो कुछ ऑपरेशन ऐसे भी होते हैं जिनको 4 से 5 घंटे में पूरा कर लिया जाता है। तो उस केस में 24 घंटे अस्पताल  दाखिल रहने की शर्त मान्य नहीं होगी।

Star Family Health Optima Last And Best Benefit

इसके साथ आपको इनकम टैक्स (Income Tax) के लाभ भी मिल जाते हैं। जो लोग भी इनकम टैक्स का भुक्तान करते हैं वह इनकम टैक्स के 80-D सेक्शन में जो भी प्रीमियम यहाँ पर भुक्तान करते हैं उसकी कटौती (Deduction) यहाँ ले सकते हैं।

और इस पालिसी में आपको कैशलेस की सुविधा भी मिल जाती है आप किसी भी नेटवर्क अस्पताल में अपना कैशलेस इलाज करा सकते हैं।

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यहाँ पे आपको कोई भी नकद भुक्तान करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, नेटवर्क अस्पताल में आप सिर्फ और सिर्फ जाकर अपना इलाज कराईये और वापिस अपने घर पर आ सकते हैं।

Disadvantage OF Star FAMILY HEALTH OPTIMA POLICY – स्टार फेमिली हेल्थ ऑप्टिमा के कुछ नुकसान

हमने आपको इस पालिसी के सभी लाभों के बारे में बताया है लेकिन इसके कुछ नुक्सान भी हैं आईये जानते है कौन कौन सी चीज़ें हैं जो इसमें कवर होंगी। मतलब की ऐसे कौन कौन सी बीमारियां हैं जो इसमें कवर नहीं होंगी।

तो जैसे की कॉस्मेटिक सर्जरी होती है या प्लास्टिक सर्जरी होती है और डेंटल ट्रीटमेंट होते हैं इस तरह की कोई बीमारी यहाँ पर कवर नहीं की जाएगी।

उसके बाद यहाँ पर कुछ चुंनिंदा बीमारियां है जो आपकी पालिसी शुरू होने के 2 साल बाद कवर होती हैं।

तो वह आप अपने पालिसी के दस्तावेज़ में देख सकते हैं की कौन कौन सी ऐसी जो बीमारियां हैं जो की 2 साल बाद कवर होती हैं।

और अगर पालिसी लेने के बाद आपको लगता है की जैसी पालिसी आपको चाहिए थी वैसे नहीं है तो इसमें आपको 15 दिन का Grace Period भी मिल जाता है।

पालिसी दस्तावेज़ आपको मिलने के बाद 15 दिन के अंदर अंदर आप अपनी पालिसी को रद्द करा सकते हैं और आप अपना दिया हुआ पैसा (Refund) वापिस ले सकते हैं।

यहाँ पर आपको 15 दिन की अवधि दी जाती है जब भी पालिसी के दस्तावेज़ आपके पास आते हैं आप उन दस्तावेज़ों को अच्छी तरह से पढ़िए।

जब आप पढ़ लेते हैं और संतुष्ट हो जाते हैं तो आप अपनी पालिसी को रख सकते हैं। अगर आप संतुष्ट नहीं होते है तो आप अपनी पालिसी को रद्द करा सकते हैं।

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jackfruit benefits in hindi

जाने कटहल के गज़ब के फायदे Jackfruit Benefits In Hindi

Jackfruit Benefits In Hindi – आज हम आपको इस लेख में बताएँगे कटहल यानी जैकफ्रूट क्या होता है ? ये किस प्रान्त में पाया जाता है और कैसे इसको अपने भोजन में शामिल करके इसके लाभ ले सकते हैं।

जैकफ्रूट की सब्ज़ी का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है और साथ ही ये दुनिया का सबसे बड़ा फ़ल है।

इसका प्रयोग सब्ज़ी में ही नहीं आचार पकोड़े और कोफ्ते बनाने में भी किया जाता है। कटहल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं।

कटहल की विस्तार से जानकारी इस लेख में दी गयी है जिसमें इसके फायदे और नुक्सान की पूर्ण रूप से चर्चा की गयी है। आईये जानते हैं कटहल क्या है।

कटहल (जैकफ्रूट) क्या होता है ? What is Kathal (Jackfruit) ?

आईये बात करते हैं जैकफ्रूट की जिसे Hindi Meaning Mein Kathal कह के (Artocarpus heterophyllus) भी संभोधित किया जाता है। जैकफ्रूट का वृक्ष काफी फैलावदार होता है और उसमें बहुत सी शाखाएं निकलती है जिस कारण ये बाद में काफी बड़ा पेड़ बन जाता है। Jackfruit Benefits in Hindi के साथ साथ हम जानेंगे आखिर ये है क्या और क्यों इतना लोकप्रिय है।

इसकी छाया में और भी फसल लगायी जा सकती है जैसे काली मिर्च, अदरक या इलाइची इत्यादि। इसका फल काफी पौष्टिक होता है, जब ये कच्चा होता है तब इसकी सब्ज़ी बनायीं जाती है।

ये वृक्ष लगभग हर प्रकार की मिटटी में उग जाता है इस की एक किस्म खजवा नाम की होती है। कटहल की खेती बीज से की जा सकती है और बाद में ग्राफ्टिंग की जाती है। फरवरी माह से मार्च और अक्टूबर, नवम्बर में हम इसकी ग्राफ्टिंग कर सकते हैं।

ये पेड़ 15 मीटर तक फ़ैल जाता है इसकी कुछ किस्में ऐसी होती हैं जिनके पौधे जो हैं वो छोटे रहते हैं लेकिन उनमें फल आना शुरू हो जाता है।

ज़्यादा शाखाएं पाने के लिए आप जुलाई महीने में इसमें गोबर की खाद अथवा एन पी के (NPK) से इसका उपजाउपन बढ़ा सकते हैं। जैसे जैसे पेड़ बड़ा होता जाएगा आप उसमें खाद की मात्रा बढ़ाये जा सकते हैं।

जब इसके फल कच्चे होते हैं तब इसको सब्ज़ी के रूप में तोड़ लिया जाता है लेकिन जब वह पक्क जाते हैं तो इनका रंग पीला हो जाता है। साथ ही साथ इनके जो कांटे होते हैं उनका नुकीलापन भी कम हो जाता है।

अगर हम कटहल यानी जैकफ्रूट को बीज से उगाते हैं तो ये पांच साल के बाद फ़ल देना शुरू करता है और अगर आप इसे ग्राफ्टिंग यानी कलम की मदद से उगाते हैं तो ये तीन से चार साल में आपको फ़ल देना शुरू कर देता है।

कटहल (जैकफ्रूट) के पौष्टिक गुण Jackfruit Nutrition Value

कटहल बहुत ही गुणकारी होता है इसके अंदर विटामिन A, विटामिन C, विटामिन B1, विटामिन B2, प्रोटीन, लोह की मात्रा, बहुत से मिनरल्स, फाइबर, कैल्शियम वगेरा इसमें अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं।

जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं और हमारे शरीर की आवश्यकतायों को पूरा करने में मदद करते हैं। हम तरह तरह के जो कैप्सूल खाते है उनसे अच्छा है की हफ्ते में दो बार कटहल की सब्ज़ी का इस्तेमाल ज़रूर करें।

