Swami Vivekananda Ka Jivani

Swami Vivekanand Ka Jivani : महापुरुष स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायक कहानी

हमारे भारतवर्ष में अनेकों महापुरुष और वीर पुरुषों ने जन्म लिया है। हमारे देश के इतिहास में उन महापुरुषों को उच्च स्थान प्राप्त है। जिन्होंने अपने कर्तव्य और निष्ठा से अपने देश के प्रति कुछ न कुछ अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हुआ है। आज हम ऐसे ही एक महापुरुष स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी (Swami Vivekanand Ka Jivani) के बारे में बात करने जा रहे हैं।

अतः हमारा देश अपने अंदर न जाने कितने ऐसे महापुरुषों की कहानियों को समेटे हुए है। जिनका वर्णन करना हमारे लिए गर्व की बात होगी। आज हम इस लेख के माध्यम से आप सभी लोगों को हमारे देश के महापुरुष “Swami Vivekanand Ka Jivani” के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताने वाले हैं।

Swami Vivekanand जी का संपूर्ण जीवन बहुत ही प्रेरणादायक रहा है। जिनसे हम प्रेरणा लेकर अपने आज के इस कठिन जीवन में भी सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

इसलिए हमें उम्मीद है, कि आप सभी लोगों को स्वामी विवेकानंद जी की प्रेरणादायक जीवनी और Swami Vivekanand Ke Bare Mein Jankari अवश्य पसंद आएगी। और आप अपने जीवन में भी कुछ अवश्य प्रेरणा प्राप्त कर सकेंगे। आज के हमारे इस महत्वपूर्ण लेख कों कृपया आप अंतिम तक अवश्य पढ़ें।

Swami Vivekanand Ka Jivani Story in Hindi

1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म:- (Swami Vivekananda Birth Date)

इस महापुरुष का जन्म हमारे देश में मकर सक्रांति के शुभ अवसर पर 12 जनवरी वर्ष 1863 को हुआ था।

इनका जन्म स्थल कोलकाता के प्रसिद्ध शहर में हुआ था। स्वामी विवेकानंद जी के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ रखा गया था।

इनका बचपन का स्वभाव बहुत ही नटखट स्वभाव वाला था।

कभी-कभी इनकी मां जो कि भुनेश्वरी देवी थी, अपने पुत्र विवेकानंद जी को संभालने में असमर्थ हो जाती थी।

ऐसी परिस्थिति में स्वामी विवेकानंद जी को शांत करने के लिए भगवान शिव की आराधना करने लगती थी।

2. स्वामी विवेकानंद जी का माता-पिता :- (Parents of Shri Swami Vivekananda – Narendra Nath Datta)

इनकी माता (Swami Vivekananda Mother) बहुत ही धर्म कर्म में विश्वास रखने वाली एक गृहणी महिला थी। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता शहर में उपस्थित हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध और जाने-माने वकील हुआ करते थे।

जैसा कि ज्यादातर समय स्वामी विवेकानंद जी का अपने मां के साथ व्यतीत हुआ करता था। ऐसी परिस्थिति में उनकी मां ने धर्म-कर्म, रामायण, गीता आदि की जानकारी स्वामी विवेकानंद जी को प्रदान करने लगी। अतः बचपन से ही स्वामी विवेकानंद जी हिंदू धर्म और ग्रंथों को भली-भांति समझने लगे थे।

3. स्वामी विवेकानंद की शिक्षा दीक्षा :- (Vivekananda – Narendra Nath Datta Education In Hindi)

Swami Vivekananda जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा (Education) स्कॉटिश चर्च कॉलेज और विद्यासागर कॉलेज से पूरी की थी।

बचपन से ही स्वामी विवेकानंद जी का पढ़ाई लिखाई में मन बहुत लगता था।

और वह बहुत तीव्र बुद्धि के भी शिक्षा के मामले में थे।

प्रारंभिक शिक्षा को हासिल करने के बाद इन्होंने अपना दाखिला प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय कोलकाता में करवा लिया।

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय कोलकाता में दाखिला करवाने के लिए उन्हें प्रवेश परीक्षा को भी सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करना अनिवार्य था।

वे बहुत ही आसानी से इस प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके उत्तीर्ण भी हो गए।

स्वामी विवेकानंद जी की रुचि संस्कृत, साहित्य, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला, धर्म और बंगाली साहित्य के क्षेत्र में अत्यधिक थीं।

4. स्वामी विवेकानंद जी का मिलन उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस जी से किस प्रकार से हुआ ?

Shri Vivekananda Met His Mentor Guru Ramkrishna Param Hans

रामकृष्ण परमहंस ही एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद जी को धर्म संबंधित सभी प्रकार का ज्ञान प्रदान किये। उस वजह से लोगों का कहना है, कि “स्वामी विवेकानंद सभी लोगों से केवल एक सवाल पूछा करते थे वह सवाल था क्या आपने ईश्वर को कभी भी वास्तविक रूप में देखा है ? “।

इनकी इस सवाल का जवाब ज्यादातर तो लोग नहीं देते या फिर देने से इंकार कर देते थे। जब स्वामी विवेकानंद जी गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस जी से मिले, तो उनसे भी स्वामी जी ने वही प्रश्न किये ।

रामकृष्ण परमहंस जी ने स्वामी जी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा , कि

“मैंने ईश्वर को देखा है वह तुम्हारे भीतर मुझे दिखाई दे रहे हैं”।

वे कहते हैं, कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन के अंदर ईश्वर अपना वास करते हैं।

जब स्वामी विवेकानंद जी ने अपने प्रश्नों का उत्तर रामकृष्ण परमहंस जी से प्राप्त किया।

तो स्वामी जी का रुझान धीरे-धीरे रामकृष्ण परमहंस जी के ऊपर बढ़ता चला गया।

अंत में स्वामी विवेकानंद जी ने श्री रामकृष्ण परमहंस जी को ही अपना गुरु स्वीकार किया। आगे चलकर स्वामी विवेकानंद जी ने श्री रामकृष्ण परमहंस जी से 5 वर्षों तक अद्वैत वेदांत का ज्ञान प्राप्त किया।

5. स्वामी विवेकानंद जी की यात्राएं :- (Swami Vivekananda Spiritual Journey in Hindi)

वर्ष 1890 में स्वामी विवेकानंद जी ने अनेकों प्रकार की अलग-अलग स्थानों की छात्राएं की थी।

इसके अतिरिक्त इन्होंने  वाराणसी, अयोध्या, आगरा, वृंदावन और अलवर आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भ्रमण किया था।

उनकी इस यात्रा के दौरान ही उनका नाम स्वामी विवेकानंद जी के रूप में विश्व विख्यात हो गया।और उन्होंने दौरान सभी लोगों को सभी प्रकार के धर्मों को जानने के लिए प्रेरित किया। साथ ही साथ मानव हित से जुड़े कार्यों को करने के लिए भी प्रेरित किया।

स्वामी विवेकानंद जी ने सभी मानव जाति को यह बताया कि मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा के समतुल्य है। इसीलिए, सदैव मानव हित से जुड़े कार्यों को स्वामी विवेकानंद जी ने महत्वता प्रदान की थी।

6. Swami Vivekananda जी का धर्म परिषद में महत्वपूर्ण उपदेश :- Swami Vivekananda Ka Jivani

स्वामी जी के गुरु जी की सेहत ठीक नहीं रहती थी।

स्वामी जी के गुरु की कैंसर जैसी घातक बीमारी से 16 अगस्त वर्ष 1886 को स्वर्गवास हो गया।

अतः रामकृष्ण परमहंस जी की मृत्यु के बाद धर्म का सारा कार्यभार स्वामी विवेकानंद जी के कंधों पर आ गया।