इस लेख में हम Jackfruit Benefits In Hindi में आपके लिए विस्तार से बता रहे हैं तो इन्हे गौर से पढ़िए।

सबसे अच्छी बात इसमें कैलोरी न के बराबर होती है जिन लोगों को हृदय से सम्भदित कोई रोग होता है उनके लिए कटहल बहुत फायदेमंद है।

आप नीचे दिए गए चार्ट में विस्तार से इसके अंदर पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों को देख सकते हैं और ये भी देख सकते हैं की कितनी कितनी मात्रा में मौजूद हैं।

[su_box title=”प्रति 100 ग्राम मात्रा में”]

कैलोरी95
टोटल फैट0.6 gm
सैचुरेटेड फैट0.2 gm
पोलीअन सैचुरेटेड फैट0.1 gm
मोनो सैचुरेटेड फैट0.2 gm
ट्रांस फैट0 gm
कोलेस्ट्रॉल0 mg
सोडियम2 mg
पोटाशियम448 mg
टोटल कार्बोहायड्रेट23 gm
डाइटरी फाइबर1.5 gm
शुगर19 gm
प्रोटीन1.7 gm
विटामिन A2%
विटामिन C22%
कैल्शियम2%
आयरन1%
मैग्नीशियम7%
विटामिन B615%

[/su_box]

कटहल (जैकफ्रूट) के सबसे बेहतरीन फायदे Amazing Jackfruit Benefits

Kathal Jackfruit Benefits in hindi full info

कटहल में बहुत सारे पोषक तत्व काफी सही मात्रा में पाए जाते हैं, जैसे विटामिन A, विटामिन C, कैल्शियम, पोटाशियम और आयरन इत्यादि। तो आपको भी कटहल खाना बहुत पसंद है तो आज इसके फायदे के बारे में भी ज़रूर जानना चाहिए। तो आईये शुरू करते हैं कटहल के फायदे और गुण की सम्पूर्ण चर्चा।

पाचन संबधी बीमारियां दूर करने में सहायक

इसका सबसे पहला फायदा है की यह पाचन संबधी बीमारियां दूर करने के लिए कटहल बहुत कारगर माना जाता है। इसके लिए आपको कटहल कैसे लेना यह भी बताते है। सबसे पहले कटहल का गूदा लें और इसे कद्दूकस करके उबाल लेना है।

इस उबाले हुए कटहल के गूदे को अच्छे से जूस बना कर पी लेना है। इस जूस का सेवन अगर आप रोज़ाना करेंगे तो धीरे धीरे अपच जैसी समस्याओं से आपको छुटकारा मिल जायेगा।

यह एक बहुत ही अच्छा उपाय है पाचन संबधी बीमारियों को दूर करने के लिए। इस उपाए को ज़रूर करें आपको तीन चार दिन में ही इसका असर देखने को मिल जायेगा।

आँखों की तंदरुस्ती लिए लाभदायक 

कटहल में विटामिन A बहुत अच्छी मात्रा में होता है, इसकी मदद से हमारी आँखों की जितनी भी परेशानियां होंगी उन्हें दूर करने में कटहल हमारी मदद करता है।

साथ ही साथ अगर आपको नाईट ब्लाइंडनेस यानि अंधराता की शिकायत है तो यह इस परेशानी को दूर करने में भी मदद करता है। इसलिए जितना आप कटहल की सब्ज़ी या कटहल का सेवन कर सकते हैं रोज़ाना अपनी ज़िन्दगी में करना चाहिए।

हड्डियों को मज़बूत बनाये

इसका तीसरा फायदा यह है की यह हड्डियों को मज़बूत बनाता है क्यूंकि इसके अंदर कैल्शियम बहुत सही मात्रा में मिल जाता है। जो की हमारी हड्डियों के विकास और मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है।

तो अगर आप चाहते हैं की आपकी हड्डियों का विकास सही से हो तो जैकफ्रूट को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें।

मधुमेह रोगियों के लिए वरदान

मधुमेह रोगियों के लिए कटहल बहुत फायदेमंद होता है कटहल में बहुत कम Glycemic Index होता है खासकर कच्चे कटहल में। यही वजह है की इसे खाने से मधुमेह के मरीज़ों को ब्लड शुगर का स्तर समान्य रखने में मदद मिलती है। इसके इलावा इसमें घुलनशील फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है जो आपके मधुमेह (Diabetes) होने के खतरे को कम करती है।

कैंसर से बचाने में सहायक

कई खोजें इसका दवा करती हैं की कटहल यानि जैकफ्रूट  कैंसर की कोशिकायों को नष्ट करने में मददगार साबित हुआ है। Jackfruit में आइसोफ्लेवोन, सैपोनिन जैसे फाइटोनुट्रिएंट्स होते हैं, जिनमें एंटी कैंसर, एंटीहाइपरटेंसिव, एंटी अल्सर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीएजिंग गुण होते हैं।

मुंह के छाले ठीक कर आराम देता है

मुंह में बार बार छालों की शिकायत रहती है तो कटहल सबसे उत्तम ओषधि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आपको कटहल की कच्ची पत्तियों मुंह में चबा कर थूक दें। ऐसा करने से मुंह के छालों से निजात मिल जाती है और दर्द में आराम मिलता है।

थाईरायड की समस्या को दूर करे

थाईरायड की समस्या को दूर करने में भी कटहल सबसे बढ़िया स्रोत माना गया है। इसमें मौजूद छोटे छोटे खनिज, कॉपर, थाईरायड की बीमारी को दूर करते हैं। क्यूंकि इसमें विटामिन B भी शामिल होता है जो स्वास्थ्य थाईरायड कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है और इसके लक्षणों को कम करने में मदद करता है।

कटहल के बीज एवं फायदे Kathal Jackfruit Seed Benefits

कटहल के साथ साथ इसके बीज भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होते हैं, इस भाग में Jackfruit Benefits के साथ साथ इसके बीजों के बारे में चर्चा कर रहे हैं, इसके बीजों में काफी सारा पोषण छुपा हुआ रहता है। इसके पोषक तत्वों की बात करें कार्बोहायड्रेट (Carbohydrates), विटामिन A, विटामिन C, और विटामिन B भी पाया जाता है कटहल का प्रयोग हम ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी कर सकते हैं।

  • जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल काफी तेज़ हो वह इसके बीज रोज़ खाएं साथ जिन्हें कब्ज़ की शिकायत हो उन्हें भी इसका सेवन करना चाहिए। जो लोग मोटापे के शिकार हैं वह भी इसका सेवन कर सकते हैं क्यूंकि इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है।
  • कटहल के बीज का चूरन बना कर इसमें शहद मिलाइये फिर उसे चेहरे पर लगाएं इससे चेहरे पर पड़े हुए दाग धब्बे मिटेंगे और आपका चेहरा साफ़ हो जायेगा।

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[su_heading margin=”0″] जैकफ्रूट से जुड़े कुछ आश्चर्यजनक तथ्य Amazing Facts of Jackfruit[/su_heading]

इस लेख इस के इस भाग में बात करेंगे जैकफ्रूट यानी कटहल से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में।

जैकफ्रूट भारत के दक्षिण भागों, दक्षिण पूर्वी एशिया, वेस्ट इंडीज और फिलीपींस के अन्य हिस्सों में फ़ैल गया हुआ है।

जैकफ्रूट का पेड़ उष्ण कटिबंधीय निचले इलाकों में अच्छी तरह से उपलभ्द है और इसका फ़ल सबसे बड़ा पेड़ से पैदा हुआ फ़ल है। वज़न में 35 किलो ग्राम या 80 पाऊंड,90 सेंटीमीटर या 35 इंच लम्बाई में और 50 सेंटीमीटर या 20 इंच व्यास में ये मिल जाता है।

एक पके हुए कटहल को फ़ल के रूप में खाया जाता है लेकिन एक सब्ज़ी के रूप में बिना पके हुए का इस्तेमाल किया जाता है।

कटहल 80 प्रतिशत पानी का बना हुआ होता है।

इसे अक्सर मध्य और पूर्वी अफ्रीका में लगाया जाता है और यह ब्राज़ील में भी काफी लोकप्रिय है।

कटहल का पेड़ सलाना लगभग 100 से 200 फ़ल पैदा कर सकता है।

जैकफ्रूट का गूदा बहुत ही मीठा और सगंधित होता है। जिसे आम, केले, खरबूजे पपीते के स्वाद संयोजन के रूप में वर्णित किया गया है।

ये बहुत लम्बे समय तक जीवित रहने वाला पेड़ है और आम तौर पर 60 से 70 साल की उम्र के साथ।

जैकफ्रूट एक से अधिक फ़ल है जो सैंकड़ों से हज़ारों व्यक्तिगत फूलों से बना होता है।

Jackfruit Calories के मामले में सबसे अच्छा माना जाता है, खाद्य कटहल के गूदे के 100 ग्राम 95 कैलोरी प्रदान करते हैं, फ़ल, फ्रुक्टोज़ और सुक्रोज़ जैसे साधारण षरतरा से बने आसानी से पचाने योग्य गूदे से बना होता है।

एक कटहल के फ़ल में 100 या 500 से अधिक बीज हो सकते हैं।

आपको शायद नहीं पता होगा की कटहल बांग्लादेश का राष्ट्रीय फ़ल है।

भारत के पुरातात्विक निरकाशों से पता चलता है की 3000 हज़ार से 6000 हज़ार वर्ष पहले भारत में कटहल की खेती की गयी थी।

जैकफ्रूट अफ्रीका के कई देशों जैसे खाद्य सुरक्षा के साथ समस्याओं का सामना करने वाले देशों के लिए एक संभावित समाधान प्रदान करता है।

एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है जो शरीर को संक्रामक एजेंटो और हानिकारक मुक्तकरणो के खिलाफ प्रतिरोध विकसित करने में मदद करता है जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण, कोशिका के D N A को नुक्सान पहुंचाते हैं और कैंसर कोशिका के उत्पादन की शुरुआत करते हैं।

पढ़ें अन्य तथ्य और Jackfruit Benefits in Hindi Wording

कटहल को फिलिपिनो में लंग्का और सिब्वानो में नागका कह के सम्भोधित किया जाता है। बिना पका फ़ल आमतौर पर नारियल के दूध में पकाया जाता है और चावल के साथ खाया जाता है।

श्रीलंका में जैकफ्रूट की लकड़ी महत्वपूर्ण है और इसे यूरोप में निर्यात किया जाता है। ये लकड़ी दीमक प्रतिरोधी होती है और फर्नीचर बनाने के लिए बेहतर है।

कटहल करा और तमिलनाडु के भारतीय राज्यों का राज्य फ़ल है और ये आम और केले साथ तमिलनाडु के तीन शुभ फलों में से एक है।

श्रीलंका और वियतनाम में जैकफ्रूट उध्योग स्थापित किये गए हैं जहाँ ये फ़ल आटा, नूडल्स, पापड़ और आइसक्रीम जैसे अन्य उत्पादों में संसाधित होता है।

गर्भावस्था के दौरान कटहल खाना चाहिए या नहीं ? Is Jackfruit (kathal) Safe During Pregnancy ?

[su_dropcap]1[/su_dropcap] [su_box title=”पहला तथ्य है.”]हाँ खाना चाहिए। जानिए क्यों ? [/su_box]

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत सारी चीज़ें खाने का मन करता है और बहुत सारी चीज़ें ऐसे होती हैं की उन्हें बिलकुल खाने का मन नहीं करता। लेकिन कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हे हमें अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।

इसके लिए आपको डॉक्टर भी सलाह देते हैं साथ ही साथ आपके घर की जो महिलाएं होती हैं, बड़े बुज़ुर्ग होते हैं वह भी सलाह देते हैं। दोस्तों गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती हैं ताकि आपके गर्भ में जो शिशु है उसको सही पोषण मिल सके।

कई सब्ज़ियों में पौष्टिकता और गर्भावस्था में उनके सेवन को लेकर भी दुविधा बनी रहती है ऐसे में एक सवाल ये भी उठता है की गर्भावस्था में कटहल खाना चाहिए के नहीं।

ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है की गर्भावस्था में कटहल खाना चाहिए या फिर नहीं ?

तो इस सवाल का जवाब है हाँ।

कटहल से कुछ ही महिलाओं को समस्या होने की सम्भावना हो सकती है लेकिन पोषण के मामले में कटहल बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। कटहल में सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल और सोडियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है। कटहल कई तरह के विटामिन तत्वों से बना होता है जिनमें विटामिन A और C मुख्य हैं।

कटहल का फ़ल रेशेदार होता है इसलिए पेट से जुडी समस्याओं से ग्रसित लोगों के लिए ये एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस वजह से गर्भवती महिला को कटहल खाने का सुझाव दिया जाता है।

जैकफ्रूट विटामिन C का बढ़िया स्रोत है इसे खाने से मामूली इन्फेक्शन जो बाद में स्थिति को खराब कर सकते हैं उससे बचा जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग की समस्या आम है ऐसे में कटहल का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। क्यूंकि यह मूड स्विंग को ठीक करने में कारगर माना गया है।

गर्भावस्था में कटहल यानी जैकफ्रूट खाने से शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बना रहता है हार्मोन्स की गड़बड़ी आपके लिए भारी पड़ सकती है। गर्भवती महिला को हफ्ते में 500 ग्राम कटहल का सेवन ज़रूर करना चाहिए।

इसके चिप्स, पका हुआ फ़ल, गूदा और ग्रेवी वाली सब्ज़ियां इसका सबसे अच्छा विकल्प हैं। इसके इलावा गर्भ में विकसित हो रहे भ्रूण की सव्स्थ्य वृद्धि के लिए कटहल काफी फायदेमंद माना जाता है। ये बच्चे की आँखों की रौशनी के लिए भी अच्छा माना जाता है।

कटहल में जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं जो की जच्चा और बच्चा दोनों के लिए लाभदायक माने जाते हैं। कटहल एक रेशेदार फ़ल है जो महिलाओं में कब्ज़ और पाचन से सम्भंदित परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। ये पेट में होने वाले संक्रमण से भी बचाता है।