अब उनके सामने चुनौती थी कि किस प्रकार से संपूर्ण विश्व में हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार एवं महत्वता को फैलाया जाएं।

अतः अब वह समय निकट आ गय। जब 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद जी ने भारत देश का प्रतिनिधित्व किया था। उस समय भारत देश अमेरिका और यूरोप देश की गुलामी को झेल रहा था। और उस समय सभी भारतीय नागरिकों को दीन हीन दृष्टि से देखा जाता था।

ऐसे में स्वामी विवेकानंद जी को विश्व धर्म परिषद में भाषण देने का बहुत ही कम मौका था।

परंतु कैसे भी करके एक अमेरिकी प्रोफेसर ने स्वामी विवेकानंद जी को भाषण देने के लिए थोड़ा समय प्रदान करवाया।

विश्व धर्म परिषद में मौजूद सभी लोग स्वामी जी के भाषण से बहुत ही प्रभावित हुए।

और अगले 3 वर्षों तक स्वामी जी अमेरिका में रहे और उन्होंने लोगों को भारतीय तत्व ज्ञान प्रदान करने का कार्य किया।

अमेरिका में रहकर स्वामी विवेकानंद जी ने हिंदू धर्म के महत्व को और इसकी मान्यताओं को लोगों को बहुत ही बारीकी से समझाने का प्रयास किया और वे अपने प्रयासों में सफल भी रहे थे। Swami Vivekanand Ka Jivani

7. रामकृष्ण मिशन की स्थापना :- (Swami Vivekananda Ka Jivani Hindi Mein)

  • स्वामी विवेकानंद जी ने वर्ष 1897 में अपने गुरु को समर्पित एवं अपने गुरु के द्वारा दिखाए गए मार्गों के जरिए लोगों को आत्म ज्ञान प्रदान करने हेतु रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।
  • उस सब के लिए उन्होंने अलग-अलग जगहों पर रामकृष्ण मिशन की शाखाओं को स्थापित करने का कार्य किया।
  • स्वामी विवेकानंद जी ने रामकृष्ण मिशन के अंतर्गत धर्म कार्यों को बढ़ावा प्रदान किये।
  • इसके अलावा जगह-जगह पर अनाथ आश्रम, अस्पताल, छात्रावास की स्थापना भी की थी।
  • स्वामी जी ने लोगों को बताया कि इंसान की सेवा ही सभी धर्मों से सर्वोच्च है।
  • इसके अतिरिक्त, स्वामी विवेकानंद जी ने बताया कि जातिवाद एक निंदनीय मान्यता समाज में फैली हुई है।
  • इसको दूर करके केवल मानव हित के कार्यों को भी करना सबसे सौभाग्य का कार्य है।
  • स्वामी विवेकानंद जी ने जातिवाद को भी समाज से दूर करने का अथक प्रयास किया था।

8. युवाओं के नाम उनका महत्वपूर्ण संदेश:– (The Message of Swami Vivekananda to Youth In Hindi)

स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं को प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि सभी युवाओं को अपने अंदर एक सकारात्मक चेतना को भरना चाहिए, जिससे उनके अंदर सकारात्मक शक्ति का संचार होगा। इसके लिए उन्होंने युवाओं के नाम संदेश देते हुए कहा कि सभी युवा वर्ग के लोगों को शारीरिक शक्ति को बढ़ावा प्रदान करने के अलावा आंतरिक शक्ति को उजागर करना चाहिए। Swami Vivekanand Ka Jivani

नई पीढ़ी के युवा न जाने कितने अनेक अनेक प्रकार के राहों में भटक जाते हैं।

ऐसे लोगों को अपने ध्यान को केंद्रित करना सीखना चाहिए।

अतः युवाओं को चाहिए कि अपने संपूर्ण जीवन में अपने एक लक्ष्य को निर्धारित करें। उसे प्राप्त करने के लिए हर वह प्रयास करें जो बेहद आवश्यक है।