[su_dropcap]2[/su_dropcap] [su_box title=”दूसरा तथ्य है.”]नहीं खाना चाहिए। जानिए क्यों ? [/su_box]

अब चर्चा करते हैं कटहल खाने से क्या क्या नुक्सान हो सकते हैं तो देखिये कटहल खाने से कोई खाने से कोई ख़ास नुक्सान नहीं होता। बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता है की कटहल यानी जैकफ्रूट खाने से गर्भपात हो सकता है क्यूंकि कटहल की तासीर गर्म होती है। तो इसके लिए आपको यह करना चाहिए की आप पहले महीने से लेकर तीसरे महीने तक कटहल का सेवन ना करें।

वैसे दोस्तों अभी तक कटहल खाने से गर्भपात भी हो सकता है लेकिन इस बात का अभी तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। अभी तक इसका कोई वैज्ञानिक शोध प्रकाश में नहीं आया है।

इसलिए आप चाहें तो कटहल का सेवन कर सकते हैं कोई दिक्कत नहीं है लेकिन कोशिश करें की एक से लेकर तीन महीने तक ना खाएं। पर तीसरे महीने के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं।

बाकी अगर आप ज़यादा मात्रा में इसका सेवन करेंगे तो इससे आपको जो नुकसान हो सकता है वह यह है की कटहल में अन्य फलों की तरह चीनी की मात्रा अधिक होती है जिसके परिणाम सवरूप शुगर यानी मधुमेह के स्तर में वृद्धि हो सकती है। जो की गर्भावस्था के दौरान अच्छा संकेत नहीं है। खास कर तब जब गर्भवती महिला को गर्भ अवधि मधुमेह हो।

इसके इलावा अगर आप ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन करेंगे तो आपको दस्त हो सकते हैं इसके इलावा आपको पेट से सम्बंधित और भी कुछ परेशानी हो सकती है। बहुत सारी महिलाओं को कटहल से एलेर्जी हो जाती है।

सावधानियां – गर्भावस्था में कटहल कैसे खाएं ?

अब बात करते हैं की गर्भावस्था के दौरान यदि आप जैकफ्रूट खाते हैं तो आपको क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। सबसे पहले आप पूरी तरह पका हुआ कटहल ही चुने, आपको ताज़ी, भारी और गहरे रंग की जो कटहल होती है उसका ही खाने में लेना चाहिए क्यूंकि वह बिलकुल सही होता है और आपको Jackfruit Benefits देने में सहायक रहता है। ।

अगर आप तुरंत खाना चाहते हैं तो नरम काटों वाले पके हुए कटहल को चुने। आमतौर पर बाजार में कटी हुई कटहल ही मिलती है जिससे की आपको बचना चाहिए। क्यूंकि आमतौर पर कटहल बहुत बड़ा फ़ल होता है इसलिए हो सके तो छोटा फ़ल लें।

बाकी दोस्तों अगर आप कटहल यानी जैकफ्रूट को सिमित और सही मात्रा में खाते हैं तो आपकी सेहत को कोई नुक्सान नहीं होगा। बाकी सबसे अच्छा यही रहेगा की आप एक बार डॉक्टर से पूछ लें।

साधारण सी बात है की वह आपको मना नहीं करेंगे अगर मना करेंगे तो मत खाइएगा। और अगर मना नहीं करते तो बेशक आप आराम से कटहल खाये इससे आपको बहुत सारे पोषक तत्व मिलेंगे और आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

कटहल (जैकफ्रूट) का सेवन कैसे करें ? How to Eat Jackfruit ?

जैकफ्रूट का कई तरीकों से सेवन किया जा सकता है जिसमें कच्चा फ़ल या पका हुआ फ़ल शामिल हैं। कटहल की सब्ज़ी बनाकर भी खायी जा सकती है, कटहल का गूदा काफी स्वादिष्ट होता है। इसलिए इसे उबाल कर इसमें सिर्फ नमक डालकर भी इसे खाया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान Jackfruit Benefits लेने के लिए के चिप्स बना कर भी इसे खाया जा सकता है। लेकिन चिप्स तले हुए होने की वजह से ज़यादा नहीं खाये जा सकते, इन्हे सिमित मात्रा में ही खाना चाहिए।

कटहल के स्लाइस के ऊपर कस्सा हुआ नारियल डालकर केले और शहद के साथ स्वादिष्ट व्यंजन के तौर पर भी खा सकते हैं। इसे सब्ज़ी बना कर खा सकते हैं, साधारण पका हुआ कटहल खा सकते हैं तो कटहल कैसे भी खाइये जैसे आपको अच्छा लगे।

कटहल से होने वाले नुक्सान Jackfruit Side Effects

वैसे तो Jackfruit Benefits की सूचि बहुत लम्बी है पर इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं ! यह कटहल विटामिन्स, एंटीऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स से भरपूर हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन कई लोगों को इसका सेवन नुक्सान पहुंचा सकता है। आईये विस्तार से जानते हैं किन लोगों को कटहल से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

  • फाइबर से भरपूर कटहल वैसे तो आँतों की गंदगी को साफ़ करने में मदद करता है लेकिन जिन लोगों को पाचन सम्भंदित परेशानी हो उन्हें कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से उनके पाचन पर उल्टा असर पड़ सकता है।
  • इसके इलावा कटहल का अधिक सेवन करना मधुमेह रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर देता है। इसलिए डायबटीस से पीड़ित व्यक्तियों को कटहल के सेवन से परहेज़ करना चाहिए। जबकि दोस्तों आमतौर पर यह फ़ल मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन इसमें गुलुकोस की मात्रा अधिक होने के कारण ये फ़ल शरीर में गुलुकोस के स्तर को बड़ा सकता है। इसीलिए मधुमेह रोगियों को सिमित मात्रा में कटहल खाना चाहिए।

कटहल का निष्कर्ष – Conclusion On Jackfruit Benefits

दोस्तों कटहल के बारे में दी गयी यह सारी जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। आप एक बार ज़रूर इसे इस्तेमाल में लाएं इससे काफी भयानक रोगों से बचा जा सकता है। कटहल आपके शरीर को सही मात्रा में पोषक प्रदान करता है जो हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक होते हैं।

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किनुआ क्या है जाने इसके फायदे Quinoa Health Benefits In Hindi

आज हम एक ऐसे सुपर फ़ूड के बारे में आपके साथ जानकारी साँझा करेंगे जो की अब सर्वप्रिय है क्यूंकि आज की इस दुनिया हर कोई स्वास्थ्य रहना चाहता है। तो अब हम ऐसे खाद्य पदार्थ के बारे में बातें करेंगे जो की हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं और quinoa उनमे से एक है। Quinoa Health Benefits in Hindi के बारे में यह पूरी जानकारी हिंदी में आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी।

किनुआ बहुत ही पौष्टिक अनाज है जब हम किनुआ को पकाते हैं तो तो थोड़ा फूल जाता है। बाजार में दो तरह के क्विनोआ आसानी से पर्यापत हो जाते हैं एक है लाल रंग का और दूसरा सफ़ेद रंग का। दोनों का सेवन हमारी सेहत से के लिए उपयोगी है। हमारे यहाँ बहुत सारे लोगों को ये भी नहीं  है की क्विनोआ आखिर होता क्या है।