9. स्वामी विवेकानंद जी की जयंती कब मनाई जाती है ? (Birth anniversary of Swami Vivekananda In Hindi)

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती को प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

10. स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु :- Swami Vivekananda Death in Hindi

स्वामी विवेकानंद जी अपने दिनचर्या के कार्यों को करते हुए 4 जुलाई 1902 को अपने मठ में जाते हैं।

एकांत में जाने के बाद उन्होंने कहा की मुझे परेशान करने का प्रयास न किया जाए।

ऐसा कह कर वे ध्यान मग्न हो गए। उनका कहना था कि उन्होंने स्वेच्छा से महासमाधि को धारण कर लिया थ।

तब से दोबारा चेतन मुद्रा में नहीं आ सके।

माना जाता है, कि जब स्वामी विवेकानंद जी का स्वर्गवास हुआ तो तब उनका स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं था उन्हें अनेकों प्रकार की बीमारियां भी थी ।

जब स्वामी विवेकानंद जी का स्वर्गवास हुआ तब उनकी उम्र मात्र 39 वर्ष की थी।

11. Question and answer related to Swami Vivekanand Ka Jivani :- 

स्वामी विवेकानंद जी से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर यहां पाएं।

  • प्रश्न : स्वामी विवेकानंद जी का बचपन का नाम क्या था ?

        उत्तर : स्वामी जी के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्ता था।

  • प्रश्न : स्वामी जी ने अपने सबसे पहले शिक्षा को किस कॉलेज से ग्रहण किया था ?

         उत्तर : स्वामी जी ने सबसे पहले प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय कोलकाता से अपनी शिक्षा को ग्रहण किया था।

  • प्रश्न : स्वामी विवेकानंद जी ने रामकृष्ण परमहंस मिशन की स्थापना कब की थी ?

        उत्तर : स्वामी विवेकानंद जी ने रामकृष्ण परमहंस मिशन की स्थापना वर्ष 1897 में की थी ।

  • प्रश्न : स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व धर्म परिषद में किस वर्ष भाषण दिया था ?

         उत्तर : स्वामी विवेकानंद जी ने पहला भाषण शिकागो में हुए विश्व धर्म परिषद के कार्यकर्म में 1893 में दिया था।

  • प्रश्न : “उठो , जागो और तब तक नहीं रुको जब तक अपने लक्ष्य ना प्राप्त कर लो” – किसने कहा था?

          उत्तर : इस महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक वाक्य को स्वयं विवेकानंद जी ने कहा है।

  • प्रश्न : स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु किस वर्ष में हुई और उनकी उम्र उस वर्ष क्या थी ?

        उत्तर : स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु 4 जुलाई 1902 को हुई। उस वर्ष उनकी उम्र मात्र 39 वर्ष की थी।

10. निष्कर्ष:- Conclusion on Swami Vivekanand Ka Jivani

हमारे भारत देश में अनेकों प्रकार के महापुरुषों ने जन्म लिया है और अपने अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने देश को अपना सर्वस्व निछावर किया है। आज हम अपने जीवन को स्वतंत्रता पूर्वक जी रहे हैं, ये स्वामी विवेकानंद जैसे ही महापुरुषों का उपहार है।

आज की पीढ़ी कहीं ना कहीं ऐसे महापुरुषों को भूल गई है। यदि सभी युवा हमारे देश के महापुरुषों द्वारा दिखाए गए मार्गों पर चले, तो वह जीवन में आसानी से सफलता पा सकते हैं।

Swami Vivekanand Ka Jivani का ये लेख बढ़ी ही सरल भाषा में प्रकाशित किया गया है।

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Kanishak Kataria Biography

Kanishak Kataria Biography : कनिष्क कटारिया का जीवन परिचय

Kanishak Kataria Biography

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कनिष्क कटारिया एक भारतीय सिविल सर्वेंट है, जिन्होंने UPSC 2018 के एग्जाम में टॉप किया था। Kanishak Kataria Biography में हम आज उनकी लाइफ से जुड़े कई बातों के बारे में जानेंगे।

जैसा कि हम सब जानते हैं कि UPSC की Exam कितनी बड़ी बात है। हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग परीक्षा देते हैं, लेकिन सफल कुछ गिने चुने 1000 लोग सफल होते हैं। तो इस आरटीकल में हम Kanishak Kataria Biography पूरी जानकारी प्रापत करेंगें।

ऐसे में लोग हमेशा यह जानने के लिए लालायित रहते हैं कि जो लोग सफल हुए उनकी तैयारी किस तरह से थी। उनकी दिनचर्या कैसी थी.

पर यही Topper की Stretegy जानने की मिल जाए तो फिर क्या कहने। तो चलीए शुरु करते हैं Kanishak Kataria Biography.

Kanishak Kataria Biography

  • कनिष्क कटारिया एक मध्य वर्गीय परिवार से आते हैं, जो कि राजस्थान के जयपुर में रहती है।
  • कनिष्क कटारिया के बारे में कहा जाता है कि ये बचपन से ही काफी पढ़ाकू स्टूडेंट रहे हैं।
  • ये बचपन से ही इतने होनहार थे कि इन्हें देखकर पहले ही लगता था कि अपनी जिंदगी में कोई बड़ा मुकाम जरूर हासिल करेंगे।

Kanishak Kataria Ki Family

इनके पिता का नाम सांवरमल वर्मा है, जो कि एक IAS ऑफिसर हैं। 2019 में इनके पिता की पोस्टिंग राजस्थान के social justice and empowerment department में एक डायरेक्टर के रूप में थी।

  • कनिष्क कटारिया का जन्म 1992 में जयपुर राजस्थान में हुआ था।
  • कनिष्क कटारिया की बड़ी बहन का (kanishak’s Sister) नाम तन्मया है।
  • इनकी माँ का नाम ज्ञात नही है। हालांकि वो एक गृहणी हैं।
  • कनिष्क के ताऊ (Uncle) के.सी. वर्मा भी एक IAS ऑफिसर हैं, जो कि जयपुर में Divisional Commissioner हैं।

Kanishak Kataria ki Gf

कनिष्क कटारिया की गर्लफ्रैंड का नाम सोनल चौहान है। फिलहाल वह भी UPSC की तैयारी कर रही हैं। हालांकि इसके पहले वह जॉब करती थी।

कनिष्क सोनल से बहुत प्यार करते हैं। अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने परिवार के साथ साथ सोनल को भी दिया था।

सोनल चौहान भी राजस्थान की जन्मी हैं। इन्होंने भी IIT बॉम्बे से Computer Science में B. Tech किया है।

  1. Tech पूरा होने के बाद सोनल जापान गई, जहाँ पर इन्होंने Rakuten Inc के साथ सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में जुड़ गई।

2017 में इसी कंपनी में इनका Pramotion हुआ और

Product Manager बन गई। सोनल चौहान का नाम उस वक़्त सामने आया था, जब कनिष्क कटारिया ने टीवी शो अपनी Girlfriend को शुक्रिया बोला था।

Kanishak Kataria ki Education

कनिष्क कटारिया  ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा St. Paul’s Sr. Sec. School कोटा, राजस्थान से 2003-2010 के दौरान किया।

इसके बाद IIT मुम्बई (Indian Institute of Technology, Bombay) से इन्होंने Computer Science में इंजीनियरिंग की। यह 2010-2014 में पूरी हुई।

Kanishak Kataria Ka Career

IIT मुंबई से अपनी Graduation पूरी करने के बाद वह मई 2013 से जुलाई 2013 में माइक्रोसॉफ्ट में Software Developer के रूप में इंटर्न रहे।

इसके बाद उन्होंने जुलाई 2013 में IIT बॉम्बे Teaching Assistant के रूप में जॉइन कर लिया। यहाँ पर वो दिसंबर 2013 तक रहे।