किनुआ क्या है और इसमें क्या क्या होता है ? What Is Quinoa In Hindi

सबसे पहले आपको बताते हैं की quinoa एक अनाज होता है जिसमें ग्लूटेन नहीं होता। Quinoa Gluten Free एक इलास्टिक प्रोटीन है जो की गेंहू में पाया जाता है। यह गेंहू में लचीलापन लाता है जैसे की आपने अक्सर देखा होगा की जब आटा गूंधते हैं तो आटे में इलास्टिक की तरह खिंचाव आ जाता है।

लेकिन अगर आप मक्की के आटे को गूंधने के बाद उसे खींचते हो तो उसमें वो लचीलापन नहीं आता। क्यूंकि मक्की के आटे में ग्लूटेन नहीं होता।

इसी तरह जो quinoa है उसके अंदर ग्लूटेन नहीं होता जिस कारन ये और भी ज्यादा पौष्टिक है और आपकी सेहत के लिए इसके बहुत सारे फायदे होते हैं।

quinoa को वज़न कम करने में कैसे उपयोग किया जाता है ये तो हम आपको आज इस लेख में बतायंगे ही लेकिन पहले हम आपको बतायंगे की quinoa में क्या क्या होता है in Hindi

Quinoa में 9 आवश्यक एमिनो ऐसिड होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं,

  • Histidine
  • Isoleucine
  • Leucine
  • Lysine
  • Methionine
  • Phenylalanine
  • Threonine
  • Tryptophan
  • Valine 

जो की हमारे शरीर में उत्पादित नहीं होते। यह एमिनो ऐसिड हमारे शरीर के समान्तरण कामकाज के लिए बहुत ज़रूरी होते हैं। ऐसे बहुत कम अनाज होते हैं जिनमें ऐसे 9 एमिनो ऐसिड होते हैं पूरी मात्रा में तो quinoa health benefits में उनमें से सबसे पहले नंबर पर है।

इसके इलावा इसमें फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और आयरन जो की सूक्ष्म पोषक कहलाते हैं वह आपकी सेहत में चार चाँद लगा सकते हैं।

हर कोई जवान और सेहतमंद दिखना चाहता है तो इसमें एंटीऑक्सीडेंट का रोल अहम् होता है। तो इसलिए quinoa में एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनोइड्स बिलकुल सही मात्रा में होते हैं जो हमें अधिक समय तक जवान रहने में मदद करते हैं।

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किनुआ को कैसे पकाएं ? Cooking Quinoa in Hindi

जहाँ तक किनुआ को पकाने की बात करें तो इसे पकाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप किनुआ को साफ़ पानी में अच्छे से धो लें क्यूंकि इसके ऊपर एक परत होती है अगर इसे अच्छे से ना धोया जाए तो इसका स्वाद थोड़ा कड़वा लगता है। तो इसे पकाने से पहले एक बार सुनिश्चित कर लें की आपने इसे धोया है या नहीं।

इसे पकाते समय एक भाग किनुआ में दो भाग पानी डालें मतलब एक कप Quinoa में दो कप पानी मिलाएं जो काफी रहेगा। दूसरे अनाज से अगर किनुआ की तुलना करें तो Quinoa जल्दी अच्छे से पक जाता है।

अब इसे गैस चूल्हे पर तेज़ आंच में रखें और जब ये उबलने लगे तो आंच धीमी कर दीजिये तो 10 से 15 मिनट तक ठंडा होने दें। एक कप किनोआ को उबालने पर ये तीन कप Quinoa में तब्दील हो जाता है यानी की ये उबलने के बाद तिगुना हो जाता है।

Quinoa का उपयोग सलाद और सुप में किया जा सकता है। क्विनोआ का उपयोग आप अपने नाश्ते यानी Quinoa Breakfast में भी कर सकते हैं इसके लिए एक कटोरी दही में Quinoa मिलाएं, थोड़े से कटे हुए ताज़े फल, सूखे मेवे और थोड़ी दालचीनी डालें। एक बेहतरीन पौष्टिक नाश्ता तैयार हो जायेगा जो प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स से भरपूर होगा। तो ये सब कारण हैं की आपको किनुआ को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए।

Top Quinoa Health Benefits in Hindi जानें किनुआ के आश्चर्यजनक लाभ 

किनुआ वज़न कम करने में मदद करने में लाभदायक Quinoa Health Benefits in Hindi for Weight Loss and Thyroid

Quinoa benefits for thyroid in hindi

Quinoa health benefits in hindi

क्या किनोआ से वज़न कम होगा ? जी हाँ इसका जवाब है हाँ क्यूंकि इसमें बहुत सारा फाइबर और प्रोटीन होता है जो ज़ायदा समय तक पेट को भरा रखता है। एक कप किनुआ से 8 ग्राम उच्च स्तरीय का प्रोटीन और 5 ग्राम फाइबर होता है।

इसमें चावल से दोगुना और कूसकूस से तीन गुना प्रोटीन होता है इसमें आयरन और विटामिन B 12 भी बहुत है जो वज़न कम करने में सहायक होते हैं।

अगर आपको थाइरोड (thyroid) की बिमारी है तो यह आपके लिए एक बहुत अच्छा विकल्प है बहुत सारे थाइरोड (thyroid) और weight loss प्रोग्राम में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

हड्डियों को मज़बूत बनाये Quinoa Health Benefits For Osteoporoisis

किनुआ जो की मैग्नीशियम से भरपूर है और यह शरीर की हड्डियों के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है।

हृदय को स्वास्थ्य रखे Quinoa Good For Heart

किनुआ खून से कोलेस्ट्रॉल निकालने के लिए आपके लीवर को उत्तेजित करता है अगर हम भोजन में किनोवा का इस्तेमाल करते हैं तो यह खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर करता है।

सावधानियां :-

अगर आप किसी गत्ते के डिब्बे वाली पैकिंग वाला किनुआ लेकर आये हैं तो ध्यान रखें इसके किसी सूखी और ठंडी जगह पर रखें। और वही किनुआ अगर आपने खुली पैकिंग में ख़रीदा है तो इसे एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें क्यूंकि Quinoa में फैटी एसिड (Fatty Acids) होते हैं।

अगर इसे अच्छे से बंद करके नहीं रखेंगे तो गर्मी के मौसम में ज़्यादा उच्च तापमान के कारण इसके फैटी एसिड में तबदीली आ सकती है और इसके स्वाद में भी फर्क पड़ जायेगा तो हो सके तो किनोआ को स्थान्तरित करने में थोड़ा ध्यान ज़रूर दें। Quinoa Health Benefits का यह Hindi लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा इसे अपने दैनिक आहार में ज़रूर शामिल करें और देखें इसके आश्चर्यजनक लाभ।

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How to Increase Immunity In Hindi

How to Increase Immunity In Hindi इम्यून सिस्टम को कैसे बढ़ाएं

How to Increase Immunity Article In Hindi Language With Proof

रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं – How to Increase Immunity से संभंधित ये लेख आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में मदद करेगा और साथ में ये भी बताएँगे की कमज़ोर Immune System के क्या क्या लक्षण हैं।

  • क्या आपको बहुत जल्दी सर्दी ज़ुकाम हो जाता है ?
  • क्या आप हमेशा थके थके से महसूस करते हैं ?
  • आपको त्वचा से संभंधित कोई रोग है ?

या फिर आपके बाल झड़ने शुरू हो गए हैं। ये सभी कमज़ोर इम्यून सिस्टम (Immune System) की निशानियां हैं।

लेकिन आप घबराईये मत, इस लेख में हम आपको बताएँगे 5 आसान से तरीके जिससे आप घर बैठे ही इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाएं ? How to Increase Immunity in Hindi with these simple tricks

Immune System हमें खतरनाक जीवाणुयों से बचने में मदद करता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) का होना मतलब कई बिमारियों को न्यौता देना।

कभी कभी तो रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी कमज़ोर हो जाती है की वो हमारे शरीर के खिलाफ काम करने लग जाती है। Arthritis और Type One Diabetes भी इसी के उदहारण हैं।

तनाव (Stress), गलत खान पान और उम्र के साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। दोस्तों अगर इस वक़त आपका इम्यून सिस्टम मजबूत है गलत खान पीन से भी आपको कोई फर्क नहीं पड़ता तो इसकी कोई गारंटी नहीं है की ये आगे भी ऐसा ही रहेगा।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट उप करना एक तरह का स्वस्थ्य बीमा ही है। तो दोस्तों शेयर आपके साथ ऐसे पांच तरीके जिनसे प्राकृतिक रूप से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ा सकते है।

1. अश्वगंधा से बढ़ाएं इम्यून सिस्टम Ashwagandha for Improve Immune System

अश्वगंधा भारत की एक ऐसी शक्तिशाली जड़ी बूटी है जिसे Indian Ginseng कहा गया है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में अश्वगंधा का बड़ा नाम है।

एक गिलास गरम दूध में एक छोटा चमच्च अश्वगंधा चूरण को मिला लें और उसे सोने से पहले धीरे धीरे पी लें। अगर आपको दूध नहीं पचता तो अश्वगंधा को गर्म पानी में भी ले सकते है।

2. गिलोय एंटी ऑक्सीडेंट्स का भण्डार Tinospora Cordifolia

गिलोय एक अनोखी जड़ी बूटी है जिसे अमृता कहा जाता है। अमृता मतलब अमरता की जड़, सेहत की संजीवनी, गिलोय Anti Oxidants का एक शक्तिशाली भंडार है जो शरीर में बने Free Radicals से बखूबी लड़ता है।

गिलोय से Toxins बाहर निकलते हैं और खून साफ़ होता है और जीवाणु और कीटाणु मरते हैं। सिर्फ एक चमच्च गिलोय का पाउडर गुनगुने पानी में खाली पेट पियें।

3. मिंट ड्रिंक तरो ताज़ा करे Refreshing Mint Drink

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह एक बहुत हे स्वादिष्ट पेय (Drink) है। इसको बनाने के लिए एक पतीले में 500 मि.ली. पानी डाल दें और उसमें आधा छोटा चमच्च हल्दी पाउडर मिला लें।

दो मिनट उबाल लें और फिर इसमें 10 से 12 पत्तियां पुदीने की डाल दें अब इसे तब तक उबलने दें जब तक पानी आधा ना हो जाये।

अब बस इसे गिलास में दाल दें और थोड़ा ठंडा होने दें फिर इसमें एक चमच्च शहद का मिला लें। ये पेय (Drink) जितना स्वादिष्ट है, इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए उतना ही असरदार भी तो आप ज़रूर सेवन कर के देखें।

Note:- How to Increase Immunity In Hindi के साथ साथ और भी महत्वपूर्ण लेख हमारी वेबसाइट पर सम्पादित किये गए हैं। आप वह भी पढ़ कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं।  

4. हल्दी कई गुणों की खान Best Immune Booster Turmeric Powder

हल्दी भारतीय खाने में इस्तेमाल होने वाला एक आम मसाला है लेकिन अपने एंटी ऑक्सीडेंट्स (Anti Oxidant), एंटीबैक्टीरियल  (Antibacterial), एंटीफंगल (Anti fungal), और एंटी वायरल (Anti Viral)  गुणों से Immunity को बहुत जल्दी बढ़ाता है।

हल्दी में एक और तत्व होता है करक्यूमिन (Curcumin), शोध के अनुसार करक्यूमिन एक बहुत प्रभावशाली तत्व है। यह कैंसर के विकास को, उसके आगे बढ़ने को रोकता है।

Curcumin Benefits

यह Anti Inflammatory का स्रोत भी है Inflammation से हमारे शरीर में बहुत तरह के रोग हो जाते हैं जैसे :-

  1. जोड़ों के दर्द – Arthritis
  2. स्वप्रतिरक्षित रोग – Autoimmune Disease
  3. त्वचा के रोग – Skin Disease
  4. दमा  – Aasthma
  5. दर्दें  – Pain

रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में आधा चमच्च हल्दी पाउडर मिला कर पिएं। हल्दी वाले दूध में यदि एक चुटकी काली मिर्च मिला दी जाए तो ये और भी ज़्यादा असरदार हो जाता है।

Also Read:-

5. आँवला विटामिन C का स्रोत Indian Gooseberry

दोस्तों रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने क लिए विटामिन C की बहुत बड़ी भूमिका होती है। और आँवला में विटामिन C भरपूर मात्रा पाया जाता है है इतना की जितना बीस संतरों में विटामिन C होता है उतना तो एक आँवले में ही मिल जायेगा।

दिन में अगर एक आँवला खाने की आदत डाल लें तो आप इन्फेक्शन से दूर रह सकते हैं। वैसे आप आँवला को जूस, आचार, या मुरब्बे के रूप में भी खा सकते हैं।

दोस्तों ये तो ज़ाहिर ह की आप इन सारी चीज़ों को एक साथ शुरू नहीं कर पाएंगे इसलिए इनमें से जो आपको अच्छी लगे वो शुरू कर दें और दो महीने तक इनका सेवन चालु रखें, फिर बंद कर दें आपको असर तो 10 -1 5 दिनों में ही दिख जायेगा।

6. अदरक

सर्वप्रथम अदरक एंटीबैक्टीरियल खाद्य पदार्थ है जिसके कई फायदे हैं। यह आपकी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही साथ यह एक नेचुरल ब्लड थिनर है जो आपके रक्त को पतला करता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है।

gingerol in ginger

Ginger यानी अदरक के अंदर एक Anti Inflammatory यौजिक पाया जाता है जिसका नाम है जिन्जेरॉल (Gingerol), यह आपकी नसों को आराम देता है और आपके शरीर में रोग पैदा करने वाले Inflammation का नाश करता है।

7. लहसुन Garlic

अगला खाद्य पदार्थ है लहसुन यानी Garlic, इसके अंदर इम्यून सिस्टम के तत्व कूट कूट कर भरे होते हैं। लहसुन के अंदर एक सल्फरस कंपाउंड होता है जिसका नाम है एल्लीसिन (Allicin), यही वो Immune Boosting कंपाउंड है जो लहसुन में मौजूद होता है और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ाता है।