यहाँ पर कनिष्क 6 माह तक रहे। इनका काम Lab Assignment को करवाना और उनका जाँचना था।

इसके अलावा वह Institute की प्लेसमेंट टीम के साथ भी काम करते थे।

दिसंबर 2013 से अप्रैल 2014 के दौरान 1300 स्टूडेंट्स की प्लसमेन्ट में मदद की।

फरवरी 2014 में इनका प्रमोशन हुआ और IIT बॉम्बे में ही Mathmatics Department में ही Teaching Assistant के रूप में काम करने लगे।

बाद में Software Engineer के तौर पर सुवन, ग्योंगगी-डो, कोरिया में Samsung Electronics में काम किया। यहाँ करीब 1 साल 6 माह तक काम किया।

लेकिन उनकी इच्छा देश मे ही काम करने की थी। इसलिए वह वापस आ गए, और बैंगलुरु के QPLUM में Data Scienctist के रूप में काम किया।

कनिष्क कटारिया की Achievements

कनिष्क कटारिया काफी मेहनती और मेधावी विद्यार्थी थे। 2009 में आयोजित हुए  नेशनल साइंस ओलंपियाड में 11th और  इंटरनॅशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड में 2nd रैंक पाई थी।

वही 2010 में आयोजित हुई IIT Exam में AIR-44 रैंक आई थी।

उसी वर्ष आयोजित हुई AIEEE में AIR-24 थी, जबकि State Rank-3 थी।

Kanishak Kataria Marks.

  • 2018 के UPSC टॉपर कनिष्क कटारिया ने 55.36% बनाए थे। UPSC का पूर्णांक 2025 था।
  • जिसमे से कनिष्क कटारिया ने 1121 अंक हासिल किए थे।
  • खैर कनिष्क कटारिया के अच्छे नंबर आने का यह पहला मौका नही था।
  • वह बचपन से ही अच्छे अंक पाते रहे हैं।
  • कनिष्क कटारिया ने कक्षा 9 से ही IIT की कोचिंग लेना शुरू कर दिया था।
  • प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्होंने Resonance Coaching Institute से अपनी Coaching पूरी की।
  • 2010 के IIT Exam में इन्होंने 44th रैंक हासिल की। वहीं AIEEE में 3rd स्टेट रैंक आई।
  • कनिष्क हमेशा से ही एक मेधावी विद्यार्थी रहे हैं।
  • इन्होंने 10th में 94% और 12 th में 96% अंक हासिल किए थे।

Kanishak Kataria’s Marks – Subject Wise

UPSC 2018 का पेपर कुल 2025 नंबर का था। जिसमे से लिखित पेपर कुल 1750 नंबर का था।

लिखित पेपर 7 थे। सभी पेपर 250 नंबर के थे।  वहीं personality Test 275 नंबर का था।

Essay Paper में इनके 133 नंबर, General Studies Paper 1 में 98 नंबर, General Studies Paper 2 में 117 नंबर, General Studies Paper 3 में 117 नंबर और General Studies Paper 4 में 116 नंबर आए थे।

ऑप्शनल 1( गणित) में 170 नंबर और ऑप्शनल 2 ( गणित) में 191 नंबर आए थे। ये सभी पेपर 250-250 नंबर के थे।

इस तरह लिखित पेपर में 1750 में से 942 नंबर आए।

पर्सनालिटी टेस्ट जो कि 275 मार्क्स का होता है उसमें 179 marks आए।

Kanishak Kataria Attempts

  • जब कनिष्क का UPSC Exam क्लियर हुआ था, तब उन्होंने कहा था कि उन्हें पहली रैंक लाने की बिलकुल भी उम्मीद नही थी,
  • क्योंकि उन्होंने सीधे Mains की तैयारी की थी।
  • इसके पीछे एक वजह यह भी थी कि यह उनका पहला Attempt था।
  • इसके पहले इन्होने कभी भी UPSC का Exam नही दिया था।
  • UPSC का Exam देश का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है।
  • हालांकि इसमें पास होने के लिए ज्यादा नंबर लाने की जरूरत नही होती है,लेकिन फिर भी इसका Slybuss इतना विस्तृत है
  • कि इसमें 50% लाना भी कई Students के लिए मुश्किल हो जाता है।
  • लेकिन कनिष्क कटारिया कुछ गिने चुने उन Students में शामिल हो गए हैं
  • जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यह Exam न सिर्फ पास किया है, बल्कि Top भी किया है।