लहसुन हमारे रक्तचाप को भी कम करता है। लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स Anti Oxidant होते हैं जो हमारे शरीर में मौजूद Free Radicals का नाश करते हैं। यही Free Radicals आगे चल कर कैंसर जैसी भयानक बिमारियों को जन्म देते हैं।

कुछ ख़ास बातें :-

  • जितना हो सके घर का खाना खाएं।
  • मौसमी फ़ल रोज़ खाएं।
  • 15 से 20 मिनट तक सूर्य की रौशनी में ज़रूर बैठें।
  • रोज़ाना व्याम करें।
  • जिन चीज़ों से मधुमेह का खतरा हो वह कम खाएं।
  • पानी ज़रूर पिएं ताकि शरीर कुदरती तरीके से डीटॉक्स करता रहे।
  • सिगरेट व् शराब से जितना हो सके दूर रहें।

निष्कर्ष – Conclusion

इम्यून सिस्टम बढ़ती उम्र के साथ कमज़ोर होता ही है हालाँकि अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो ये पक्का है की आपका इम्यून सिस्टम जितना आपने सोचा था उससे कहीं ज़्यादा मजबूत हो जायेगा।

आपने इंटरनेट पर How to Increase Immunity in Hindi जैसे कई लेख देखे व पढ़ें होंगे, पर इस लेख में हमने अपनी पूरी कोशिश की आपको इम्यून सिस्टम के संबंधित विस्तृत जानकारी मिले।

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Skin Care Tips In Hindi

Amazing Skin Care Tips In Hindi खिलखिलाती और चमकदार त्वचा के लिए उपाए

Skin Care Tips in Hindi to Get Clear And Glowing Skin With in Week

त्वचा मानव शरीर का सबसे बड़ा अंग है इसीलिए इसकी खास देखभाल भी करनी पड़ती है। लेकिन ज़्यादातर लोग जाने अनजाने ऐसे काम करते हैं जिसकी वजह से उनकी त्वचा खराब होने लगती है।

10 Most Common Skin Care Tips in Hindi from Worst to Best

ऐसे में मुंह पर मुंहासे (Pimples), लाल चकत्ते (Rashes), खुजली (Itching), काले धब्बे (Dark Spots) आम हो जाते हैं।

आज हम Skin Care Tips In Hindi के लेख में आपको बताएँगे की क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए ताकि आप पा सकें खिलखिलाती हुई चमकती त्वचा।

इस लेख में हमने 10 साधारण सी आदतों को सम्पादित किया है जिनको दो श्रेणियों में बांटा गया है। 1. खराब आदतें 2. अच्छी आदतें

पहले बात करते हैं खराब आदतों के बारे में :- Worst Skin Care Habits in Hindi

5 worst skin care habits in hindi

Skin Care Tips In Hindi

चेहरे को बेवजह छूते रहना – Constantly Touching The Face

1. आप अपनी त्वचा को बार बार छूते रहते हैं और मुंहांसो (Pimples) को छीलते रहते हैं। मुंहांसो को छीलना एक सामान्य गलती है लोग अक्सर यह करते हैं। ऐसे करने से न ही सिर्फ पस्स बहार आता है बल्कि त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया को भी अंदर धकेलता है।

जिससे सूजन बढ़ती है और ज़्यादा मुंहासे (Pimples) निकलने लगते हैं। कुछ लोगों की तो आदत होती है की वह लगातार अपने चेहरे को छूते रहते हैं। फ़ोन इस्तेमाल करते वक्त, लैपटॉप चलाते समय, जूते पहनते हुए, दरवाज़े के हैंडल या रिमोट का इस्तेमाल करते हुए हमारे हाथों पे करोड़ों रोगाणु लग जाते हैं।

फिर यही छोटे छोटे बैक्टीरिया, वायरस हाथों के ज़रिये चेहरे पर आ जाते हैं जिससे त्वचा से संभंधित रोग लग जाते हैं। इसलिए अगर आप इस आदत को बदल सकें तो आप ज़रूर फर्क देखेंगे।

2. असीमित मात्रा में चहरे को धोना – Overwashing Face

किसी भी चीज़ की अधिकता बुरी होती है ये चेहरा धोने के लिए भी सच है। हम अपने चेहरे को अक्सर ही धोने लगते हैं तो इससे हमारी त्वचा शुष्क होने लगती है और इस कारण हमारी त्वचा की ग्रंथियां और भी ज़्यादा तेल को उत्पन्न करने लग जाते हैं।

इससे स्थिति ठीक होने की बजाये और खराब हो जाती है। सही तरीका यही है की आप अपना चेहरा दिन में सिर्फ दो बार ही धोएं।

एक सुबह उठने के बाद और दूसरा रात को सोने से पहले। बहुत सारे लोग रात को चेहरा धोना भूल जाते हैं ऐसा न करें।

रात को सोने से पहले चेहरे को धोना (Face Wash)mबहुत ज़रूरी है, इससे मेकअप के इलावा दिन भर की इकट्ठी हुई धुल, गंदगी और बैक्टीरिया भी धूल जाते हैं।

3. रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करना – Too Many Chemicals

क्या आपने कभी अपने चेहरे पर इस्तेमाल करने वाले उत्पादों में जो सामग्री डाली गयी है उसे पढ़ा है। ये बढ़े दुःख की बात है की आज भारतीय बाज़ारों में ज़्यादातर त्वचा के उत्पादों में बहुत ही विषैले रासायनिक डाले जा रहे हैं।

जो कैंसर तक कर सकते हैं। ऐसे उत्पादों को रोज़ रोज़ लगाने से त्वचा पूरी तरह क्षतिग्रस्त भी हो सकती है।

इसलिए हमेशा कुदरती, सुरक्षित और त्वचा के अनुकूल उत्पाद ही खरीदें। हो सके तो बहुत ज़्यादा उत्पाद भी अपनी त्वचा पर ना इस्तेमाल करें। यह आपकी त्वचा को सही करने की बजाये और भी खराब कर सकते हैं।

4. तनाव – Stress

तनाव, क्रोध और चिंता से हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा ही बन चुके हैं। हमें शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं की किस तरह से ये हमारे शरीर को अंदर से खोखला करते हैं।

तनाव (Stress) पैदा होने से शरीर में ऐसे रासायनिक प्रतिकिर्याएँ होती हैं जिससे की हमारी त्वचा संवेदनशील होने लगती है।

क्या आपने कभी नोटिस किया है की जब आप बहुत तनाव में होते हैं तो आपको ज़्यादा मुंहासे होते हैं। ऐसा इसीलिए होता है क्यूंकि मानसिक तनाव में हार्मोन इस तरह से बदलने लगते हैं जैसे की हमारी त्वचा ज़्यादा तेल उत्पन्न करने लगती है।

कुदरत के साथ वक्त गुज़ारना, ध्यान करना, रोज़ाना कसरत करना कुछ बहुत ही प्रभावशाली तरीके हैं जो बढ़ी आसानी से नकारत्मक सोच हटाकर आपके शरीर को अंदर से ख़ुशी देते हैं।

5. नमकीन चीज़ों को दूध के साथ खाना – Consume Milk Products With Salt

ये आपको शायद अजीब लग सकता है पर आयुर्वेद की माने तो दूध (Milk) और नमक (Salt) मिलकर धीमा ज़हर बनाते हैं। जिससे त्वचा के रोग होने लगते हैं।

यहाँ तक कहा जाता है की चाहे कितनी दवाईयां ले लें त्वचा को चमकदार बनाने की लेकिन यह एक गलती (नमकीन चीज़ों को दूध के साथ खाना) आपका सारा काम बिगाड़ सकती है।

नमक और दूध आपस में विरुद्ध आहार हैं, इनको मिलाकर खाने से शरीर में ऐसी प्रतिकिर्याएँ होती हैं जिनके दुष्परिणाम त्वचा पर देखे जा सकते हैं।

जैसे परांठे के साथ दूध (Milk) या चाय (Tea), आचार (Pickles) के साथ दूध या नमकीन के साथ चाय बिलकुल भी ना खाएं। अगर आपको खाना ही है तो कम से कम 30 मिनट का अंतराल ज़रूर रखें।

दोस्तों ये थी कुछ बुरी आदतें जो आपकी त्वचा के रोगों की वजह बनती हैं। अब बात करते हैं 5 ऐसी अच्छी आदतों की जो आपकी त्वचा को पहले से भी सूंदर, चमकदार और मुलायम बनाएंगी।

अब बात करते हैं अच्छी आदतें के बारे में:- Best Skin Care Tips in Hindi

5 Best Skin Care Habits In Hindi

Skin Care Tips In Hindi

1. आहार – Healthy Food

किसी ने ठीक ही कहा है की स्वस्थ्य त्वचा भीतर से आती है, आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे की हम कितना कुछ कर सकते हैं जिसे की हमारी त्वचा सेहतमंद हो जाए।

  1. पहला तो ज़्यादा तीखा खाना हमारे शरीर में बदहज़मी (Acidity) करता है। और जिस शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है वहां त्वचा के रोग होते ही हैं। इसलिए अगर आपको त्वचा के रोग हैं लाल मिर्च, गर्म मसाला आदि कुछ दिनों के लिए तो छोड़ ही दें।

  2. दूसरा फाइबर से भरपूर आहार लें डाइट्री फाइबर (Dietary Fiber) शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देता है जिससे की त्वचा में निखार आता है। चोकरयुक्त गेहूं (Whole Wheat), ओट्स (Oats), ब्राउन राइज (Brown Rice), फलियां, दालें और सब्ज़ियों के सलाद को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें।

  3. तीसरा अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो कुछ सब्ज़ियों से तो दूर ही रहें। जैसे की बैंगन, भिंडी, अरबी और कटहल जो की चिपचिपी होती हैं। अगर आपको ज़्यादा मुंहासे होते हैं तो ड्राई फ्रूट्स यानि सूखे मेवों को भिगो कर, छिलका उतार कर ही खाएं। बिना छिलका उतारे खाने से शरीर में गर्मी बढ़ने का खतरा रहता है फिर अगर आपको त्वचा के रोग अक्सर ही होते हैं चीनी और नमक को भी कम कर दें। ये दोनों ही किडनी से टॉक्सिन्स को बाहर फेंकने से रोकते हैं। टॉक्सिन्स रक्त में बढ़ जाए तो खुजली होने लगती है बाकी आपको पता ही होगा की पैकेट वाले आहार से दूर ही रहना चाहिए। ऐसे परिरक्षक से बना हुआ बासी खाना हमारी त्वचा को बहुत नुक्सान पहुंचता है। जितना हो सके घर में बना हुआ ताज़ा खाना खाएं ताकि आपकी त्वचा अंदर से खिल उठे।

2. व्यायाम – Exercise

रोज़ाना व्यायाम शरीर के सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है और हम ये जानते हैं की त्वचा शरीर का सबसे बड़ा अंग है। इसलिए ज़्यादा ब्लड फ्लो मतलब त्वचा को ज़्यादा नुट्रिएंट्स (Nutrients) और आक्सीज़न (Oxygen)।

व्यायाम से हमारे शरीर में पसीना निकलता है जिससे हमारे त्वचा के छिद्र खुल जाते हैं और अंदर जमी गंदगी बाहर आ जाती है। इसलिए ज़्यादा शरीरिक गतिविधि मतलब सेहतमंद त्वचा।

3. अपने कपड़ों को रोज़ाना धोना – Wash Fabrics

जो कपड़ा हमारी त्वचा के संपर्क में आता है जैसे की हमारे कपड़े, तोलिये, तकिये के गिलाफ, चादर आदि। इन्हे हफ्ते में कम से कम एक बार अच्छे से ज़रूर धोना चाहिए। ताकि जो धुल, मिट्टी, बैक्टीरिया इन पर आ जाता है वह ख़त्म हो सके।

अगर आपकी संवेदनशील त्वचा है तो हम आपको ये सुझाव देंगे की आप सिंथेटिक कपड़ों को छोड़ कर कॉटन के कपड़ों का इस्तेमाल करें।

4. पानी अच्छे से पिएं – Hydrated

आपने सुना होगा खूबसूरत लोगों को कहते हुए की उनकी चमकती त्वचा का राज़ है अच्छे से पानी पीना। किसी भी अन्य सैल्स की तरह हमारी त्वचा के सैल्स भी पानी से बने होते हैं। बिना भरपूर पानी के ये ठीक से काम नहीं कर सकते।

शरीर को सही से तरल देने से त्वचा सेहतमंद और बच्चों के जैसी मुलायम हो सकती है। पानी को आप सूप्स, शेक्स, जूस, चाय, फ़ल और कुछ सब्ज़ियों के द्वारा त्वचा के सैल्स में पहुंचा सकते हैं।

5. त्वचा देखभाल की आदत बनाएं – Skin Care Routine

सेहतमंद त्वचा की आदत के लिए हम आपको बताएँगे एक बड़ा ही सरल सा उपाए, जिससे आपको घर बैठे ही मिल सकती है साफ़ और निखरी त्वचा।
एक बड़ा चम्मच बेसन लीजिये, इसमें एक छोटा चम्मच शहद (One Spoon Honey), एक छोटा चम्मच दहीं (One Small Spoon Curd) और कुछ बूँदें निम्बू के रस की मिलाएं।

बस इस मिश्रण को अपने पूरे चेहरे पर लगा कर 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर ठन्डे पानी से धो लें। ये हाथों हाथ आपके शरीर की मृत त्वचा को बाहर कर देगा और चेहरा बिलकुल साफ़ दिखेगा।

इस उपाए को हफ्ते में एक से दो बार ज़रूर करें, आपको महंगी क्रीमों की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।

Note :- तो दोस्तों ये थी 5 खराब आदतें और 5 अच्छी आदतें, ये सारी टिप्स का लेख जिसका शीर्षक Skin Care Tips In Hindi है, इसको अगर आप अच्छे से पालन करते हैं तो हम गारंटी के साथ कह सकते हैं की त्वचा से जुडी किसी भी बीमारी से आपको नहीं जूझना पड़ेगा।

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