Did Kanishak Kataria take coaching?

कनिष्क कटारिया ने BBC हिंदी को दिए अपने Interview में बताया है कि उन्होंने UPSC की तैयारी के लिए

दिल्ली में 7-8 माह की तैयारी की है।

उन्होंने आगे बताया कि वो Civil Services Exam के बारे में ज्यादा नही जानते थे।

इसलिए Basics को जानने और समझने के लिए 7 माह की Coaching की।

What was the optional subject of Kanishak Kataria?

कनिष्क कटारिया को गणित विषय से बहुत लगाव था।

इस वजह से उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में गणित को चुना।

UPSC का Slybuss इतना बड़ा होने के बाद भी वो वैकल्पिक विषय को खूब समय देते थे।

How many hours did kanishk Kataria study?

  • कनिष्क कटारिया आम दिनों में 10 घंटे की पढ़ाई करते थे।
  • लेकिन जैसे जैसे परीक्षा नजदीक आने लगी, उन्होंने पढ़ाई के घंटे बढ़ा दिए और 12 से 15 घंटे की पढ़ाई करने लगे।

Kanishak kataria से जुड़ी कुछ बातें.

  • कनिष्क कटारिया ने IIT मुंबई से अपनी Engineering की पढ़ाई पूरी की।
  • अपनी पढ़ाई के दौरान इन्होंने College के Placement Department में काफी योगदान दिया था।
  • कनिष्क को खेलों में बहुत रुचि है। वह क्रिकेट के अलावा फुटबाल और टेनिस देखते हैं।
  • हालांकि उन्हें फिल्में देखना पसंद नही है।
  • कनिष्क को सचिन तेंदुलकर बहुत पसंद है।
  • उनके अलावा वह विराट कोहली और एबी डिविलियर्स की बल्लेबाजी देखना भी पसंद करते हैं।
  • कनिष्क अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानते हैं।
  • उनका कहना है कि वह अपने पिता की तरह ही आगे चलकर काम करना चाहते हैं।
  • जब कनिष्क का एग्जाम क्लियर हो गया था तब उन्होंने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपनी Girlfriend को शुक्रिया कहा था,जिसकी प्रशंसा कई Twitter users ने बाद में की थी।
  • कनिष्क SC केटेगरी से हैं। जब उनका चयन UPSC में हुआ था, तब कुछ मीडिया हाउस ने इस बात पर आपत्ति दर्ज की थी कि उन्होंने अपनी केटेगरी का फ़ायदा उठाया है।
  • हालांकि आज कनिष्क कटारिया एक IAS अधिकारी हैं, लेकिन उनका असली रुझान मशीन लर्निंग और Data Analysis में भी था।
  • उनके (कनिष्क कटारिया के) पसंदीदा एक्टर Chris Evans और पसंदीदा अभिनेत्री Jennifer Lawrence हैं।
  • कनिष्क कटारिया का पसंदीदा Holiday Destination फ्रांस के पेरिस शहर है।

कटारिया ने परिवार में कई लोग IAS जैसी पोस्ट पर हैं, लेकिन परिवार ने कभी भी कनिष्क पर यह दवाब नही बनाया की वह UPSC की एग्जाम दें। यह पूरी तरह से कनिष्क का निर्णय था।

कनिष्क कटारिया बहुत शांत स्वभाव के हैं। इनके मित्र भी बहुत सीमित हैं।

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